२८० करोड के घोटाले की जांच का ज्ञापन दिया जनसंघर्ष मोर्चा ने

टाटा मोटर्स, सिडकुल एवं शासन द्वारा किये गये महा घोटाले की सी०बी०आई० जाँच को लेकर मुख्य सचिव से मिला मोर्चा
१४ लाख वर्ग मी० भूमि को आबंटित करा दिया कौडयों के दाम पर, टाटा की सहयोगी इकाईयों को।
२८० करोड रूपये से अधिक का महाघोटाला।
बगैर शासनादेश के ही आबंटित करा दी रियायती दर पर भूमि।
देहरादून- जनसंघर्ष मोर्चा प्रतिनिधि मण्डल ने मोर्चा अध्यक्ष एवं जी०एम०वी०एन० ने पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी के नेतृत्व में मुख्य सचिव श्री एस० रामास्वामी से मिलकर पन्तनगर, उद्यमसिंहनगर में टाटा मोटर्स लि० एवं सिडकुल की सांठगांठ से हुए भूमि आबंटन में २८० करोड से अधिक के महाघोटाले की सी०बी०आई० व उच्च स्तरीय जाँच को लेकर ज्ञापन सौंपा। मुख्य सचिव ने प्रकरण पर तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिये।
नेगी ने कहा कि कि वर्ष २००६ में शासन ने टाटा मोटर्स को पन्तनगर, उद्यमसिंह नगर में ९७५.४४ एकड भूमि मोटर वाहन, कार इत्यादि के निर्माण के लिए आबंटित की थी, जिसका मूल्य १२५/- वर्गमीटर तय किया गया था, जबकि उस वक्त भूमि का मूल्य ७००/-रू० प्रति वर्गमीटर था। उस वक्त टाटा मोटर्स को विशेष रियायत प्रदान की गयी थी।
उल्लेखनीय एवं महत्वपूर्ण तत्य यह है कि टाटा मोटर्स ने ०८.०३.२००६ को सिडकुल को पत्र प्रेशित किया था कि उक्त कम्पनी को ४५ लाख वर्गमीटर भूमि की आवष्यकता है तथा इसमें टाटा मोटर्स ने मात्र इच्छा जाहिर की थी कि टाटा मोटर्स की सहायक कम्पनी (।दबपससंतपमे दृ टमदकवते) को भी भूमि टाटा मोटर्स की सहमति पर सिडकुल आबंटित करें, जिस हेतु सहमति/षासनादेष ¼Formal Confirmation on this understanding½ की मांग टाटा मोटर्स ने की थी, जिसकी षासन द्वारा कोई अनुमति प्रदान नहीं की गयी थी।
हैरानी की बात यह है कि षासन-सिडकुल ने टाटा मोटर्स के साथ मिलकर लगभग १४,०३,२०८ वर्ग मीटर भूमि सहायक कम्पनियों को मात्र १२५/- रू० वर्गमीटर के हिसाब से आबंटित करा दी, जबकि उस भूमि का औद्योगिक मूल्य १७.०९.२००६ तक ७००/-रू० प्रति वर्गमीटर था तथा इस दौरान ८,३८,६२६ वर्गमीटर भूमि का आबंटन किया गया। इसी प्रकार १८.०९.२००६ से १२.०९.२००७ तक १५००/-रू० प्रति वर्गमीटर था, इस दौरान ९६,४९८ वर्गमीटर भूमि आबंटित की गयी, इसी प्रकार १३.०९.२००७ से ०२.०७.२००८ तक भूमि का मूल्य २५००/- रू० प्रति वर्गमीटर था तथा उस दौरान ६२,१६६ वर्गमीटर भूमि आबंटित की गयी, इसी प्रकार ०३.०७.२००८ से आज तक उक्त भूमि का मूल्य ४५०१.२५/- वर्गमीटर है तथा इस दौरान ४,०५,९१८ वर्गमीटर भूमि आबंटित की गयी।
इस पूरे खेल में सबने मिलकर करोडों रूपये की काली कमाई की, जिसकी वसूली टाटा मोटर्स एवं सिडकुल के अधिकारियों से होनी चाहिए, जिससे सरकार को लगभग २८० करोड का चूना लगा। उक्त के अतिरिक्त टाटा मोटर्स-सिडकुल द्वारा आबंटित भूमि के उद्योगपतियों (सहायक कम्पनियों) को बडी चालाकी से स्टाम्प षुल्क में भी छूट प्रदान की गयी, जबकि सहायक कम्पनियों को रू० १२५/- प्रति वर्गमीटर का कोई षासनादेष जारी नहीं हुआ था। उक्त मामले की जाँच हेतु कई बार आग्रह किया गया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई।

प्रतिनिधि मण्डल में – मोर्चा महासचिव आकाष पंवार, दिलबाग सिंह, ओ०पी० राणा, रवि भटनागर, बागेष पुरोहित, प्रभाकर जोशी, आदि शामिल थे।

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