5 प्रदेशो के विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए विषम व विपरीत परिस्थितियां इस अपशकुन के कारण; पूर्व न्यासी श्री काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी का मोदी को पत्र ; हिमालयायूके को प्रतिलिपी
पूर्व न्यासी श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्याय परिषद वाराणसी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि मुझे यह कहने में कोई किसी भी प्रकार का गुरेज नही है कि 5 प्रदेशो में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा जिन विषम व विपरीत परिस्थितयो का का सामना कर रही है , इस बात की संभावना से कदापि इंकार नही किया जा सकता कि विपरीत प्रभाव के कारण यह हो रहा है क्या है यह मामला;;; एक्सक्लूसिव रिपोर्ट ; पूर्व न्यासी श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्याय परिषद वाराणसी ने प्रधानमंत्री को प्रेषित पत्र की प्रतिलिपी हिमालयायूके न्यूजपोर्टल सम्पादक चन्द्रशेखर जोशी को भी मेल की
योगी आदित्यनाथ 19 मार्च 2017 को वह UP के CM बन गए। 4 फरवरी 2022 को योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गोरखपुर सीट से नामांकन दाखिल किया। इन सालो में पूर्वांचल के धाकड़ नेता ओम प्रकाश राजभर, पिछड़ों के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे कई दिग्गज नेता BJP छोड़कर सपा में चले गए। ओपिनियन पोल के आंकड़े भी इस बार मुकाबला तगड़ा बता रहे हैं
योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गोरखपुर सीट से नामांकन दाखिल किया। पूर्वांचल की 30 से 35 विधानसभा सीटों पर योगी अपना असर रखते हैं। 2017 में भाजपा को पूर्वांचल के 28 जिलों की 164 विधानसभा सीट में से 115 सीट पर जीत मिली थी योगी के नामांकन में अमित शाह का मौजूद रहना, यह बताने के लिए काफी है कि पूर्वांचल भाजपा के लिए कितना मायने रखता है जबकि अमित शाह का पूर्वांचल में कोई बड़ा दखल नहीं है।
इस दौरान दो चीजें खास रहीं। पहली-इस मौके पर देश के गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी और दूसरी- योगी का गोरखनाथ मंदिर में पूजा-पाठ करना। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिस मंत्र से आज शुरुआत की, वह भगवान हनुमानजी का ऐसा ही शाबर मंत्र माना जाता है
वरिष्ठ पत्रकार उत्कर्ष सिन्हा कहते है कि ‘पूर्वांचल में यह मैसेज है कि शाह और योगी के बीच सब कुछ ठीक नहीं है। शाह भी इस मिथक को तोड़ने की कोशिश करेंगे।
योगी ने नामांकन से पहले रुद्राभिषेक और मंत्रोच्चार के साथ-साथ काफी देर तक ध्यान लगाया। वह जिस गोरखनाथ मंदिर की गद्दी के महंत हैं, उसके गुरु की आराधना की, फिर अन्य देवी देवताओं की पूजा के साथ रुद्राभिषेक किया।
योगी आदित्यनाथ ने कलेक्ट्रेट में नामांकन के दौरान ग्रह नक्षत्रों का पूरा ध्यान रखा। उन्होंने धुंध होने के बाद भी आसमान की तरफ देख करके सूर्य दर्शन की कोशिश की। 12.40 मिनट पर उन्होंने दायां पैर रखकर कलेक्ट्रेट कमरे में प्रवेश किया। यहां पर 15 मिनट के दौरान नामांकन प्रक्रिया पूरी करके वापस चले गए।
ज्योतिषाचार्य राजेंद्र बहादुर श्रीवास्तव के मुताबिक 12.40 बजे से 3.58 बजे तक शुभ समय है। इससे पहले 11.13 से 12.35 बजे तक राहुकाल था, जिसमें शुभ कार्य करने में असफलता मिलती। ज्योतिषाचार्य के मुताबिक शुक्रवार को 3.58 बजे तक माघ मास शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि पूर्व भाद्रपद नक्षत्र का प्रभाव रहेगा। उसके बाद उत्तर भाद्रपद नक्षत्र शुरू हो जाएगा। जिसके बाद संपूर्ण रूप से अच्छा समय नहीं माना जाता है। 12.40 से 3.58 तक सभी ग्रह और नक्षत्र शुभ होता है।
वही दूसरी ओर पूर्व न्यासी श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्याय परिषद वाराणसी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि मुझे यह कहने में कोई किसी भी प्रकार का गुरेज नही है कि 5 प्रदेशो में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा जिन विषम व विपरीत परिस्थितयो का का सामना कर रही है , इस बात की संभावना से कदापि इंकार नही किया जा सकता कि विपरीत प्रभाव के कारण यह हो रहा है क्या है यह मामला;;; एक्सक्लूसिव
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद वाराणसी के पूर्व न्यासी ने कहा- माननीय प्रधानमंत्री आप व माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश की अर्चक विशेष के सूतक काल से आच्छादित होने के बावजूद कराया गया अभिषेक का कही विपरीत प्रभाव तो यह नही है,
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद वाराणसी के पूर्व न्यासी श्री प्रदीप कुमार बजाज पूर्व विधायक रूद्रपुर देवरिया ने श्री नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि क़पया हमारे द्वारा आपको प्रेषित पत्र दिनांक 20; दिसम्बर 2021-24/12/2021, 30 दिसम्बर 2021, 31 दिसम्बर 2021 व 10 जनवरी 2022 का संदर्भ लेने का कष्ट करें, जिसके माध्यम से आपको संज्ञान में यह बात लायी गयी थी कि श्री काशी विश्वनाथ धाम के गत दिनांक 13 दिसम्बर 2021 को आपके द्वारा लोकार्पण के पश्चात बाबा का अभिषेक एक ऐसे अर्चक द्वारा कराया गया था जो उस दिन अभिषेक सम्पादित कराने हेतु सूतक में होने की दशा विशेष के कारण अर्हय ही नही था, साथ ही एक अन्य ऐसा अर्चक भी मंदिर परिसर में उपस्थित था जो कि सूतक से आच्छादित था ये दोनो ही अर्चक आपस में सगे श्वसुर व दामाद का रिश्ता रखते हैं,
सखेद कहना पड रहा है कि इतनी बडी घटना के घटित होने के बावजूद आपके स्तर से इसका संज्ञान नही लिया गया, आरोपी अर्चक द्वय के विरूद्व कार्यवाही के स्थान पर मंदिर में पूर्ववत इन दोनो के द्वारा सेवा प्रदान किये जाने के कारण ऐसा प्रतीत हो रहा है, ऐसा आखिरकार किन परिस्थितियो में हो रहा है, यह मेरी समझ से बाहर की बात है, सनातनी परम्पराओ के अनुसार दशगात्र कर्म न किये जाने की दशा विशेष में आरोपी अर्चक अभी भी सूतक के प्रभाव से आच्छादित है, जिसके परिप्रेक्ष्य में मंदिर परिसर में प्रवेश तक निषिद्व माना गया है, मुझे यह कहने में कोई किसी भी प्रकार का गुरेज नही है कि आज 5 प्रदेशो में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा जिन विषम व विपरीत परिस्थितियो का सामना कर रही है इस बात की संभावना से कदापि इंकार नही किया जा सकता कि आप व माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश की अर्चक विशेष के सूतक काल से आच्छादित होने के बावजूद कराया गया अभिषेक का कही विपरीत प्रभाव तो यह नही है,
योगी आदित्यनाथ रिपोर्ट ;4 साल 10 महीने और 14 दिन ;; कुल 1782 दिन
परन्तु आंकडे कहते है कि बीते 27 साल में हुए चुनावों को देखें तो पूर्वांचल का मतदाता कभी किसी एक पार्टी के साथ नहीं रहा। 2017 में 27 साल बाद भाजपा को प्रचंड बहुमत तो मिला, लेकिन 10 जिलों में वह फिर भी कमजोर रही थी। योगी के खिलाफ ताल ठोंकने वाले भीम आर्मी चीफ ने सीएम के नामांकन को लेकर कमेंट किया था। चंद्रशेखर का योगी के खिलाफ बयान दिन पर सोशल मीडिया पर छाया रहा। इसमें उन्होंने कहा है कि ”गोरखपुर में मेरी बढ़ती लोकप्रियता देख बीजेपी हताश और निराश है। यह देखकर बाबा जी का भी खुद से विश्वास उठ गया है। सीएम का पर्चा दाखिल कराने गोरखपुर भाजपा की पूरी फौज आ रही है। आइए…गोरखपुर की जनता भी आपका हिसाब करने को तैयार बैठी है।
योगी का दावाः बेरोजगारी दर 15% कम करने का, लेकिन असल में .6% बढ़ी है जबकि योगी के सत्ता में आने के बाद और अब में 0.6% बेरोजगारी दर बढ़ी है
योगी का दावा: प्रदेश के अंदर 2017 से अब तक कोई भी दंगा नहीं, कोई आतंकी घटना नहीं’। जबकि 11 दिसंबर 2018 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लोकसभा में बताया, “साल 2017 में दंगों के मामले में UP टॉप पर है। NCRB के आंकड़ों में 2017 में 34 सांप्रदायिक दंगे हुए और बलवों को मिलाकर 8,990 घटनाएं हुईं। साल 2019 में दंगे और बलवे शामिल करके 5,714 घटनाएं हुईं। साल 2018 में दंगे और बलवे शामिल करके 8,908 घटनाएं हुईं।
योगी का दावाः उत्तर प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया है। जबकि पंचायती निदेशालय से मिली जानकारी के अनुसार 25 सितंबर 2021 तक 52,811 सामुदायिक शौचालय बन चुके हैं। 48,565 महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाएं उसका रखरखाव कर रही है। करीब 7 हजार ग्राम पंचायतों में निर्माण नहीं हुए हैं। करीब 10,000 ग्राम पंचायतों में खराबी के कारण यह शुरू नहीं हो सके हैं।
योगी का दावाः पांच सालों में सरकार ने 5 लाख नौजवानों को रोजगार दिया है। वो भी तब जब दुनिया कोरोना जैसी महामारी से जूझ रही थी, आर्थिक स्थिति खराब थी। जबकि योगी आदित्यनाथ की सरकार अलग-अलग समय पर अलग-अलग वादे करती रही है।
24 जुलाई 2021 को यूपी सरकार ने बताया कि पिछले साढ़े चार साल में 6.65 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी। फिर 17 सितंबर 2020 को PM मोदी के जन्मदिन पर UP सरकार ने विस्तृत रिपोर्ट जारी करते हुए 2 लाख 94 हजार 80 नौकरी देने का दावा किया।उस वक्त 85,629 भर्ती पेंडिंग थी। अगले छह महीने में भर्ती हुई। अप्रैल 2021 तक ये संख्या 3,79 लाख पहुंच गई। इसके बाद एक लाख नौकरी देने का वादा किया गया, लेकिन कोई भर्ती पूरी नहीं हुई।
योगी का दावा: उत्तर प्रदेश में पिछले पांच साल के अंदर 2 करोड़ से अधिक महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन दिए गए। ;;; मुफ्त गैस कनेक्शन व गैस सिलेंडर की यह योजना प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के नाम से है। इसे पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय संचालित करती है। इसके लिए केंद्र सरकार बजट जारी करती है। 25 अगस्त 2021 को उज्जवला योजना 2.0 की शुरुआत हुई।
योगी का दावा: बेसिक शिक्षा परिषद के 1.40 लाख से अधिक विद्यालयों को स्मार्ट बनाया है। वहां बैठने के लिए डेस्क-बेंच, अलग टॉयलेट, पानी पीने की व्यवस्था की गई है। जबकि असलियत यह है कि UP में प्राइमरी और अपर प्राइमरी मिलाकर कुल 1,58,839 स्कूल हैं। चार साल पहले UP के 68,603 स्कूलों में छात्र जमीन पर बैठते थे। स्थिति सुधरी, लेकिन अभी भी 40 हजार स्कूलों में छात्र जमीन पर बैठते हैं। करीब 20 हजार स्कूलों में अलग टॉयलेट नहीं है। इतने ही स्कूलों में बाउंड्रीवाल नहीं है। 2 मार्च 2021 को केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने बताया कि UP में 2 लाख 17 हजार से अधिक पद खाली हैं। यह पूरे देश में बिहार के 2 लाख 75 हजार के बाद दूसरे स्थान पर है। इतनी बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद खाली रखने पर स्कूलों को स्मार्ट बना पाना संभव नजर नहीं आता।
योगी का दावा: 2017 में जब हमारी सरकार आई तो हमने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में प्रदेश के 86 लाख किसानों का 36,000 करोड़ का कर्ज माफ किया।
साल 2021 में सूचना के अधिकार के तहत RTI एक्टिविस्ट राहुल कुमार ने यूपी कर्जमाफी की जानकारी मांगी थी। सवाल था बीते चार वर्षों में UP में कितने की कर्ज माफ किया गया। इसपर लिखित जवाब आया कि 2017 से वर्ष 2020 तक यूपी में 45 लाख 24 हजार 144 किसानों का कर्ज माफ हुआ है। रिपोर्ट कार्ड में बताया गया 86 लाख का आंकड़ा इस संख्या का दोगुना है।
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