5 साल तक चुनाव नही लड पायेगे 10 बागी ? जनचर्चा
इस बार चौबटाखाल मे होगा महासंग्राम
जनचर्चा के अनुसार- बागी विधायकों को किसी भी पार्टी से पांच वर्ष तक विधानसभा चुनाव लडने की अनुमति नही दी जा सकती, क्योंकि अदालत से गयी है विधानसभा सदस्यता- वही अमृता रावत दलबदलू कानून के अंतर्गत अा गयी हैं उनको किसी भी दल से पांच वर्ष तक किसी भी पार्टी का टिकट नही मिल् सकता; www.himalayauk.org (Newsportal)
डॉ. बिहारीलाल जलन्धरी
चौबटाखाल विधान सभा मे इस बार महासंग्राम होने जा रहा है। विश्वस्त सूत्रों से जानकारी मिली है कि चौबटाखाल से पलायन करने वाला अध्यात्मिक ब्यवसायी परिवार की गुरूमता दुबारा फिर कांग्रेश छोड़कर बीजे पी से टिकट लेकर चुनाव मैदान मे अा रही है इस खबर पर्बिधानसभा के वर्तमान विधायक और पूरब बी जे पी अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत की शाख दांव पर् लग गयी है उधर कांग्रेश के पूर्ब प्रत्याशी राजपाल बिष्ट की जगह पूर्ब विधायक और वर्तमान पौड़ी नगरपालिका के अध्यक्ष यशपाल बेनाम को टिकट देने के लिए हरदा अपना पूरा मऩ बनाचुके हैं। उनका कहना है कि उनको हाई कमानसे फ्री हैंड मिल् चुका है जिनको पहले टिकट दिया जा चुका है उनकी जगह अब दूसरे प्रत्याशी को टिकट दिया जाएगा।
दूसरी ओर उत्तराखंड जनता संघर्ष मोर्चा के उपाध्यक्ष विनोद नेगी क्षेत्रीय प्रतिनिधि की बात कर रहे हैं उनका मानना है कि अमृता रावत दलबदलू कानून के अंतर्गत अा गयी हैं उनको किसी भी दल से पांच वर्ष तक किसी भी पार्टी का टिकट नही मिल् सकता, वे बी जे पी से टिकट की मांग कर रहे हैं। उत्तराखंड मे यदि महागठबंधन बऩता तो उत्तराखंड क्रांति दल के उम्मीदवार डा बिहारीलाल जलन्धरी उत्तराखंड राज्य के अन्दोलनकारी और शिक्षाविद को उनके कार्यों को मध्य रखते हुए अवश्य टिकट मिलेगा। डा जलन्धरी चौबटाखाल क्षेत्र के सभी समश्याओं के समाधान के लिएकाम कर रहे हैं। इसके साथ ही उत्तराखंड मे बी जे पी के संस्थापक सदश्य तीरथ सिंह रही बीजेपी छोड़कर उत्तराखंड क्रांति दल से टिकट की मांग कर रहे हैं तथा पोखड़ा ब्लॉक से जिला पंचायत का चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी सुबोद पोखरियाल भी उत्तराखंड क्रांति दल से टिकट की मांग कर रहे हैं इसके अलावा बास्पा, सपा वकई दलों के प्रत्याशी और निर्दलीय लाइन मे लगे हैं। सभी अपनी अपनी बात कर क्षेत्र विकास की बात कर रहे हैं।अब हाथी किस करबट बैठता है उत्तराखंड की स्थापना के बाद उत्तराखंड की राजनीति पर् राष्ट्रीय पार्टियों का कब्ज़ा रहा है और अपनी सरकार बनाने लिए दोनो पार्टियों द्वारा करोड़ो रुपये मे विधायकों की खरीद फरोख्त, अपने निजी स्वार्थ शिद्ध करने के लिए दलबदल,माफिया तंत्र का हावी होना, इस सभी गतिविधियों को देखकर उत्तराखंड की जनता इन राष्ट्रीय पार्टियों सेअब ऊब चुकी है जिन अन्दोलनकारियों ने उत्तराखंड राज्य बनाने के लिए सहादत दी उनको भी एकबार अवसर देणे का मऩ बना चुकी है। उत्तराखंड मे सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस के चौबटाखाल विधानसभा के पूर्ब प्र्याशी राजपाल सिंह बिष्ट को टिकट मिलता है या हरदा उनकी विदायी करते हैं उत्तराखंड मे सरकार बना चुकी बीजेपी से कांग्रेस छोड़ अायी गुरु माता को टिकट मिलता है कि वर्तमान विधायक तीरथ सिंह रावत की विदायी होती है विनोद नेगी को किकेट मिलता है कि वे बी जे पी के खिलाफ बागी उम्मीदवार बनते हैं।राजपाल बिष्ट की जगह यशपाल बेनाम को हरदा द्वारा टिकट देना एक चमतकार ही होगा क्यूंकि पूर्ब विधायक और वर्तमान मे पौड़ी नगरपालिका के अध्यक्ष यशपाल बेनाम सतपाल महाराज के नजदीकी बताये जाते थे उनके चौबटाखाल विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ने पर् अध्यात्मिक ब्यवसायी परिवार की गुरु माता चौबटाखाल छोड़कर रामनगर से चुनाव लड़ी ओर जीती थी। अब उनका मऩ रामनगर की जनता व कांग्रेश से भरचुका है सतपाल महाराज का कुर्शी की लड़ाई के खातिर बी जे पी मे जाना एक महानता मानी जा सकती है इस संदर्भ मे बीजेपी से अध्यात्मिक ब्यवसायी परिवार की उम्मीदवार गुरु माता को चौबटाखाल विधानसभा की सीट तोफे मे मिल् टिकट मिल् सकता है।सतपाल महाराज कुर्सी की लड़ाई मे उलझे रहे यदि वे बीजेपी मे अाये हैं तो उन्हें बीजेपी द्वारा उत्तराखंड का २०१७ का मुख्य मंत्री के लिए प्रोजेक्ट करना चाहिए। महाराज जी के करोड़ो सिपासलर हैं इस समय महाराज ही उत्तराखंड मे बीजेपी की नैया पार् लगा सकते हैं।इस बार चौबटाखाल विधानसभा सीट मे वाक्या मे घमासान होने जा रहा है राष्ट्रीय पार्टियों की प्रतिष्ठा दांव पर् लगी है एक को टिकट न मिलने पर् दूसरा अवश्य भितरघात करेगा। इस बार इस सीट के लिए अधिकांश सभी प्रवाशी भी लामबंद हो गए हैं वे इस सीट को उत्तराखंडके राज्य अन्दोलनकारी को दिलाना चाहते हैं व क्षेत्र की जनता भी बदलाव का मैन बना चुकी है अब देखना यह है कि भविष्य मे यह सीट किस की झोली मे जातीहै उत्तराखंड राज्य अन्दोलनकारी या फिर ……… ।