सांसद निधि खर्च नही कर पाये उत्तराखण्ड के सांसद- आरटीआई

उत्तराखंड के सांसदों की ४१.०९ करोड रू. की सांसद निधि खर्च होने को शेष

उत्तराखंड वर्तमान लोकसभा सांसदों में अजय टम्टा की २८४.०९ लाख डा० रमेश पोखरियाल की ४८४.८९ लाख, बी.सी.खंडूरी की २२२.४३ लाख, श्रीमति राजलक्ष्मी की ५०८.९१ लाख तथा भगत सिंह कोश्यारी की ६६२.१८ लाख की सांसद निधि की धनराशि खर्च होने को शेष है  Top Breaking News; www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal) publish at Dehradun & Haridwar

उत्तराखंड के सांसदों की ४१.०९ करोड रूपये की सांसद निधि २०१८ के प्रारंभ में खर्च होने को शेष है। इसमें लोकसभा के सांसदों की २४४९.८५ लाख तथा राज्यसभा के सांसदों की १६५९.२४ लाख की सांसद निधि शामिल है। यह खुलासा उत्तराखंड के ग्राम्य विकास आयुक्त कार्यालय द्वारा सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन को उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने उत्तराखंड के ग्राम्य विकास आयुक्त कार्यालय से सांसद निधि खर्च सम्बन्धी सूचना मांगी थी जिसके उत्तर में लोक सूचना अधिकारी/उपायुक्त (प्रशासन) डा०जी०एम०खाती द्वारा अपने २७ जनवरी २०१८ के पत्र के साथ सांसद निधि विवरण दिसम्बर २०१७ उपलब्ध कराया गया है जिसमें दिसम्बर २०१७ के अंत तक की सांसद निधि खर्च का विवरण दिया गया है।
श्री नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार उधमसिंह नगर के सांसद भगत सिंह कोश्यारी के अतिरिक्त अन्य चारो लोकसभा सांसदों को वर्ष २०१७-१८ में कोई भी सांसद निधि की धनराशि प्राप्त नहीं हुई है। इसके अतिरिक्त अल्मोडा, सांसद प्रदीप टम्टा, पौडी सांसद बी.सी.खंडूरी को वर्ष २०१६-१७ में भी कोई धनराशि स्वीकृति हेतु नहीं मिली है। अल्मोडा सांसद अजय टम्टा को वर्ष २०१४-१५ व २०१५-१६ में कुल स्वीकृति हेतु उपलब्ध धनराशि रू. ७६९.०९ लाख में से दिसम्बर २०१७ तक केवल ४८५ लाख की धनराशि व्यय हुई है।
हरिद्वार सांसद डा० रमेश पोखरियाल को वर्ष २०१५-१५ से २०१६-१७ तक स्वीकृति हेतु उपलब्ध १५८०.४४ लाख की सांसद निधि में से १०९५.५५ लाख की धनराशि ही खर्च हुई है। पौडी सांसद बी.सी.खंडूरी को वर्ष २०१४-१५ से २०१५-१६ तक स्वीकृति हेतु उपलब्ध ७५० लाख की धनराशि में से ५२७.५७ लाख की धनराशि ही खर्च हुई है।

 

  कूर्माचल परिषद देहरादून के निर्माणाधीन भवन हेतु मान० सांसदो से लगाई गुहार

महोदय,   उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून में वर्षो पुरानी संस्था कूर्माचल सांस्कृतिक एवं कल्याण परिषद देहरादून स्थान जी०एम०एस० रोड, देहरादून में सामुदायिक भवन निर्माण हेतु आफ सहयोग के लिए हम निवेदन करते है। भवन के कार्य को पूर्ण कराने के लिए परिषद को आर्थिक सहयोग की अत्यन्त आवश्यकता है।  इस संबंध में निवेदन है कि उत्तराखण्ड के मान० सदस्य राज्यसभा/लोकसभा  आप हमारे निवेदन को स्‍वीकार करने की कृपा करें तथा उत्तराखण्ड में कार्यरत प्रमुख निगमो आदि के सी०एस०आर० फण्ड को भी परिषद को दिलाने की कृपा करें।

                कूर्माचल सांस्कृतिक एवं कल्याण परिषद उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण एवं विकास हेतु तत्पर संस्था है। संस्था पर्वतीय सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित व बढावा देने का काम कर रही है।  संस्था पूर्णरूपेण सामाजिक  है तथा संस्था का उद्देश्य जनहितकारी व वास्तविक जरूरत की सहायता करने की संकल्प शक्ति बनाना है। परिषद उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण एवं विकास हेतु लगातार कार्यक्रम चला रही है।  कुर्माचल परिषद का कार्य लोकगीत, कथा आदि द्वारा अपनी संस्कृति को उजागर करना है। संस्था हर वर्ष होली आदि उत्सवों का आयोजन कराती है जिसमें मेधावी छात्रों को पुरस्कृत करना, वृद्वों का सम्मान करना आदि कार्यक्रम होते है।

                राजधानी देहरादून में कुर्माचल परिषद की विशाल सदस्य संख्या को देखते हुए १० शाखाओं में बांटा गया है, १० शाखाओं की कार्यकारिणी के ऊपर एक केन्द्रीय परिषद कार्य करती है।

                कूर्माचल परिषद का अपूर्ण निर्माणाधीन भवन जी०एम०एस० रोड, देहरादून में है जो धनाभाव के कारण पूर्ण नही हो पा रहा है जिसे पूर्ण करने हेतु परिषद जी-जान से लगी है। भवन में निवास हेतु कुछ कमरे भी बनाये जाने है, सीढिया, बालकोनी, फर्श, बिजली, पानी की फिटिग्स आदि कार्य पूर्ण करने के लिए करीबन रू० डेढ करोड का कार्य अनुमानित है। इंजीनियरों द्वारा बनाया इस्टीमेट सलंग्न है।

                हमें आशा ही नही पूर्ण विश्वास है कि आफ आशीर्वाद से कूर्माचल परिषद का निर्माणाधीन भवन का कार्य पूर्ण हो सकेगा। आपसे करबृद्व अभ्यर्थना है कि आप अपने स्तर से इस समाज हित कार्य के लिए धनराशि अवमुक्त कराने की कृपा करें। कूर्माचल परिषद आपकी हमेशा ऋणी रहेगी।    चन्‍दशेख्‍र जोशी केन्‍द्रीय महासचिव कूर्माचल परिषद देहरादून Mob. 9412932030 द्वारा सासदो को पत्र दिया गया है, और आशा जतायी है कि इस सार्वजनिक कार्य में दानवीर नेता आगे आयेगे-   

 

टिहरी सांसद श्रीमति राजलक्ष्मी को वर्ष २०१४-१५ से २०१६-१७ तक की स्वीकृत हेतु उपलब्ध १८६४.६१ लाख की धनराशि में से दिसम्बर १७ तक १३५५.६९ लाख की धनराशि ही खर्च हो पायी है। उधमसिंह नगर सांसद भगत सिंह कोश्यारी की २०१४-१५ से २०१७-१८ तक की स्वीकृति हेतु उपलब्ध रू. १७८०.६९ लाख की धनराशि में से १११८.५१ लाख की धनराशि ही दिसम्बर १७ तक खर्च हो पायी है।
वर्तमान लोकसभा सांसदों में अजय टम्टा की २८४.०९ लाख डा० रमेश पोखरियाल की ४८४.८९ लाख, बी.सी.खंडूरी की २२२.४३ लाख, श्रीमति राजलक्ष्मी की ५०८.९१ लाख तथा भगत सिंह कोश्यारी की ६६२.१८ लाख की सांसद निधि की धनराशि खर्च होने को शेष है।
श्री नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार पूर्व सांसदों की पूरी सांसद निधि की धनराशि भी अभी तक खर्च नहीं हो पायी है। इसमें अल्मोडा सांसद प्रदीप टम्टा की ७३.३७ लाख, हरिद्वार सांसद हरीश रावत की ६०.३४ लाख, पौडी सांसद सतपाल महाराज की १५३.६३ लाख रूपये की धनराशि खर्च होना बाकी है जबकि टिहरी सांसद विजय बहुगुणा तथा उधमसिंह नगर सांसद के०सी०सिंह बाबा की शत-प्रतिशत धनराशि खर्च हो चुकी है।
उत्तराखंड से निर्वाचित राज्य सभा सांसदों की खर्च होने को शेष १६५९.२४ लाख की धनराशि में वर्तमान राज्ससभा सांसद प्रदीप टम्टा, राजबब्बर तथा महेन्द्र सिंह महरा तथा पूर्व राज्यसभा सांसद तरूण विजय, सत्यव्रत चतुर्वेदी की सांसद निधि की धनराशि शामिल है। उत्तराखंड के प्रदीप टम्टा के अतिरिक्त किसी भी राज्यसभा सांसद को वर्ष २०१७-१८ की सांसद निधि की कोई धनराशि स्वीकृति हेतु प्राप्त नहीं हुई है। प्रदीप टम्टा को २०१५-१६ में कोई धनराशि नहीं प्राप्त हुई है।
राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा की २०१६-१७ तथा २०१७-१८ की सांसद निधि की स्वीकृति हेतु उपलब्ध ५०० लाख की धनराशियों में से ३०८.७५ लाख की धनराशि ही खर्च हुई है। पूर्व राज्यसभा सांसद तरूण विजय को वर्ष २०१०-११ से २०१३-१४ तक स्वीकृति हेतु उपलब्ध १४४४.२० लाख की धनराशि में से ११९५.९४ लाख की धनराशि ही दिसम्बर २०१७ तक खर्च हुई है। पूर्व सांसद सत्यव्रत चतुर्वेदी को वर्ष २००६-०७ से २०११-१२ तक उपलब्ध १६१५.५९ लाख की धनराशियों में से १३३३.०२ लाख की धनराशि ही दिसम्बर १७ तक खर्च हो सकी है।
राज्य सभा सांसद राज बब्बर को २०१६-१७ में उपलब्ध ५१०.४२ लाख की धनराशि में से दिसम्बर १७ तक २७२.९४ लाख की धनराशि ही खर्च हुई है जबकि महेन्द्र सिंह माहरा को २०१४-१५ से २०१६-१७ तक १०३६.६२ लाख की धनराशि में से ५६९.६४ लाख की धनराशि ही खर्च हो सकी है।
राज्यसभा सांसदों की खर्च हुई अवशेष धनराशियों में प्रदीप टम्टा की वर्ष २०१६-१७ की ५१.७५ लाख तथा २०१७-१८ की १३९.५० लाख, राज बब्बर की २०१६-१७ की २३७.४८ लाख, महेन्द्र सिंह माहरा की २०१४-१५ की १६.३१ लाख, २०१५-१६ की १९७.६१ लाख तथा २०१६-१७ की शत-प्रतिशत उपलब्ध २५० लाख की धनराशि खर्च होने को शेष है।

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