बावरिया गिरोह; वारदात पर जाने से पहले बकरे की बलि
सत्ता के लिए गुजरात हो सकता है कांग्रेस के ज़माने में 42 हजार दंगे हो सकते हैं वोट लेने के लिए मुज़फ्फर नगर और शामली हो सकता है तो कुछ भी हो सकता है- उत्तर प्रदेश के शहरी विकास मंत्री आज़म खान ने कहा- वही दहशत व कू्रता का दूसरा नाम है- बावरिया- जान लेना शगुन है यहां,
गैंगरेप में पुलिस ने बावरिया गिरोह पर शक जताया- बावरिया गिरोह; वारदात पर जाने से पहले बकरे की बलि देते हैं- www.himalayauk.org (Newsportal
बावरिया पूजा पाठ के बाद दहशत फैलाने के लिए निकलता है. बावरिया गिरोह माथे पर तिलक लगाने के बाद लूट के लिए निकलता है. बावरिया एक घुमंतू जनजाति जो शहर से बाहर सड़क किनारे डेरा डालकर रहते हैं. ये स्वभाव से ही क्रूर माने जाते हैं इसीलिए ये गिरोह जहां भी लूट की वारदात को अंजाम देता है वहां हत्या और मारपीट भी करता है. वारदात के वक्त गिरोह कोड भाषा में बात करता है और इतना ही नहीं ये गिरोह इतनी तैयारी के साथ आता है कि अगर ये वारदात के वक्त एक दूसरे से बिछड़ जाएं तो विशेष तरह की आवाजें निकालकर एक जगह पर इकट्ठा हो जाते हैं. इसके बाद सुबह वापस अपने ठिकाने तक पहुंच जाते हैं. पहले ये गिरोह ट्रेन और बस में सफर करता था लेकिन बताया जाता है कि गिरोह के कुछ सदस्यों ने अपनी गाड़ियां भी खरीद ली हैं. इस गिरोह के बारे में एक और कहानी ये है कि जब तक पूरा गिरोह अपने ठिकाने पर वापस नहीं आ जाता जब तक महिलाएं दीया जलाकर रखती हैं. इस गिरोह में गद्दारों के लिए कोई जगह नहीं होती गद्दारी का पता चलने पर गर्दन काट देते हैं.बावरिया गिरोह के ये गुंडे रात में ही वारदात को अंजाम देते हैं वारदात के लिए हमेशा सम संख्या यानी 2-4-6-8 की संख्या में ही निकलते हैं ये पूजा पाठ करने के बाद ही वारदात के लिए निकलते हैं बड़ी वारदात पर जाने से पहले बकरे की बलि देते हैं. वो भी उस बकरे की जो खुद-ब-खुद मूर्ति की तरफ चलकर जाता है. अगर बकरा मूर्ति की तरफ नहीं जाता तो इस बात को अपशकुन मानते हुए वारदात का इरादा बदल देते हैं. गिरोह जब भी लूट को अंजाम देता है तो सिर्फ नगदी और गहने ही लूटता है बाकी किसी भी चीज को हाथ नहीं लगाता. इस गिरोह को कच्छा बनियान गिरोह भी कहा जाता है. इसकी खास वजह है, ये घटना स्थल से कुछ दूर पहले अपने कपड़े उतार देते हैं और सिर्फ कच्छा बनियान पहनकर अपराध करते हैं. पूरे शरीर पर तेल मलते हैं ताकि पकड़े जाने पर फिसलन की वजह से आसानी से निकल जाएं. गिरोह की औरतें दिन में भीख मांगने के बहाने टारगेट ढूंढती है और एक ही रात में चार से 6 जगहों को निशाना बनाया जाता है.
पुलिस के मुताबिक बुलंदशहर में हाईवे पर हुई घटना में 6 लोग शामिल हैं तीन गिरफ्त में है और बाकी आरोपियों की तलाश की जा रही है. तीनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
इस गैंग का सरगना किसी दूसरे राज्य का बताया जा रहा है पुलिस के मुताबिक बावरिया गैंग पिछले एक साल में हरियाणा, राजस्थान और यूपी में कई घटनाओं को अंजाम दे चुका है. उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में शुक्रवार को हुए गैंगरेप में पुलिस ने बावरिया गिरोह पर शक जताया है. पुलिस ने इस गिरोह के एक शख्स सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है. कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ हो रही है. बुलंदशहर के इस एनएच 91 के पास हुई लूट और गैंगरेप की घटना में इसी बावरिया गिरोह का हाथ माना जा रहा है. घटना शुक्रवार रात की है जब नोएडा के एक परिवार पर गिरोह ने हमला किया.
पहले गाड़ी रोकी और फिर मां और उसकी 14 साल को खेत में ले जाकर गैंगरेप किया. बावरिया गिरोह की दहशत सिर्फ यूपी में नहीं है. यूपी के अलावा हरियाणा, राजस्थान और मध्यप्रदेश में भी ये गिरोह सक्रिय है. स्कूल में मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग ली थी. उसकी बदौलत उसने हैवानों का मुकाबला किया. बलात्कार करने पर आमादा बदमाश उसके सामने पस्त हो गए तो उन्होंने कायरता दिखाई. पिता और भाई को मारने देने की धमकी देकर बेटी के हौसले को हरा दिया.
उत्तर प्रदेश के शहरी विकास मंत्री आज़म खान ने बुलंदशहर रेप कांड के पीछे राजनैतिक विरोधियों की साजि़श का शक ज़ाहिर करते हुए इसे वोट की खातिर किया गया कुकर्म बताया. आज़म खान ने कहा ‘सरकार को चाहिए कि वो इस कांड की इस तरह भी जाँच करे कि कहीं इसके पीछे उन लोगों का हाथ तो नहीं जो सत्ता में आना चाहते हैं और सपा सरकार को बदनाम करना चाहते हैं.’
उन्होनें आगे कहा कि कहीं वो तो यह कुकर्म नहीं कर रहे हैं. क्योंकि राजनीति में अब बहुत गिरावट आ चुकी है. सत्ता के लिए गुजरात हो सकता है कांग्रेस के ज़माने में 42 हजार दंगे हो सकते हैं वोट लेने के लिए मुज़फ्फर नगर और शामली हो सकता है तो कुछ भी हो सकता है.
आजम ने कहा, वोट के लिए इतना गिर जाएंगे ये तो बापू ने भी नहीं सोचा होगा. बापू को तो आरएसएस की विचारधारा ने मार ही दिया. बात बहुत गंभीर है. रेप की घटना के पीछे का सच क्या है वो और मालूम हो जाये तो अच्छा होगा. आज़म खान ने कहा कि चुनाव करीब है, हो सकता है सपा सरकार को बदनाम करने के लिए इसके अलावा और कोई रास्ता न हो. मुख्यमंत्री या किसी मंत्री पर कोई भ्रष्टाचार का आरोप नहीं है विकास के मामले में प्रदेश सब से आगे है.