बिहार ; चुनावी मैच -हर ओवर में बदल रहा हाल- गिनती में देरी का आरोप Why is counting slow ?
बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) में शाम 7.24 बजे तक रूझानों में एनडीए को 120, एमजीबी को 115 व अन्य को 8 सीटों की बढ़त मिली है.
बिहार चुनाव के नतीजों को लेकर निर्वाचन आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. चुनाव अधिकारी चंद्र भूषण ने बताया कि अब तक एक करोड़ वोटों की निगती की गई. कोरोना के मद्देनजर पोलिंग बूथ की संख्या 63 प्रतिशत बढ़ाई गई है. 2015 में 38 जगहों पर गिनती हो रही थी, लेकिन इस बार 58 जगहों पर गिनती हो रही है. वोटों की गिनती का काम दर रात पूरे होने की उम्मीद है.
रुझानों में NDA को बढ़त मिलती देख बीजेपी नेता एक बार फिर सामने आ रहे हैं और कह रहे हैं कि वह जीत के प्रति आश्वस्त थे. अगर रुझान नतीजों में तब्दील होते हैं तो एक बार फिर से नीतीश कुमार का मुख्यमंत्री बनना तय है.
आरजेडी ने आरोप लगाया कि क़रीब 10 सीटों पर नीतीश प्रशासन गिनती में देरी कर रहा है. जीते हुए उम्मीदवारों को सर्टिफ़िकेट नहीं दे रहा है. CM आवास में बैठकर नीतीश कुमार और सुशील मोदी CM के प्रधान सचिव से सभी DM और RO को फ़ोन करवा कर नज़दीकी लड़ाई वाली सीटों के पक्ष में फ़ैसला दिलाने का दबाव बनवा रहे है. नीतीश कुमार, सुशील मोदी इत्यादि मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में बैठ सभी जिलाधिकारियों पर दबाव बना सख़्त निर्देश जारी करवा रहे है कि महागठबंधन को कैसे भी 105-110 सीटों पर रोको. किसी भी परिस्थिति में हम जनमत की लूट नहीं होने देंगे.
आरजेडी ने कार्यकर्ताओं से अपील कि है कि अंतिम समय तक डटे रहिए. कई जगह पोस्ट वोटिंग की अभी गिनती नहीं हुई है.
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Why is counting slow
Even as trends at 12.15 pm show a clear lead for the NDA, with the BJP increasing its gap against the rest, the Opposition is holding onto hope given the peculiarity of counting in this election.
Given the special coronavirus circumstances, the Election Commission had capped the maximum number of voters per booth from a maximum of 1,500 to 1,000. This means an increase in the number of polling booths, from where votes are to be counted on Tuesday.
It is this which is causing counting to be slower than usual, with only 10% of the vote counted till noon. Opposition leaders say that in multiple seats, counting could go up to 30 to 35 rounds, which leaves them scope for a comeback, particularly with 70 seats so far with wafer-thin margins.
Even as the Election Commission stated that counting of votes for the Bihar Assembly elections will continue till late in the night, the trends available so far suggested that the Mahagathbandan (Grand Alliance) has narrowed the gap against the ruling NDA alliance. As per the latest data, the NDA alliance is leading in 123 seats as opposed to the Grand Alliance, which is ahead in 112 seats. The majority mark in the 243-member Bihar Assembly is 122. While there is still time for the final results, one thing is clear — the BJP that had remained a junior partner in the NDA in Bihar so far is going to end up having the upper hand. Notably, the Chirag Paswan-led Lok Janshakti Party’s (LJP) decision to pull out of NDA alliance seems to have backfired while ending up hurting NDA’s prospects.
बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar assembly election 2020) के लिये मंगलवार को मतों की गिनती सुबह आठ बजे शुरू हो गई. तीन घंटे तक वोटों की गिनती पूरी होने के बाद अब एनडीए आगे चल रही है. शुरुआती रुझानों में तेजस्वी यादव की अगुवाई वाले महागठबंधन और नीतीश की अगुवाई वाले एनडीए के बीच में कांटे की टक्कर दिखने को मिली. हालांकि, बाद में नीतीश कुमार की अगुवाई में बिहार के चुनावी संग्राम में उतरी एनडीए ने रुझानों में महागठबंधन से मजबूत बढ़त बना ली है. बीजेपी बिहार में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. वह सबसे ज्यादा सीटें जीतने की ओर बढ़ रही है. बिहार चुनाव के लिये मतगणना 38 जिलों के 55 मतगणना केंद्रों पर हो रही है. इस चुनाव के परिणाम राज्य में नीतीश कुमार सरकार का भविष्य तय करेंगे. बता दें कि अधिकांश एक्जिट पोल (Exit Polls) में राजद नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के नेतृत्व में पांच दलों के महागठबंधन (Mahagathbandhan) को जीत हासिल होने का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया था. हालांकि, अब तक के चुनावी रुझान इससे इतर कहानी बयां कर रहे हैं.
बिहार विधानसभा चुनावों के नतीजे आ रहे हैं. वोटों की गिनती जारी है और आंकड़ों में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. शुरुआती रुझानों (early trends in Bihar) में बिहार महागठबंधन को बढ़त मिलती दिखी थी, लेकिन मतगणना शुरू होने के दूसरे से तीसरे घंटे में पहुंचते ही एनडीए ने स्पीड पकड़ ली. दोपहर एक बजे तक के रुझानों में एनडीए बहुमत के आंकड़े 122 से ऊपर चल रहा है. वहीं आरजेडी के नेतृत्व वाला महागठबंधन 100 के आंकड़ों के ऊपर बना हुआ है.
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए हो रहे मतगणना में नतीजों का रुझान एक बार फिर बदल रहा है। अब एनडीए 122 सीटों पर आगे चल रहा है, जबकि महागठबंधन फिर 112 सीटों तक पहुंच गया है। दोनों गठबंधनों के बीच का अंतर लगातार कम हो रहा है।
बिहार बीजेपी के अनुसूचित जाति-जनजाति मोर्चा के प्रमुख अजित कुमार चौधरी ने माँग की है कि रुझानों से साफ है कि बीजेपी को अधिक सीटें मिलनी जा रही हैं, लिहाज़ा, मुख्यमंत्री भी बीजेपी का ही होना चाहिए। उन्होंने इस पर सफाई देते हुए कहा कि 15 साल तक नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बने रहने की वजह से एंटी इनकम्बेन्सी का मुद्दा इस बार बन गया। इसलिए भी, उन्हें अब मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहिए।
बांकीपुर सीट से शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे और कांग्रेस उम्मीदवार लव सिन्हा पीछे चल रहे हैं.
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने इसे खारिज करते हुए कहा है कि यह पार्टी की लाइन नहीं है, उस नेता की निजी राय हो सकती है। पात्रा जो कहें, एक बहस की शुरुआत तो हो गई और नीतीश कुमार पर सवालिया निशान तो लग ही गया।
पर्यवेक्षकों का कहना है कि यह बीजेपी की चाल हो सकती है कि पहले छोटे स्तर पर यह मांग उठाई जाए और फिर बाद में उस पर ज़ोर दिया जाए।
बीजेपी के बड़े नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शहनवाज़ हुसैन ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही बनेंगे, इस पर कोई संदेह नहीं है।
एनडीटीवी ने ख़बर दी है कि नीतीश कुमार की पार्टी ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कहा है कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए चुनाव मैदान में है। जेडीयू के प्रवक्ता ने कहा कि जिस किसी को नीतीश कुमार का नेतृत्व स्वीकार न हो वो एनडीए का हिस्सा नहीं हो सकता। चिराग पासवान ने नीतीश कुमार पर जो हमले किए, उससे हम तकलीफ हुई।’
बिहार की राजनीति को बदलने का दावा करने वाली पुष्पम प्रिया की पार्टी ‘प्लूरल्स’ बुरी तरह पिछड़ रही है, उसे किसी सीट पर बढ़त हासिल नहीं हुई है, स्वयं पुष्पम प्रिया की सीट पर भी नहीं। इस बीच पुष्पम प्रिया ने आरोप लगाया है कि ईवीएम हैक किए गए हैं, उनकी पार्टी को मिले वोट एनडीए को ट्रांसफर हो गए हैं।
आरजेडी के नेता मनोज झा ने कहा कि स्थिति बदलाव की ओर है. ये बात स्पष्ट है. आप आंकड़ा देखें तो बराबर बराबर का आ रहा है. सब लो मार्जिन है और हमारा स्ट्राइक रेट सबसे बेहतर जा रहा है. मैं प्रशासन से हाथ जोड़कर अपील करूंगा कि आपका काम निष्पक्ष रहना है. आप सर्टिफिकेट देने में देर कर रहे हैं. आप टालमटोल कर रहे हैं. जीतना तो हमें ही है. कुछ जगहों पर देरी की जा रही है, सर्टिफिकेट नहीं दिया जा रहा है या टालमटोल किया जा रहा है. माननीय नीतीश कुमार जी आप कुछ देर के लिए और सीएम है, अपने सिर पर और कलंक मथ ढोइए.
राष्ट्रीय जनता दल के सांसद व प्रवक्ता मनोज झा ने उम्मीद जताई है कि महागठबंधन निश्चित तौर पर चुनाव जीतेगा।उन्होंने कहा कि उन्हें जानकारी है कि इस समय ही महागठबंधन को 124 सीटों पर बढ़त हासिल है, जो दिख नहीं रही है।’
आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव की बेटी राज लक्ष्मी यादव ने कहा कि ये प्रकति का नियम है शाम होते ही कमल मुरझाता है और लालटेन उजाला करती है.
इसके साथ ही उन्होंने यह आरोप भी लगाया है कि ‘वोटों की गिनती जानबूझ कर धीमी रखी गई है।’ झा ने महागठबंधन के उम्मीदवारों से कहा है वे मतगणना केंद्र से जीत का सर्टिफिकेट लेकर ही बाहर निकलें।
कांग्रेस नेता और ऑल इंडिया कॉनफ़ेडरशन ऑफ़ एससी/एसटी ऑर्गनाइजेशन के डॉक्टर उदित राज ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर सवाल उठाया है। उन्होंने संकेत दिया है कि ईवीएम को नियंत्रित किया जा सकता है।
ईवीएम की विश्वसनीयता के संबंध में कुछ नेताओं द्वारा सवाल उठाए जाने के बीच चुनाव आयोग ने मंगलवार को इस बात पर जोर दिया कि यह मशीन पूरी तरह मजबूत है और इससे कोई छेड़छाड़ नहीं हो सकती.
बिहार चुनावी नतीजों की घोषणा में ज्यादा वक्त लगेगा
रुझान तो स्पष्ट हो रहे हैं लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि नतीजे स्पष्ट होने में लंबा वक्त लग जाएगा. इसके पीछे बड़ा कारण कोविड-19 प्रोटोकॉल है. दरअसल, इस बार कोविड की वजह से बिहार चुनावों में वोटिंग के लिए पोलिंग बूथों की संख्या ज्यादा रखी गई थी. हर पोलिंग बूथ में महज 1,000 वोटरों को ही वोट डालने की अनुमति थी, इसकी वजह से ईवीएम की संख्या भी बढ़ी थी. जानकारी के मुताबिक, इन चुनावों में 63 फीसदी ज्यादा ईवीएम का इस्तेमाल हुआ है. बिहार चुनाव आयोग के मुख्य इलेक्टोरल ऑफिसर एच आर श्रीनिवास ने बताया कि बिहार में इस बार चुनावी नतीजों की घोषणा में पिछली बार की तुलना में ज्यादा वक्त लगेगा क्योंकि पोलिंग स्टेशनों की संख्या 45 फीसदी ज्यादा है. चुनाव आयोग के मुताबिक, इस बार पोलिंग स्टेशनों की संख्या तो दोगुनी थी लेकिन टेबलों की संख्या नहीं बढ़ाई गई थी. पहले पोलिंग स्टेशनों की संख्या 72,723 थी, जो इस बार 1,06,515 हो गई थी.
बिहार में 4.5 करोड़ वोटों में से तीन करोड़ वोटो की गिनती हो चुकी है. यानी 75 फीसदी वोटों की गिनती हो चुकी है. दस सीटों पर एक हजार वोटों से कम का अंतर है. 243 सीटों में से अभी तक 23 सीटों का रिजल्ट आ चुका है.
जदयू नेता के सी त्यागी ने चिराग पासवान के मसले पर कहा- चिराग पासवान ने पहले तो अपने ही बंगले में आग लगा ली और एनडीए गठबंधन को भी नुकसान पहुंचाया. चिराग पासवान ने जहां भी जेडीयू के खिलाफ उम्मीदवार उतारे वहां उम्मीदवारों की जाति देखिए. वहां कमजोर तबके के उम्मीदवार खड़े थे. ऐसे में वो सारे वोट कभी भी आरजेडी को नहीं मिलते. ये बात उसको भी मालूम थी और जिसने उससे यह काम करवाया उसको भी मालूम था.
तेजस्वी अपनी रैलियों में शामिल होने वाली भारी भीड़ को बड़ी जीत में बदलने में नाकाम रहे, वहीं 31 वर्षीय इस नेता ने खुद को एक प्रमुख राज्य के नेता के रूप में स्थापित किया है. वह नीतीश कुमार को तीसरे स्थान पर धकेलने में सफल रहे हैं. लेकिन कांग्रेस को 70 सीटों पर चुनाव लड़ना उसका सबसे बड़ा गलत अनुमान हो सकता है. कांग्रेस ने इस बार 2015 की तुलना में अधिक सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन बहुत कम सीटें जीतने में सफल हुई कांग्रेस के एकमात्र स्टार प्रचारक राहुल गांधी थे, गांधी परिवार से कोई अन्य प्रचार के लिए नहीं आया, ना ही उनकी मां सोनिया गांधी और बहन प्रियंका गांधी वाड्रान ने बिहार की यात्रा की.
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