UTTRAKHAND TOP NEWS 19 FEB. 2018

देहरादून 19 फरवरी, 2018(सू.ब्यूरो)

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी श्री मथुराप्रसाद बमराड़ा के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत की आत्मा की शांति एवं दुःख की इस घड़ी में उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि स्व.बमराडा ने उत्तराखण्ड राज्य निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। मुख्यमंत्री ने उनके निधन को प्रदेश के लिये अपूरणीय क्षति बताया है।

देहरादून 19 फरवरी, 2018(सू.ब्यूरो)

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सोमवार को परेड ग्राउण्ड में आयोजित सामूहिक श्रीमद् भगवत कथा के आयोजन में सम्मिलित हुए। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने भगवत कथा का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया। उन्होंने पूजा-अर्चना करने के साथ ही कथा वाचक व्यास का भी सम्मान किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रदेश की खुशहाली की कामना की।


रूद्रप्रयाग/देहरादून 19 फरवरी, 2018(सू.ब्यूरो)

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को जखोली ब्लाॅक के कुण्ड उरोली लस्या में आयोजित पांच दिवसीय श्री नरसिंग देवता महायज्ञ का शुभारंभ किया। इस अवसर मुख्यमंत्री की पहल पर श्री नरसिंग देवता मंदिर में वर्षो से चली आ रही बलि प्रथा को भी समाप्त किया गया। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि यह ऐतिहासिक क्षण की है कि ग्रामीणों ने बलि प्रथा को समाप्त किया और इसके लिए उन्हें आमंत्रित किया।
पहली बार जखोली ब्लाक के सुदरवर्तीगांव कुण्ड उरोली गांव पहुंचे मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र का स्थानीय जनता और जनप्रतिनिधियों ने गर्मजोशी से जोरदार स्वागत किया। मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट मंत्री श्री प्रकाश पंत्र भी कार्यक्रम में पहुंचे। मुख्यमंत्री ने श्री नरसिंग देवता मंदिर में पूजा-अर्चना की और नारियल चढ़ाकर बलि प्रथा का समापन किया।
इस अवसर पर आयोजित जनसभा को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि जन समस्याओं के निस्तारण के लिए राज्य सरकार पूरी गंभीरता से कार्य कर रही है। कहा कि सोशल मीडिया आज के दौर में समस्याओं के आदान-प्रदान का सबसे बडा साधन है। जनता अपनी किसी भी शिकायत को सोशल मीडिया के जरिए सरकार तक पहुंचा सकती है। जिनका तत्काल निस्तारण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा चिकित्सा के क्षेत्र में प्रभावी पहल की जा रही है। आने वाले दो माह के भीतर हर चिकित्सालय में डाक्टरों की तैनात की जाएगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सरकार व्यापक बदलाव लाने का प्रयास कर रही है। आने वाले समय में एक हजार विद्यालयों को स्मार्ट स्कूल में तब्दील किया जायेगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार जनभावनाओं के अनुरूप विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने स्थानीय जनता की मांग पर श्री नरसिंग देवता मंदिर के लिए सोलर लाइट की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने क्षेत्रीय जनता की सोलह सूत्री मांगों के निस्तारण हेतु क्षेत्रीय विधायक को सीएम कार्यालय में वार्ता करने के लिए कहा। इस मौके पर वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि जनपद रूद्रप्रयाग के विकास में कहीं भी वित्त की कमी आडे नहीं आने दी जाएगी।
इस अवसर पर विधायक श्री भरत सिंह चैधरी, प्रसिद्व कथावाचक आचार्य शिवप्रसाद मंमगाई, भाजपा जिलाध्यक्ष श्री विजय कप्रवाण, जिलाधिकारी श्री मंगेश घिल्डियाल, पुलिस अधीक्षक श्री प्रहलाद नारायण मीणा सहित जनप्रतिनिधि व स्थानीय जनता उपस्थित थी।

पिथौरागढ़/देहरादून 19 फरवरी, 2018(सू.ब्यूरो)

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को जिला मुख्यालय पिथौरागढ़ के औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र में संचालित टाटा स्किल डेवलपमेंट सेंटर का विधिवत शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने केंद्र में होटल प्रबंधन एवं हाउस कीपिंग का प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षणार्थीयों से उनके द्वारा लिये जा रहे प्रशिक्षण के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने छात्रों से अवसरो का पूरा उपयोग करने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के युवाओं को रोजगार मुहैया कराए जाने हेतु कौशल विकास केन्द्रों के माध्यम से अधिक से अधिक युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार हेतु प्रशिक्षित करने का कार्य किया जा रहा है। इसी के दृष्टिगत प्रदेश के सीमान्त जनपद चमोली एवं पिथौरागढ़ में टाटा स्किल डेवलपमेंट केंद्र स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा के सुधार के क्षेत्र में अनेक निर्णय लिए गए हैं, जिसमें पूरे प्रदेश में 500 विद्यालयों को क्लबिंग किया जा रहा है। इन विद्यालयों में शिक्षा से सम्बन्धित समस्त सुविधाएं, सभी विषयों के अध्यापक, प्रयोगशालाएं आदि सभी व्यवस्थाएं रहेंगी। उन्होंने कहा कि जो विद्यालय भवन क्लबिंग के बाद खाली जो जायेंगे, उन विद्यालय भवनों में कौशल विकास केन्द्र स्थापित कर क्षेत्र के युवाओं, स्कूल ड्राॅप बच्चों को विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन प्रशिक्षण केन्द्रों से यहाॅ के युवाओं को निश्चित रूप से अधिक से अधिक लाभ मिलेगा।
इस अवसर पर टाटा स्किल डेवलपमेंट सेंटर के प्रबन्धक श्री प्रशंात मिश्रा ने अवगत कराया कि कंेद्र के माध्यम से वर्तमान में कुल 62 प्रशिक्षणार्थियों को होटल मैनेजमेंट एवं हाउस किपिंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री प्रकाश पंत, विधायक श्री बिशन सिंह चुफाल, मीना गंगोला, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार श्री रमेश भट्ट, जिलाधिकारी श्री सी.रविशंकर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री अजय जोशी सहित क्षेत्रीय जनता एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

आरटीआई से खुलासा हुआ है कि त्रिवेंद्र रावत सरकार अब तक हवाई यात्रा पर ५.८५ करोड रूपए खर्च कर चुकी है. ये पैसा १० महीने के कार्यकाल में हेलिकॉप्टर यात्राओं पर खर्च हुआ.कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत का कहना है उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियां ऐसी हैं कि यहां हर जगह गाडी से जाना संभव नहीं. समय की बचत और तेज विकास के लिेए हवाई यात्रा जरूरी है. हेलिकॉप्टर का पयोग लग्जरी नहीं बल्कि विकास के लिए जरूरी है.

देवभूमि उत्तराखण्ड के ग्रामीण अंचलों में आज भी ऐतिहासिक गाथाओं का मंचन जहां धार्मिक भावना को पदर्शित करता है. वहीं ये सामूहिक आयोजन आपसी सौहार्द और एकता की भावना को पदर्शित करते हैं. ऐसा ही एक आयोजन जीतू बग्डवाल ४३ वर्षों के बाद जनपद के हाट गांव में चल रहा है. जिसको देखने के लिए सैकडों की तादाद में स्थानीय लोग पहुंच रहे हैं. लोक मान्यताओं के अनुसार टिहरी रियासत में बगोठी गांव में एक युवक हुआ करता था. जिसका नाम जीतू था. जिसका टिहरी रियासत के महाराजा मान सिंह शाह के साथ हमेशा अनबन ही रहा करती थी.

उत्तराखंड के टिहरी गढवाल जिले की सीमान्त विधानसभा घनसाली में आज भी विकास से पिछडता जा रहा है. दूरस्थ होने के चलते शासन पशासन का ध्यान भी इस ओर कम ही रहता है. क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था की, तो बदहाल शिक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही है. जिसका उदाहरण है राजकीय उच्चतर पाथमिक विद्यालय गेंवाली है. जहां आज स्थिति ये है कि जर्जर हो चुका स्कूल भवन बच्चों की जान पर खतरा बन चुका है. तीन कमरे और छत कभी भी किसी बडी दुर्घटना का कारण बन सकती है. जिसके कारण बच्चों को खुले मैदान में चटाई बिछाकर पढना पढता है और बारिश होने पर स्कूल में छुट्टी करनी पडती है.

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में जल क्रीडा के बाद जल्दी ही पर्यटक हवा में उडते नजर आएंगे. उत्तरकाशी का वरुणावत पर्वत भले ही अब तक वर्ष २००३ की आपदा के पतीक के रूप में याद किया जाता रहा हो, लेकिन अब जल्द ही इसे रोमांच के पर्यटन से जाना जाएगा. ऊत्तरकाशी के जिलाधिकारी आशीष चौहान के पयासों के बाद पहाडी से हवा में पंछी की तरह उडते हुए पर्यटक झील में उतर कर रोमांच से भरपूर पर्यटन से लोगों को रूबरू करेंगे. जिलाधिकारी पहले ही पैराग्लाइडिंग और पैरासेलिंग की एक्सपर्ट टीम से सर्वे के तौर पर ट्रायल करा चुके हैं. अब पर्यटकों को हवा में उडाने की तैयारी शुरू हो गयी है.

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में गैरसेंण को राजधानी बनाने के अभियान के तहत शनिवार को जूलूस निकाला. देहरादून के गांधी पार्क से शुरू हुई इस जूलूस में भारी संख्या में लोग पहुंचे. जूलूस में शामिल लोगों ने एक स्वर में गैरसेंण को राज्य की राजधानी बनाने की मांग की. जूलूस में शामिल लोगों ने कहा कि पदेश की जनता एक बार फिर सडकों पर है, इस बार वे गैरसेंण को स्थायी राजधानी बना कर ही मानेंगे.

अपने अटपटे और चटपटे बयानों को लेकर हमेशा चर्चाओं में रहने वाले पदेश सरकार के कद्दावर वन मंत्री हरक सिंह रावत ने ऋषिकेश में भरे मंच से एक ऐसा बयान दे दिया जिसका अब खुद उनके पास भी कोई जवाब नहीं है. हरक सिंह रावत ने कह दिया है कि राजनीति में कोई ईमानदार नहीं होता.

राजाजी पार्क की चैरासी कुटिया में मंच से भाषण देते हुए हरक सिंह रावत कुछ जोश में आ गए. उन्होंने कहा कि राजनीति में कोई ईमानदार नहीं होता. कोई नेता कहे कि वह ईमानदार है तो उससे बडा दुनिया के अन्दर कोई झूठ हो ही नहीं सकता.

हरक सिंह रावत ने कहा, चुनाव में पोस्टर लगता है, तो पैसा लगता है. गाडी जनसभाओं में पैसा लगता है ये कहां से आता है? उन्होंने कहा कि उन्होने छात्रसंघ से लेकर अब तक उन्होंने १८ चुनाव लड लिए हैं, लेकिन पैसा कहां से आया?

हरक सिंह रावत ने कहा, सिपाही का बेटा हुए. मेरे पिताजी फौज से पैसा छापने की मशीन तो लाए नहीं थे. कहां से आया पैसा? समाज ने दिया. हरक सिंह ने कहा कि ऐसे में तो उहें कुछ भी बोलना बंद करना पडेगा. साथ ही कहा कि यह बात उन्होंने अपने संदर्भ में कही थी कि समाज ने उन्हें राजनीति करने के लिए पैसा दिया.

देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर ५ दिनों तक वायु सेना ने दो लडाकू विमान उतारकर सफल सैन्य अभ्यास किया. अभ्यास पूरा होने के बाद सोमवार को ही दोनों विमान वापस लौट गए.
जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर कुछ से दिनों से दो सुखोई लडाकू विमान अभ्यास कर रहे थे आज अभ्यास पूरा होने के बाद दोनों विमान वापस लौट गए. तीन दिनों तक विमान हवा में ही घूमते नजर आए लेकिन कल दोनों विमानों को एयरपोर्ट पर सफल लैंडिंग कराई और आज दोनों ने यहां से टेकऑफ किया.
लडाकू विमानों को देखकर तरह की अटकलें लगाई जा रही थी लेकिन आज जब एयरपोर्ट के निदेशक विनोद शर्मा से बात की गई तो साफ हो गया कि ये एक सैन्य अभ्यास का हिस्सा था निदेशक विनोद शर्मा ने बताया कि वायु सेना द्वारा ५ दिनों तक सैन्य अभ्यास किया गया जो सफल रहा. शर्मा ने बताया कि यहां पर लडाकू विमान उतारने का कारण यह था कि एयरपोर्ट का रनवे किस तरह का है. भविष्य में यहां पर इमरजेंसी लैंडिंग कराई जा सकती है या नहीं. उन्होंने बताया कि यह एक वायु सेना का सैन्य अभ्यास था जो सफल रहा.

अस्पताल और डॉक्टरों को धरती पर भगवान और जीवन देने वाला माना जाता है लेकिन धर्मनगरी कही जाने वाले हरिद्वार सरकारी डॉक्टर सिर्फ उनके लिए भगवान हैं जिनकी जेब में पैसे होते हैं और जो लावारिस हैं यहां उन्हें मौत ही मिलती है. हरिद्वार के जिला चिकित्सालय से मिले आंकडों के अनुसार यहां ३ साल में लाए गए लावारिस मरीजों में से एक भी जिंदा नहीं लौटा है. अस्पताल में भर्ती लावारिस मरीजों को न उन्हें दवा अच्छी मिल रही है और न ही भोजन.
जिले के सबसे बडी सरकारी अस्पताल पर हर साल करोडों रुपये खर्च किए जाते हैं लेकिन यहां आने वाले लावारिस मरीजों के लिए यह अस्पताल मौत का दरवाजा बन गया है. एक आरटीआई से पता चला है कि तीन साल में भर्ती किए गए २०२ मरीजों में से एक भी जिंदा नहीं बच पाया है.
आरटीआई के जवाब में हर मिलाप मिशन, जिला चिकित्सालय, हरिद्वार के लोक सूचना अधिकारी डॉक्टर राम पकाश ने बताया है कि जनवरी, २०१४ से २८ नवंबर, २०१४ तक ६७ लावारिस लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया. इनमें से एक भी व्यक्ति ठीक नहीं हुआ और सबकी मौत हो गई. जनवरी, २०१५ से २८ नवंबर, २०१५ तक अस्पताल में भर्ती ९६ लावारिस मरीजों की भी अस्पताल में मौत हो गई. जनवरी, २०१६ से २८ नवंबर, २०१६ तक ८७ लावारिस लोगों को भर्ती करवाया गया और इनमें से भी कोई नहीं बचा. जनवरी, २०१७ से २८ नवंबर, २०१७ तक ४८ लोगों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया और इनकी भी अस्पताल में मौत हो गई.
आरटीआई दायर करने वाले सचिन बेनीवाल कहते हैं कि अस्पताल में लावारिस मरीजों पर न तो ध्यान दिया जाता है और न ही उनको सही दवा दी जाती है. बेनीवाल आशंका जताते हैं कि अस्पताल से कोई ना कोई बडा गोरखधंधा संचालित हो रहा है जिसकी जांच होनी अब जरूरी है क्योंकि इन लावारिस मरीजों की मौत का कारण पूछने वाला कोई नहीं होता.
आरटीआई एक्टिविस्ट ही नहीं अस्पताल का हाल यहां भर्ती लावारिस मरीज भी कहते हैं कि यहां पर न तो इनको अच्छी दवा मिलती है और न ही खाना. अस्पताल के डॉक्टर बस इन्हें यहां से बाहर करने की सोचते हैं.

उत्तराखंड के किसानों की आय २०२२ तक किसानों की आय दोगुनी करने के सरकार के ड्रीम पोजेक्ट या मिशन में पशुपालन विभाग की भूमिका बेहद अहम है. लेकिन किसानों के लिए कई लाभदायक योजनाएं चलाने वाले विभाग के पास अपने खर्चों तक के लिए पैसा नहीं है. हालत इतनी खराब है कि विभाग के पास तो बिजली और पानी का बिल भरने तक के पैसे नहीं है.
पदेश में पशुपालन को बढावा देकर पलायन को रोकने की बातें तो बहुत होती हैं लेकिन जो सुविधाएं पशुपालकों को मिलनी चाहिए उससे वह महरूम हैं. पशुपालन विभाग के चिकित्सालयों के हालात इस बात की गवाही देते नजर आते हैं. किसानों और पशुपालकों को इन चिकित्साल्यों से दवाई जैसी आधारभूत सुविधा भी मुश्किल से मिल पाती हैं. आलम यह है कि राजधानी देहरादून में ही कई पशु चिकित्साल्य ऐसे हैं जो किसानों और पशुपालकों की कसौटी पर खरे नहीं उतरते.
चिंताजनक बात यह है कि विभाग किसानों की ही नहीं बल्कि खुद भी अपनी जरूरतों को पूरा करने में भी नाकाम है. बजट की कमी इस कदर है कि उनके पास बिजली और पानी के बिल देने तक के पैसे नहीं है. पदेश के १३ जिलों में करोडों रुपये की देनदारियां पशुपालन विभाग पर चढी हुई हैं. विभाग पर १,१५,४४,७७८ रुपये की देनदारी है.
विभाग पर बिजली के बिल के १६,७३,८४७ रुपये बकाया हैं तो पीने के पानी का बिल ११,४३,७०९ रुपये है. व्यवसायिक सेवाओं का बकाया ४१,३८,२२२ रुपये, सहायक अनुदान का बकाया १०,००,००० रुपये और सामग्री आपूर्ति करने वालों का ३५,८९,००० रुपये बकाया है. लेकिन पशुपालन मंत्री का दावा है कि इस समस्या के निवारण के लिए उनके पास एक दूरदर्शी सोच है. बिजली की आपूर्ति के लिए विभाग उरेडा से संफ में है…. विभाग की योजना वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों से बिजली पैदा कर उसे बेचने की है. योजना बहुत अच्छी है…. बेहद दूर की सोच है लेकिन पास की समस्याओं का हल फिलहाल मंत्री जी के पास नहीं है.

उत्तर पदेश की तर्ज पर जल्द हीहरिद्वार भी जल्द भगवा रंगरंगा नजर आएगा. उत्तराखंड केमुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हाल ही में इस बात की घोषणा की थी कि गंगा किनारे स्थित तमाम भवनों को भगवा रंग में रंगा जाएगा. जिसको लेकर हरिद्वार में कवायद भी शुरू हो गई है. हरिद्वारआने वाले पर्यटकों का कहना है कि इसे राजनीति से जोडकर नहीं देखा जाना चाहिए.
२०२१ में हरिद्वार में महाकुंभ लगने जा रहा है, जिसको लेकर सरकार ने कवायद शुरू कर दी है. इसी क्रम में इस बार हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं को हरिद्वार भगवा रंग में नजर आएगी. शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक का कहना है कि गंगा किनारे के तमाम घाटों घाटों पर स्थित भवनों को भगवा रंग में रंगा जाएगा.
उनका कहना है कि इस समय तो पूरा देश ही भगवा रंग में रंगा हुआ है. भगवा रंग देश की संस्कृति है तो इसमें किसी को क्या दिक्कत हो सकती .है पूर्व में भी एक बार इसी तरह की पहल की गई थी. जिसे काफी सराहा गया था.
मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद नगर निगम में इसे मूर्त रूप रूप देने में लग गया है. मेयर मनोज गर्ग का कहना है कि देश में ऐसे बहुत से शहर है जिन्हें एक रंग दे कर एकरूपता लाई गई है. इसी तरह हरिद्वार में भी भवनों को भगवा रंग देखकर एकरूपता लाने की तैयारी शुरू कर दी है.
सरकार की इस पहल की तीर्थ पुरोहितों ने भी पशंसा की है. पुरोहितों के अध्यक्ष उज्जवल पंडित का कहना है कि भगवा रंग अध्यात्म कारण है सूर्य का रंग भी भगवा है. यदि हरिद्वार भगवा रंग में नजर आती है तो इससे सौभाग्य की बात और कुछ नहीं हो सकता है.
हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि भगवा रंग राजनीतिक है, लेकिन हर की पैडी को लेकर इसे राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए. इससे हर की पैडी की सुंदरता और बढेगी, जो कहना है कि इसे राजनीतिक रंग से नहीं बल्कि धार्मिक रंग से देखा जाना चाहिए.

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