उत्तराखण्ड निकाय चुनाव-कितना खुश होगा भाजपा हाईकमान?
भारतीय जनता पार्टी हाईकमान ने उत्तराखण्ड विधानसभा चुनावो में बम्पर जीत के साथ गददी सौंपी थी, जो अब कडे संषर्घ में तब्दील होती नजर आई, उत्तराखण्ड स्थानीय निकाय चुनाव परिणाम में भाजपा केवल अपनी साख बचाने में कामयाब हुई है। भाजपा की इस जीत से भाजपा के सर्वोच्च नेता खास खुश हो पायेगे, जबकि लोकसभा चुनावो की आहट साफ सुनाई दे रही है, सात नगर निगमों में से तीन हरिद्वार, हल्द्वानी और कोटद्वार में पिछड़ने से भाजपा की चुनावी रणनीति पर सवाल खड़े हो गए हैं। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले निकायों में बड़ी जीत की उम्मीद को लगा झटका सबक है। मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र नगर पालिका डोईवाला में भाजपा के तीन दिग्गज अपने प्रत्याशी को जिताने में कामयाब नहीं हो सके। बेहद कडे मुकाबले में अध्यक्ष पद की महत्वपूर्ण सीट कांग्रेस की झोली में चली गई। कांग्रेस की सुमित्रा मनवाल ने अपनी प्रतिद्वंदी भाजपा की नगीना रानी को हरा दिया। मुख्यमंत्री की विधानसभा में इस हार का दूरगामी संदेश जा सकता है, वही भाजपा विधायक दिलीप सिंह अपनी पत्नी को नही जीता पाये, टिहरी में नगर पालिका अध्यक्ष पद पर शर्मनाक स्थिति देखने को मिली, भाजपा यहां चौथे स्थान पर आई है, जोशीमठ में भी हार का सामना करना पडा, नगर पालिका उत्तरकाशी, नगर पंचायत पुरोला, टिहरी की चम्पा नगर पालिका, लंबगांव नगर पंचायत,घनशाली में शिकस्त का मुंह देखना पडा, इसके बाद भी जश्न कम से कम भाजपा के सर्वोच्च नेताओं को हजम हो पायेगा, किसी शायर ने कहा है- दिल बहलाने के लिए ख्याल अच्छा है- पर मोदी जी और अमित शाह जी की जोडी ने जो बम्पर जीत के साथ उत्तराखण्ड की राजसत्ता सौंपी थी, उसके हिसाब से चिंताजनक हालात है, सत्ता पाने के पौने दो साल के भीतर ही नेताओं के क्षेत्रों में विजय पताका नहीं लहरा सकी। भाजपा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत व प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट की अगुवाई में चुनाव मैदान में कूदी, लेकिन भट्ट के गृह जनपद अल्मोड़ा की सीट चिलियानौला में पार्टी हार गई। देहरादून जनपद में विकासनगर, तहसील में नगर पालिका परिषद हरबर्टपुर में कांग्रेस के देवेंद्र बिष्ट ने प्रतिद्वंद्वी भाजपा की नीरू देवी को कड़े मुकाबले में 128 मतों से पराजित किया। ।
Presented by- हिमालयायूके- हिमालय गौरव उत्तराखण्ड www.himalayauk.org
Leading Digital Newsportalभाजपा ने हल्द्वानी, ऋषिकेश, काशीपुर और रुद्रपुर में महापौर सीटों पर जीत दर्ज कर ली है। कांग्रेस ने कोटद्वार में मेयर पद पर जीत हासिल कर ली है। बीजेपी ने सात में से पांच सीटों पर कब्जा जमाया है जबकि कांग्रेस को दो सीटों पर जीत मिली है। वहीं, वार्डों में निर्दलियों ने बीजेपी-कांग्रेस जैसे दलों को पटखनी दी है। नगर पंचायतों के अध्यक्ष पदों पर भी भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 18 नगरों में सफलता हासिल की। वहीं, कांग्रेस को सिर्फ सात और निर्दलियों को 12 जगह सफलता मिली है। अलबत्ता नगर पालिकाओं में कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा रहा। कांग्रेस 14 पालिकाओं में अध्यक्ष की कुर्सी कब्जाने में कामयाब रही। भाजपा को 13 और निर्दलीय प्रत्याशियों को 11 नगर पालिकाओं में कामयाबी मिली है। नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत के सभासदों में निर्दलीय प्रत्याशियों ने बाजी मारी है। हालांकि नगर निगमों में दलीय सभासद ज्यादा जीते हैं। खबर लिखे जाने तक सभासदों के कुल 1064 पदों में से 817 वार्डों में परिणाम घोषित हो चुका है। इसमें निर्दलीय उम्मीदवार सर्वाधिक 464 वार्डों में कामयाब हुए हैं। जबकि भाजपा के 215 और कांग्रेस के 132 सभासद निर्वाचित हुए हैं। जबकि बसपा, आप के दो-दो और यूकेडी और सपा के भी एक एक सभासद जीत चुके थे। नगर पंचायत घनसाली में अध्यक्ष पद पर हुई मतगणना में तीन निर्दलीय प्रत्याशियों को बराबर मत मिलने से मतगणना में लगे कर्मचारियों को आठ बार वोटों की गिनती करनी पड़ी। आठवीं बार हुई मतगणना में शंकर पाल सजवाण को 496, नागेंद्र सजवाण को 495 व साब सिंह कुमाईं को भी 495 मत मिले। इस तरह निर्दलीय शंकर पाल ने यहां एक वोट से जीत दर्ज की। नगर निगम हल्द्वानी-काठगोदाम सीट के 60 सीटों के परिणाम आ चुके हैं। अब तक 39 सीटें निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत ली हैं, जबकि भाजपा के खाते में 20 सीटें आई हैं। एक सीट उक्रांद ने जीती है।
प्रकाश पंत का जलवा;
कुमाऊं मंडल के पिथौरागढ़ जिले में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया। यहां पिथौरागढ़, डीडीहाट, धारचूला और गंगोलीहाट में भाजपा के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। ज्ञात हो कि पिथौरागढ़ जनपद कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत का होम जनपद भी है,हालांकि उनको पार्टी ने दूसरे जनपद की जिम्मेदारी दी हुई थी,वहां भी प्रकाश पंत भाजपा का परचम लहराने मेे कामयाब रहे,
कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत पर रूद्रपुर, उधम सिंह नगर जनपद की जिम्मेदारी थी, उन्होने अपनी रणनीति से न केवल नये प्रत्याशी को विजय दिलायी अपितु अपने ग़ह जनपद में भी भाजपा का परचम लहरा दिया, जनता में उनकी स्वीकार्यता बनी है। पिथौरागढ़ में धारचूला, डीडीहाट, गंगोलीहाट में भाजपा उम्मीदवारों की जीत कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत की मेहनतनजर आई, पिथौरागढ़ जिले में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया पिथौरागढ़ जिले की सबसे बड़े निकाय नगरपालिका परिषद पिथौरागढ़ में भाजपा विजयी रही । भाजपा के प्रत्याशी राजेंद्र रावत ने निर्दलीय प्रत्याशी शमशेर महर को 1018 मतों से पराजित किया है। कांग्रेस प्रत्याशी जगत सिंह खाती तीसरे नंबर पर रहे। राजेंद्र रावत को 6113 मत,निर्दलीय शमशेर सिंह महर को 5095 मत पड़े ।
पिथौरागढ़ नगरपालिका में वित्त्त मंत्री प्रकाश पंत की प्रतिष्ठा दांव पर थी । नैनी सैनी हवाई पट्टी में हवाई सेवा प्रारंभ नहीं होने से भाजपा के प्रति जनता की नाराजगी थी। इसके बाद भी भाजपा पांच साल बाद फिर नगरपालिका अध्यक्ष पद पर कब्जा करने में सफल रही है।
कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के जनपद पिथौरागढ की डीहाट नगरपालिका में भाजपा अपनी परंपरागत सीट को बरकरार रखने में सफल रही है। इस बार फिर भाजपा की जीत ने प्रतिष्ठा को बरकरार रखा है।
कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के जनपद पिथौरागढ की गंगोलीहाट नगर पंचायत की सीट बचाने में भाजपा सफल रही है। नगर पंचायत बनने के बाद दूसरी बार हुए चुनाव में भी भाजपा को विजय मिली है। भाजपा संगठन की एकता का परिणाम विजय के रूप में मिला है।
जनपद पिथौरागढ में धारचूला नगरपालिका धारचूला में भाजपा की जीत हुई है। इस सीट में आज से पूर्व केवल एक बार ही भाजपा ने जीत का स्वाद चखा था। नगरपालिका बनने के बाद पहली बार चुनाव में भाजपा ने बाजी मारी है। भाजपा ने इस सीट पर अपना परचम लहराया है। इस सीट पर अभी तक कांग्रेस का कब्जा था।
जनपद पिथौरागढ में नगर पंचायत बेरीनाग में बेरीनाग नगर पंचायत बनने के बाद यहां पर पहली बार चुनाव हुए। यहां हालांकि निर्दलीय की जीत हुई पर कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी को चौथे स्थान पर धकेल दिया
उत्तराखण्ड के विभिन्न समाचार पत्रो में प्रकाशित खबरो के अनुसार-
भाजपा ने निकाय चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों को जिताने के लिए बाकायदा कैबिनेट मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी थी। लेकिन सत्ता पाने के पौने दो साल के भीतर ही नेताओं के क्षेत्रों में विजय पताका नहीं लहरा सकी। भाजपा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत व प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट की अगुवाई में चुनाव मैदान में कूदी, लेकिन भट्ट के गृह जनपद अल्मोड़ा की सीट चिलियानौला में पार्टी हार गई।
हरिद्वार, कोटद्वार, मसूरी, चंपावत जिले के चंपावत, लोहाघाट, टनकपुर और बनबसा में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा। नैनीताल नगर पालिका, सितारनगर नगर पालिका, खटीमा, मसूरी में भाजपा को शिकस्त खानी पडी, देहरादून में मेयर भाजपा का आया पर पार्षद निर्दलीयो के ज्यादा आये, पार्षदों के चुनाव में उनका प्रदर्शन बेहद जोरदार रहा।
अजय भट्ट अपनेे विधानसभा क्षेत्र रानीखेत से भी भाजपा को नही जितवा पाये, निकाय चुनावों में पार्टी ने चिलियानौला (रानीखेत) नगर पंचायत में अध्यक्ष पद पर विमला आर्य को टिकट दिया था, पर यहां निर्दलीय उम्मीदवार कल्पना देवी 109 मतों से जीतने में कामयाब रहीं। इस सीट पर कांग्रेस ने प्रत्याशी नहीं उतारा था। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के विस क्षेत्र डोईवाला नगर पालिका में पार्टी प्रत्याशी नगीना रानी हार गईं। यहां कांग्रेस की प्रत्याशी सुमित्रा देवी ने उन्हें शिकस्त दी।
गदरपुर विधानसभा से अरविंद पांडेय विधायक हैं और वे कैबिनेट मंत्री भी हैं। इस पालिका से भाजपा प्रत्याशी संतोष कुमार हार गए हैं। निर्दलीय गुलाम गौस ने भाजपा प्रत्याशी को मात दी है।
कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र में भी भाजपा को हार का ही मुंह देखना पड़ा। यूं तो कैबिनेट मंत्री डॉ.हरक सिंह रावत चुनावी रणनीति के माहिर माने जाते हैं, पर वे कोटद्वार में पार्टी प्रत्याशी नीतू रावत को हार से नहीं बचा पाए। हालांकि पार्टी के बड़े नेताओं ने निकाय चुनाव के नतीजों पर खुशी जताई है।
मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र नगर पालिका डोईवाला में भाजपा के तीन दिग्गज अपने प्रत्याशी को जिताने में कामयाब नहीं हो सके। बेहद करीबी मुकाबले में अध्यक्ष पद की महत्वपूर्ण सीट कांग्रेस की झोली में चली गई। कांग्रेस की सुमित्रा मनवाल ने अपनी प्रतिद्वंदी भाजपा की नगीना रानी को 196 वोटों से हरा दिया।
यही नहीं सभासद सीटों पर भी भाजपा का सिक्का नहीं चल सका। 20 वार्डों में से भाजपा के सात सभासद ही जीत हासिल कर सके। भाजपा उम्मीदवार की ओर से पुनर्मतगणना भी कराए जाने के बाद अंतर जस का तस बना रहा। डोईवाला में निर्दलीय उम्मीदवारों का भी बेहतरीन प्रदर्शन देखने को मिला।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्वाचन क्षेत्र के नगर पालिका डोईवाला में कमल मुरझा गया। नगर पालिका डोईवाला अध्यक्ष पद कांग्रेस की सुमित्रा मनवाल काबिज हो गई है। शुरूआती दौर में कभी कांग्रेस और भाजपा आगे पीछे चली। बीच में निर्दलीय उम्मीदवार मधु डोभाल की बढ़त से दोनों राष्ट्रीय दल पिछड़ गए थे। अंतिम चरण में कांग्रेस ने एकाएक लीड बनाकर चुनाव जीत लिया। भाजपा उम्मीदवार नगीना रानी की ओर से पुनर्मगणना कराने का प्रार्थना दिया गया, जिससे निर्वाचन अधिकारी कुश्म चौहान ने बूथ संख्या 41, 43, 44 और 47 में पुनर्मतगणना हुई। लेकिन अंतर नहीं आने पर निर्वाचन अधिकारी ने कांग्रेस की सुमित्रा मनवाल को अध्यक्ष पद पर निर्वाचित घोषित कर दिया।
खबर के अनुसार मुख्यमंत्री की विधानसभा में निर्दलीय तक ने बीजेपी प्रत्याशी को पछाडा, अंत में कांग्रेस के हाथो हार हुई,
जसपुर में निकाय चुनाव की मतगणना में बसपा के सिर पर जसपुर का ताज सज गया है। बसपा की मुमताज बेगम ने भाजपा की दमयंती देवी को करारी शिकस्त दी है। मुमताज ने दमयंती को 2225 वोटों से हराया। जीत के बाद मुमताज बेगम के समर्थकों ने रात में ही ढोल नगाड़े बजाकर स्वागत किया और उन्हें बधाई दी।
इसके अलावा
रुद्रप्रयाग जनपद में भाजपा की हुई करारी हार के पीछे भीतरघातियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भितरघातियों ने पार्टी को डुबोने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। टिकट वितरण से ही भाजपा के भीतर धड़ेबाजी शुरू हो गई थी, जो चुनाव के दौरान और बढ़ गई। पार्टी हाईकमान इस विद्रोह को रोकने में असफल रहा। यही कारण रहा कि रुद्रप्रयाग नगर पालिका के साथ ही अगस्त्यमुनि व तिलवाड़ा में भी भाजपा के भीतरघातियों ने ही पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी कर दी।
रुद्रप्रयाग नगरपालिका सीट पर भाजपा की स्थिति पहले मजबूत मानी जा रही थी, लेकिन टिकट वितरण के बाद से विरोध के स्वर तेज हो गए। पार्टी की ही सुशीला बिष्ट ने निर्दलीय चुनाव में ताल ठोक दी। इन्हें बिठाने के लिए संगठन ने कोई ठोस पहल नहीं की। पार्टी का एक बड़ा धड़ा चुनाव शुरू होने के साथ ही संदेह के घेरे मे रहा और मतगणना तक भीतरघाती पूरी तरह मजबूत हो गए पार्टी प्रत्याशी की रणनीति को तहस नहस कर चुके थे। इस सीट पर चुनाव हार चुकी भाजपा प्रत्याशी सरस्वती त्रिवेदी ने भी अपनी हार के लिए पार्टी के अंदर भीतरघात को ही मुख्य कारण माना है। गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी हार पार्टी के भीतरघात के कारण हुई। उन्होंने कहा कि पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस के साथ कर उनके साथ धोखा किया है। जो उनकी हार का कारण बना।
निर्दलियों का प्रदर्शन बेहतर;
भाजपा के मेयर पद के प्रत्याशी सुनील उनियाल गामा ने आखिरकार जीत दर्ज कर ली है। सुनील उनियाल गामा को 162516 वोट, कांग्रेस के दिनेश अग्रवाल को 126884 और आम आदमी पार्टी की रजनी रावत को 28978 वोट मिले। दून नगर निगम में बीजेपी के सुनील उनियाल गामा 35,632 वोट से विजयी घोषित , बीजेपी – 60 काँग्रेस – 34 स्वतंत्र उमीदवार – 6 कुल वार्ड 100 – देहरादून जनपद में विकासनगर, तहसील में नगर पालिका परिषद हरबर्टपुर में कांग्रेस के देवेंद्र बिष्ट ने प्रतिद्वंद्वी भाजपा की नीरू देवी को कड़े मुकाबले में 128 मतों से पराजित किया। यहां सभासद के नौ पदों पर भाजपा के पांच, जबकि कांग्रेस व निर्दलीय ने दो-दो पदों पर जीत दर्ज की।
निकाय चुनाव में हर बार की तरह इस बार भी निर्दलियों का प्रदर्शन बेहतर रहा। जनता ने कांग्रेस और भाजपा के विकल्प के तौर पर अन्य दल की जगह निर्दलियों को चुना। पार्षदों के चुनाव में उनका प्रदर्शन बेहद जोरदार रहा। इससे साफ है कि मेयर और अध्यक्ष कोई भी हो, लेकिन बोर्ड में उनका भी दबदबा रहेगा। नगर निगम देहरादून में मतगणना के शुरुआती चरण में पार्षद के रूप में कांग्रेसी तो मेयर प्रत्याशियों में भाजपा के सुनील उनियाल गामा पहली पसंद रहे। हालांकि बाद के परिणामों में भाजपा मेयर प्रत्याशी की बढ़त जहां बरकरार रही, वहीं पार्टी के प्रत्याशियों की जीत में भी इजाफा होता गया।
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