एबीपी न्यूज-लोकनीति-सीएसडीएस सर्वे; बीजेपी अकेले दम पर बहुमत नहीं ला पाएगी
साभार- एबीपी न्यूज-लोकनीति-सीएसडीएस ने सर्वे # बीजेपी अकेले दम पर बहुमत नहीं ला पाएगी उसे सहयोगियों की जरूरत पड़ेगी.#बीजेपी को 2019 में पूर्ण बहुमत हासिल नहीं होगा; ज्योतिषो की राय- #हिमालयायूके न्यूज पोर्टल www.himalayauk.org
2014 लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत के साथ सत्ता के शिखर पहुंची नरेंद्र मोदी सरकार अपने कार्यकाल के आखिरी दौर में पहुंच चुकी है. यानि मोदी सरकार के चार साल पूरे होने जा रहे हैं और इसके साथ ही 2019 के लिए उल्टी गिनती भी शुरू हो गई है. गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद कर्नाटक में चल रहे घटनाक्रम पर ध्यान दें तो स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि इस वक्त देश की जनता सियासी संग्राम की साक्षी बनी हुई है. पूरे देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बनाम साझा विपक्ष हो रहा है. कर्नाटक के नये किंग कुमारस्वामी के शपथग्रहण समारोह की तस्वीर 2019 की इसी रूप में खाका खींच रही थी. कांग्रेस और बीजेपी के बीच राजनीतिक तलवारें खिंची हुई हैं. दोनों दलों के धुरंधर अपने तरकश से हर वो तीर छोड़ रहे हैं जिससे विपक्षी धड़े को चित किया जा सके. भारतीय राजनीति की दिशा तय करने वाली ताकतवर ईकाई ‘जनता’ क्या सोच रही है? इसकी नब्ज को टटोलने के लिए एबीपी न्यूज-लोकनीति-सीएसडीएस ने सर्वे किया है.
एक तरफ जहां मोदी सरकार ये दावा कर रही है कि 2019 में एक बार फिर वह सरकार बनाएगी तो वहीं कल कर्नाटक से आई तस्वीर विपक्षी राजनीति की एक अलग कहानी कर रही है. हालांकि मौजूदा वक्त में मोदी सरकार और विपक्ष दोनों के सामने चुनौतियां कम नहीं है. साझा विपक्ष का नेता है तो वहीं केंद्र सरकार पर रोजगार और बढ़ते तेल की कीमतों को लेकर निशाने पर हैं. उत्तर भारत की 151 सीटों की बात करें तो अभी चुनाव हों तो एनडीए को भारी नुकसान होने की आशंका है. एनडीए को 86 से 94 सीटें मिल सकती हैं जबकि 2014 में उत्तर भारत में एनडीए को 134 सीटें मिली थीं. अगर अभी चुनाव हों तो यूपीए को 23 से 27 सीटें मिल सकती हैं जबकि साल 2014 के चुनावों में यूपीए को सिर्फ 8 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. यानी इस लिहाज से देखा जाए तो यूपीए को भारी फायदा होता हुआ दिख रहा है. 2018 मई यानी अभी चुनाव हों तो और अन्य को 33 से 39 सीटें मिलने का अनुमान है. जबकि साल 2014 के चुनावों में अन्य को 9 सीटें मिली थीं. इन अन्य में समाजवादी पार्टी की सीटों की संख्या अच्छी खासी बढ़ने का अनुमान है.
उत्तर भारत में विपक्ष के एकजुट होने के असर एनडीए के प्रदर्शन पर साफ नजर आ रहा है. उत्तर भारत में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली राज्य आते हैं और विपक्षी पार्टियों की एकता का असर ये देखा जा रहा है कि यूपीए की सीटों में भी अच्छा खासा इजाफा देखा जा रहा है और अन्य की सीटें भी बढ़ रही हैं.
दक्षिण भारत में एनडीए को झटका
एबीपी न्यूज़ के सर्वे के मुताबिक दक्षिण भारत के छह राज्यों की 132 लोकसभा सीटों पर एनडीए को बड़ा झकटा लगता नजर आ रहा है. दक्षिण की 132 सीटों पर अगर अभी चुनाव हों तो एनडीए के हिस्से 18 से 22, यूपीए के हिस्से 65 से 75 और अन्य के हिस्से 38 से 44 सीट जाने का अनुमान है. 2014 के आंकड़ों की बात करें तो एनडीए को 23, यूपीए को 21 और अन्य को 88 सीट मिलीं थीं.
एबीपी न्यूज लोकनीति-सीएसडीएस सर्वे के मुताबिक पश्चिम और मध्य भारत में बीजेपी गठबंधन को 48 फीसदी वोट शेयर मिल रहे हैं. वहीं कांग्रेस बढ़त बनाते हुए 43 फीसदी वोट शेयर हासिल कर सकती है. अन्य के खाते में नौ फीसदी वोट शेयर जाते नजर आ रहे हैं.
बीजेपी को 2019 में पूर्ण बहुमत हासिल नहीं होगा; ज्योतिषो की राय-
देश का मीडिया चाहे यह दावा कर रहा है कि 2019 के आम चुनावों में भाजपा को सफलता प्राप्त होगी परन्तु गोचर में शनि जनवरी 2021 तक धनु राशि में चलेगा तथा उसकी दृष्टि चौथे भाव में प्लूटो पर पड़ेगी, जिस कारण 2019 के चुनावों तक भाजपा का जनसमर्थन काफी कम हो जाएगा। भाजपा अगर धार्मिक मुद्दों को उठाएगी तो उसका दाव उलटा हानिकारक होगा। अगले लोकसभा चुनाव 2019 में केन्द्र में किसकी सरकार बनेगी, इसे लेकर सियासी पटल पर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। ज्योतिषी भी इस संबंध में भविष्यवाणियां करने में पीछे नहीं हैं। कनाडा के ज्योतिषी प्रो. पवन कुमार शर्मा के अनुसार भाजपा को इस समय सूर्य महादशा में शुक्र की अन्तर्दशा चल रही है, जो 19 जून 2018 तक रहेगी। शुक्र पर नीच राशि के चंद्रमा, नैप्च्यून, यूरेनस तथा शनि की दृष्टि है। कुल मिलाकर शुक्र भाजपा की लगन, नवमाश व दशमांश कुंडली में अशुभ ग्रहों से दृष्ट है। शुक्र की अन्तर्दशा में भाजपा को विफलता, आलोचना, आरोपों व हानि के सिवाय कुछ नहीं मिलेगा। भाजपा पर कई प्रकार के आरोप लगेंगे। भाजपा की जन्मकुंडली में शुक्र व शनि की दृष्टि होने से भाजपा को जनता से दंड मिल सकता है। भाजपा के कई नेताओं पर कई आरोप लगेंगे। कुछ नेताओं को जेल जाने का भी योग है व कुछ पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगेंगे। भाजपा का जनाधार घटेगा। जनता में भाजपा की छवि को गहरा आघात लगेगा। भाजपा की जनता में साख घटेगी। उन्होंने कहा कि गोचर में शनि 26 अक्तूबर 2017 से लगन से सातवें, चंद्रमा से दूसरे तथा सूर्य से 10वें स्थान में संचार कर रहा है। शनि की दृष्टि लगन, नौवें व चौथे भाव पर पड़ रही है। 19 जून 2018 से 10 वर्षों के लिए भाजपा को चंद्रमा की महादशा शुरू होगी। जन्म कुंडली में चंद्रमा छठे घर में नीच का है। चंद्रमा का समय शुरू होते ही भाजपा में अन्तर्कलह चरम सीमा पर बढ़ेगी। भाजपा को सूर्य की महादशा अच्छी रही परन्तु चंद्रमा की महादशा में भाजपा केन्द्र में अपने बलबूते पर सरकार बनाने मेें असमर्थ होगी, उसे 2019 में पूर्ण बहुमत हासिल नहीं होगा। चंद्रमा के समय में नौजवानों का समर्थन भाजपा व मोदी सरकार से पीछे हट जाएगा।
हिमालयायूके ने अनेक प्रसिद्व ज्योतिषविदो से इस संबंध में सलाह ली, जिससे हम समय समय पर प्रकाशित करेगें-
कांग्रेस ने जबरदस्त वापसी की है. देश के इस हिस्से में कांग्रेस 43 फीसदी वोट शेयर हासिल कर सकती है. पिछले साल मई के मुकाबले कांग्रेस को यहां 11 फीसदी का फायदा हो रहा है. यानी कांग्रेस बीजेपी और अन्य के वोट शेयर में सेंध लगा रही है. मई 2017 के सर्वे में कांग्रेस का वोट शेयर 32 फीसदी था जो आज चुनाव हुए तो 43 फीसदी होगा. वहीं, मई 2017 में हुए सर्वे को देखें तो बीजेपी आठ फीसदी वोट शेयर खो रही है. पिछले साल इसी महीने हुए सर्वे में बीजेपी को 56 फीसदी वोट शेयर मिल रहे थे लेकिन अब नुकसान के साथ बीजेपी 48 फीसदी पर लुढ़क गई है. अन्य को इस क्षेत्र में तीन फीसदी का नुकसान हो रहा है. मई 2017 के सर्वे में अन्य को 12 फीसदी वोट शेयर मिल रहे थे.
खास बात ये है कि इस हिस्से में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और गुजरात जैसे राज्य हैं जहां बीजेपी की सरकार है. इस साल इस क्षेत्र के दो राज्यों- मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में चुनाव होने हैं.
कैसे हुआ सर्वे?
मोदी सरकार के चार साल होने पर एबीपी न्यूज ने CSDS-लोकनीति के साथ देश का मूड जानने की कोशिश की है, ये सर्वे 28 अप्रैल 2018 से 17 मई 2018 के बीच किया गया है. 19 राज्यों में 700 जगहों की 175 विधानसभा सीटों पर जाकर 15859 लोगों की राय ली गयी है.
एनडीए बना सकती है सरकार, लेकिन कांग्रेस की भारी बढ़ोत्तरी
सर्वे के मुताबिक सीटों की बात करें तो 543 लोकसभा सीट पर आज चुनाव हों तो एनडीए को 274, यूपीए को 164 और अन्य को 105 सीटें मिलने का अनुमान है. 2014 के मुकाबले एनडीए की 49 सीटें घट रही हैं तो वहीं यूपीए को 104 सीट का फायदा होता नजर आ रहा है. अन्य दलों की बात करें तो 48 सीटों का नुकसान हो रहा है. सर्वे के मायने की बात करें तो 2019 में एक बार नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठेंगे. बीजेपी अकेले दम पर बहुमत नहीं ला पाएगी उसे सहयोगियों की जरूरत पड़ेगी.
एबीपी न्यूज़ के सर्वे में वोट शेयर की बात करें तो एनडीए के हिस्से 37%, यूपीए के हिस्से 31% और अन्य के हिस्से 32% वोट शेयर जाता नजर आ रहे है. 2014 की बात करें तो एनडीए को 36%, यूपीए को 25% और अन्य को 39% वोट मिला था. सर्वे के मुताबिक 2014 के मुकाबले एनडीए को एक प्रतिशत वोट शेयर का फायदा हो रहा है. वहीं यूपीए को 6% वोट शेयर का फायदा होने का अनुमान है.
पीएम मोदी की लोकप्रियता
मई 2014- 36 %
मई 2017- 44 %
जनवरी 2018- 37 %
अभी- 34 %
मतलब पीएम मोदी की लोकप्रियता में भारी गिरावट आई है.
कांग्रेस राहुल की लोकप्रियता
मई 2014- 16 %
मई 2017- 09 %
जनवरी 2018- 20 %
अभी- 24 %
जहां पीएम मोदी की लोकप्रियता घटी है वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है.
एबीपी न्यूज-लोकनीति-सीएसडीएस के सर्वे के मुताबिक अगर आज चुनाव होते हैं तो यूपी में सपा-बसपा गठबंधन बीजेपी को तगड़ा झटका दे सकती है. सर्वे में सपा-बसपा गठबंधन को 46 फीसदी वोट शेयर मिल रहा है, वहीं बीजेपी आठ फीसदी नुकसान के साथ 35 फीसदी वोट शेयर पर सिमट सकती है. कांग्रेस को सर्वे में फायदा होता नजर आ रहा है, 4 फीसदी के फायदे के साथ कांग्रेस का वोट शेयर 12 फीसदी हो सकता है. सर्वे के आंकड़ों तो पार्टी के क्रम में समझें तो अगर आज लोकसभा चुनाव होते हैं तो सपा को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा. सपा का वोट शेयर 27 फीसदी, बसपा का 19 फीसदी , बीजेपी का वोट शेयर 35 फीसदी और कांग्रेस 12 फीसदी वोट शेयर हासिल कर सकती है
अगर पश्चिम बंगाल में मई 2018 यानी अभी चुनाव होते हैं तो ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस को 44 फीसदी वोट शेयर मिल सकता है जो 2014 के लोकसभा चुनाव में 39 फीसदी था. वहीं बीजेपी का वोट शेयर बढ़कर 24 फीसदी हो सकता है जो कि साल 2014 में 17 फीसदी रहा था. लेफ्ट के वोट शेयर की बात करें तो इसमें बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है और ये घटकर 17 फीसदी रह सकता है जो कि साल 2014 में 30 फीसदी रहा था. कांग्रेस का वोट शेयर मामूली बढ़कर 11 फीसदी हो सकता है जो साल 2014 में 10 फीसदी रहा था और अन्य का वोट शेयर 4 फीसदी ही रह सकता है जो 2014 में भी 4 फीसदी रहा था.
पश्चिम बंगाल में इस समय तृणमूल कांग्रेस की सरकार है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की लोकप्रियता में इजाफा ही हुआ है जो हाल में हुए पंचायत चुनाव में साफ नजर आया. हालांकि बीजेपी के लिए भी समर्थन बढ़ रहा है और इसका संकेत पंचायत चुनावों में देखने को मिला.
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