नौ छात्र छात्राओं को स्कूल में बंद कर घर को चले गया विद्यालय स्टाफ

20lalp1आधे घंटे तक जब रोते बिलखते रहे मासूम…www.himalayauk.org (UK Leading Newsportal)

सरकारी टीचरों की घोर लापरवाही का नमूना उजागर…॥॥ विद्यालय के दुमंजले से चीखने चिल्लाने की आवाज # स्कूल में मासूमों को कैद कर घर को चले गये टीचर….॥ बच्चों को रोता बिलखता देख काॅलोनी के निवासी वहां एकत्र हो गये#

मोहन जोशी,लालकुआं(नैनीताल)-राजकीय प्राथमिक विद्यालय बंगाली कालोनी में विद्यालय प्रबंधन द्वारा नौ छात्र छात्राओं को स्कूल में बंद कर घर को चले जाने का मामला सामने आया है। मुहल्ले के लोगों व अभिभावकों की शिकायत के बाद शिक्षा विभाग ने मामले की जांच शुरू कर दी है। इधर आधे घंटे तक स्कूल में बंद रहे बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल था। उक्त घटना से क्षेत्रवासियों में आक्रोश व्याप्त है।
राजकीय प्राथमिक विद्यालय बंगाली काॅलौनी के स्टाफ ने मंगलवार को लापरवाही की हद पार कर दी। जिससे विद्यालय में बंद नौ बच्चों पर जान की बन आई। हुआ यू कि दोपहर 12.30 बजे विद्यालय के स्टाप ने छुट्टी कर विद्यालय का मुख्य द्वार बंद कर दिया और सब अपने-अपने घरों को चले गये। छुट्टी हुए अभी आधा घंटा ही हुआ था कि विद्यालय के दुमंजले से चीखने चिल्लाने की आवाज आने लगी। बच्चों को रोता बिलखता देख नगीना काॅलोनी व बंगाली काॅलोनी के निवासी वहां एकत्र हो गये। इसी बीच किसी ने बताया कि कुछ ही दूरी पर भोजन माता रहती है। उसके पास विद्यालय की चाबी हो सकती है। अफरा-तफरी के बीच स्कूल के सामने किराना की दुकान चलाने वाले बालाजी ने अपने बेटे को भेजकर भोजन माता सरस्वती देवी को बुलाया उसके द्वारा ताला खोलने के बाद बच्चे स्कूल से घर को जा सके।
गंभीर लापरवाही से मुहल्ले के लोग बुधवार की सुबह आक्रोशित हो गये। उन्होने पत्रकारों को फोन कर स्कूल में बुलाया जहां अभिभावक व मुहल्ले के लोग उक्त लापरवाही को गंभीर अपराध बताते हुए विद्यालय स्टाफ के विरूद्ध कार्रवाई की मांग करने लगे। नगीना काॅलोनी निवासी रेहाना ने स्कूल स्टाफ को जमकर खरीखोटी सुनाते हुए उनके विरूद्ध कार्रवाई की मांग की। विद्यालय की प्रधानाचार्या अर्चना वर्मा का कहना है कि बच्चे महज 10 मिनट ही बंद रहे। जैसे ही उन्हें सूचना मिली स्कूल स्टाफ ने मौके पर पहुँचकर बच्चों का बाहर निकाल लिया। जबकि मुहल्ले के लोगों ने खुला आरोप लगाया कि बच्चें आधे घंटे से भी अधिक समय तक चीखते चिल्लाते रहे और उनका रो-रोकर बुरा हाल था। तब जाकर उन्होने भोजनमाता को बुलाकर ताला खुलवाया। स्कूल में बंद रहे बच्चों का कहना है कि वह दुमंजले में पढ़ रहे थे। छुट्टी का समय हो जाने के बाद भी जब कोई हलचल नही हुई तो उन्होने विद्यालय के मुख्य द्वार पर जाना चाहा तो दरवाजा बंद था। जिससे वह डर गये। तथा 20 मिनट तक रोते चिल्लाते रहे तब जाकर भोजनमाता ने विद्यालय आकर उन्हें बाहर निकाला। भोजनमाता सरस्वती का कहना था कि जैसे ही मुहल्ले के लोग उसे बुलाने आये उसने तुरन्त ही ताला खोलकर बच्चों को बाहर निकाल दिया।
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लालकुआं। मुख्य शिक्षा अधिकारी रघुनाथ लाल आर्य ने उक्त मामले को अत्यंत गंभीर बताते हुए कहा कि बच्चों को स्कूल में बंद करना गंभीर अपराध है। वह मामले की उच्च स्तरीय जांच कराकर सख्त कार्रवाई करेंगे। इधर उपजिलाधिकारी पंकज उपाध्याय ने 9 बच्चों को स्कूल के भीतर बंद कर विद्यालय स्टाफ के घर चले जाने की घटना पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि इस गंभीर मामले में वह खंड शिक्षा अधिकारी से वार्ता कर पूरे घटनाक्रम का संज्ञान लेगें जो बच्चे विद्यालय के भीतर बंद हुए थे। यदि उनके अभिभावक प्रार्थना पत्र देगें तो विद्यालय स्टाफ के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई भी की जायेगी

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