जिस राजनेता ने भी इसे लांघा – सत्ता गंवाई- आज मोदी लांघेगे अप्रत्यक्ष
5 राजनेता जिन्होंने गंवाई कुर्सी # अमरकंटक नर्मदा का उद्गम स्थल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कहा जाता है कि जिस राजनेता ने भी नर्मदा नदी को लांघा है, उसे अपनी सत्ता गंवानी पड़ी है. मोदी सोमवार दोपहर स्पेशल प्लेन से जबलपुर पहुंचेंगे। फिर हेलिकॉप्टर से अमरकंटक। मोदी पहले हेलिकॉप्टर से सीधे अमरकंटक जाने वाले थे। लेकिन ऐसा माना जाता है कि वीवीआईपी का अमरकंटक से सीधा गुजरना या उतरना अशुभ होता है। इसलिए नजदीक के एक गांव में तीन नए हेलिपैड बनाए गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को अमरकंटक जाएंगे. यहां वे नर्मदा नदी के संरक्षण के लिए उठाये जाने वाले कदमों की रुपरेखा जारी करेंगे, और ‘नमामी देवी नर्मदे सेवा यात्रा’ का समापन करेंगे. अमरकंटक का अपना ही एक राजनीतिक इतिहास रहा है. कहते हैं यहां जो भी नेता आता है, वह अपना पद गंवा देता है. उत्तर प्रदेश में भी अमरकंटक की तरह ही ऐसा ही डर रहता है. कहा जाता है कि जो भी मुख्यमंत्री नोएडा आता है, उसे उत्तरप्रदेश की सत्ता गंवानी पड़ती है. यही कारण है कि पिछली सरकार के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने कार्यकाल के दौरान कभी नोएडा नहीं आये.
नर्मदा कुण्ड और मंदिर, नर्मदा नदी का उद्गम यहीं है भारत की प्रमुख सात नदियों में से अनुपम नर्मदा का उद्गम स्थल अमरकंटक है और यह मध्यप्रदेश के शहडोल जिले की पुष्पराजगढ़ तहसील के दक्षिण-पूर्वी भाग में स्थित अमरकंटक पवित्र स्थलों में गिना जाता है। नर्मदा और सोन नदियों का यह उद्गम आदिकाल से ऋषि-मुनियों की तपोभूमि रहा है। नर्मदा का उद्गम यहां एक कुंड से तथा सोनभद्रा के पर्वत शिखर से है। यहां का वातावरण इतना सुरम्य है कि यहां सिर्फ तीर्थयात्रियों का ही नहीं बल्कि प्रकृति प्रेमियों का भी तांता लगा रहता है।
यहां पर जलेश्वर महादेव, सोनमुड़ा, भृगु कमंडल, धूनी पानी, दुग्धधारा, नर्मदा का उद्गम, नर्मदा मंदिर व कुंड, कपिलधारा, दुग्धधारा, माई की की बगिया, सर्वोदय जैन मंदिर आदि स्थान देखने योग्य हैं।
नर्मदा के उद्गम अनूपपुर जिले के अमरकंटक से 11 दिसंबर 2016 से शुरू हुई ‘नमामि देवि नर्मदे’-सेवा यात्रा की 15 मई को अमरकंटक में ही पूरी हो रही है। – यात्रा उज्जैन, इंदौर, भोपाल, होशंगाबाद, जबलपुर और रीवा डिविजन के 16 जिलों से गुजरी। यात्रा में 148 दिन में करीब 3300 किमी की दूरी तय की गई। इस दौरान जागरूक करने के लिए 1093 जन-संवाद हुए, जिनमें 24.34 लाख लोगों ने भाग लिया। यात्रा में गोविंदा, पद्मिनी कोल्हापुरे, मीता वशिष्ठ, अनुपम खेर, विवेक ओबेराय, आशुतोष राणा, गोविंद नामदेव, मुकेश तिवारी, अन्नू कपूर, रजा मुराद, और रघुवीर यादव जैसी फिल्मी हस्तियां भी जुड़ीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को एक दिवसीय प्रवास पर मध्य प्रदेश पहुंचे. वह यहां अमरकंटक में आयोजित नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा के समापन समारोह में हिस्सा लेंगे. मोदी के स्वागत की तैयारियां जोरों पर हैं और प्रदेश से हजारों लोग अनूपपुर जिले के अमरकंटक पहुंच रहे हैं. बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तय कार्यक्रम में बदलाव किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब सीधे हेलिकॉप्टर से अमरकंटक उतरने की बजाए डिंडौरी जिले में उतरेंगे. वहां से वे सड़क मार्ग से अमरकंटक जाएंगे. यहां गौर करने वाली बात यह है कि अमरकंटक को लेकर राजनेताओं के बीच एक मिथक है. ऐसे में सोशल मीडिया पर सवाल उठ रहे हैं कि क्या डिजिटल इंडिया की बात करने वाली प्रधानमंत्री मोदी भी इस मिथक के फेर में फंसकर अपनी यात्रा के रूट में परिवर्तन कराया है?
ये हैं वे 5 राजनेता जिन्होंने गंवाई कुर्सी
1. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी 1982 में हेलिकॉप्टर से अमरकंटक आई थीं. उसके बाद उनकी 1984 में हत्या हो गई.
2. पूर्व उप राष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत राष्ट्रपति चुनाव से पहले अमरकंटक हेलिकॉप्टर से आए, लेकिन उसके बाद उन्हें सत्ता गंवानी पड़ी.
3. एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय सुंदरलाल पटवा बाबरी मस्जिद ध्वंस से पहले हेलिकॉप्टर से अमरकंटक आए थे, लेकिन उसके बाद उन्हें भी कुर्सी गंवानी पड़ी.
4. एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय अर्जुन सिंह मुख्यमंत्री रहते हुए हेलिकॉप्टर से अमरकंटक आए थे, लेकिन उसके बाद उन्हें कांग्रेस पार्टी से अलग होकर नई पार्टी बनानी पड़ी.
5. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती सीएम रहते हुए 2004 में हेलिकॉप्टर से आई थीं. उसके बाद इन्हें भी कुर्सी गंवानी पड़ी. इसके बाद उमा भारती हमेशा सड़क मार्ग से अमरकंटक जाती हैं.
मालूम हो कि आधिकारिक कार्यक्रम के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशेष विमान से नई दिल्ली से दोपहर 12.25 बजे जबलपुर के डुमना विमानतल पहुंचेंगे. यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उनकी अगवानी करेंगे.
प्रधानमंत्री जबलपुर से हेलीकॉप्टर से रवाना होकर 1.35 बजे अनूपपुर जिले के अमरकंटक पहुंचेंगे और दोपहर दो बजे कार्यक्रम स्थल पहुंचेंगे. वहां नर्मदा की पूजा-अर्चना करने के बाद दोपहर 2.15 बजे से 3.30 की अवधि में ‘नमामि देवी नर्मदे’ सेवा यात्रा के कार्यक्रम में शामिल होंगे.
निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी सायं चार बजे हेलीकॉप्टर से प्रस्थान करेंगे और सायं 5.05 बजे जबलपुर विमानतल पहुंचेंगे. यहां से सायं 5.10 बजे वह नई दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे.
उनके आगमन को लेकर अमरकंटक में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बल तैनात हैं. नर्मदा नदी के किनारों पर भी सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है.
नर्मदा सेवा यात्रा 11 दिसंबर, 2016 को उद्गम स्थल अमरकंटक से शुरू हुई थी. 148 दिन में लगभग साढ़े तीन हजार किलोमीटर का रास्ता तय करके यात्रा वापस अमरकंटक पहुंची है, जिसका समापन सोमवार को हो रहा है.
अमरकंटक नर्मदा नदी, सोन नदी और जोहिला नदी का उदगम स्थान है। यह मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में स्थित है। यह हिंदुओं का पवित्र स्थल है। मैकाल की पहाडि़यों में स्थित अमरकंटक मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले का लोकप्रिय हिन्दू तीर्थस्थल है। समुद्र तल से 1065 मीटर ऊंचे इस स्थान पर ही मध्य भारत के विंध्य और सतपुड़ा की पहाडि़यों का मेल होता है। चारों ओर से टीक और महुआ के पेड़ो से घिरे अमरकंटक से ही नर्मदा और सोन नदी की उत्पत्ति होती है। नर्मदा नदी यहां से पश्चिम की तरफ और सोन नदी पूर्व दिशा में बहती है। यहां के खूबसूरत झरने, पवित्र तालाब, ऊंची पहाडि़यों और शांत वातावरण सैलानियों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। प्रकृति प्रेमी और धार्मिक प्रवृत्ति के लोगों को यह स्थान काफी पसंद आता है। अमरकंटक का बहुत सी परंपराओं और किवदंतियों से संबंध रहा है। कहा जाता है कि भगवान शिव की पुत्री नर्मदा जीवनदायिनी नदी रूप में यहां से बहती है। माता नर्मदा को समर्पित यहां अनेक मंदिर बने हुए हैं, जिन्हें दुर्गा की प्रतिमूर्ति माना जाता है। अमरकंटक बहुत से आयुर्वेदिक पौधों मे लिए भी प्रसिद्ध है, जिन्हें किंवदंतियों के अनुसार जीवनदायी गुणों से भरपूर माना जाता है। अमरकंटक का यह गर्म पानी का झरना है। कहा जाता है कि यह झरना औषधीय गुणों से संपन्न है और इसमें स्नान करने शरीर के असाध्य रोग ठीक हो जाते हैं। दूर-दूर से लोग इस झरने के पवित्र पानी में स्नान करने के उद्देश्य से आते हैं, ताकि उनके तमाम दुखों का निवारण हो ॐ। नर्मदाकुंड नर्मदा नदी का उदगम स्थल है। इसके चारों ओर अनेक मंदिर बने हुए हैं। इन मंदिरों में नर्मदा और शिव मंदिर, कार्तिकेय मंदिर, श्रीराम जानकी मंदिर, अन्नपूर्णा मंदिर, गुरू गोरखनाथ मंदिर, श्री सूर्यनारायण मंदिर, वंगेश्वर महादेव मंदिर, दुर्गा मंदिर, शिव परिवार, सिद्धेश्वर महादेव मंदिर, श्रीराधा कृष्ण मंदिर और ग्यारह रूद्र मंदिर आदि प्रमुख हैं। कहा जाता है कि भगवान शिव और उनकी पुत्री नर्मदा यहां निवास करते थे। माना जाता है कि नर्मदा उदगम की उत्पत्ति शिव की जटाओं से हुई है, इसीलिए शिव को जटाशंकर कहा जाता है। अमरकंटक में दूधधारा नाम का यह झरना काफी लोकप्रिय है। ऊंचाई से गिरते इसे झरने का जल दूध के समान प्रतीत होता है इसीलिए इसे दूधधारा के नाम से जाना जाता है। अमरकंटक मध्य प्रदेश और निकटवर्ती शहरों से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। पेंड्रा रोड, बिलासपुर और शहडोल से यहां के लिए नियमित बसों की व्यवस्था है।
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