महाराष्ट्र; ज्योतिषीय संकेत क्या था?
महाराष्ट्र के तीनों प्रमुख दलों के प्रमुख इस समय अपनी-अपनी जन्म कुंडलियों में अष्टमेश की परिवर्तनकारी दशा- भुक्ति में चल रहे हैं देवेंद्र फडणवीस की कर्क लग्न की कुंडली में बुध में शनि की विंशोत्तरी दशा चल रही है अजित पवार की कुंडली में फडणवीस की ही भांति चंद्रमा कुंभ राशि में है। HIMALAYAUK BUREAU
किसी को तो सफलता रातोंरात मिल जाती है और किसी को जीवनभर नहीं मिल पाती है। आखिर ऐसा क्यों होता है, इसके पीछे का विज्ञान क्या है? इस सवाल का जवाब हमें ज्योतिश शास्त्र में मिलता है। ज्योतिष विज्ञान के मुताबिक जब किसी व्यक्ति की कुंडली में राजयोग बनते हैं तो उसे असीम सफलता मिलती है। कुंंडली में कुछ ऐसे राजयोग होते हैं जो किसी व्यक्ति को फर्श से उठाकर अर्श पर पहुँचा सकते हैं। अनुकूल ग्रहों की दशा अवधि आने पर राजयोग के फल मिलने लगते हैं। HIMALAYAUK BUREAU ; Mob. 9412932030
महाराष्ट्र के बड़े नेताओं की जन्म कुंडलियों तथा मुख्यमंत्री फडणवीस की शपथ ग्रहण कुंडली का समग्र अध्ययन इस बात का संकेत दे मिल रहा था कि महाराष्ट्र में भी राजनीतिक उठा-पठक और अनिश्चितता जारी रहेगी। मुख्यमंत्री तो अवश्य बनेगे परन्तु अल्प समय के लिए – ज्योतिषो की भविष्यवाणी सत्य साबित हुई- देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने की भविष्यवाणी सच साबित तो साबित हुई पर अल्पकालिक सीएम की
23 नवंबर की सुबह शनिवार 8 बजकर 7 मिनट पर जब देवेंद्र फडणवीस ने दूसरी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तब वृश्चिक लग्न उदय हो रहा था। लग्न और छठे भाव का स्वामी मंगल हानि भाव में अष्टमेश बुध के साथ एक अशुभ युति बनाए हुए था। ज्योतिष में छठे भाव को विवादों और कोर्ट केस से संबंधित माना जाता है। इसलिए मामला कोर्ट तक पहुंचा और फ्लोर टेस्ट से पहले ही सरकार गिर गई।
महाराष्ट्र के तीनों प्रमुख दलों बीजेपी, कांग्रेस और एनसीपी के प्रमुख इस समय अपनी-अपनी जन्म कुंडलियों में अष्टमेश की परिवर्तनकारी दशा- भुक्ति में चल रहे हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की कर्क लग्न की कुंडली में बुध में शनि की विंशोत्तरी दशा चल रही है जहां शनि अष्टम भाव का स्वामी होकर धोखा मिलने का योग बना रहा है। इसी योग के कारण ही फडणवीस को बहुमत परीक्षण से पहले ही अपनी हार स्वीकार करनी पड़ी। फडणवीस की शपथ ग्रहण कुंडली में चंद्रमा कन्या राशि में है जबकि उनकी जन्म कुंडली में चंद्रमा कुंभ राशि में है जो कि षडाष्टक योग का अशुभ संबंध बना रहा है। जो इन्हें मौके पर धोखा दे गया।
अजित पवार की कुंडली में फडणवीस की ही भांति चंद्रमा कुंभ राशि में है। ऐसे में शपथ ग्रहण के समय गोचर का चंद्रमा मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों के जन्म चंद्रमा से अष्टम भाव में बैठा था जो हानि और अपमान का ज्योतिषीय संकेत दे रहा था। किसी प्रकार से यदि यह सरकार विधानसभा पटल पर बहुमत सिद्ध कर भी लेती तब भी इसके अधिक समय तक टिक पाने के ज्योतिषीय संकेत नहीं दिख रहे थे।
शरद पवार की वृश्चिक लग्न की कुंडली में बुध में बुध का अंतर्दशा चल रही है जहां बुध लाभ और अष्टम दोनों भावों का स्वामी होकर एक ओर इनको राजनीतिक सफलता दिला पाया तो वहीं दूसरी अपने ही भतीजे अजित पवार के विद्रोह के कारण परेशानी उत्पन्न कर रहा है। तुला लग्न में जन्मे अजीत पवार भाग्य स्थान के स्वामी बुध की की महादशा में लग्नेश और अष्टमेश शुक्र के अंतर्दशा में चल रहे हैं।
उद्धव ठाकरे की कुंडली में गुरु को अष्टमेश मंगल देख रहा है और केतु विवाद स्थान यानी छठे भाव में बैठे हुए हैं। जो इनका अमंगल कर रहे हैं। ऐसे में फडणवीस के जाने बाद यह की सरकार बना भी लेते हैं तो महाराष्ट्र का ताज कांटों का का ताज बनेगा।