उत्तराखंड की जेलों मे क्षमता से 62 प्रतिशत अधिक कैदी-
High Light# उत्तराखंड की जेलों मे क्षमता से 62 प्रतिशत अधिक कैदी #हल्द्वानी जेल मे क्षमता के 341 प्रतिशत तथा देहरादून राजधानी मे 225 प्रतिशत कैदी #कोरोना के चलते सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार रिहा करने होंगे बड़ी संख्या में कैदी# काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन को मुख्यालय, महानिरीक्षक कारागार, उत्तराखंड से उत्तराखंड की जेलों की क्षमता तथा उसमे बंद कैदियों के सम्बन्ध में सूचना उपलब्ध करायी गयी है जिसे नदीम उद्दीन ने समस्त मीडिया को मेल से वितरित की #पी0एम0 को चन्दशेखर जोशी महासचिव कूर्माचल परिषद ने इस संबंध में पत्र लिखा था # BY: www.himalayauk.org (Uttrakhand Leading Newsportal
उत्तराखंड की जेलों मे उनकी क्षमता से डेढ़ गुना से अधिक कैदी बंद है, इन बंद कैदियों मे 61 प्रतिशत कैदी विचाराधीन कैदी है, केवल 39 प्रतिशत ही सिद्धदोष कैदी है। हल्द्वानी जेल मे क्षमता से 241 प्रतिशत अधिक कैदी बंद है। यह खुलासा सूचना अधिकार के अन्तर्गत सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन को कारागार मुख्यालय द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुुआ। कोरोना के बचाव हेतु सुप्रीम कोर्ट के कैदियों को रिहा करने के आदेश के पालन में उत्तराखंड में बड़ी संख्या में कैदी रिहा करने होंगे।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन को मुख्यालय, महानिरीक्षक कारागार, उत्तराखंड से उत्तराखंड की जेलों की क्षमता तथा उसमे बंद कैदियों के सम्बन्ध में सूचना उपलब्ध करायी गयी है जिसे नदीम उद्दीन ने समस्त मीडिया को मेल से वितरित की।
कारागार मुख्यालय के लोक सूचना अधिकारी/वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी सी0एस0जोशी ने अपने पत्रांक 8129 दिनांक 05 मार्च 2020 से कारागारो मे क्षमता के सापेक्ष कुल निरूद्ध बन्दियों की संख्या की सूचना उपलब्ध करायी है।
सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार उत्तराखंड मे स्थित कुल 11 जेलो की क्षमता 3540 कैदियों की है जबकि उसमें सूचना उपलब्ध कराने की तिथि को 5748 कैदी बंद है। जिसमें 2259 सिद्धदोष (सजायाफ्ता) तथा 3489 विचाराधीन कैदी है। कुल कैदियों मे 61 प्रतिशत कैदी विचाराधीन है, केवल 39 प्रतिशत ही न्यायालय से सजा पाये कैदी है।
सूचना अधिकार में उपलब्ध सूचना के अनुसार क्षमता से सर्वाधिक कैदी हल्द्वानी जेल में बंद है। हल्द्वानी जेल की क्षमता केवल 382 कैदियो की है जबकि वहां 1304 कैदी बंद हैं जो क्षमता का 341 प्रतिशत है, दूसरे स्थान पर क्षमता के 227 प्रतिशत 232 कैदी अल्मोड़ा जेल में बंद है जबकि क्षमता 102 कैदियों की है। तीसरे स्थान पर क्षमता के 225 प्रतिशत 1305 कैदी देहरादून जेल में बंद हैै। जबकि क्षमता केवल 580 कैदियों की है। इसके अतिरिक्त हरिद्वार जेल में क्षमता के 157 प्रतिशत 1320 कैदी, रूड़की जेल मे 202 प्रतिशत 492 कैदी, नैनीताल मे 203 प्रतिशत 144 कैदी बंद है। टिहरी जेल में 112 प्रतिशत 168 कैदी, पौड़ी मे 104 प्रतिशत 156 कैदी बंद है।
उत्तराखंड मे 3 जेले ऐेसी भी है जिसमे उनकी क्षमता से कम कैदी बंद है। क्षमता से सबसे कम कैदी सम्पूर्णनन्द शिविर सितारगंज में बंद है। इस जेल की क्षमता 300 कैदियों की है जबकि क्षमता के केवल 15 प्रतिशत 45 कैदी ही बंद है, दूसरे स्थान पर चमोली जेल मे क्षमता के 54 प्रतिशत 91 कैदी तथा तीसरे स्थान पर केन्द्रीय कारागार सितारगंज मे 89 प्रतिशत 491 कैदी बंद है।
श्री नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार उत्तराखंड की जेलों मे कुल कैदियों मे 61 प्रतिशत विचाराधीन कैदी है जिन्हे सजा नहीं हुई, बल्कि उन पर मुकदमें चल रहे हैं। कुल 3489 विचाराधीन कैदियों में 801 देहरादून, 526 हरिद्वार, 122 नैनीताल, 96 अल्मोड़ा, 50 चमोली, 83 पौड़ी, 113 टिहरी, 468 रूड़की, 1158 हल्द्वानी, 72 केन्द्रीय कारागार सितारगंज में बंद है औैर अपने मुकदमो के फैसलों का इंतजार कर रहे हैं। सम्पूर्णानंद शिविर सितारगंज मे सभी 45 सजा याफ्ता कैदी बंद है इसमे कोई विचाराधीन कैदी बंद नहीं है।
नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार उत्तराखंड की 11 जेलो मे कुल 2259 सिद्धदोष (सजा याफ्ता) कैदी बंद है जिसमें 504 देहरादून, 794 हरिद्वार, 22 नैनीताल, 136 अल्मोड़ा, 41 चमोली, 73 पौड़ी, 55 टिहरी, 24 रूड़की 146 हल्द्वानी, 419 केन्द्रीय जेल सितारगंज तथा 45 सम्पूर्णानंद शिविर (खुली जेल) सितारगंज मे अपनी सजा काट रहे हैं।
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