व्यापारियों का भारत बंद का ऐलान & उसे हस्तक्षेप करना होगा. – सुप्रीम कोर्ट ने क्यो कहा & CM मंच पर बेहोश- Top National News 15 Feb. 21
15 Feb. 2021 # High Light # Himalayauk Bureau # क्या जबरन भलाई करना चाहते हैं – कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी # कांग्रेस ने सिलेंडर के महंगे दाम पर विरोध जताया। #व्यापारियों ने सरकार के खिलाफ 26 फरवरी यानी शुक्रवार को भारत बंद का ऐलान # गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का कोविड-19 टेस्ट पॉजिटिव # गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी मंच पर बेहोश हो गए थे # उसे हस्तक्षेप करना होगा. – सुप्रीम कोर्ट ने व्हाट्सएप से कहा # Presents by Himalayauk Newsportal & Daily Newspaper,
क्या जबरन भलाई करना चाहते हैं – कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी
बिजनौर: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश के बिजनौर में एक किसान महासभा में शामिल हुईं. इस दौरान उन्होंने मंच से केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कृषि कानूनों की मुखालफत करते हुए कहा कि पीएम कहते हैं कि कानून किसानों की भलाई के लिए है, लेकिन अगर किसान को नहीं चाहिए तो वापस क्यों नहीं ले लेते. क्या जबरन भलाई करना चाहते हैं. फिर कहते हैं कि समझ नहीं पाए.
प्रियंका गांधी ने वहां सवाल पूछते हुए कहा, “मोदी राज में कमाई दोगुनी हुई क्या? क्या गन्ने का दाम बढ़ाया गया? देश के गन्ना किसानों का 15,000 करोड़ रुपये बकाया है. पीएम ने 16,000 करोड़ रुपये की कीमत के दो हवाई जहाज़ खरीदे. 20,000 करोड़ रुपये का नया संसद भवन बनाया जा रहा है, लेकिन इस देश के किसान को 15,000 करोड़ नहीं दे सकते.”
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी आज बिजनौर पहुंची. यहां उनका जोरदार स्वागत हुआ.
मोदी सरकार पर हमला करते हुए प्रियंका गांधी ने किसान महासभा में एक शेयर भी पढ़ा, “भगवान का सौदा करता है इंसान की कीमत क्या जाने, एक गन्ने की कीमत दे न सका वो जान की कीमत क्या जाने.”
कृषि कानूनों की खामिया गिनाते हुए उन्होंने कहा, “पहला कानून- जमाखोरी की अनुमति दी. उद्योगपति कितना भी सामान खरीद और जमा कर सकते हैं. दूसरा कानून- खरबपतियों की बड़ी मंडियां खुलेंगी. प्राइवेट मंडी में टैक्स नहीं लिया जाएगा. इससे किसान प्राइवेट मंडी में जाएंगे. सरकारी मंडी में MSP मिलता था. बाद में वो भी बंद हो जाएगा. तीसरा क़ानून- ठेके पर किसानी, खरबपति के कहने पर उगाएंगे, बाद में वो कह देगा कि ज़रूरत नहीं, फिर मनमर्ज़ी से खरीदेगा और किसान अदालत में भी नहीं जा पाएंगे.”
प्रियंका गांधी ने कहा कि पूंजी पति मित्र को पूरा देश सौंप दिया गया है. अगर अभी भी उम्मीद है तो समझ लीजिए कि ये कुछ नहीं करने वाले हैं. उन्होंने कहा, “अमेरिका, चीन , पाकिस्तान जा सकते हैं, दुनिया भर के देशों में जा सकते हैं. पर घर से 2-3 किलो मीटर दूर किसानों से मिलने नहीं गए. संसद में किसानों का मज़ाक उड़ाया. आंदोलनजीवी और परजीवी कहा. 215 किसान शहीद हुए, उसमें 25 साल का लड़का मरा, परिवार को लगता है कि गोली मार दी गई.”
प्रियंका गांधी ने कहा कि 80 दिनों से किसान अपना अधिकार मांग रहे हैं. उन्होंने कहा, “हरियाणा के कृषि मंत्री कहते हैं कि घर में भी मर जाते. मैं शहीद के परिवार की बेटी हूं. उनका मजाक कोई नहीं उड़ा सकता, चाहें वो पीएम ही क्यों न हो. जो किसान आपके दरवाज़े पर हैं. उसका बेटा सीमा की रक्षा कर रहा है. इस कानून को वापस लें, रदद् करें. सत्ता देने वालों का आदर करें सम्मान करें. नेता अहंकार में आता है तो देशवासी उसको सबक सिखाते हैं. अहंकारी सरकार अपना धर्म समझे. आप लड़िए कांग्रेस आपके साथ है.”
कांग्रेस ने सिलेंडर के महंगे दाम पर विरोध जताया।
देश में एलपीजी रसोई गैस सिलेंडर को दामों में हुई बढ़ोतरी को लेकर कांग्रेस ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की और मोदी सरकार से जवाब मांगे। राजधानी दिल्ली में एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमत में रविवार को 50 रुपये प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की गई है। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि देश की अर्थव्यवस्था ठप हो चुकी है, महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है। लेकिन सरकार आपदा में अवसर बना रही है। कांग्रेस ने सिलेंडर के महंगे दाम पर विरोध जताया।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार को शर्म आनी चाहिए, अर्थव्यवस्था ठप्प हो चुका हैं। सरकार को फर्क नही पड़ रहा हैं। सरकार आपदा मे अवसर बना रही हैं। कांग्रेस ने पीसी के दौरान अपने टेबल पर दो सिलेंडरों को रखा और मोदी सरकार पर सवाल दाग दिए। इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एलपीजी रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला और कहा कि सरकार जनता से लूट रही है। जनता से लूट केवल दो का विकास है। साथ ही उन्होंने एक वीडियो क्लिपिंग भी साझा की। जिसमें एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी की जानकारी दी गई। जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली में रसोई गैस सिलेंडर की कीमत में रविवार को 50 रुपये प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की गई है। यानी की 769 रुपये प्रति 14.2 किलोग्राम के नए एलपीजी सिलेंडर की कीमत है। फरवरी में दूसरी बार गैस सिलेंडर में बढ़ोतरी हुई है। तेल कंपनियों ने बीती 4 फरवरी को मेट्रो शहरों में गैर-सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 25 रुपये की बढ़ोतरी की थी।
व्यापारियों का भारत बंद का ऐलान
एक बार फिर भारत बंद होने जा रहा है। एक तरफ किसानों का भारत बंद था तो वहीं दूसरी तरफ देश के व्यापारियों ने सरकार के खिलाफ 26 फरवरी यानी शुक्रवार को भारत बंद का ऐलान किया है। अपनी कई मांगों को लेकर बंद बुलाया गया है। कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के बैनर तले 26 फरवरी को भारत बंद बुलाया गया है।
कैट ने कहा कि जीएसटी में व्यापक सुधार की मांग को लेकर व्यापारियों ने बंद का समर्थन किया है। सरकार लगातार इसमें सुधार करें और साथ ही जीएसटी में सुधार करे जिससे व्यापारियों को राहत मिले। लेकिन सरकार हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है। जिसके बाद हमने भारत बंद का ऐलान किया। 26 फरवरी को देश भर में चक्का जाम करने की घोषणा भी की है।
कैट ने मांग की है कि जीएसटी के अलावा व्यापारियों की अन्य समस्याओं को भी मोदी सरकार सुने। जीएसटी को देश में लागू हुए 4 साल हो चुके हैं। इस दौरान कई कमियां जीएसटी में देखी गईं। जीएसटी की कई बैठकों हो चुकी हैं। इन्हीं कमियों को दूर करने के लिए हम सरकार से मांग कर रहे हैं। कैट ने साफ कहा है कि भारत बंद से पहले पीएम मोदी को पत्र लिखा जाएगा और उन्हें अपनी मांगों को बताया जाएगा। इसको लेकर देशभर के सर्राफा बजारों में 14 फरवरी से 25 फरवरी तक मार्च निकाला जाएगा और इस दौरान सरकार के मंत्रियों, विधायकों और सांसदों को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
जानकारी के लिए बता दें कि कैट के इस ऐलान का ट्रांसपोर्ट सेक्टर के सबसे बड़े संगठन ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफ़ेयर एसोसिएशन ने भी खुला समर्थन किया है। ऐसे में ट्रांसपोर्ट की भी दिक्कत हो सकती है। इस प्रदर्शन से देशभर में असर पड़ेगा। साथ ही ट्रांसपोर्ट के समर्थन से बंद का खासा असर दिख सकता है।
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी मंच पर बेहोश हो गए थे
भारत में कोरोना वायरस की रफ्तार बहुत धीमी हो गई है, लेकिन खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है। देश में कोरोना वैक्सीनेशन का कार्य भी तेजी से किया जा रहा है। इसी बीच अस्पताल में भर्ती गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का कोविड-19 टेस्ट पॉजिटिव आया है। अब उन्हें हफ्तेभर अस्पताल में रहना पड़ सकता है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, गुजरात के डिप्टी सीएम ने कहा कि सीएम विजय रूपाणी प्रतिदिन लोगों से मिल रहे थे और स्थानीय चुनावों के लिए सार्वजनिक बैठकें भी कर रहे थे। वडोदरा में वह रैली को संबोधित करते हुए बेहोश हो थे, क्योंकि वह बहुत ज्यादा थके हुए थे और ठीक नहीं थे।
जिसके बाद सीएम विजय रूपाणी को अहमदाबाद के मेहता अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनका कोविड-19 टेस्ट पॉजिटिव आया है। सीएम को अस्पताल में एक हफ्ते के लिए भर्ती रहना पड़ सकता है।
बीते कल शाम को गुजरात के सीएम विजय रूपाणी वडोदरा के निजामपुरा इलाके में मेहसनानगर चौराहे पर एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई और वह मंच पर बेहोश होकर गिर गए। मंच पर मौजूद जवानों ने सीएम विजय रूपाणी को संभाल लिया। जिसके बाद उन्हें तत्काल अहमदाबाद के मेहता अस्पताल में भर्ती कराया गया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सीएम विजय रूपाणी की तबीयत अब स्थिर बताई जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मेहता अस्पताल के निदेशक डॉ. आरके पटेल ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि मुख्यमंत्री वडोदरा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मंच पर बेहोश हो गए थे। उनका स्वास्थ्य पूरी तरह से ठीक है, लेकिन उन्हें 24 घंटे निगरानी में रखा जाएगा। लेकिन अब उनकी कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। तो उन्हें एक हफ्ते अस्पताल में भर्ती रहना पड़ सकता है।
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी (Vijay Rupani) को रविवार को वड़ोदरा के निजामपुरा इलाके में आगामी निकाय चुनाव (Vadodara Municipal Corporation elections) के लिए एक रैली को संबोधित करते समय मंच पर चक्कर आ गया. यह जानकारी भाजपा नेताओं ने दी. रूपाणी को मंच पर प्राथमिक उपचार दिया गया. बाद में वह खुद ही मंच की सीढ़ियों से उतरते दिखे. यह रूपाणी की वड़ोदरा में दिन के दौरान तीसरी राजनीतिक रैली थी. भाजपा नेता भरत डांगर ने एक समाचार चैनल से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री को जनसभा को संबोधित करने के दौरान चक्कर आ गया. जब वह गिर रहे थे तब उनके सुरक्षा गार्डों ने उन्हें पकड़ लिया. उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया.”
विटामिन-सी और जिंक को कोविड-19 से लड़ाई में मददगार बताने वाले दावों की अब पोल खुलना शुरू हो चुकी है. विटामिन-सी और जिंक के असर का पता लगाने के लिए एक रैंडमाइज क्लीनिकल ट्रायल किया गया है जिसमें पता लगा कि ये दोनों सप्लीमेंट्स कोविड-19 पर बेअसर हैं. यहां तक कि इनका हाई डोज भी बीमारी पर असर दिखाने में नाकाम रहा है.
उसे हस्तक्षेप करना होगा. – सुप्रीम कोर्ट ने व्हाट्सएप से कहा
नई दिल्ली:व्हाट्सएप की नई नीति (WhatsApp New Policy) को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक और व्हाट्सएप से कहा कि मैसेजिंग एप की नई नीति के मद्देनजर लोगों की गोपनीयता की रक्षा करने के लिए उसे हस्तक्षेप करना होगा. उच्चतम न्यायालय ने कहा कि लोगों को गंभीर आशंका है कि वे अपनी निजता खो देंगे और उनकी रक्षा करना हमारा कर्तव्य है. न्यायालय ने व्हाट्सऐप से कहा कि लोग कंपनी से ज्यादा अपनी निजता को अहमियत देते हैं.
समाचार एजेंसी के भाषा के मुताबिक, उच्चतम न्यायालय ने व्हाट्सऐप पर यूरोपीय उपयोगकर्ताओं की तुलना में भारतीयों के लिए निजता के कम मानकों का आरोप लगाने वाली एक नई याचिका पर सोमवार को केंद्र और संदेश भेजने वाले ऐप को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में उनसे जवाब मांगा.
शीर्ष अदालत ने कहा कि लोगों को गंभीर आशंका है कि वे अपनी निजता खो देंगे और उनकी रक्षा करना हमारा कर्तव्य है.
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे ने करमान्या सिंह सरीन के अंतरिम आवेदन पर सरकार और फेसबुक की मिल्कियत वाले व्हाट्सऐप को नोटिस जारी किया है. यह नोटिस 2017 की लंबित एक याचिका में दायर अंतरिम आवेदन पर जारी किया गया है.
शीर्ष अदालत ने कहा कि लोग कंपनी से ज्यादा अपनी निजता को अहमियत देते हैं, भले ही कंपनी का मूल्य अरबों रुपये का हो. व्हाट्सऐप ने शीर्ष अदालत से कहा कि यूरोप में निजता को लेकर विशेष कानून है, अगर भारत में भी ऐसा ही कानून होगा, तो उसका पालन करेंगे.
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