ग्रह और नक्षत्र से आपका जीवन प्रभावित होता है; 27 जून को मंगल वक्री

नक्षत्र अपनी चाल हर समय बदलते हैं. इनका हमारे जीवन पर भी बहुत प्रभाव पड़ता है. ज्योतिष विज्ञान के अनुसार कौन सा ग्रह और नक्षत्र आपकी कुंडली के कौन से घर में जा रहा है, इसके मुताबिक आपका जीवन प्रभावित होता है.

मंगल वक्री ( 27 जून से 27 अगस्त 2018 )
ज्येष्ठ शुक्ल चतुर्दशी बुधवार दिनांक 27 जून 2018 को मंगल शनि की राशि मकर में वक्री। मकर मंगल की उच्च राशि भी है। यह ग्रह 26-27 जून की मध्यरात्रि के बाद 2.45 मिनट पर वक्री हुआ और 27 अगस्त 2018 भाद्रपद कृष्ण प्रतिपदा सोमवार को सायं 7.45 बजे इसी राशि में मंगल मार्गी हो जाएगा।मंगल के वक्रत्व का सभी राशियों ( मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ, मीन ) पर अपना डाल रहा है मंगल वर्तमान में मकर राशि में गोचर कर रहे हैं. 27 जून 2018 को 2 बजकर 35 मिनट पर मंगल उल्टी चाल चलने लगेंगे यानि मंगल वक्री होकर गोचर करने लगेंगें.

 मंगल का वक्री होना ज्योतिषशास्त्र के अनुसार एक बड़ी घटना है। क्योंकि मंगल की चाल से ही मंगल व अमंगल का विचार किया जाता है। मंगल ऊर्जा के कारक माने जाते हैं। स्वभाव में अहंकार की, क्रोध की भावना बढ़ सकती है। नकारात्मकता हावि होने का प्रयास कर सकती है। 

कोई भी ग्रह विशेष जब अपनी सामान्य दिशा की बजाए उल्टी दिशा यानि विपरीत दिशा में चलना शुरू कर देता है तो ऐसे ग्रह की इस गति को वक्र गति कहा जाता है तथा वक्र गति से चलने वाले ऐसे ग्रह विशेष को वक्री ग्रह कहा जाता है।  वक्री ग्रह के संदर्भ में ज्योतिषशास्त्र की यह भी मान्यता है कि शुभ ग्रह वक्री होने पर व्यक्ति को सभी प्रकार का सुख, धन आदि प्रदान करते हैं जबकि अशुभ ग्रह वक्री होने पर विपरीत प्रभाव देते हैं.  अपमान का सामना करना होता है.तो एक अन्य सिद्धान्त यह भी है कि वक्री ग्रहों की दशा में सम्मान एवं प्रतिष्ठा में कमी की संभावना रहती है. कुण्डली में क्रूर ग्रह वक्री हों तो इनकी क्रूरता बढ़ती  है

दुनिया भर के ज्योतिषि वक्री ग्रहों के बारे में मुख्य रूप से  धारणाएं रखते हैं कि वक्री ग्रह किसी भी कुंडली में सदा अशुभ फल ही प्रदान करते हैं क्योंकि वक्री ग्रह उल्टी दिशा में चलते हैं इसलिए उनके फल अशुभ ही होंगे। ज्योतिषियों का एक दूसरा वर्ग मानता है कि वक्री ग्रह किसी कुंडली विशेष में अपने कुदरती स्वभाव से विपरीत आचरण करते हैं अर्थात अगर कोई ग्रह किसी कुंडली में सामान्य रूप से शुभ फल दे रहा है तो वक्री होने की स्थिति में वह अशुभ फल देना शुरू कर देता है। इसी प्रकार अगर कोई ग्रह किसी कुंडली में सामान्य रूप से अशुभ फल दे रहा है तो वक्री होने की स्थिति में वह शुभ फल देना शुरू कर देता है। ईस धारणा के मूल में यह विश्वास है कि क्योंकि वक्री ग्रह उल्टी दिशा में चलने लगता है इसलिए उसका शुभ या अशुभ प्रभाव भी सामान्य से उल्टा हो जाता है। 

बुधवार को ध्वज और शुक्ल योग होने से मेष, मिथुन, सिंह, कन्या और तुला राशि वाले लोग नौकरी और बिजनेस में भाग्यशाली रहेंगे। इनके साथ वृश्चिक, कुंभ और मीन राशि वाले लोगों के लिए भी कई मामलों में दिन अच्छा रहेगा। इसके अलावा शनि और चंद्रमा का अशुभ योग बनने से वृष, कर्क, धनु और मकर राशि वाले लोगों को पूरे दिन संभलकर रहना होगा।

27 जून ऊर्जा के पुंज मंगल की चाल उलट चलना शुरू । मंगल वक्री हो चुके है। ज्योतिषो का कहना है कि मंगल का अपने कट्टर शत्रु शनि के घर में वक्री होना किसी बड़े घटना क्रम को जन्म देने वाला है। शनि के घर में मंगल वैसे भी किसी सीधे कर्म के लिए नहीं जाना जाता है।
मंगल का वक्री होना ऐसा ही है जैसे एक तो करेला उस पर नीम चढ़ा क्योंकि इस समय ग्रहों की स्थिति अनुकूल नहीं चल रही है। इस समय शनि ज्ञान के ग्रह बृहस्पति की राशि धनु में, बृहस्पति अपने धुरविरोधी शुक्र की राशि तुला में और बुध व राहु शुक्र के साथ शत्रु चंद्रमा की राशि कर्क में चल रहे हैं।

बुधवार, 27 जून से मंगल मकर राशि में चाल बदलकर वक्री हो रहा है। मंगल 27 अगस्त तक वक्री रहेगा। मकर राशि में केतु पहले से ही है। केतु हमेशा वक्री रहता है। इस कारण मकर राशि में दो वक्री ग्रह रहेंगे।

ज्योतिष में मंगल को अशुभ ग्रह माना गया है। कुंडली में मंगल की महादशा होने पर यह 7 वर्षों तक रहती है। वर्तमान समय में मंगल अपने उच्च राशि मकर राशि में गोचर कर रहा है। मकर राशि में इन्हें उच्च प्रभाव देने वाला माना गया है। 27 जून 2018 की रात के 2 बजकर 35 मिनट पर मंगल उल्टी चाल चलने लगेंगे यानि कि मंगल अब वक्री हो जाएगा। मंगल के वक्री होने से आपकी राशि से मंगल भाव के स्थान से सभी राशियों के लिए क्या असर होगा

ज्योतिष के अनुसार सभी ग्रह भ्रमण करते हुए विभिन्न प्रकार की गति को में चलते हैं जैसे कि तेज चलना या मंद गति से चलना, वक्री या अति वक्री, मध्यम गति या कुटिल गति इत्यादि. ग्रहों का अपने भ्रमण पथ पर उल्टी गति से चलना वक्रता कहलाता है, परंतु वास्तव में ग्रह उल्टे नहीं चलते बल्कि पृथ्वी की गति तथा ग्रह की गति के भेद एवं उस ग्रह की पृथ्वी से विशेष दूरी पर स्थित होने की वजह से वक्री प्रतीत होते हैं. वक्री ग्रहों को वैदिक ज्योतिष में शक्त अवस्था में माना गया है अर्थात वक्री ग्रह सबसे अधिक शक्तिशाली होते हैं. वक्री का अर्थ है उलटा. ग्रह गोचर में हमें वक्री अवस्था में चलते प्रतीत होते हैं जबकी वास्तविकता में वह मार्गी गति में ही विचरण करते हैं. वक्री ग्रह बार-बार प्रयास कराते हैं. एक ही कार्य को करने के लिए व्यक्ति को कई बार प्रयास करने पर सफलता मिलती है. ग्रह की वक्रता उसके अन्य ग्रहों से संबंध के आधार आनुसार फल दर्शाती है.

ज्योतिष में मंगल ग्रह को पराक्रम का प्रतीक माना गया है। 27 जून से मंगल मकर राशि में अपनी चाल बदलकर वक्री हो रहा है। वर्तमान समय में मंगल अपने उच्च राशि मकर राशि में गोचर कर रहा है। मकर राशि में इन्हें उच्च प्रभाव देने वाला माना गया है। 27 जून 2018 की रात के 2 बजकर 35 मिनट पर मंगल की उल्टी चाल शुरू हो गयी यानि कि मंगल अब वक्री हो गये। मंगल के वक्री होने से 7 राशियों की किस्मत चमक सकती है।

मेष- बड़े काम में सफलता दिलवाएगा।
वृषभ-सामान्य
मिथुन- कठिनाइयां
कर्क- प्रभाव बढ़ेगा। सभी कार्यों में सफलता मिलेगी।
सिंह- विवादों का अंत होगा और प्रसन्नतादायक समाचार प्राप्त होंगे।
कन्या- शुभ समाचार ;पर समय अनुकूल नहीं है.
तुला- परेशानियां
वृश्चिक- लक्ष्य प्राप्ति ; वृश्चिक राशि पर वक्री मंगल का प्रभाव-वक्री मंगल आपके लिए लाभकारी रहने वाला है. इस समय आपको भाग्य का साथ मिलता नजर आएगा. हालांकि काम के बोझ की वजह से आप टेंशन में रह सकते हैं.
धनु- परेशानियां का अंत
मकर- प्रसन्नता और शुभ समाचार
कुंभ- योजनाओं को ठंडे दिमाग से हल करें।
मीन-आपके लिए एकादश मंगल वक्री शुभ रहेगा। नई जमीन, मकान खरीदने का मन बनेगा और इस काम में सफलता भी मिल सकती है। सरकार से कार्यों में मदद मिलेगी। कारोबार में वृद्धि होगी और लाभ में भी इजाफा होगा। आपका आत्मबल इस समय मजबूत रहेगा. आप अपने जीवन के लगभग सभी क्षेत्रों में इस समय एक प्रगति देख सकते हैं. वक्री मंगल अन्य राशियों की तुलना में आप पर कुछ अधिक मेहरबान हैं इसलिए इस मौके का आप लाभ उठा सकते हैं.मीन राशि वाले जातकों के लिये मंगल लाभ घर में वक्री हो रहे हैं। लेकिन आप पर किसी भी तरह से वक्री मंगल का अशुभ प्रभाव दिखाई नहीं दे रहा। आप अपने जीवन के लगभग सभी क्षेत्रों में इस समय एक प्रगति देख सकते हैं। हालांकि इस समय आपको थोड़ा सचेत रहने की आवश्यकता अवश्य रहेगी। वह इस मामले में कि आपका आत्मबल काफी मजबूत रहेगा। जिस कारण आप ओवरकोन्फिडेंस का शिकार हो सकते हैं। अति आत्मविश्वास के कारण आप कोई गलत कदम भी उठा सकते हैं। हमारी सलाह है कि संयम व धैर्य से काम लें व किसी भी तरह से किसी विवाद या बेकार की बहसबाजी में न पड़ें। देखा जाये तो वक्री मंगल अन्य राशियों की तुलना में आप पर कुछ अधिक मेहरबान हैं इसलिये इस शुभ समय का भरपूर लाभ उठाएं।

 

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