देवभूमि के ‘पाताल लोक’ में नहीं कोई आपात काल
पिथौरागढ़ जिले के बेड़ीनाग तहसील स्थित पौराणिक एवं ऐतिहासिक धरोहर पाताल भुवनेश्वर में सरकारी तंत्र की अव्यवस्थाएं श्रद्धालुओं और पर्यटकों की जान पर भारी पड़ सकती हैं। पाताल भुवनेश्वर गुफा धार्मिक और पर्यटन की प्रमुख केंद्र है, लेकिन यहां आपातकालीन जैसी कोई सुविधा नहीं है। गुफा में आक्सीजन की कमी है। घुटन और घबराहट महसूस होने पर गुफा के अंदर तक मदद पहुंचाने का कोई जरिया और जीवन रक्षक दवाएं तक नहीं हैं।
पाताल भुवनेश्वर गुफा का पौराणिक इतिहास है। स्कंद पुराण में गुफा का उल्लेख है। किंवदंती है गुफा की खोज त्रेता युग में हुई। जगत गुरु शंकराचार्य समेत कई धर्मगुरु भी इस गुफा तक पहुंचे। गुफा के प्रवेश द्वार से पाताल लोक के लिए 84 सीढ़ियां हैं। सीढ़ियां सीधे जमीन के अंदर जाती हैं। सीढ़ियां खत्म होते ही गुफा के भीतर काफी बड़ा मैदान है।