एंटी ट्रौलिंग उपाय का मतलब ‘साइबर निगरानी’ नहीं
वही दूसरी ओर गंगा की सौगंध: इसी साल अक्टूबर तक इसके नतीजे आ जाएंगे- उमा भारती
महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने आज यह स्पष्ट किया कि एंटी ट्रौलिंग उपाय का मतलब ‘साइबर निगरानी’ नहीं होगा. आनलाइन उत्पीड़न पर रोक के लिए विचार विमर्श की प्रक्रिया के तहत मेनका गांधी ने आज ट्विटर इंडिया के अधिकारियों से भी बातचीत की.
मेनका गांधी ने ट्विटर इंडिया की पब्लिक पॉलिसी प्रमुख महिमा कौल से की मुलाकात
मेनका ने कहा, ‘इंटरनेट पर कोई निगरानी जैसा कुछ नहीं होगा. संबंधित इकाई केवल प्रभावित महिलाओं द्वारा ईमेल के जरिए की गयी शिकायतों पर कार्रवाई करेगी. हम केवल उस समय कार्रवाई करेंगे जब हमें गाली गलौज वाले व्यवहार, प्रताड़ना, नफरत भरे आचरण के बारे में शिकायत मिलेगी.’ मंत्री ने ट्विटर इंडिया की पब्लिक पालिसी प्रमुख महिमा कौल से भी मुलाकात की.
इससे पहले साइबर क्राइम विभाग और मंत्रालय के अधिकारियों के बीच भी बातचीत हुई थी
जिस दौरान यह फैसला किया गया कि सोशल नेटवर्किंग साइट एक ‘पूर्ण रूप से इसी कार्य के लिए समर्पित व्यक्ति की तैनाती करेगी जिससे मंत्रालय ट्विटर पर ट्रौलिंग की शिकायतों पर सीधे बात कर सके.’ एक सूत्र ने यह जानकारी दी. मेनका गांधी अगले सप्ताह फेसबुक के अधिकारियों के साथ भी मुलाकात करेंगी. इससे पहले साइबर क्राइम विभाग और मंत्रालय के अधिकारियों के बीच भी बातचीत हुई थी. मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, मंत्रालय को मिलने वाली गंभीर किस्म की शिकायतों को कार्रवाई के लिए ट्विटर को भेजा जाएगा.
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ललिता कुमारमंगलम ने कड़ी आपत्ति जतायी थी
आनलाइन प्रताड़ना से महिलाओं की सुरक्षा की मेनका की इस पहल पर राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ललिता कुमारमंगलम ने उस समय कड़ी आपत्ति जतायी थी जब आयोग से आनलाइन प्रताड़ना के मामलों की निगरानी करने को कहा गया था. उन्होंने बताया था, आप इंटरनेट की निगरानी नहीं कर सकते. यह एक खुली जगह है. यह एक आकाशगंगा की तरह है जहां अरबों ट्विटर एकाउंट हैं और कोई भी संगठन ट्विटर पर नजर नहीं रख सकता. किसी के लिए भी यह कहना संभव नहीं है कि हम हर किसी के ट्वीट पर नजर रख रहे हैं.