उत्तराखण्ड में प्रत्येक जनपद में थीम आधारित पर्यटन स्थल विकसित
27 Sep. 20: Himalayauk Newsportal & Print Media (Publish at Dehradun & Haridwar) Bureau Report : राज्य में प्रत्येक जनपद में थीम आधारित पर्यटन स्थल विकसित किये जा रहे हैं मुख्यमंत्री #विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर राजकीय महाविद्यालय नरेंद्रनगर द्वारा पर्यटन दिवस ‘पर्यटन एवं ग्रामीण विकास‘ की थीम पर आयोजित #
देहरादून 27 सितम्बर, 2020 (सू.ब्यूरो) मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर पर्यटन विभाग द्वारा वेबनार के माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में कहा कि उत्तराखण्ड में पर्यटन तेजी से बढ़ा है। राज्य में धार्मिक एवं अन्य पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। कोविड के कारण पर्यटन गतिविधियों में जरूर कमी आई है, लेकिन स्थिति सामान्य होने पर पर्यटन की स्थिति में तेजी से सुधार होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में प्रत्येक जनपद में थीम आधारित पर्यटन स्थल विकसित किये जा रहे हैं। उत्तराखण्ड में पर्यटन एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें रोजगार की बहुत संभावनाएं हैं।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड विभिन्न जैव विविधताओं वाला राज्य है। बर्फ से ढ़की पर्वत श्रृंखलाएं, बुग्याल, विभिन्न प्रकार के जीव -जन्तु एवं अच्छा मानव संसाधन देवभूमि उत्तराखण्ड की ओर पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करता है। उत्तरकाशी जनपद में स्नो लेपर्ड पार्क बनाया जा रहा है। उत्तराखण्ड में पर्यटन पर आधारित गतिविधियां पूरे साल हो, इसके लिए सरकार द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं। क्याकिंग, राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग जैसी गतिविधियों के लिए उत्तराखण्ड में अनुकूल वातावरण है। सीमान्त क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य में होमस्टे को बढ़ावा दिया जा रहा है। अभी 2200 से अधिक होम स्टे रजिस्टर्ड हो चुके हैं। अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, पौड़ी में काफी अच्छे होम स्टे बनाये गये हैं। होम स्टे के प्रति लोगों का रूझान भी बढ़ा है। होम स्टे पर्यटकों को आकर्षित तो करता ही है साथ ही यहां के लोगों के लिए रोजगार के भी अच्छे अवसर उपलब्ध करा रहा है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड आगमन के लिए अब पर्यटकों के लिए अच्छी सुविधा है। सर्दियों के समय उत्तराखण्ड का प्राकृतिक एवं नैसर्गिक सौन्दर्य पर्यटकों को यहां आने के लिए प्रेरित करता है। अब उत्तराखण्ड में आवागमन के लिए अनेक साधन हैं।
पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र का उत्तराखण्ड की जीडीपी में अहम योगदान रहा है। हम पर्यावरण हित पर्यटन की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। पर्यटन एवं तीर्थाटन के माध्यम से स्थानीय लोगों की आजीविका बढ़ाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। हमारा प्रयास आपदा को अवसर में बदलने का है। विश्व पर्यटन की इस वर्ष की थीम ‘पर्यटन और ग्रामीण विकास है’। ग्रामीण विकास के साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। आने वाले दिनों में हमारे समग्र प्रयास से फिर उत्तराखण्ड की तस्वीर बदलेगी, पर्यटन गतिविधियों से लोगों की आजीविका में सुधार होगा।
इस अवसर पर सचिव पर्यटन श्री दिलीप जावलकर, वेबनार के माध्यम से जुड़े प्रसिद्ध फिल्मकार श्री प्रसून जोशी, श्रीमती मनीषा पाण्डे, डॉ. शिवम मणि, श्री मनदीप सिंह, श्री धनुष सिंह एवं पर्यटन गतिविधियों से जुड़े जानकारों ने अपने सुझाव दिये।
वही दूसरी ओर
विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर राजकीय महाविद्यालय नरेंद्रनगर द्वारा पर्यटन दिवस ‘पर्यटन एवं ग्रामीण विकास‘ की थीम पर आयोजित किया गया। विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर पर्यटन एवं ग्रामीण विकास विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पैराग्लाइडिंग के क्षेत्र में लिमका बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड से सम्मानित उड़न परी एवं माउण्टेन गर्ल शिवानी गुसाईं एवम विश्वविख्यात उत्तराखण्ड के यंगेस्ट एवरेस्ट क्लाइंबर श्री अरविंद रतूड़ी एवम विशिष्ट अतिथि नैनीताल एडवेंचर क्लब के सदस्यडॉ0 विक्रमवीर, अ0प्रो0 राजकीय महाविद्यालय रुद्रप्रयाग थे।
इस अवसर पर शिवानी गुसाईं ने कहा कि उत्तराखण्ड में ग्रामीण पर्यटन में अनेकों अवसर उपलब्ध हैं। युवाओं को प्रशिक्षित किये जाने की आवश्यकता है। श्री अरविंद साहसिक खेलों के लिए उत्तराखन्ड के अनेक स्थलों को श्रेष्ठ एवं उपयुक्त बताते हैं। अरविंद रतूड़ी ने अपने संबोंधन में कहा कि गाॅंवो का विकास गाॅंवों में रहकर ही किया जा सकता है और पर्यटन गाॅंवो की आर्थिकी का मजबूत आधार है। साथ ही युवाओं को प्रशिक्षण एंव कौशल विकास प्रदान किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने टिहरी झील से रोपवे एवं टिहरी झील से सटे प्रतापनगर क्षेत्र में ट्रैकिंग, पैराग्लाइडिंग, बागवानी, फलोद्यान एवं फल संरक्षण एवं प्रतापनगर क्षेत्र में पोखरा नेपाल की तर्ज पर पैराग्लाइडिंग की संभावनाओं को उजागर किया।
वहीं डॉ0 विक्रम वीर ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि साहसिक पर्यटन एक प्रक्रिया है जिस हेतु विकास के सौपानों को पर्यटन की दृष्टि से चिन्हित किया जाना आवश्यक है जिसके केन्द्र में सक्षम पर्यावरण नीति केा होना आवश्यक है। उनका मानना है कि साहसिक पर्यटन में पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन आवश्यक है और सभी पर्यटकों को पर्यावरण संरक्षित पर्यटन की प्रति जागरूक करना संस्थानों की अहम भूमिका में शामिल है।डाॅ0 विक्रमवीर ने कहा कि सभी को माउंटेन तौर तरीकों को जानना और समझना आवश्यक है। कार्यक्रम के संरक्षक प्राचार्य प्रो0 अशोक नेगी ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण के दौर में ग्रामीण पर्यटन की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है और उत्तराखंड में गांव चलो अभियान को बल मिला है।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्तर पर फोटो प्रतियोगिता जो कि नेचर नेस्टोलजिया थीम पर एवं पोस्टर प्रतियोगिता ‘रूरल रिट्रिट रेन्दव्यू थीम पर रखी गई थी, का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम के संयोजक डॉ0 विजय भट्ट ने बताया कि फोटो एवं पेंटिंग प्रतियोगिता में देश के कोनो से प्रतिभाग किया गया। पोस्टर प्रतियोगितामें प्रथम स्थान अखिलेश भंडारी, द्वितिय बबीता एवं तृतीय सुमित सिंह ने प्राप्त किया। मोबाइल फोटो प्रतियोगिता में प्रथम सुमित, द्वितीय अखिलेश एवं तृतीय आशीष कुमार ने प्राप्त किया। विजेता प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र एवं प्रोत्साहन धनराशी प्रदान की जाएगी। कार्यक्रम का संचालन आयोजन सचिव पर्यटन विभागाध्यक्ष डॉ0 संजय महर ने किया। इस अवसर पर आयोजन छात्र सचिव सुमित एवं रोहित ने पर्यटन एवं ग्रामीण विकास विषय पर अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर डॉ0 विक्रम बर्तवाल, डाॅ0 सृचना, विजेंद्र बिष्ट, गंगा सिंह रागड़, चंदन, रागिनी, सोनी अखिलेश, मनीषा आदि उपस्थित थे।
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