कलियुग में तुम्हारी जो पूजा करेगा उसकी संतान हमेशा सुखी और सुरक्षित; भगवान कृष्ण; बहुला चौथ 22 अगस्त भाद्रपद माह के व्रत-त्योहार
बहुला चौथ 22 अगस्त 2024 को मनाई जाएगी. इस दिन को बोल चौथ भी कहते हैं. बहुला चौथ का व्रत करने से संतान को खुशहाली, सफलता, संकटों से मुक्ति, समृद्धि प्राप्त होती है.
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भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को बहुला चौथ के नाम से जाना जाता है. संतान की सुरक्षा के लिए ये पर्व मनाया जाता है, स्त्रियां इस दिन गायों की पूजा करती हैं. साथ ही मिट्टी से बने शिव-पार्वती, कार्तिकेय (Kartikeya) और गणेश (Ganesh) जी की प्रतिमा बनाकर उनकी उपासना की जाती है. श्रीकृष्ण ने इस दिन का महत्व स्वंय बताया है. मान्यता है इसके प्रताप से संतान को जीवन में हर सुख प्राप्त होता है.
शास्त्रों में गाय को विशेष महत्व दिया गया है. गाय को मां का दर्जा प्राप्त है. गाय की पूजा करने वाली स्त्रियों को संतान सुख के मिलता है साथी ही संतान पर आने वाले संकटों का भी नाश होता है. पौराणिक कथा के अनुसार एक बार श्रीकृष्ण शेर के रूप में बहुला गाय के सामने आ गए, वह खुद के प्राणों की आहुति देने के लिए तैयार हो गई, उसने शेर से कहा कि वह अपने बच्चे को दूध पिलाने के बाद उसके भोजन का निवाला बन जाएगी. बछड़े के प्रति गाय का स्नेह देखकर शेर ने उसे जाने दिया, वचन अनुसार गाय अपना काम कर शेर के सामने आ गई. भगवान कृष्ण बहुला की धर्मपरायणता और वचनबद्धता को देखकर प्रसन्न हुए, और उन्होंने बहुला को आशीर्वाद दिया, कि कलियुग में तुम्हारी जो पूजा करेगा उसकी संतान हमेशा सुखी और सुरक्षित रहेगी.
बहुला चतुर्थी के दिन गाय के दूध से बनी हुई कोई भी सामग्री नहीं खानी चाहिए. गाय के दूध पर उसके बछड़े का अधिकार समझना चाहिए, दिन भर व्रत करके संध्या के समय गौ की पूजा की जाती है. कुल्हड़ पर पपड़ी आदि रखकर भोग लगाया जाता है
भाद्रपद माह के व्रत-त्योहार
20 अगस्त 2024 (मंगलवार) – भाद्रपद माह शुरू
22 अगस्त 2024 (गुरुवार) – संकष्टी चतुर्थी, कजरी तीज, बहुला चौथ
24 अगस्त 2024 (शनिवार) – बलराम जयंती
25 अगस्त 2024 (रविवार) – शीतला सातम
26 अगस्त 2024 (सोमवार) – जन्माष्टमी
27 अगस्त 2024 (मंगलवार) – दही हांडी
29 अगस्त 2024 (गुरुवार) – अजा एकादशी
31 अगस्त 2024 (शनिवार) – प्रदोष व्रत (कृष्ण), पर्यूषण पर्व शुरू
1 सितंबर 2024 (रविवार) – मासिक शिवरात्रि
2 सितंबर 2024 (सोमवार) – भाद्रपद अमावस्या, सोमवती अमावस्या
6 सितंबर 2024 (शुक्रवार) – हरतालिका तीज, वराह जयंती
7 सितंबर 2024 (शनिवार) – गणेश चतुर्थी, गणेश उत्सव शुरू
8 सितंबर 2024 (रविवार) – ऋषि पंचमी
11 सितंबर 2024 (बुधवार) – राधा अष्टमी, महालक्ष्मी व्रत शुरू
14 सितंबर 2024 (शनिवार) – परिवर्तिनी एकादशी
15 सितंबर 2024 (रविवार) – प्रदोष व्रत (शुक्ल), ओणम/थिरुवोणम, वामन जयंती
16 सितंबर 2024 (सोमवार) – कन्या संक्रांति, विश्वकर्मा जयंती
17 सितंबर 2024 (मंगलवार) – अनंत चतुर्दशी, गणेश विसर्जन
18 सितंबर 2024 (बुधवार) – भाद्रपद पूर्णिमा व्रत, पितृ पक्ष शुरू, चंद्र ग्रहण