मीडिया ज्यादा जुनूनी-शाह &Top National News-
28 JULY 18, Top National News- HIGH LIGHTS (Himalayauk Bureau) मीडिया ज्यादा जुनूनी- राजनीतिक माहौल सांप्रदायिक नही बनायेगे शाह # इस हादसे में एक ही परिवार के 6 लोगों के मलबे में दबने से मौत# हरिद्वार से उत्तर प्रदेश के उन्नाव शहर के बीच गंगा का जल पीने और नहाने योग्य नहीं – एनजीटी # कांग्रेस राहुल नहीं तो कौन ? # नेपाली वाहन बिना किसी पास के ही भारतीय क्षेत्र में प्रवेश कर सकेंगे # गोरखपुर: कांवड़ यात्रा पर निकले 15 मुस्लिम युवक
अमित शाह के काफिले में भारी चूक का मामला
इलाहाबाद पहुंचे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के काफिले में भारी चूक का मामला सामने आया है। यहां तीन छात्रों ने काफिले के सामने आकर ना सिर्फ शाह को काले झंडे दिखाए बल्कि कथित तौर पर पार्टी के खिलाफ नारेबाजी भी की। आनन-फानन सुरक्षाकर्मियों ने छात्रों को तुरंत हिरासत में लिया। इस दौरान सुरक्षाकर्मी ने एक छात्रा की पिटाई भी कर दी। बाद में सभी को रिहा कर दिया गया। पुलिस का कहना है कि यह भाजपा अध्यक्ष की सुरक्षा नहीं बल्कि उनकी मुस्तैदी है जो तुरंत तीनों आरोपियों को पकड़ लिया। सिविल लाइंस के सीओ श्रीशचंद्र के मुताबिक हिरासत में ली गई एक लड़की नेहा यादव है। उसका संबंध पिछले दिनों बीएचयू में हुए बवाल से भी रहा है। घटना के वक्त शुक्रवार को अमित शाह दिल्ली जाने के लिए बम्हरौली एयरपोर्ट जा रहे थे। इस दौरान धूमगंज थाना के पास अचानक दो छात्राएं और एक छात्र शाह के काफिले के आगे कूद गए और नारेबाजी करने लगे। जानकारी के मुताबिक तीनों छात्रों और बेरोजगारों के हितों की अनदेखी का आरोप लगाकर सरकार का विरोध कर रहे थे।
तीन छात्रों ने काफिले के सामने आकर ना सिर्फ शाह को काले झंडे दिखाए बल्कि कथित तौर पर पार्टी के खिलाफ नारेबाजी भी की
वहीं भाजपा अध्यक्ष ने अगले साल यहां लगने जा रहे कुंभ मेले के सकुशल संपन्न होने की कामना करते हुए यमुना तट पर स्थित पंचदसनाम जूना अखाड़ा में पूजा-अर्चना की। शाह ने पंचदसनाम जूना अखाड़ा के पास निर्मित मौजगिरि घाट का उद्घाटन किया और गुरू पूर्णिमा के अवसर पर साधु संतो का आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने जूना अखाड़ा परिसर में ध्यान कुंज का शिलान्यास भी किया और अखाड़ा के भीतर मर्हिष भृगु द्वारा स्थापित शिवलिंग की पूजा अर्चना की। इसके बाद भाजपा अध्यक्ष ने संगम तट पर स्थित लेटे हनुमान जी के दर्शन किये और गंगा की पूजा की। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने संवाददाताओं को बताया कि आगामी कुंभ मेला सकुशल संपन्न हो, इस उद्देश्य से शाह यहां आए और पूजा अर्चना की। महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि शाह के साथ बैठक में कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई है। शाह ने बाघंबरी गद्दी मठ में साधु संतों के साथ दोपहर का भोजन किया। इस दौरान अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि जी महाराज और महामंत्री हरि गिरि जी महाराज के साथ सभी अखाड़ों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
मीडिया ज्यादा जुनूनी- शाह
शाह ने कहा कि हम ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे जिससे राजनीतिक माहौल सांप्रदायिक रंग ले. उन्होंने मीडिया पर निशाना साधते हुए कहा कि मीडिया ऐसी खबरों को लेकर ज्यादा जुनूनी है. उन्होंने कहा कि इस बार बीजेपी के पक्ष में पहले से भी ज्यादा लहर है. हमें दूर-दूर तक कोई चुनौती खड़ी नहीं दिख रही है.
अपनी जानी- पहचानी स्पष्टवादिता और आत्मविश्वास के साथ भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने ध्रुवीकरण और ह्यहवा में बदलावह्ण सहित पार्टी की तमाम आलोचनाओं को खारिज करते हुए कहा, ह्लविकास का जिस तरह का लंबा-चौड़ा कार्यक्रम हमारे पास है, उसके बूते नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली भाजपा सरकार 2019 के चुनावों में अपना प्रदर्शन और बेहतर करेगी। शाह ने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण भाजपा के एजंडे में नहीं होगा। हमारी तरफ से कोई ऐसा प्रयास नहीं होगा जिससे राजनीतिक माहौल सांप्रदायिक रंग ले। साथ ही उन्होंने जोड़ा, ह्लकिसी और से कहीं ज्यादा यह मीडिया है जो इसे लेकर जुनूनी है। द इंडियन एक्सप्रेस समूह को दिए गए एक साक्षात्कार में शाह ने राजनीतिक माहौल पर असर डालने वाले तमाम मुद्दों और खास तौर से भाजपा जिसमें पीट-पीटकर हत्याओं व चौकसी समूहों का मुद्दा भी शामिल है, पर अपनी बात रखी। ‘राजनीतिक माहौल में बदलाव’ की बातों को उन्होंने सिरे से खारिज कर दिया। देश की एक-एक सीट का थका देने वाला दौरा करने के बाद शाह का विश्वास है कि, ह्लइस बार भाजपा के पक्ष में कहीं ज्यादा तेज लहर है। उनके अनुसार: दूर-दूर तक कहीं कोई चुनौती खड़ी नहीं दिखती। शाह ने कहा, ह्लभाजपा के समर्थकों की संख्या 11 करोड़ तक पहुंच चुकी है। इसका मतलब यह है कि बहुत से वास्तव में शामिल हो चुके हैं। यह संख्या भी अभी और आगे बढ़ेगी और वे चारों तरफ फैले हुए हैं। स्वाभाविक है कि ये सारे हमारे वोटर हैं। उन्होंने कहा कि अगर इनमें से आधे ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया तो भी हम आराम से सरकार बना लेंगे।
2019 लोकसभा चुनाव के लिए एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि हम इस बार भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने कहा कि बीजेपी विकास के एजेंडे के साथ आगे बढ़ रही है. शाह ने कहा कि राजनीतिक लाभ लेने के लिए धार्मिक ध्रुवीकरण हमारे एजेंडे में नहीं है. एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में शाह ने कहा कि हम ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे जिससे राजनीतिक माहौल सांप्रदायिक रंग ले. उन्होंने मीडिया पर निशाना साधते हुए कहा कि मीडिया ऐसी खबरों को लेकर ज्यादा जुनूनी है. उन्होंने कहा कि इस बार बीजेपी के पक्ष में पहले से भी ज्यादा लहर है. हमें दूर-दूर तक कोई चुनौती खड़ी नहीं दिख रही है. उन्होंने कहा कि विपक्ष के बीच महागठबंधन की बात हो रही है लेकिन जो पार्टियां एकजुट हो रही हैं उन्हें राज्यों में मतदाताओं ने नकार दिया है. शाह के हिसाब से इसीलिए महागठबंधन ज्यादा मायने नहीं रखता है. एक सवाल पर उन्होंने कहा कि मीडिया भगवा को ज्यादा तूल दे रहा है जबकि किसी भी घटना में हमारे नेता शामिल नहीं हैं. लेकिन मीडिया ऐसी खबरे गढ़ रहा है. अगर ऐसी बातों को तूल न मिले तो कोई ध्रुवीकरण नहीं होगा. उन्होंने कहा कि उनके पास विकास के इतने कार्यक्रम हैं कि वो उससे आगे बढ़ रहे हैं न कि माहौल बिगाड़कर. साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी ने देश में बहुत विकास कार्य कराए हैं. हमने साढ़े सात करोड़ घरों में शौचालय बनवाएं हैं, 19 हजार गांवों में बिजली पहुंचाई है, मुद्रा योजना, बच्चों का टीकाकरण और स्वास्थ्य बीमा जैसी योजनाओं से लोगों को लाभ मिला है. यह सभी योजनाएं हमें 2019 में जीत दिलाने के लिए काफी हैं.
उन्होंने भाजपा के विरोध में सभी विपक्षी पार्टियों के महागठबंधन के विचार को खारिज करते हुए कहा, ह्लकौन सा राज्य है जिसमें यह काम करेगा। लगभग सभी राज्यों के मतदाताओं ने इन पार्टियों को अस्वीकार कर दिया है। यह पूछे जाने पर कि जब भाजपा अपनी ताकत को लेकर इतनी है आश्वस्त है तब क्यों भगवा खेमे के कुछ लोग माहौल को बिगाड़ने के इच्छुक प्रतीत हो रहे हैं, शाह ने इसका प्रतिकार करते हुए कहा: किसी भी घटना में भाजपा का कोई नेता शामिल नहीं है। यह मीडिया है जो इस तरह की तस्वीर गढ़ रहा है। अगर मीडिया इसे तूल न दे तो कोई ध्रुवीकरण नहीं होगा। शाह ने कहा, ह्लहम ऐसा क्यों करेंगे (ध्रुवीकरण) जब हमारे खाते में इतने सारे सकारात्मक कार्यक्रम है? अपने नवोन्मेषी कल्याणकारी कार्यक्रमों के जरिए भाजपा 19 राज्यों के 22 करोड़ लोगों के जीवन में बदलाव लाई है। हमने साढ़े सात करोड़ घरों में शौचालय बनवाए, 19 हजार गांवों में बिजली पहुंचाई, 12 करोड़ लोग मुद्रा योजना के लाभार्थी हैं, 18 करोड़ बच्चों का टीकाकरण किया और 19 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य बीमा के दायरे में ले आए। इसके अलावा सड़क और रेल के विकास के लिए हमारी सरकार के दौरान किए गए कार्यों को भी इसमें जोड़ लें। ये सारी चीजें 2019 के चुनावों में हमें जीत दिलाने के लिए पर्याप्त हैं। सत्तारूढ़ दल विभिन्न मुद्दों से कथित सांप्रदायिक तरीके से निपटने को लेकर जिसमें जम्मू कश्मीर भी शामिल है, लगातार निशाने पर है। इस पर शाह का जवाब है कि भाजपा उन ‘ऐतिहासिक गलतियों’ को ठीक करने के प्रयास में है जो आजादी के समय से ही जम्मू कश्मीर मुद्दे से निपटने में हुई हैं। उन्होंने कहा, ह्लकिसी भी अच्छी सरकार को कम विकसित क्षेत्रों के लिए काम करना चाहिए। इसलिए आप देखेंगे कि जम्मू कश्मीर के जम्मू और लद्दाख में बहुत से विकास कार्य हो रहे हैं। यह इसलिए हुआ कि (पिछली सरकारों की) गलत नीतियों के कारण ये क्षेत्र काफी पीछे छूट गए। हम सिर्फ उन गलतियों को ठीक कर रहे हैं।
भाजपा अध्यक्ष ने इस आलोचना को भी खारिज कर दिया कि उनकी पार्टी गठबंधन के प्रति दोस्ताना रुख नहीं रखती।
भाजपा अध्यक्ष ने इस आलोचना को भी खारिज कर दिया कि उनकी पार्टी गठबंधन के प्रति दोस्ताना रुख नहीं रखती। उन्हें नहीं लगता है कि तेलुगू देशम पार्टी के गठबंधन छोड़ने और हालिया दिनों में शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के भाजपा की आलोचना के कोई खास निहितार्थ निकाले जाने चाहिए। उन्होंने कहा, यह तेदेपा का फैसला था और अब हम उनके पास दोबारा गठबंधन में शामिल होने का अनुरोध करने नहीं जाएंगे। और जहां तक शिवसेना का सवाल है, हमारा मानना है कि फिलहाल वे गठबंधन में हैं और सरकार में भी हमारे साथ हैं। जब तक वो हमारे साथ बने हुए हैं, तब तक हम क्यों किसी बात का संज्ञान लें। भाजपा अध्यक्ष शिवसेना की किसी तरह की परोक्ष या अपरोक्ष निंदा से कन्नी काटते दिखे। हालांकि उन्होंने 2019 चुनाव से पहले नए गठबंधनों की संभावना के संकेत दिए। उन्होंने कहा, ह्लयह स्वाभाविक है कि किसी भी गठबंधन में कुछ जोड़ घटाव होता रहता है। पार्टियां नए साथी खोज लेती हैं। ऐसे में चुनाव पूर्व गठबंधन पूरी तरह से जायज है, भले ही नया हो, इससे मतदाताओं को स्पष्ट हो जाता है कि कौन किसके साथ है। हालांकि जब उनसे संभावित गठबंधन सहयोगी के रूप में शरद पवार की अगुआई वाली राकांपा के बारे में पूछा गया तो वे चेहरे पर मुस्कुराहट नहीं रोक पाए। उन्होंने कहा, ह्लफिलहाल हम शिवसेना के साथ गठबंधन में हैं। थोड़ा और कुरेदने पर उन्होंने गोल-मोल जवाब देते हुए कहा,देखिए किसी को भी मोदीजी के विभिन्न दलों के नेताओं के साथ व्यक्तिगत संबंधों की वजह से किसी को भाजपा के संभावित या असंभावित गठबंधन सहयोगियों को लेकर भ्रमित नहीं होना चाहिए।
इस हादसे में एक ही परिवार के 6 लोगों के मलबे में दबने से मौत
सहारनपुर: पिछले दो दिनों से लगातार हो रही बारिश के बाद ने उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में भारी तबाही मचाई है. शनिवार (28 जुलाई) की सुबह सहारनपुर में एक परिवार के लिए कहर सबित हुई. भारी बारिश की वजह से एक मकान ढह गया, इस हादसे में एक ही परिवार के 6 लोगों के मलबे में दबने से मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक, मरने वालों में 4 बच्चे शामिल हैं. घटना की सूचना के बाद पुलिस और स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंची और राहत बचाव कार्य शुरू किया. घटना के बाद से इलाके में कोहराम मचा हुआ है. घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंच गई है. पुलिस ने सभी शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. घटना सहारनपुर के थाना गंगोह के मोहल्ला सराय की है. घटना के बाद स्थानीय लोगों ने मलबा हटाना शुरू कर दिया था. हादसे के बाद से इलाके में लोगों में डर है. 36 घंटे से रूक-रूककर लगातार हो रही बारिश से उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में भारी तबाही मताई हुई है. राजधानी लखनऊ में भी शुक्रवार (27 जुलाई) को एक मकान ढह गया था, इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई थी. वहीं, देर रात गाजियाबाद के खोड़ा में भी एक पांच मंजिला इमारत भरभरा कर गिर गई थी. 18 जुलाई को ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी गांव में दो इमारतें एकसाथ गिरी थीं. इस घटना में 9 लोगों की मौत हुई थी. इस मामले में कार्रवाई करते हुए यूपी प्रशासन ने ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के प्रोजेक्ट मैनेजर बीपी सिंह और असिस्टेंट प्रोजेक्ट मैनेजर अख्तर अब्बास जैदी को निलंबित कर दिया था. एनडीआरएफ की चार टीमों ने कई दिन रेस्क्यू ऑप्रेशन चलाया था.
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हरिद्वार से उत्तर प्रदेश के उन्नाव शहर के बीच गंगा का जल पीने और नहाने योग्य नहीं – एनजीटी
नई दिल्ली: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने गंगा नदी की स्थिति पर नाराजगी जताते हुए कहा कि हरिद्वार से उत्तर प्रदेश के उन्नाव शहर के बीच गंगा का जल पीने और नहाने योग्य नहीं है. एनजीटी ने कहा कि मासूम लोग श्रद्धापूर्वक नदी का जल पीते हैं और इसमें नहाते हैं, लेकिन उन्हें नहीं पता कि इसका उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर हो सकता है. एनजीटी ने कहा, ‘मासूम लोग श्रद्धा और सम्मान से गंगा का जल पीते हैं और इसमें नहाते हैं. उन्हें नहीं पता कि यह उनके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है. अगर सिगरेट के पैकेटों पर यह चेतावनी लिखी हो सकती है कि यह स्वास्थ्य के लिए घातक है, तो लोगों को(नदी के जल के) प्रतिकूल प्रभावों के बारे में जानकारी क्यों नहीं दी जाए?’
एनजीटी प्रमुख ए के गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘हमारा नजरिया है कि महान गंगा के प्रति अपार श्रद्धा को देखते हुए , मासूस लोग यह जाने बिना इसका जल पीते हैं और इसमें नहाते हैं कि जल इस्तेमाल के योग्य नहीं है. गंगाजल का इस्तेमाल करने वाले लोगों के जीवन जीने के अधिकार को स्वीकार करना बहुत जरूरी है और उन्हें जल के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए.’
एनजीटी ने राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन को सौ किलोमीटर के अंतराल पर डिस्प्ले बोर्ड लगाने का निर्देश दिया ताकि यह जानकारी दी जाए कि जल पीने या नहाने लायक है या नहीं एनजीटी ने गंगा मिशन और केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दो सप्ताह के भीतर अपनी वेबसाइट पर एक मानचित्र लगाने का निर्देश दिया जिसमें बताया जा सके कि किन स्थानों पर गंगा का जल नहाने और पीने लायक है.
मालूम हो कि करीब ढाई हज़ार किलोमीटर लंबी गंगा नदी भारत के कई राज्यों से होकर बहती है. इसी साल राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एके गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने गंगा नदी की सफाई को लेकर सुनवाई करते हुए कहा कि अधिकारियों के दावों के बावजूद गंगा के पुनर्जीवन के लिए जमीनी स्तर पर किए गए काम पर्याप्त नहीं हैं और स्थिति में सुधार के लिए नियमित निगरानी की जरूरत है. एनजीटी ने अंसतोष जाहिर करते हुए कहा कि हालात असाधारण रूप से खराब हैं. नदी की सफाई के लिए शायद ही कोई प्रभावी कदम उठाया गया है.
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कांग्रेस राहुल नहीं तो कौन ?
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देने के लिए विपक्षी दलों का प्रधानमंत्री उम्मीदवार कौन होगा? इसपर रार जारी है. एक तरफ जहां राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नाम पर सहमत है. तो वहीं कांग्रेस राहुल नहीं तो कौन? के सवाल पर भी करीब-करीब विचार कर चुकी है. इस बीच विपक्षी दलों में बड़ी भागीदारी रखने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कहा है कि चुनाव से पहले प्रधानमंत्री पद के तौर पर किसी का भी नाम नहीं चुना जाना चाहिए. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को चुनौती देने के लिए ‘फेडरल फ्रंट’ का खाका तैयार करने में जुटी ममता ने कोलकाता में कल नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के नेता उमर अब्दुल्ला से मुलाकात की. इसी दौरान उन्होंने कहा कि अगले लोकसभा चुनावों के लिए संभावित विपक्षी मोर्चा की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर किसी का भी नाम नहीं चुना जाना चाहिए . ममता ने कहा कि ऐसा करना बीजेपी से लड़ने की क्षेत्रीय पार्टियों की एकजुटता को विभाजित कर देगा. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बीजेपी विरोधी क्षेत्रीय पार्टियों को साथ आना चाहिए और उन्हें देश के फायदे के लिए बलिदान देना चाहिए.
वहीं ममता से मुलाकात के बाद उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हम इन्हें दिल्ली ले जाएंगे. उन्होंने कहा, ”हम ममता को राष्ट्रीय राजधानी में ले जाएंगे ताकि वे पूरे देश के लिए बंगाल में किए गए काम को दोहरा सकें.” यह पूछे जाने पर कि फेडरल फ्रंट की ओर से पीएम पद का दावेदार कौन होगा? अबदुल्ला ने कहा कि हमें अभी इस बारे में बात नहीं करनी चाहिए क्योंकि लोकसभा चुनाव की तारीख अभी घोषित नहीं हुई है.
ममता बनर्जी बीजेपी से मुकाबले के लिए फेडरल फ्रंट बनाना चाहती है. यानि कांग्रेस विपक्षी दलों के गठबंधन में शामिल हो न की विपक्षी दल कांग्रेस के नेतृत्व में चुनाव लड़ें. वहीं कांग्रेस की कोशिश है कि विपक्षी दलों को एकजुट कर 2019 लोकसभा चुनाव में उतरा जाए. पिछले दिनों कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने कहा था कि बीजेपी को दोबारा सत्ता में आने से रोकने के लिए कोई भी नेता जिसके पीछे आरएसएस नहीं हो उसे प्रधानमंत्री बनाने में कांग्रेस को परहेज नहीं है. कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि पार्टी ममता बनर्जी या मायावती को प्रधानमंत्री बनाने का दांव चल सकती है. इस बीच ममता ने कहा है कि फेडरल फ्रंट में कोई प्रधानमंत्री का चेहरा नहीं हो.
वहीं कल ही बिहार में जनाधार रखने वाली राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने कहा था कि उसे प्रधानमंत्री पद के लिए राहुल के नाम पर कोई आपत्ति नहीं है. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा था कि कांग्रेस विपक्षी दलों को एकजुट करे. उसे राहुल के नाम पर आपत्ति नहीं है. इससे पहले जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने भी राहुल के नाम पर सहमति जताई थी. देवगौड़ा ने कहा था, ”कर्नाटक में हम कांग्रेस के साथ सरकार चला रहे हैं. ऐसे में हमें राहुल गांधी की उम्मीदवारी स्वीकार करने में कोई दिक्कत नहीं है.” 2019 लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों की एकजुटता में देरी होने की एक बड़ी वजह प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी है. टीएमसी, समाजवादी पार्टी (एसपी), नेशनल कांफ्रेंस और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) समेत कई क्षेत्रीये दलों ने पीएम उम्मीदवारी पर पत्ते नहीं खोले हैं.
### नेपाली वाहन बिना किसी पास के ही भारतीय क्षेत्र में प्रवेश कर सकेंगे
बीरगंज /रक्सौल: भारत-नेपाल मैत्री दृष्टिकोण से मित्र देश नेपाल के नागरिकों को अब भारत मे वाहन के साथ आने पर किसी भी प्रकार की परमिशन लेने की जरुरत नहीं होगी. अब नेपाल के नागरिक बिना परमिशन के लिए भारतीय सीमा क्षेत्र में प्रवेश कर सकेंगे. इससे पहले भारतीय सीमा में प्रवेश करने वाले नेपाली वाहनों को भारतीय दूतावास से पास यानी परमिशन लेना पड़ता था. वहीं उतने ही रकम की बीमा के कागजात भी जमा करने होते थे. इसकी पुष्टि नेपाल के भौतिक पूर्वाधार तथा यातायात मंत्रालय के सहसचिव केशव कुमार शर्मा ने की है.
दोनों देश के अधिकारियों ने यह निर्णय लिया कि नेपाली वाहन बिना किसी पास के ही भारतीय क्षेत्र में प्रवेश कर सकेंगे. इस फैसले का स्वागत करते हुए मीडिया फ़ॉर बॉर्डर हार्मोनी संगठन के संरक्षक शीतल महतो और केंद्रीय सदस्य राजेश केशरीवाल ने संयुक्त रूप से कहा कि इससे भारत-नेपाल की आवाजाही आसान होगी.
बताया गया कि इस बाबत दिल्ली में नेपाल के भौतिक पूर्वाधार व यातायात मंत्रालय और भारत के सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय के सह सचिव स्तरीय बैठक में दोनों देशों के अधिकारियों के बीच आपसी सहमति से यह फैसला लिया गया. परिवहन संधि को और सशक्त बनाते हुए दोनों देश के अधिकारियों ने यह निर्णय लिया कि नेपाली वाहन बिना किसी पास के ही भारतीय क्षेत्र में प्रवेश कर सकेंगे. इस फैसले का स्वागत करते हुए मीडिया फ़ॉर बॉर्डर हार्मोनी संगठन के संरक्षक शीतल महतो और केंद्रीय सदस्य राजेश केशरीवाल ने संयुक्त रूप से कहा कि इससे भारत-नेपाल की आवाजाही आसान होगी.
काठमांडो: भारत ने नेपाल के नुवाकोट और गोरखा जिले के भारत सरकार समर्थित करीब 42,000 लाभार्थियों को आवासीय सहायता पहुंचाने के पहले हिस्से के तहत 2.1 अरब नेपाली रुपयों की सहायता प्रदान की है. इस राशि की मदद से 2015 में आए भूकंप में प्रभावित हुए घरों का फिर से निर्माण किया जा सकेगा. मध्य नेपाल का गोरखा जिला अप्रैल 2015 में आए भूकंप का केंद्र था जिसमें 10,000 लोग मारे गए थे और हजारों घर बर्बाद हो गए थे. बता दें कि भारत-नेपाल का मैत्री संबंध बहुत पुराना है. भारत सरकार अक्सर नेपाल की मदद के लिए सामने आती रही है. वहीं चीन से नेपाल की बढ़ी नजदीकियों से कई बातें सामने आई थी लेकिन फिलहाल भारत-नेपाल के सम्बंधों में कोई असर पड़ता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है. हालिया दिनों में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेपाल के दौरे पर गये थे जहां नेपाल के प्रधानमंत्री के साथ कई समझौते हुए थे. पीएम की कुर्सी संभालने के बाद पीएम मोदी दो बार नेपाल जा चुके हैं.
ज्ञात हो कि यह संस्था दोनों देशों के बीच रिश्तों को मजबूत बनाने को लेकर विभिन्न तरह के मांग दोनों देश के अधिकारियों से करता रहा है. जिसमें उपयुक्त मांग भी शामिल थी. उन्होंने बताया कि शीघ्र ही इस कार्य को प्रभाव में लाने के लिए संबंधित नेपाल के आला अधिकारी और मंत्रालय से मांग की जाएगी. बता दें की भारत-नेपाल का मैत्री संबंध बहुत पुराना है. भारत सरकार अक्सर नेपाल के मदद के लिए सामने आती रही है. वहीं चीन से नेपाल की बढ़ी नजदीकियों से कई बातें सामने आई थी लेकिन फिलहाल भारत-नेपाल के सम्बंधों में कोई असर पड़ता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है. हालिया दिनों में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेपाल के दौरे पर गये थे जहां नेपाल के प्रधानमंत्री के साथ कई समझौता हुए थे. पीएम की कुर्सी संभालने के बाद नरेंद्र मोदी दो बार नेपाल जा चुके हैं. दोस्ती को मजबूती देने की कड़ी में साल 2014 में पीएम मोदी के नेपाल दौरे के क्रम में नेपाल भारत मोटर व्हैकिल एग्रीमेंट हुआ था. उसी पर आंशिक पहल शुरू हुई है. हांलाकि, यह रूल किन बॉर्डर प्वाइंट पर लागू रहेगी या सभी बॉर्डर प्वाइंट के लिए होगा इसका फैसला होना बाकी है. फरवरी 2019 में नेपाल में द्विपक्षीय बैठक में इसका फैसला होगा. अधिकारियों की मानें तो पीएम मोदी और केपी ओली ने जनकपुर में जनकपुर-अयोध्या के बीच बस को हरी झंडी दिखा कर इस सेवा का औपचारिक शुभारम्भ किया गया था. अब बिहार नेपाल के बीच भी बस सेवा शुरू होने वाली है. फिलहाल दोनों देशों के अधिकारीयों के बीच हुए इस समझौते के बाद नेपाली नागरिकों को राहत मिली है.
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गोरखपुर: कांवड़ यात्रा पर निकले 15 मुस्लिम युवक
गोरखपुर: गोरखपुर मण्डल के देवरिया जिले में गंगा-जमुनी तहजीब और भाईचारे की मिसाल कायम करते हुए करीब 15 मुसलमानों ने कांवड़ थामकर बाबा धाम की यात्रा शुरू की. देवरिया के रामपुर कारखाना स्थित कुशाहरी गांव में 70 कांवड़ियों ने बिहार स्थित बाबा धाम की यात्रा शुरू की. इनमें 15 मुस्लिम भी शामिल हैं. ये श्रद्धालु पहले बस से बिहार के सुल्तानगंज पहुंचते हैं और वहां गंगा से पानी लेकर करीब 140 किलोमीटर दूर झारखण्ड के जसीडीह स्थित बाबा धाम मंदिर में पैदल जाकर जल चढ़ाते हैं.
करीब 15 मुसलमानों ने कांवड़ थामकर बाबा धाम की यात्रा शुरू की. देवरिया के रामपुर कारखाना स्थित कुशाहरी गांव में 70 कांवड़ियों ने बिहार स्थित बाबा धाम की यात्रा शुरू की. इनमें 15 मुस्लिम भी शामिल हैं मुस्लिम लोगों ने भगवा वस्त्र धारण कर अपने खर्च पर कांवड़ यात्रा में शिरकत की। कांवड़ियों की बस को झंडी दिखाकर रवाना किया गया. अंसारी ने संवाददाताओं से कहा कि वह चाहते हैं कि गांव के सभी लोग सभी धर्मों से जुड़े आयोजनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें, ताकि वे एक-दूसरे के और करीब आयें तथा समाज की सेवा के ज्यादा से ज्यादा अवसर मिलें.
ग्राम प्रधान निजाम अंसारी की पहल पर अन्य मुस्लिम लोगों ने भगवा वस्त्र धारण कर अपने खर्च पर कांवड़ यात्रा में शिरकत की। कांवड़ियों की बस को झंडी दिखाकर रवाना किया गया. अंसारी ने संवाददाताओं से कहा कि वह चाहते हैं कि गांव के सभी लोग सभी धर्मों से जुड़े आयोजनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें, ताकि वे एक-दूसरे के और करीब आयें तथा समाज की सेवा के ज्यादा से ज्यादा अवसर मिलें. इस कांवड़ यात्रा को हरी झंडी दिखाने वाले समाजसेवी डॉ. संजीव शुक्ला ने बताया कि कुशाहरी गांव में गंगा-जमुनी तहजीब की वास्तविक मिसाल पेश की गयी है. भाईचारा मजबूत करने के लिये यह बहुत अच्छा कदम है. खुशी है कि दोनों समुदायों के लोग प्रेम और एकता की नयी मिसाल कायम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि समाज को इससे प्रेरणा लेनी चाहिये तथा किसी भी तरह की नफरत को भुलाकर शांति और प्रेम को अपनाना चाहिए.