“तुम मेरा साथ दो, मैं तुम्हें हिंदू राष्ट्र दूंगा”; लगातार बयानों के तीर: अचूक ब्रह्मास्त्र से चुनाव की तैयारी शुरू & 2 फरवरी को प्रयागराज के पास बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर का दरबार & सीएम योगी से मुलाकात
बाबा धीरेंद्र का बयान सोशल मीडिया पर भी काफी वायरल हो रहा है. दरअसल, उन्होंने रायपुर से छतरपुर जाते वक्त कहा कि “तुम मेरा साथ दो, मैं तुम्हें हिंदू राष्ट्र दूंगा”. बागेश्वर धाम: आज जो हो रहा है, उसमें भाजपा का रोल है? धीरेंद्र शास्त्री अब प्लेन और कई बार प्राइवेट जेट से चलते हैं. भारत से लेकर लंदन तक उनका सम्मान होता है. जब धीरेंद्र शास्त्री कहीं निकलते हैं, तो दर्जनों गाड़ियों का काफ़िला साथ चलता है. लेकिन ये सब संभव कैसे हुआ?।
Top Focus: “कि “तुम मेरा साथ दो, मैं तुम्हें हिंदू राष्ट्र दूंगा” ‘ बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के लगातार बयानों के तीर: अचूक ब्रह्मास्त्र से BJP की चुनाव की तैयारी शुरू: प्रतिद्वंदी चकरा जायेंगे इस चक्रव्यू रणनीति से: कोई काट नही इस की::
HIGH LIGHT# कई संतों ने उनके चमत्कार को ढोंग करार दिया है और समाज में पाखंड को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है # धीरेन्द्र शास्त्री आगामी दो फरवरी को प्रयागराज के पास बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर का दरबार लगने जा रहा है। जहां हजारों धर्मावलम्बियों के पहुंचने की उम्मीद है # शनिवार या रविवार को सीएम योगी से मुलाकात # बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के पंडित धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Shasti) जल्द ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) से मुलाकात कर सकते हैं।
By Chandra Shekhar Joshi Chief Editor www.himalayauk.org (Leading Web & Print Media) Publish at Dehradun & Haridwar. Mail; himalayauk@gmail.com Mob. 9412932030
विश्व हिंदू परिषद ने बुधवार को संत सम्मेलन का आयोजन किया। इस संत सम्मेलन में देश के अलग-अलग हिस्सों से आए हुए कई संत महात्मा शामिल हुए। संत सम्मेलन में वैसे तो कई समसामयिक मुद्दों पर चर्चा हुई, लेकिन ख़ास फोकस बागेश्वर बाबा के समर्थन और श्रीरामचरितमानस पर हो रही बयानबाजी पर रहा। संत सम्मेलन में मौजूद संतो ने एक सुर में बागेश्वर बाबा का समर्थन किया और उनके साथ खड़े होने का ऐलान किया।
वही धीरेंद्र शास्त्री ने रामभद्राचार्य जी महाराज को अपना गुरु बताया है. रामभद्राचार्य बचपन से ही नेत्रहीन हैं और उनके भक्तों में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ जैसे लोग भी शामिल हैं. धीरेंद्र वीडियो यू-ट्यूब, वॉट्स ऐप और फिर संस्कार चैनल के ज़रिए बड़ी संख्या में लोगों तक पहुँचे. सोशल मीडिया ने भी अहम भूमिका अदा की. रामदेव और बागेश्वर धाम का गहरा कनेक्शन: बाबा बागेश्वर धाम की वेबसाइट गूगल सर्च को ध्यान में रखकर डिज़ाइन हुई है.
धीरेंद्र शास्त्री ख़बरों में हैं. ताली बजाते चुटीले अंदाज़, पर्चे पर भक्तों के सवाल, सनातन धर्म की बातें, चमत्कार, केंद्रीय मंत्रियों को आशीर्वाद, अजीब बर्ताव, विवादित बयान, ज़मीन पर क़ब्ज़े के आरोप… धीरेंद्र शास्त्री की शख़्सियत की कई परतें हैं.
आसान भाषा में यूँ समझिए कि गूगल पर लोग क्या लिखकर सर्च करते होंगे, किस सवाल को सबसे ज़्यादा खोजते होंगे और किन कीवर्ड (शब्दों) के साथ खोजते होंगे, इसका ध्यान रखा गया है. ताकि अगर गूगल पर कोई सर्च करे, तो सीधा धीरेंद्र की वेबसाइट तक पहुँचे.
23 जनवरी को वेबसाइट के होम पेज पर ‘बागेश्वर धाम श्री यंत्रम्’ का प्रचार हो रहा था. इस प्रचार में दावा था कि ये यंत्र भारत के सिर्फ़ पाँच हज़ार ‘भाग्यशाली’ लोगों को ही मिलेगा और इसको घर में रखने से ग़रीबी दूर होगी. रजिस्ट्रेशन करने के लिए जहाँ क्लिक करवाया जाता है, वहाँ अपना फ़ोन नंबर और नाम लिखने पर संस्कार टीवी की वेबसाइट पर अकाउंट बन जाता है. ये संस्कार टीवी वही है, जिसके मालिक योगगुरु और उद्योगपति रामदेव हैं.
विवादों में घिरे धीरेंद्र के समर्थन में रामदेव भी आए हैं
खजुराहो मंदिर से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर एक गाँव है- गढ़ा. इसी गाँव में रामकृपाल और सरोज के घर साल 1996 में धीरेंद्र पैदा हुए. धीरेंद्र बेहद ग़रीब परिवार से थे, परिवार कई बार मांगकर खाना खाता था. धीरेंद्र शास्त्री की वेबसाइट के मुताबिक़, ”धीरेंद्र शास्त्री का बचपन तंगहाली में बीता. कर्मकांडी परिवार था. पूजा पाठ में जो दक्षिणा मिल जाती, उसी से पाँच लोगों का परिवार चलता.” धीरेंद्र कुल तीन भाई-बहन हैं. धीरेंद्र सबसे बड़े हैं. बहन रीता गर्ग और शालीग्राम गर्ग धीरेंद्र के बहन और भाई हैं. धीरेंद्र शास्त्री की वेबसाइट पर लिखा है, ”गुरुदेव (धीरेंद्र) को अपनी पढ़ाई बचपन में छोड़नी पड़ी. तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े गुरुदेव का बचपन परिवार के ख़र्चे उठाने में बीता. फिर एक दिन दादा गुरु के आशीर्वाद से बालाजी महाराज की सेवा में जुट गए.” धीरेंद्र शास्त्री अब प्लेन और कई बार प्राइवेट जेट से चलते हैं. भारत से लेकर लंदन तक उनका सम्मान होता है.
काशी विद्वत कर्मकांड परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य अशोक द्विवेदी ने भी आचार्य धीरेंद्र को नसीहत दी है। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि तांत्रिक सिद्धियां आपके पास हैं लेकिन उसका व्यापारीकरण उचित नहीं है। भारत के प्राचीन तंत्र शास्त्रों में कौतुक विद्या का उल्लेख मिलता है।
काशी विद्वत कर्मकांड परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य अशोक द्विवेदी ने भी आचार्य धीरेंद्र को नसीहत दी है। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि तांत्रिक सिद्धियां आपके पास हैं लेकिन उसका व्यापारीकरण उचित नहीं है। भारत के प्राचीन तंत्र शास्त्रों में कौतुक विद्या का उल्लेख मिलता है। काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व न्यास अध्यक्ष आचार्य अशोक द्विवेदी ने कहा कि आचार्य धीरेंद्र अपनी रामकथा पर ध्यान रखें और निजी संबंधों व निजी लोगों का ही कल्याण करें। वह जो दरबार लगाकर अपनी विद्या के जरिए आम जनता को चमत्कृत करते हैं, यह ठीक नहीं है। रामकथा कहें लेकिन इसे इवेंट बनाकर पेश न करें। सिद्धियां जब तक गुप्त रहती हैं तभी कल्याणकारी होती हैं। अगर यह सिद्धियां चली गईं तो जीवन कष्टकारी हो जाएगा। इसलिए मैं कहना चाहता हूं कि भारतीय तंत्र शास्त्र से प्राप्त विद्या को व्यापार न बनाएं।