मुख्यमन्त्री के लो०नि०वि० विभाग में बडा घोटाला सिद्व हुआ- जनसंघर्ष मोर्चा
उत्तराखण्ड से बडी खबर #मुख्यमन्त्री के लो०नि०वि० विभाग में बडा घोटाला सिद्व हुआ- जनसंघर्ष मोर्चा #नैतिकता के आधार पर जनसंघर्ष मोर्चा ने क्यों मांगा मुख्यमंत्री का इस्तीफा #जीरो टोलरेंश वाली सरकार आकंठ भ्रश्टाचार में लिप्त# अधिकारियों के माध्यम से सरकार उगाही करा रही
#मुख्य सूचना आयुक्त की कार्यवाही के उपरान्त सी०एम० छोडें पद …………… जनसंघर्ष मोर्चा की प्रेस विज्ञप्ति तथा तमाम दस्तावेज हिमालयायूके को उपलब्ध कराये गये # हिमालयायूके न्यूज पोर्टल ब्यूरो रिपोर्ट
देहरादून- स्थानीय होटल में पत्रकारों से वार्ता करते हुए जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जी०एम०वी०एन० के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि मोर्चा ने जिला मीडिया प्रभारी श्री प्रवीण शर्मा पीन्नी ने सूचना आयोग से लोक निर्माण विभाग के निर्माण खण्ड, देहरादून के करोडों रूपये टेण्डर घोटाले की जाँच कराये जाने को लेकर आग्रह किया था, जिसमें अल्पकालीन निविदाओं के प्रकाशन में सरकारी अधिकारियों, समाचार पत्रों व ठेकेदारों की मिलीभगत का मुद्दा उठाया गया था, जिनमें निर्माण खण्ड, देहरादून द्वारा विकासनगर क्षेत्र के आठ जॉब हेतु २.२५ करोड रूपये के टेण्डर प्रकिया फर्जी तरीके से अपनाकर उक्त टेण्डरों को मात्र ३-४ ठेकेदारों को मात्र ३-४ प्रतिशत न्यूनतम दर पर आबंटित करा दिये। अगर उक्त टेण्डर सार्वजनिक होते तो निष्चित तौर पर ३०-४० प्रतिषत न्यूनतम दर पर स्वीकृत होते तथा सरकार को लाखों रूपये का फायदा होता।
उक्त मामले में आयोग के समक्ष आग्रह किया गया था कि उक्त गिरोह (जालसाज) समाचार पत्रों में टेण्डर की मात्र ४-५ प्रतियाँ ही विभागीय इस्तेमाल के लि प्रकाशित कराते हैं तथा अन्य समाचार पत्रों की प्रतियों में (जनता के लिए वितरित होने वाली प्रतियाँ) कहीं भी टेण्डर का प्रकाशन नहीं होता, जिनके चलते ये जालसाज करोडों रूपये का टेण्डर हासिल करने में कामयाब हो जाते हैं।
मुख्य सूचना आयुक्त श्री शत्रुघ्न सिंह ने मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन को निर्देश दिये हैं कि उक्त मामले में अपराधिक सांठ-गांठ भी हो सकती है तथा यह अत्यन्त गम्भीर प्रकृति का मामला प्रतीत होता है व इसकी गहराई से जाँच करायी जानी आवष्यक है। मुख्य सचिव को दिये गये निर्देश में कहा गया है कि निविदा प्रकाशन के इस प्रकरण के अपराधिक व विभागीय दोनों पहलुओं पर आवष्यक जाँच करा लें ताकि न केवल इस मामले में दोषी पाये गये सरकारी कर्मियों को विभागीय रूप से दण्डित किया जा सके, बल्कि सम्बन्धित समाचार पत्र व सरकारी विभागों के बीच अपराधिक साठ-गांठ पाये जाने पर क्रिमिनल प्रक्रिया प्रारम्भ की जा सके।
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नेगी ने कहा कि उक्त पूरे प्रकरण पर गम्भीरता दिखाते हुए मुख्य सूचना आयुक्त श्री शत्रुघ्न सिंह ने मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन को निर्देश दिये हैं कि उक्त मामले में अपराधिक सांठ-गांठ भी हो सकती है तथा यह अत्यन्त गम्भीर प्रकृति का मामला प्रतीत होता है व इसकी गहराई से जाँच करायी जानी आवष्यक है। मुख्य सचिव को दिये गये निर्देश में कहा गया है कि निविदा प्रकाशन के इस प्रकरण के अपराधिक व विभागीय दोनों पहलुओं पर आवष्यक जाँच करा लें ताकि न केवल इस मामले में दोषी पाये गये सरकारी कर्मियों को विभागीय रूप से दण्डित किया जा सके, बल्कि सम्बन्धित समाचार पत्र व सरकारी विभागों के बीच अपराधिक साठ-गांठ पाये जाने पर क्रिमिनल प्रक्रिया प्रारम्भ की जा सके।
नेगी ने कहा कि मुख्यमन्त्री के विभाग लो०नि०वि० में इतने बडे घोटाले से सिद्व हो गया है कि जीरो टोलरेंश वाली सरकार आकंठ भ्रश्टाचार में लिप्त है तथा अधिकारियों के माध्यम से सरकार उगाही करा रही है। मोर्चा उक्त घोटाले में मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा संज्ञान लिये जाने के उपरान्त सी०एम० से पद छोडने की मांग करता है।
पत्रकार वार्ता में ः- मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, दिलबाग सिंह, प्रवीन षर्मा पीन्नी, बागेष पुरोहित, प्रभाकर जोशी आदि थे।
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