भोले शंकर के हठी रूप के राहुल गांधी ने की पूजा पाठ
राहुल गांधी की भक्ति# ग्वालियर के प्रसिद्ध अचलेश्वर मंदिर में पूजा-पाठ3 भोले शंकर का हठी रूप यहां देखने को मिलता है# यहां भोले शंकर अपनी हट के कारण ही बीच सड़क पर विराजमान हैं। महादेव को बीच सड़क से हटाने के लिए तत्कालीन शासकों ने भी प्रयत्न किए। लेकिन महादेव हिले तक नहीं। महादेव अपने हट के चलते यहीं अडिग रहे #अचलनाथ को जंजीर से बांधकर हाथियों से खिंचवाया लेकिन महोदव का शिवलिंग टस से मस नहीं हुआ। उसी दिन से इनका नाम अचलेश्वर पड़ा। # 40 वर्ष पहले मंदिर की स्थापना # दिन में 3 बार रंग बदलता है ये शिवलिंग, वैज्ञानिक भी नहीं ढूंढ़ पाए राज़ # अचलेश्वर महादेव मंदिर, जो विज्ञान के लिए भी चुनौती #चमत्कार के चलते यह मंदिर आस्था का केंद्र# Presented by- हिमालयायूके- हिमालय गौरव उत्तराखण्ड www.himalayauk.org
रियासतकालीन श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर शहर के प्रसिद्ध शिवालयों में से एक है। यहां हर रोज़ सैंकड़ों लोग दर्शन के लिए आते हैं। अचलेश्वर महादेव मंदिर शहर के प्रसिद्ध और धनी मंदिरों में शामिल है। मंदिर पर बाबा के लाखों भक्त हैं जो कि नियमित रूप से दान दक्षिणा भी देते रहे हैं। बताया जाता है कि मंदिर पर दान और चढ़ावे में मिली करोड़ों की दान राशि रखी हुई है।
मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में अनेक देवस्थान हैं और शिवालय भी। सभी की अपनी महत्ता और प्रतिष्ठा है। किन्तु ग्वालियर स्थित श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर का कुछ विशेष ही महत्व है। इस कारण इस मन्दिर की चर्चा पूरे क्षेत्र में होती है। इस मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है। यहां भोलेनाथ की कृपा सब पर समान रूप से बरसती है। अमूमन माना जाता है कि महादेव शिव शंकर बहुत ही भोले हैं। लेकिन भोले शंकर का हठी रूप यहां देखने को मिलता है। यहां भोले शंकर अपनी हट के कारण ही बीच सड़क पर विराजमान हैं। महादेव को बीच सड़क से हटाने के लिए तत्कालीन शासकों ने भी प्रयत्न किए। लेकिन महादेव हिले तक नहीं। महादेव अपने हट के चलते यहीं अडिग रहे। आखिर भक्तों ने महादेव की मंशा भांपकर उनका मंदिर बीच सड़क पर ही स्थापित कर दिया। अचलेश्वर महादेव मंदिर पर लोग दूर-दूर से आते हैं। कुछ लोग जो विगत 2-3 दशकोें में शहर एवं राज्य से बाहर जाकर बस गए हैं। वे लोग भी श्रावण मास में और शिवरात्रि पर यहां आते हैं। अचलेश्वर मंदिर के ट्रस्टी के अनुसार लगभग 40 वर्ष पहले मंदिर की स्थापना की गई।
अचलेश्वर मंदिर के भक्तों की मानें तो एक बार तत्कालीन शासक इस मार्ग से गुजर रहे थे। जब उन्हें यहां बीच सड़क पर महादेव दिखे तो उन्होंने कहा कि महादेव को यहां से हटाईए जिससे हमारा काफिला आगे की ओर निकले। इस पर पूरी सेना ने पूरजोर कोशिश की अचलनाथ को जंजीर से बांधकर हाथियों से खिंचवाया लेकिन महोदव का शिवलिंग टस से मस नहीं हुआ। उसी दिन से इनका नाम अचलेश्वर पड़ा।
अचलेश्वर महादेव मंदिर में सवा क्विंटल का घंटा भी चर्चित है। अचलेश्वर महादेव मंदिर पर सवा क्विंटल का घंटा मंदिर के मुख्य द्वार पर चढ़ाया गया है। इस घंटे से यह मंदिर और भी संुदर दिखाई देता है।
अचलेश्वर के पास है 1 किलो का सोने का मुकुट
अचलेश्वर महादेव मंदिर पर एक किलो 170 ग्राम बजनी सोने का मुकुट दान दिया गया था। यह दान एक महिला ने गुप्त तरीके से दिया। मुकुट के उपरी हिस्से में भगवान महादेव की प्रतिमा इस छत्र पर उकेरी गई है, जबकि उसके चारों ओर बाहरी हिस्से में 12 ज्योर्तिलिंग के दर्शन किए जा सकते हैं।
हमारे देश में कई सारे ऐसे रहस्य है जिनका वैज्ञानिक भी पता नहीं लगा पाए है। हिंदू धर्म में शकर भगवान को सर्वोपरि में जाता है। इसीलिए उन्हें देवों के देव महादेव भी कहते है। कई सारी कथाए है जिनमें भगवान शिव के चमत्कारों का विवरण मिलता है। हमारे देश मे कई सारे ऐसे मंदिर है जो रहस्यों से भरे है जिनका आजतक पता नहीं लगा पाया। ऐसा ही एक रहस्य है अचलेश्वर महादेव मंदिर, जो विज्ञान के लिए भी चुनौती बना हुआ है। राजस्थान के धौलपुर में स्थित अचलेश्वर महादेव मंदिर में चमत्कार देखा जा सकता है। यहां स्थित शिवलिंग दिन में तीन बार रंग बदलता है। हालांकि दिखने में तो यह साधारण शिवलिंग की तरह ही है। लेकिन इसकी खूबसूरती व रंग बदलने का चमत्कार आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। जानकारी के अनुसार सामने आया है कि यह शिवलिंग दिन में तीन बार कलर बदलता है। इसका का रंग सुबह के समय लाल होता है। जो दोपहर में बदलकर केसरिया हो जाता है। इसके बाद शाम होते होते श्याम रंग का हो जाता है। इस कलर बदलने को लेकर कई बार शोध किए जा चुके है लेकिन अभी तक कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आए है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस शिवलिंग की जड़ तक कोई नहीं पहुंच पाया। इसकी गहराई का पता लगाने के लिए यहां पर खुदाई भी की गई थी। लेकिन अभी जब इसका छोर नहीं आया तो खुदाई को बंद कर दिया गया। इस चमत्कार के चलते यह मंदिर आस्था का केंद्र बना हुआ है। यहां पर आने वाले लोगों का तांता लगा रहता है। हर सावन के मांस में यहा पर विशाल मेले का आयोजन किया जाता है। इसे लेकर लोगों का मानना है कि यह शंकर भगवान का चमत्कार ही है।
राहुल के इस विशाल रोड शो ने भाजपा नेताओं की नींद उड़ा दी। जिससे बीजेपी नेताओं को जोरदार झटका लगा है। किसी को राहुल के रोड शो में इतनी भीड़ जुटने की बिलकुल भी उम्मीद नहीं थी। इस भीड़ को देखते हुए एसा लग रहा है, कि कांग्रेस प्रदेश के लोगों के दिल में जगह बनाने में कामयाब हो रही है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सोमवार से प्रदेश के दो दिवसीय दौरे पर हैं, सोमवार को ग्वालियर में आयोजित राहुल गांधी के रोड शो ने बीजेपी के नेताओं की नींद उड़ा दी है। रोड शो में भारी जन सैलाब उमड़ा। सभी कार्यकर्ता हाथों में कांग्रेस के झंडा लहराते हुए राहुल, सिंधिया जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे। कांग्रेस अध्यक्ष का यह रोड शो सोशल मीडिया पर भी छाया रहा। ट्विटर पर #RahulGandhiInGwalior नंबर 2 पर ट्रेंड हो रहा है। लोग ट्विटर पर राहुल गाँधी के समर्थन में जमकर ट्वीट कर रहे हैं। दतिया और डबरा की सभाओं को संबोधित करने के बाद राहुल गाँधी शाम को ग्वालियर पहुंचे। सबसे पहले वे सिंधिया राजवंश की छत्री गए और पूर्व केन्द्रीय मंत्री माधव राव सिंधिया को पुष्प अर्पित किये। उनके साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ भी थे। इसके बाद तीनों नेता अचलेश्वर मंदिर पहुंचे जहाँ उन्होंने पूजा अर्चना की। मंदिर में दर्शन के बाद जैसे ही राहुल गांधी संकल्प रथ पर सवार हुए, पूरा ग्वालियर राहुल गांधी जिंदाबाद, श्रीमंत सिंधिया जिंदाबाद, कांग्रेस जिंदाबाद के नारों से गूंज उठा। राहुल गांधी के स्वागत में उमड़े कांग्रेस कार्यकर्ता और जनता रोके नहीं रुक रही थी। भीड़ इतनी ज्यादा थी कि संकल्प रथ कछुऐ की रफ्तार से चल रहा था। हर कार्यकर्ता राहुल की एक झलक देखना चाहता था। यही नहीं ग्वालियर में राहुल व सिंधिया के समर्थन में ‘अबकी बार सिंधिया सरकार’ के पोस्टर भी लगाए गए थे।
2019 के लोकसभा चुनाव में फतह के लिए हर संभव कोशिश कर रही कांग्रेस संगठन को और मजबूत करने के प्लान पर आगे बढ़ रही है। इस बार कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं को उनके काम के हिसाब से इनाम और ओहदा देने की तैयारी में है। गांव-गांव में बूथ अध्यक्ष और एरिया बूथ कॉर्डिनेटर तैनात करने और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती 19 नवंबर तक यूपी में 10 लाख सक्रिय कार्यकर्ताओं को जोड़ने का लक्ष्य टीम कांग्रेस को मिला है। फर्स्ट टाइम वोटर को राहुल गांधी खुद शुभकामनाएं भी भेजेंगे। कांग्रेस का प्लान है कि किसी भी हालत में यूपी में 80 के दशक वाली पार्टी खड़ी हो जाए। इसके लिए कांग्रेस हर जतन कर रही है। प्रदेश कांग्रेस ने इंदिरा गांधी की जयंती तक पूरे सूबे में जनाधार बढ़ाने के लिए छेड़े गए अभियान को धार देने के लिए अपने जिलाध्यक्षों को भेजी चिट्ठी में वर्करों की जिम्मेदारी तय की है। चिट्ठी लिखकर कहा गया है, ‘यूपी में 10 लाख पांच हजार लोगों को कांग्रेस से जोड़ना है। इस काम के लिए पहले से तैनात किए जा रहे दस बूथ सहयोगी के अलावा हर गांव और कस्बे के हर बूथ पर बूथ अध्यक्ष बनाया जाए।
बूथों को मिलाकर एक एरिया बूथ कॉर्डिनेटर (एबीसी) तैनात किया जाएगा। कहा गया है कि इन एबीसी की अगुवाई में बूथ कमिटी के सदस्य हर घर दस्तक देकर लोगों को साथ जोड़ें। प्रदेश कांग्रेस कमिटी के महामंत्री संगठन सतीश अजमानी की तरफ से भेजी गई चिट्ठी में लिखा गया है कि कार्यकर्ताओं को उनके काम के आधार पर इनाम दिया जाएगा। इनाम ब्लाक, जिला, प्रदेश और केंद्र स्तर पर देना तय किया गया है। इसी के साथ एरिया बूथ कॉर्डिनेटर के काम के प्रदर्शन के बल पर पद और चुनाव में मौका दिया जाएगा।
कांग्रेस की तरफ से भेजी गई चिट्टी में कहा गया है, ‘फर्स्ट टाइम वोटर पर खास ध्यान दें। 18 से 21 साल वाले वोटर से जरूर मिलें। इन यूथ को हर हाल में मोटिवेट कर पार्टी वर्कर के तौर पर जोड़ें।’ कहा गया है कि यूथ के रुख से माहौल बनता है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस का प्लान है कि फर्स्ट टाइम वोटर को राहुल गांधी यूपीए सरकार के गठन का मौका मिलने पर शुभकामनाएं देंगे और संदेश भेजेंगे। पार्टी का मानना है कि राहुल गांधी यह कदम यूथ को जोड़ने के लिए उठा रहे हैं।
यूपी युवा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष केशव चंद यादव की तरफ से भी कहा गया है कि 2014 में युवाओं से किए वादे पूरे नहीं होने से वह मोदी सरकार से खफा हैं। इसलिए युवाओं खासकर फर्स्ट टाइम वोटर को इस बारे में कांग्रेस पर्चे वितरित कर आगाह करेगी कि वह आगे से बीजेपी के झांसे में नहीं आए। दरअसल, भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) भी स्टूडेंट्स, खासकर फर्स्ट टाइम वोटर से कॉलेजों में जनसंपर्क अभियान चलाकर राहुल के प्लान पर काम कर रही है।
कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉक्टर युसुफ कुरैशी का कहना है, ‘कांग्रेस का कारवां हर दिन बढ़ता जा रहा है, पार्टी की तरफ युवाओं का रुझान ज्यादा है। हर घर में कांग्रेस की सोच के साथ पार्टी आगे बढ़ रही है।’ कांग्रेस के मीडिया कॉर्डिनेटर मनोज त्यागी का कहना है कि काम करने वाले को पार्टी में सम्मान मिलेगा। संगठन मजबूती पर कई स्तर से काम चल रहा है, परिणाम जल्द सामने होंगे।
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इस मंदिर का बहुत ही प्राचीनतम इतिहास है, घने जंगल के बीचोबीच स्थित होने से ये स्थान जंगली देवी मंदिर के नाम से विख्यात हो गया. मंदिर में माता की मूर्ति के साथ भी एक मान्यता जुड़ी हुई है कहा जाता है कि जो भी भक्त पूरी श्रद्धा के साथ माता के चेहरे को निहारता है, उसको मनोकामना पूरी होने का संकेत मां की मूर्ति से ही मिल जाता है. कानपुर में जंगली देवी मंदिर में इस वक्त भक्तों का तांता लगा हुआ है. वैसे तो पूरे साल यहां भक्त आते हैं पर नवरात्र में यहां का महत्व और बढ़ जाता है. इससे मंदिर से जुड़ीं कई अनोखी मान्यताएं हैं. कहते हैं कि यहां पर जो भी भक्त ईंट रखकर मुराद मांगता है माता उसकी सारी मुरादें पूरी करती हैं. इतना ही नहीं ये भी कह जाता है कि मूर्ति के पीछे बनी नाली में ईट रखने के बाद उस ईट को निर्माणाधीन मकान में लगाने से तरक्की होती है और घर का काम जल्दी निपट जाता है.
इस मंदिर का बहुत ही प्राचीनतम इतिहास है, घने जंगल के बीचोबीच स्थित होने से ये स्थान जंगली देवी मंदिर के नाम से विख्यात हो गया. मंदिर में माता की मूर्ति के साथ भी एक मान्यता जुड़ी हुई है कहा जाता है कि जो भी भक्त पूरी श्रद्धा के साथ माता के चेहरे को निहारता है, उसको मनोकामना पूरी होने का संकेत मां की मूर्ति से ही मिल जाता है. मंदिर कमिटी के अध्यक्ष के मुताबिक माता जी प्रतिमा के सामने जो भक्त पूरी आस्था के साथ चेहरे को निहारता है तो प्रतिमा का रंग धीरे-धीरे गुलाबी होने लगता है तो समझो मनोकामना पूरी हो गई. ऐसे बहुत से श्रद्धालु हैं जिनकी दर्शन मात्र से मनोकामनाएं पूरी हो रही हैं.
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