योगी आदित्यनाथ कर रहे है हर रोज 18 से 20 घंटे काम
योगी के खास बल्लू राय हर जगह नजर आते है योगी आदित्यनाथ जितने कड़क स्वभाव के जाने जाते हैं, बल्लू राय को उतना ही विनम्र और सौम्य स्वभाव HIMALAYA GAURAV UTTRAKHAND (www.himalayauk.org)
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रोज 18 से 20 घंटे कार्य करके राज्य सरकार के आला अधिकारियों को कठिन परिश्रम का साफ संदेश दे दिया है. अभी सरकार बने महीना भर नहीं हुआ है लेकिन राज्य की नौकरशाही को संभवत: समझ आ चुका है कि उन्हें देर रात भी तलब किया जा सकता है. मुख्यमंत्री बनते ही योगी ने साफ शब्दों में अधिकारियों को संकेत दिया था कि जो हर रोज 18 से 20 घंटे काम करने के लिए तैयार नहीं हैं, वे जाने के लिए स्वतंत्र हैं. कुछ नौकरशाहों का मानना है कि जल्द ही सरकार का कामकाज सामान्य हो जाएगा लेकिन जिन्हें इस वास्तविकता का अहसास है कि योगी स्वयं सुबह तीन बजे उठ जाते हैं. पूजा अर्चना करते हैं. योग करते हैं और फिर जनता से मुलाकात और सामान्य कामकाज शुरू होता है जो किसी भी सूरत में रात 11 बजे से पहले कभी नहीं खत्म होता.
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के खास लोगों में पहला नाम बल्लू राय का है। गोरक्षपीठ हो या सीएम हाउस ये शख्स योगी के साथ हर जगह नजर आत है। फोन कॉल रिसीव करने से लेकर लोगों को सीएम से मिलवाने और सीएम की हर छोटी-बड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिए ये एक्टिव रहता है।
उन्होंने बताया, सीएम योगी हमेशा लोगों को पहले समझाते हैं। न समझ पाने की स्थिति में ही नाराज होते हैं। वे किसी प्रकार की बेईमानी पसंद नहीं करते हैं। समय के बेहद पाबंद हैं। वे किसी तीसरे की पैरवी पसंद नहीं करते। आप सीधे उनसे मिलकर सटीक शब्दों में अपनी समस्या रखें, उसका वे मौके पर ही निदान करना पसंद करते हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी कार्यशैली और ताबड़तोड़ फैसलों को लेकर इन दिनों मीडिया की सुर्खियों में हैं। उन्होंने अपनी सरकार की पहली कैबिनेट मीटिंग में वादे के मुताबिक किसानों का कर्ज माफ कर सियासी जगत में बड़ी लकीर खींच दी है। इसके साथ ही भाजपा और गैर भाजपा शासित राज्यों में भी उनकी चर्चा हो रही है लेकिन इन चर्चाओं के बीच एक शख्स ऐसा भी है जो साए की तरह योगी आदित्यनाथ के साथ रहता है। उस शख्स को योगी आदित्यनाथ का दाहिना हाथ माना जाता है। कहा जाता है कि बिना उसकी अनुमति के कोई भी सीएम योगी आदित्यनाथ तक नहीं पहुंच सकता है। उस शख्स का नाम है बल्लू राय।
बल्लू राय का असली नाम उमेश सिंह है जो गोरखपुर जिले के पिपराइच विधानसभा क्षेत्र के सिरसिया गांव के रहने वाले हैं। वो 20 वर्षों से योगी आदित्यनाथ के साथ रह रहे हैं। वो गोरक्षपीठ से जुड़े हैं। उनके परिवार की तीन पीढ़ियां इस पीठ से जुड़ी रही हैं। उनके दादा स्वर्गीय राम नारायण सिंह गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर रहे दिग्विजयनाथ महाराज के सेवादार रह चुके हैं जबकि पिता विजय राय महंत अवैद्यनाथ के सेवादार रह चुके हैं। बल्लू राय के चाचा अयोध्या राय भी इस पीठ से लंबे समय से जुड़े रहे हैं। बल्लू 2004 से लगातार सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ हैं। योगी के मुंह से निकला एक-एक शब्द इनके लिए आदेश होता है।
कहा जाता है कि योगी आदित्यनाथ बल्लू की ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा, वक्त के पाबंद, विनम्र स्वभाव, मृदुभाषी आदि गुणों के कायल हो चुके हैं। योगी आदित्यनाथ जितने कड़क स्वभाव के जाने जाते हैं, बल्लू राय को उतना ही विनम्र और सौम्य स्वभाव का माना जाता है। इनके पिता भी योगी आदित्यनाथ के साथ काम कर चुके हैं। बल्लू राय में योगी आदित्यनाथ का चेहरा पढ़ लेने की ताकत है। तभी तो वो फोन रिसीव करने से लेकर लोगों को मुख्यमंत्री से मिलवाने तक और योगी आदित्यनाथ की हर छोटी-बड़ी जरूरतों का ख्याल रखते हैं। लोग कहते हैं कि अगर कभी योगी आदित्यनाथ को गुस्सा आ भी गया तो बल्लू तुरंत उसका अंदाजा लगा लेते हैं। अगर कभी योगी आदित्यनाथ ने किसी को गुस्से में कुछ कह भी दिया तो बल्लू उस शख्स को तुरंत समझाकर संतुष्ट कर देते हैं। बल्लू राय टीम योगी की मुख्य कड़ी हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे के युवाओं को रोजगार दिलाने के लिये मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना प्रारम्भ कराकर मौजूदा वित्तीय वर्ष में 25 हजार से अधिक स्वरोजगार उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने कल रात सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग के प्रस्तुतिकरण के समय इस आशय के निर्देश देते हुए कहा कि स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिये मौजूदा वित्तीय वर्ष में आवश्यकतानुसार धनराशि का प्रस्ताव पेश किया जाए। साथ ही मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना में 21 प्रतिशत अनुसूचित जाति/जनजाति लाभार्थियों को भी लाभ दिलाया जाए।
योगी ने कहा कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में रोजगार के कम से कम एक लाख 19 हजार अवसर पैदा करने के लिये प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, युवा स्वरोजगार योजना, निर्यात संवर्धन योजना, क्लस्टर विकास योजना, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना एवं तकनीकी उन्नयन/ब्याज उपादान योजना के तहत रोजगार सृजन की कार्रवाई प्राथमिकता से सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हस्तशिल्प विक्रेताओं को ई-कामर्स पोर्टल के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय बाजारों से जोड़ने के लिये आवश्यक कार्रवाई प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित करानी होगी।
योगी गोरखपुर से सांसद रह चुके हैं. मुख्यमंत्री बनने के बाद गोरखपुर गये तो कड़ा संदेश दिया, ‘‘सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में किसी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी. जो अधिकारी रोज 18 से 20 घंटे काम करने को तैयार हैं, सरकार में काम कर सकते हैं अन्यथा वे जाने के लिए स्वतंत्र हैं.’’ मुख्यमंत्री ने विभागों की समीक्षा शुरू कर दी और राज्य सरकार के विभागों की ओर से प्रस्तुतिकरण का दौर शुरू हुआ. योगी और उनके कैबिनेट सहयोगियों की विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक देर रात तक चलती है. एक दिन में चार से छह विभागों के कामकाज पर चर्चा होती है और ये चर्चा देर रात तक चलती है.
मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश में एसएमई वेन्चर कैपिटल फंड के लिये 200 करोड़ रुपये के कॉरपस फंड की स्थापना के सिलसिले में भी आवश्यक कार्रवाई प्राथमिकता से कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि आधुनिक जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केंद्रों को कार्पोरेट शक्ल और अंदाज दिया जाए। प्रदेश के शिल्पकारों द्वारा बनाई जाने वाली कलाकृतियों को बाजार उपलब्ध कराने के लिये विस्तृत कार्य योजना अगले एक माह में बनाकर पेश की जाए।
योगी ने विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत एक वर्ष में 6,375 इकाईयों की स्थापना कराकर 24,000 रोजगार सृजन कराने के भी निर्देश दिए। उन्होंने चिकन उद्योग को बढ़ावा देने के लिये विस्तृत कार्य योजना बनाए जाने के भी निर्देश दिए।
वहीं शिक्षा की ओर कदम उठाते हुए योगी ने उत्तर प्रदेश की सभी सरकारी स्कूलों में योग शिक्षा और योग अभ्यास को अनिवार्य कर दिया है। मुख्यमंत्री ने इस फैसले को लागू करने के लिए अधिकारियों को जरुरी निर्देश दे दिये हैं साथ ही स्कूलों में आवश्यक संसाधन मुहैया कराने को कहा है। योगी आदित्य नाथ योग के प्रबल समर्थक माने जाते हैं। इससे कुछ दिन पहले उन्होंने कहा था कि योग सभी को जोड़ने वाली और बंधुत्व बढ़ाने वाली क्रिया है।
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