सीबीआई रेड- हुड्डा के अलग-अलग ठिकानों पर
सीबीआई ने शनिवार (3 सितंबर) को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा और यूपीएससी के एक वर्तमान सदस्य के आवास समेत 18 स्थानों पर तलाशी ली है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके करीबियों के 20 से ज्यादा ठिकानों पर सीबीआई ने रेड मारी है। छापेमारी मानेसर जमीन घोटाले के मामले में गुड़गांव, पंचकूला, चंडीगढ़, दिल्ली, रोहतक में की गई है। सीबीआई की टीम ने सुबह चार बजे से हुड्डा के अलग-अलग ठिकानों पर रेड डाली। यह मामला गुड़गांव में भूमि के अधिग्रहण में कथित अनियमितता का है जिसमें किसानों को 1,500 करोड़ रुपए की चपत लगाई गई है। सीबीआई के सूत्रों के मुताबिक एजेंसी के दल ने हुड्डा के आवास के साथ ही दो पूर्व आईएएस अधिकारियों – तत्कालीन प्रधान सचिव एम एल तयाल और यूपीएसएसी के सदस्य छत्तर सिंह के अलावा वर्तमान आईएएस अधिकारी एसएस ढिल्लन के परिसर की भी तलाशी ली है। सीबीआई के प्रवक्ता आर के गौर ने बताया, ‘गुड़गांव में किसानों से जमीन की खरीदारी में कथित अनियमितता के मामले में जारी जांच के तहत सीबीआई ने रोहतक, गुड़गांव, पंचकूला और दिल्ली में 20 स्थानों पर छापेमारी की।’
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दरअसल, कांग्रेस की तत्कालीन हुड्डा सरकार के कार्यकाल के दौरान करीब 900 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर उसे बिल्डर्स औने-पौने दाम पर बेच देने का आरोप है।
– इस मामले को 17 सितंबर 2015 को बीजेपी की खट्टर सरकार ने सीबीआई को सौंपा।
– इसके बाद सीबीआई ने हरियाणा सरकार के अधिकारियों और प्राइवेट बिल्डर्स के खिलाफ जमीन अधिग्रहण में कथित अनियमितता को लेकर मामला दर्ज किया।
– मामले के मुताबिक हरियाणा सरकार के ऑफिसर्स व प्राइवेट बिल्डर्स के बीच गठजोड़ था।
– दरअसल, हरियाणा सरकार ने आईएमटी मानेसर की स्थापना के लिए 900 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करने के लिए मानेसर, नौरंगपुर और लखनौला के ग्रामीणों को सेक्शन 4, 6 और 9 के नोटिस थमा दिए थे।
– इसके बाद प्राइवेट बिल्डर्स ने किसानों को अधिग्रहण की धमकी देकर जमीनों के सौदे शुरू कर दिए और उनकी जमीन कम कीमतों पर खरीद ली।
– इसी दौरान डायरेक्टर इंडस्ट्रीज ने 24 अगस्त 2007 को सरकारी नियमों की अवहेलना करते हुए बिल्डर द्वारा खरीदी गई जमीन को अधिग्रहण प्रोसेस से रिलीज कर दिया।
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एजेंसी ने इस मामले में पिछले साल सितंबर में मामला दर्ज किया था। आरोप है कि 27 अगस्त 2004 से 24 अगस्त 2007 के बीच निजी बिल्डरों ने हरियाणा सरकार के अज्ञात अधिकारियों की मिलीभगत से मानेसर, नौरंगपुर और लखनौला के किसानों और अन्य भूस्वामियों से लगभग 400 एकड़ जमीन बेहद कम दाम में खरीदी। इसके लिए उन्हें सरकारी अधिग्रहण का डर दिखाया गया था। आरोप है कि इस प्रक्रिया में पहले तो हरियाणा सरकार ने गुड़गांव जिले के गांव मानेसर, नौरंगपुर और लखनौला में औद्योगिक मॉडल टाउनशिप की स्थापना के लिए 912 एकड़ जमीन के अधिग्रहण के लिए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत अधिसूचना जारी की थी। लेकिन बाद में निजी बिल्डरों ने भूस्वामियों को सरकार द्वारा सस्ती दर पर अधिग्रहण का डर दिखाकर कथित तौर पर उनसे जमीन हथिया ली।