संभावना- नवंबर तक वैक्सीनेटेड लोग मास्क फ्री, 4 नवंबर वैक्सीनेटेड लोगों की दिवाली मास्क फ्री ?
18 May 2021: Himalayauk.org (Newsportal & Print Media Presents :High Light# अमेरिका की 37% आबादी पूरी तरह वैक्सीनेट हो चुकी है# भारत में अभी केवल 3% आबादी पूरी तरह से वैक्सीनेट हुई # अमेरिका की 47% और भारत की लगभग 11% आबादी को वैक्सीन का एक डोज लग चुका # वैक्सीन की कमी ने टीकाकरण की रफ्तार पर ब्रेक : ये औसत बना रहा तो 51 करोड़ लोगों की पूरी तरह वैक्सीनेट करने में 21 महीने और लगेंगे # भारत में 16 मई को लगभग 7 लाख लोगों को वैक्सीन लगी है # इसी स्पीड से वैक्सीनेशन चलता रहा तो 51 करोड़ लोगों को टीका लगाने के लिए 3 साल से ज्यादा का समय लग जाएगा # वैक्सीनेशन के लिहाज से मई का महीना अब तक काफी खराब गुजरा # इजराइल दुनिया का पहला देश है जहां उसने अपनी 80 फीसदी आबादी को कोरोना वायरस वैक्सीन लगा दी थी # नवंबर तक वैक्सीनेटेड लोग मास्क फ्री हो जाएंगे। वैसे भी इस बार दिवाली 4 नवंबर को है। यानी, वैक्सीनेटेड लोगों की दिवाली मास्क फ्री हो सकती है।
अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने कहा है कि अमेरिका में जिन लोगों ने वैक्सीन की दोनों डोज लगवा ली हैं, उन्हें मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने की जरूरत नहीं है। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी मीडिया के सामने बिना मास्क नजर आए। बाइडेन ने इस दिन को मील का पत्थर बताते हुए कहा कि अमेरिका ने जिस तेजी से वैक्सीनेशन किया है, ये उसी का नतीजा है।
भारत सरकार अगस्त से दिसंबर के बीच 216 करोड़ वैक्सीन डोज लाने की बात कर रही है। अगर देश में वैक्सीनेशन ने उम्मीद के मुताबिक रफ्तार पकड़ी तो दिवाली तक हमारे यहां भी वैक्सीनेटेड लोगों को इस तरह की छूट दी सकती है।
अमेरिका और भारत की तुलना करें तो 16 मई तक जहां अमेरिका में 27 करोड़ लोगों को टीका लग चुका है वहीं भारत में ये आंकड़ा 18 करोड़ के आसपास ही है। इसी आंकड़े को आबादी के हिसाब से देखा जाए तो अमेरिका की 47% और भारत की लगभग 11% आबादी को वैक्सीन का एक डोज लग चुका है। अमेरिका की 37% आबादी पूरी तरह वैक्सीनेट हो चुकी है। वहीं, भारत में अभी केवल 3% आबादी पूरी तरह से वैक्सीनेट हुई है। भारत को 37% आबादी को वैक्सीनेट करने के लिए 51 करोड़ लोगों को पूरी तरह वैक्सीनेट करना होगा।
CDC की नई गाइडलाइन के मुताबिक अगर आपने वैक्सीन के दोनों डोज लगवा लिए हैं तो आपको मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग अपनाने की कोई जरूरत नहीं है। US के अलग-अलग हिस्सों में यात्रा करने पर आपको कोरोना का टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है। आप किसी कोरोना संक्रमित के संपर्क में आए लेकिन आपको कोई लक्षण नहीं हैं, तो टेस्ट कराने की कोई जरूरत नहीं है।
महामारी से पहले की तरह आप जिस तरह रोजाना के कामकाज करते थे, वैसे ही सब फिर से कर सकते हैं। यानी सार्वजनिक स्थानों पर साथ बैठना, मिलना-जुलना बिना किसी सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के किया जा सकता है।
भारत में अब तक 18 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन लग चुकी हैं। यानी, 120 दिन से चल रहे इस अभियान में औसतन 15 लाख वैक्सीन डोज रोज लगाई गई। यानी, अगर ये औसत बना रहा तो 51 करोड़ लोगों की पूरी तरह वैक्सीनेट करने में 21 महीने और लगेंगे। लेकिन वैक्सीन की कमी ने फिलहाल टीकाकरण की रफ्तार पर ब्रेक लगा रखा है।
व्हाइट हाउस में मीडिया को बिना मास्क संबोधित करते राष्ट्रपति बाइडेन। इसी संबोधन में उन्होंने वैक्सीन के दोनों डोज लगवा चुके लोगों को मास्क नहीं पहनने की घोषणा भी की।
अमेरिका में पिछले कुछ हफ्तों से कोरोना के नए मामलों में कमी देखने को मिली है। इसके साथ ही एक्टिव केस और मौतों में भी कमी आई है। फिलहाल हर दिन कोरोना के करीब 36 हजार नए केसेस आ रहे हैं, ये सितंबर के बाद सबसे कम हैं।
इसके साथ ही अमेरिका में वैक्सीनेशन भी तेज रफ्तार से हो रहा है। Our World in Data के मुताबिक अमेरिका की लगभग 47 प्रतिशत आबादी को वैक्सीन का कम से कम एक डोज मिल गया है और करीब 37 प्रतिशत आबादी पूरी तरह वैक्सीनेट हो गई है। अमेरिका में 12 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है। CDC के इस कदम को इन सभी कारणों से जोड़कर देखा जा रहा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि जिन लोगों ने वैक्सीन की दोनों डोज लगवा ली हैं ये उन लोगों को सरकार की तरफ से गिफ्ट है। इससे और लोग वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित होंगे ताकि मास्क के झंझट से छुटकारा मिले।
वैक्सीनेशन के लिहाज से मई का महीना अब तक काफी खराब गुजरा
वैक्सीनेशन के लिहाज से मई का महीना अब तक काफी खराब गुजरा है। वैक्सीनेशन की रफ्तार लगातार घट रही है, लेकिन अगले महीने से इसकी रफ्तार बढ़ने की उम्मीद है। रूसी वैक्सीन स्पुतनिक वी को लगाने की शुरुआत 14 मई से हैदराबाद में हो गई। अगले एक दो हफ्ते में इसकी डोज बड़े पैमाने पर मिलने के आसार हैं।
सरकार ने अगस्त से दिसंबर के बीच भारतीय वैक्सीन कोवैक्सिन के 55 करोड़ डोज के प्रोडक्शन की बात कही है। कोवैक्सिन का प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए भारतीय कंपनी भारत बायोटेक के साथ ही तीन सरकारी कंपनियों को भारत बायोटेक से टेक्नोलॉजी लेकर इसके प्रोडक्शन में लगाने की तैयारी है।
अगर ऐसा होता है तो जून से वैक्सीनेशन की रफ्तार फिर से बढ़ सकती है। सरकार के कहे अनुसार अगर अगस्त से कुछ और कंपनियों की वैक्सीन देश में मिलने लगी तो ये रफ्तार काफी ज्यादा बढ़ जाएगी। अप्रैल में एक दिन में 43 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई गई थी। यानी, हमारा इन्फ्रास्ट्रक्चर ऐसा है कि हम एक दिन में 50 लाख लोगों को आसानी से वैक्सीन लगा सकते हैं। अगर सब कुछ उम्मीद के मुताबिक हुआ तो अक्टूबर तक देश की 37% से ज्यादा आबादी पूरी तरह वैक्सीनेटेड होगी। यानी, वैक्सीनेटेड लोगों की दिवाली बिना मास्क वाली हो सकती है।
ब्रोकरेज फर्म यश सिक्योरिटीज के मुताबिक नवंबर तक देश की 40% आबादी पूरी तरह वैक्सीनेटेड होगी। यानी, अगर CDC की गाइडलाइन्स का भारत में पालन हुआ तो नवंबर तक वैक्सीनेटेड लोग मास्क फ्री हो जाएंगे। वैसे भी इस बार दिवाली 4 नवंबर को है। यानी, वैक्सीनेटेड लोगों की दिवाली मास्क फ्री हो सकती है।
ब्रोकरेज फर्म यश सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी तक देश की 60 से 70% आबादी पूरी तरह वैक्सीनेटेड हो जाएगी। इस वक्त तक भारत हर्ड इम्यूनिटी को अचीव कर लेगा। इसके बाद लोगों को मास्क नहीं लगाने की पूरी तरह छूट मिल सकती है।
मास्क कब और कहां पहनना होगा
आपको वैक्सीन के दोनों डोज नहीं लगे हैं। वैक्सीन के दूसरे डोज को लगे 2 हफ्ते पूरे नहीं हुए हैं। यात्रा करते समय प्लेन, बस, ट्रेन और दूसरे पब्लिक ट्रांसपोर्ट के साधनों का इस्तेमाल करते हुए मास्क पहनना होगा। हॉस्पिटल जाते समय, अनाथालयों, आश्रमों में रह रहे लोगों को और जेलों में बंंद कैदियों को अभी भी मास्क पहनने की सलाह दी गई है। स्थानीय जगहों के नियमों के मुताबिक अगर मास्क पहनना जरूरी है तो आपको पहनना होगा। यानी अमेरिका के किसी राज्य, शहर, रेस्त्रां या ऑफिस में मास्क पहनना जरूरी है तो आपको मास्क पहनना होगा। किसी कोरोना संक्रमित के संपर्क में आने के बाद अगर आपमें भी कोरोना के लक्षण हैं तो मास्क पहनना होगा और टेस्ट भी कराना होगा। गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों या कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को अपने डॉक्टर की सलाह पर मास्क पहनना होगा।
कोरोना इंसानों के लिए ही नहीं बल्कि उनके संपर्क में आने वाले जानवरों के लिए भी मुसीबत
कोरोना इंसानों के लिए ही नहीं बल्कि उनके संपर्क में आने वाले जानवरों के लिए भी मुसीबत बन सकता है। जी हां, कोरोना संक्रमित इंसानों से जानवरों को भी कोरोना हो सकता है। इनमें घरों के भीतर रहने वाले कुत्ते और बिल्ली जैसे पालतू जानवरों के अलावा जंगली जानवर भी शामिल हैं। उत्तर प्रदेश के बरेली में मौजूद भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) के वैज्ञानिकों का कहना है कि इनमें से ज्यादातर जानवर घरों के भीतर, जू या वाइल्ड सेंचुरी में संक्रमित इंसानों के करीब आने से ही कोरोना से इन्फेक्टेड होते हैं। IVRI के वैज्ञानिकों ने इस संबंध में एक एडवाइजरी भी जारी की है। इसमें खासतौर पर घरों के भीतर पालतू जानवरों को लेकर सुझाव दिए गए हैं। सीनियर साइंटिस्ट एएम पावडे़ का कहना है कि पालतू जानवरों को भी परिवार का सदस्य मानकर उन्हें कोरोना से बचाना चाहिए।
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