2013 केदारनाथ आपदा ने देवभूमि का स्वर्ग कही जाने वाली फूलों की घाटी के सभी रास्ते बंद कर दिए थे। इन मार्गों पर ऐसी तबाही मची थी कि घाटी में सन्नाटा पसर गया था। अब तीन साल बाद एक बार फिर यह ‘स्वर्ग’ पर्यटकों से गुलजार हुआ है। सृष्टि के रचानाकार ब्रह्माजी का कमल कहा जाने वाला ’ब्रह्म कमल’ भी यहां मिलता है। अमर उजाला डॉट कॉम के संवाददाता ने फूलों की घाटी का हाल जाना। पेश है रिपोर्ट…
उत्तराखंड का राज्य पुष्प और पौराणिक मान्यताओं में भगवान ब्रह्मा जी का कमल कहा जाने वाला ‘ब्रह्म कमल’ फूलों की घाटी में खिलता है। जून 2013 की आपदा में रास्ते पूरी तरह तहस-नहस होने से वर्ष 2014 तक घाटी के द्वार नहीं खुले। पिछले वर्ष घाटी पर्यटकों के लिए खुली पर गिनती के ही पर्यटक वहां पहुंचे।