भगवान की शरण या आत्महत्या – उत्तराखण्ड में निराशा का हाल
भगवान की शरण या आत्महत्या – उत्तराखण्ड में निराशा का हाल
उम्मीद की कोई किरण नजर नहीं आई तो भगवान विश्वनाथ की शरण में जा पहुंचे और जो निराश हो गये वो आत्महत्या के लिए लाइन में लग गये, जी हां, उत्तराखण्ड में ऐसा हो रहा है।
उत्तरकाशी, सरकार की बेरुखी से हताश हो चुके ग्रामीणों को 29 साल बाद भी जब उम्मीद की कोई किरण नजर नहीं आई तो भगवान विश्वनाथ की शरण में जा पहुंचे। सीमांत उत्तरकाशी जिले के चिन्यालीसौड़ ब्लॉक में चमियारी-उलण मोटर मार्ग निर्माण की मांग को लेकर इन ग्रामीणों ने भगवान को संबोधित ज्ञापन विश्वनाथ मंदिर के पुजारी को सौंपा। उन्होंने विश्वनाथ चौक पर प्रशासन और लोनिवि के अधिकारियों का पुतला दहन भी किया। बता दें कि पोखरी गांव के ग्रामीणों ने भी पिछले दिनों इसी तरह भगवान विश्वनाथ को ज्ञापन सौंपा था।
हल्द्वानी ट्रांसपोर्टर प्रकाश पांडे की मौत के बाद हुआ हंगामा अभी पूरी तरह थमा भी नहीं है कि देहरादून के एक और ट्रांसपोर्टर ने ज़हर खाकर आत्महत्या कर ली है. प्रकाश पांडे की तरह इस ट्रांस्पोर्टर ने भी आत्महत्या करने की वजह व्यापार घाटा और कर्ज़ बताया है.
व्यापारी के परिजनों समेत ट्रक एशोसिएशन ने ख़ुदकुशी करने वाले ट्रांस्पोर्टर बलवंत भट्ट की मौत की वजह जीएसटी ओर नोट बंदी के बाद कारोबार में हुआ मोटा नुक़सान ओर कर्ज को ही बताया है.
बलवंत ने सुसाइड नोट में लिखा है कि वह कर्जे के चलते बेहद परेशान है. उसने कहा है कि वह अपने परिवार को अधर में छोड़ कर जा रहा है और इसके लिए उसने माफ़ी मांगी है.
वर्ष 1989 में स्वीकृत चमियारी-उलण बजियाड़ा मोटर मार्ग वर्ष 1989 में स्वीकृत हुआ था। 13 साल तक तो ग्रामीण मार्ग निर्माण का इंतजार करते रहे, लेकिन जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो वर्ष 2002 से उन्होंने इसके लिए आंदोलन शुरू कर दिया।
बीते 33 दिनों से तो दो बुजुर्ग भी अन्य ग्रामीणों के साथ चमियारी गांव के पास पीपलखंडा में तंबू लगाकर क्रमिक अनशन कर रहे हैं। 83 वर्षीय शेर सिंह राणा के नेतृत्व में इन ग्रामीणों का दल जिला मुख्यालय उत्तरकाशी पहुंचा और वहां विश्वनाथ मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना की। इसके बाद ग्रामीणों ने भगवान विश्वनाथ को संबोधित ज्ञापन मंदिर के पुजारी को सौंपा।
ग्रामीणों ने एलान किया कि जब तक मांगें पूरी नहीं हो जातीं, आंदोलन जारी रहेगा। इस मौके पर पीजी कॉलेज उत्तरकाशी के विश्वविद्यालय प्रतिनिधि सोनू सिंह, अभिषेक राणा, राजेंद्र राणा, राजेश राणा, सुंदर लाल मिश्रा, रामव्यास मिश्रा, भजन सिंह, पुष्पा देवी, सरिता देवी आदि मौजूद थे। जन समुदाय से जुड़ी मांग को लेकर चल रहे इस आंदोलन को बुजुर्गों का आशीर्वाद नई ताकत दे रहा है। आंदोलन के सूत्रधार शिवशंकर पैन्यूली बताया कि मंगलवार से वृद्ध शेर सिंह राणा ने मौनव्रत शुरू कर दिया है। जबकि, बुजुर्ग इंद्रदेव पैन्यूली व तारादत्त क्रमिक अनशन पर बैठे। यह हैं प्रमुख मांगें
-चमियारी-उलण मोटर मार्ग की कङ्क्षटग का कार्य।
-पीपलखंडा चमियारी से जसपुर रौंतल के लिए मोटर मार्ग की स्वीकृति।
-मरगांव किमी सात से खांडू नामतोक और बेसिक पाठशाला मरगांव तक सड़क की स्वीकृति।
-इंटर कॉलेज चमियारी में भवन व मैदान निर्माण।
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