9 फरवरी-8.30pm; 59 बाद ग्रहों का अद्भुत महासंयोग- ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति का क्या है संकेत
ऊँ सांब सदाशिवाय नम: # 9 फरवरी यानी आज रात तकरीबन साढ़े आठ बजे चंद्रमा मकर राशि में प्रवेश करेगा. मकर राशि में सूर्य, बुध, गुरु, शुक्र और शनि पहले से विराजमान हैं. ऐसे में चंद्रमा की उपस्थिति से मकर राशि में षटग्रही योग बन जाएगा. 6 ग्रहों का ये अद्भुत संयोग सभी राशियों को अच्छे-बुरे परिणाम देने वाला है. मीन राशि के जातकों लिए भी ग्रहों का ये महासंयोग शुभ समाचार लेकर आ सकता है. # 11 फरवरी को मौनी अमावस्या है # 12 फरवरी को कुंभ संक्रांति है # ऊँ सूर्याय नम: # 12 तारीख से गुप्त नवरात्रि शुरू # ज्योतिषियों का कहना है कि ग्रह-नक्षत्रों की ये स्थिति अनचाही घटनाओं की ओर इशारा कर रही है। सितारों की इस स्थिति का अशुभ असर देश-दुनिया पर पड़ सकता है # राजनेताओं के लिए संघर्षपूर्ण स्थिति बनाएगा # इन ग्रहों के कारण राजा यानी बड़े पद पर मौजूद लोग, बड़े नेता और प्रशासनिक अधिकारियों के लिए तनाव और बदलाव का समय होता है। :बुधवार (10 फरवरी) और गुरुवार (11 फरवरी) को मकर राशि में एक साथ 6 ग्रह रहेंगे। इन दिनों में सूर्य, चंद्र, बुध, गुरु, शुक्र और शनि, ये सभी ग्रह मकर राशि में बड़ा योग बना रहे हैं। नौ में से 6 ग्रहों का एक साथ एक राशि में होना, कई लोगों के लिए परेशानियां बढ़ाने वाला हो सकता है # नौ फरवरी दिन मंगलवार की मध्य रात्रि में 12:50 बजे शनि उदय होने वाले हैं।
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बुधवार (10 फरवरी) और गुरुवार (11 फरवरी) को मकर राशि में एक साथ 6 ग्रह रहेंगे। इन दिनों में सूर्य, चंद्र, बुध, गुरु, शुक्र और शनि, ये सभी ग्रह मकर राशि में बड़ा योग बना रहे हैं। नौ में से 6 ग्रहों का एक साथ एक राशि में होना, कई लोगों के लिए परेशानियां बढ़ाने वाला हो सकता है।
9 फरवरी तक आकाश मंडल में पांच ग्रहों का योग रहेगा। इस समय मकर राशि में सूर्य, बुध, गुरु, शुक्र और शनि रहेंगे। वहीं, 10 और 11 फरवरी को चंद्रमा भी मकर राशि में आ जाएगा। जिससे षड्ग्रही योग बनेगा। साथ ही हिंदू कैलेंडर के माघ महीने में 5 शुक्र और पांच शनिवार आ रहे हैं। ज्योतिषियों का कहना है कि ग्रह-नक्षत्रों की ये स्थिति अनचाही घटनाओं की ओर इशारा कर रही है। सितारों की इस स्थिति का अशुभ असर देश-दुनिया पर पड़ सकता है।
नौ फरवरी दिन मंगलवार की मध्य रात्रि में 12:50 बजे शनि उदय होने वाले हैं। शनि के उदय होते ही कुछ राशि वाले लोगों पर इसका बहुत ही अनुकूल प्रभाव –
साल 2021 05 जनवरी को शनि अस्त हो चुके थे और अब नौ फरवरी दिन मंगलवार की मध्य रात्रि में 12:50 बजे शनि उदय होने वाले हैं।शनि का जागना बहुत ही उम्मीदों की किरण लेकर आया है। जहां एक तरफ बहुत से आंदोलन चल रहे हैं, ऐसे में शनि का उदय होना एक मजबूत स्थिति लेकर आया है। और ये केवल उन्हीं चीजों के लिए नहीं है बल्कि जो चीजें आपकी दिनचर्या में शामिल होती हैं उन सभी चीजों के लिए उम्मीद की किरण है जो आपकी कुंडली में शामिल होगी।शनि के उदय होते ही कुछ राशि वाले लोगों पर इसका बहुत ही अनुकूल प्रभाव होगा।मेष राशि- शनि का जागना इनके लिए अच्छे समय की शुरूआत होगा।कर्क राशि वाले लोगों के लिए शनि का जागना आपको कई मौके देने वाला है।कन्या राशि वाले लोगों के लिए शनि के जागने से आप मानसिक रूप से बहुत अच्छे रहेंगे और आपका स्वास्थ्य भी ठीक होता हुआ दिखाई देगा। तनाव दूर होगा। रिश्तों की कड़वाहट दूर होगी। आपके कार्यक्षेत्र में आपकी जो स्थिति है शनि उसे मजबूत बना सकते हैं। शनि के आशीर्वाद से आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकती है।वृश्चिक राशि वालों के लिए शनि का जागना काफी फायदेमंद साबित होने वाला है। सुख-सुविधाओं में अचानक से वृद्धि होगी। कुछ पुराने कर्ज अगर हैं तो वो भी समाप्त हो जाएंगे। आपके व्यापार में विस्तार के लिए आपको अपने परिवार का सहयोग भी प्राप्त होगा। जीवनसाथी की उन्नति का योग भी आपके लिए शनि ला रहे हैं। धनागमन के योग बनेंगे।मकर राशि वालों के लिए शनि का जागना बहुत शुभ है क्योंकि मकर राशि शनि की ही राशि है और शनि आपकी ही राशि में उदय होने वाले हैं।कुंभ राशि शनि की ही राशि है और शनि इनके 12वें भाव में विराजमान हैं। शनि का उदय होना जीवन में कई तरह के अनुकूल बदलाव लेकर आएगा। Logon www.himalayauk.org
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार ये समय सभी 12 राशियों के लिए सतर्क रहने का है। किसी भी काम में लापरवाही न करें। वाहन चलाते समय सावधान रहें। जाने-अनजाने किसी का अनादर न करें। सोच-समझकर बात करें और वाद-विवाद से बचें। इन 6 ग्रहों के योग से होने वाले अशुभ असर से बचने के लिए इष्टदेव की पूजा करनी चाहिए।
काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र का कहना है कि सितारों की वजह से किसी खास इंसान का निधन हो सकता है। उपद्रव, भूकंप, तूफान या प्राकृतिक आपदा से देश में परेशानी बढ़ सकती है। मौसम में अचानक बदलाव होगा। देश के कुछ हिस्सों में बारिश होने के भी योग बन रहे हैं। मकर राशि में मौजूद शनि, सूर्य, शुक्र एवं नीच राशि का गुरु होने से राजनेताओं के लिए संघर्षपूर्ण स्थिति बनाएगा।
किसी शिव मंदिर में शिवलिंग पर तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं। बिल्व पत्र, धतूरा, आंकड़े के फूल चढ़ाएं। जनेऊ, चावल अर्पित करें। चंदन का तिलक लगाएं और मिठाई का भोग लगाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें। ऊँ सांब सदाशिवाय नम: मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें।
छह ग्रहों का ये महासंयोग ; शुक्र की चाल में बदलाव होने से मेष, वृष, कुंभ और मीन राशि वाले लोगों के लिए अच्छा समय रहेगा।
मेष- छह ग्रहों का ये महासंयोग मेष राशि के जातकों के लिए बेहद लाभकारी रहने वाला है.
वृषभ राशि के जातकों के लिए समय अच्छा रहेगा.
मिथुन राशि के जातकों के लिए भी ग्रहों का ये महासंयोग बेहद शुभ फल देगा
इस महासंयोग से कर्क राशि के जातकों का भाग्योदय होगा
सिंह राशि इस राशि में अपार धन लाभ के योग बनेंगे.
कन्या राशि वालों के लिए भी बेहद शुभ रहने वाला है. जीवन में बड़ी उपलब्धि मिलने के संयोग बनेंगे.
तुला राशि के जातकों के लिए समय मिला-जुला रहेगा
वृश्चिक राशि वालों के लिए ये समय थोड़ा तनाव से भरा हो सकता है. सेहत का ख्याल रखें और व्यवहार में चिड़चिड़ापन न आने दें.
धनु राशि के लिए भी ये संयोग मिले-जुले परिणाम लेकर आएगा
ये षटग्रही योग मकर राशि में ही बनने जा रहा है. इस राशि के जातकों का धन-कारोबार बढ़ेगा. बुद्धि और विवेक की तर्ज पर बड़ी कामयाबी हासिल करेंगे.
कुंभ राशि के जातकों को थोड़ा सावधान रहने की जरूरत होगी. अधिकारी पक्ष की तरफ से तनाव बढ़ सकता है.
मीन राशि के जातकों लिए भी ग्रहों का ये महासंयोग शुभ समाचार लेकर आ सकता है.
तकरीबन हर साल ऐसा होता है जब एक ही राशि में पांच ग्रह आ जाते हैं। पं. मिश्र बताते हैं कि सूर्य हर महीने राशि बदलता है। ज्योतिष में बुध और शुक्र को अनुचर ग्रह कहा जाता है। यानी ये दोनों ग्रह सूर्य के आसपास ही रहते हैं। कई बार ऐसा होता है जब ये एक ही राशि में आ जाते हैं। इनके अलावा चंद्रमा हर ढाई दिन में राशि बदलता है। ये चारों ग्रह एक साल में हर राशि से होकर गुजरते हैं। इस दौरान जब मंगल, शनि, बृहस्पति या राहु-केतु के साथ ये आते हैं तो पंचग्रही योग बन जाता है।
पं. मिश्र का कहना है कि पांच ग्रहों का योग तो तकरीबन हर साल बनता है। लेकिन कई सालों में एक बार ऐसा होता है जब 6 ग्रह एक ही राशि में आ जाए। ऐसी ग्रह स्थिति को षड्ग्रही योग कहा जाता है। ज्योतिष ग्रंथों में इस योग को अशुभ फल देने वाला माना जाता है। मयूरचित्रकम सहित कुछ संहिता ग्रंथों में कहा गया है कि जब एक ही राशि में 6 ग्रह आ जाए तो दुर्घटनाएं बढ़ती हैं। प्राकृतिक आपदाएं और मौसम में अचानक बदलाव होने लगता है। इन ग्रहों के कारण राजा यानी बड़े पद पर मौजूद लोग, बड़े नेता और प्रशासनिक अधिकारियों के लिए तनाव और बदलाव का समय होता है।
काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र ने बताया कि राजनीति में कोई नया चेहरा सामने आ सकता है।
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