सरकार व विधान सभा अध्यक्ष का ड्रामा स्टेज बना सदन- अजय भट्ट
देहरादून, नेता प्रतिपक्ष उत्तराखण्ड विधान सभा एवं भा०ज०पा० प्रदेश अध्यक्ष श्री अजय भट्ट ने कहा कि सरकार ने असंवैधानिक तरीके से सदन को प्रारम्भ किया तथा संवैधानिक व्यवस्थाओं को नजरंदाज करके सरकार व अध्यक्ष द्वारा मनमानी तरीके से सदन की कार्यवाही संचालित करने का अलोकतांत्रिक तरीका अपनाया गया। www.himalayauk.org (UK Leading Digital Newsportal
उन्होंने कहा कि सरकार व विधान सभा अध्यक्ष मिलकर एक ड्रामा स्टेज करके अध्यक्ष विधान सभा के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव के निस्तारण की कार्यवाही भी कर दी, जबकि सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट कहा था जब मामला तक न्यायालय में लम्बित है, तब तक अविश्वास प्रस्ताव भी लम्बित रहेगा अर्थात उस पर चर्चा भी नहीं हो सकती थी। किन्तु इसके बाद भी सरकार द्वारा मा० सर्वोच्च न्यायालय का अपमान किया गया। इसके लिए सरकार एवं विधान सभा अध्यक्ष बराबर के दोषी हैं।
श्री भट्ट ने कहा कि यहाँ तक कि सरकार ने बिना विपक्ष के विनियोग विधेयक भी पारित करा दिया गया। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने सरकार की गुण्डागर्दी, अलोकतांत्रिक और मनमाने तरीके से सदन को संचालित किये जाने पर सदन से वाक आउट कर दिया किन्तु सरकार ने एक बार भी विपक्ष के साथ बातचीत करना उचित नहीं समझा। इससे स्वतः समझा जा सकता है कि सरकार किस तरह तानाशाही तरीके से सदन चला रही है, जिसे प्रदेश की जनता अच्छी तरह समझ रही है।
उन्होंने कहा कि जब वह आज पुनः सरकार के इस कृत्य के खिलाफ सदन की कार्यवाही प्रारम्भ होने से पूर्व ही विधान सभा मण्डप के बाहर गैलरी में मह में काली पट्टी बांधकर बैठ गये थे उसके बाद भी सरकार द्वारा एक बार भी यह प्रयास नहीं किया गया कि विपक्ष से बातचीत कर सदन चलाया जाय। बिना विपक्ष के सरकार अपने सारे काम निपटाते रही। उन्होंने कहा कि हम संविधान की हत्या एवं लोकतंत्र की मर्यादा को तार-तार होते नहीं देख सकते हैं। इसलिए हमने आज काली पट्टी बांधकर दो घण्टे का मौन रखकर सरकार के इस कृत्य का विरोध किया ताकि सरकार की आंखें खुलें और वह संविधान एवं लोकतंत्र की रक्षा करे किन्तु सरकार इस तरह से गुण्डागर्दी पर उतर आयी कि उन्हें आज लोकतंत्र में इतना अविश्वास हो गया कि बिना विपक्ष के सदन चला दिया।
श्री भट्ट ने कहा कि सरकार एवं अध्यक्ष विधान सभा ने मिलकर इतनी हपड-तपड में सदन चलाया कि पहले तो सदन की कार्यवाही ही असंवैधानिक तरीके से प्रारम्भ की तथा अन्त में अनिश्चित काल के लिए सदन उठाकर बिना राष्ट्रगान गाये अध्यक्ष विधान सभा सदन से चल दिये इस प्रकार उन्होंने राष्ट्र का भी अपमान कर दिया। उन्होंने कहा कि जब भी सदन अनिश्चित काल के लिए स्थगित होता है, तो राष्ट्रीय गान निश्चित रूप से गाया जाता है।
उन्होंने कहा कि विधान सभा अध्यक्ष जैसे गरिमामयी एवं संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति ही जब सदन उठाते समय यह भूल जाय कि अनिश्चित काल के लिए सदन उठाते समय राष्ट्रगान भी गाना है, तो ऐसे लोग संविधान की क्या रक्षा करेंगे, चिन्तनीय विषय है। अध्यक्ष विधान सभा के इस कृत्य से आज पूरे राष्ट्र का घोर अपमान हुआ है तथा देवभूमि भी शर्मसार हुई है।
उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में शायद ही ऐसा कभी पहले हुआ हो कि अध्यक्ष विधान सभा के खिलाफ इतना अविश्वास पैदा हो गया हो कि विपक्ष को सदन में जाने से स्वयं को रोकना पडा हो, किन्तु उसके बाद भी सरकार एवं अध्यक्ष विधान सभा द्वारा उनके खिलाफ मा० सर्वोच्च न्यायालय में लम्बित अविश्वास प्रस्ताव, जिस पर चर्चा ही नहीं हो सकती थी, को निस्तारित कराकर पुनः अध्यक्ष की कुर्सी पर विराजमान हो गये हों।
श्री भट्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री एवं विधान सभा अध्यक्ष को राष्ट्र के इस अपमान के लिए पूरे देश की जनता से माफी मांगनी होगी तथा कहा कि विपक्ष महामहिम राज्यपाल से भी अनुरोध करेगा कि सरकार द्वारा किये गये इस असंवैधानिक कृत्य के प्रति स्वतः संज्ञान लेकर सरकार के खिलाफ विधिसम्मत कार्यवाही करें।
श्री भट्ट ने कहा कि जब तक श्री गोबिंद सिंह कुंजवाल, अध्यक्ष विधान सभा की कुर्सी पर विराजमान हैं अथवा जब तक सर्वोच्च न्यायालय से कोई स्पष्ट निर्णय नहीं आ जाता तब तक विपक्ष सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेगा।
सैन्य कैन्टीनों से उत्पाद शुल्क को हटाये सरकार: गणेश जोशी।
देहरादून 22 जुलाई 2016: मसूरी विधायक गणेश जोशी ने विधानसभा में सदन के बाहर धरने पर बैठकर उत्तराखण्ड सरकार द्वारा सैन्य कैन्टीनों में शराब पर लगाये जा रहे उत्पाद शुल्क में कटौती करने की मांग की। उन्होनें कहा कि सरकार द्वारा पंजाब एवं हरियाणा की तुलना में 150 से 300 प्रतिशत अधिक धनराशि वसूली जा रही है।
विधायक जोशी ने कहा कि राज्य की कांग्रेस की सरकार आज भ्रष्टाचार, कुशासन और विभिन्न प्रकार के माफियाओं की पक्षधर सरकार के रुप में स्थापित हो चुकी है। सरकार की नीतिया और गतिविधिया यहां की आम जनता, आम नागरिकों को ध्यान में रख कर न तो बन रही हैं और ना ही लागू हो रही हैं। राज्य की भ्रष्टतम कांग्रेस सरकार चन्द सिंडिकेटों तथा माफियाओं के इशारों पर नाच रही है। इतना ही नहीं इन माफियाओं की तिजोरिया भरने के लिए निर्लज्जता की हद तक पतित होकर जनता को लूट रही है। उसकी खून पसीने की गाढ़ी कमाई पर डांका डाल रही है।
कहा कि हम-आप और इस देश का प्रत्येक नागरिक चैन-शुकुन और अमन को जिन्दगी तभी पी पा रहा है जब बेहद मुश्किल मौसम और अत्यधिक कठिन परिस्थितियों मे अपने घर परिवार से सैकड़ों-हजारों किलोमीटर दूर सरहादों पर हमारे बहादुर फौजी डटे हुए हैं, हम सबको उन पर नाज है, गर्व है। परन्तु राज्य की कांग्रेस सरकार, लगता है मानसिक तौर पर दिवालिया और हद दर्जे तक असंवेदनशील हो चुकी है। यह सरकार सैनिकों, भूतपूर्व सैनिकों को सुविधाऐं, सहूलितें देते के बजाए उन्हें ही लूटने पर लगी है।
उन्होनें कहा कि यह बताते हुए बेहद अफसोस हो रहा है हमारे पड़ोसी राज्य पंजाब एवं हरियाणा की तुलना मे उत्तरखण्ड की यह सैनिक विरोधी सरकार 400 प्रतिशत तक ज्यादा उत्पाद शुल्क वसूल रही है। सैन्य कैंन्टीनों में शराब पर जो उत्पाद राज्य की सरकार वसूल रही है वह सरेआम लूट नहीं है तो क्या है? हम सरकार से पूछना चाहते है कि देश की सरहदों पर अपनी जान न्यौछावर करने वाले सैनिकों से आपको कोई सहानुभूति या संवेदना नहीं है क्या? यह लुटेरी सरकार यह ना समझे कि शांत और अनुशासनप्रिय सैनिकों की उत्पाद शुल्क के नाम पर जारी इस लूट पर कोई कुछ नहीं बोलेगा? मैं भी एक सैनिक रहा हॅू, सैनिकों का दर्द समझता हॅू। मैं और मेरी पार्टी सैनिकों के हितों पर कुठाराघात बरर्दास्त नहीं कर सकते। अतः हम सैनिकों व पूर्व सैनिकों से राज्य सरकार की इस लूट के खिलाफ आवाज उठाऐगें।