योगी जी ने अभी-अभी 1000 दंगाइयों को ठोंका ; बीजेपी प्रवक्ता
बीजेपी के प्रवक्ता तजिंदर पाल सिंह बग्गा के एक ट्वीट पर एक यूजर ने ऐसा कमेंट किया कि उन्होंने जवाब में उत्तर प्रदेश सरकार की तारीफ करते हुए कह दिया कि योगी जी ने अभी-अभी 1000 दंगाइयों को ठोंका है। दरअसल, दिल्ली में अंकित सक्सेना के मर्डर केस पर बग्गा ने सीएम अरविंद केजरीवाल को घेरते हुए उन्हें ट्वीट किया था, ‘यह बहुत की शर्म की बात है कि अंकित सक्सेना के परिवार को अभी तक दिल्ली के मुख्यमंत्री ने किसी भी तरह का मुआवजा देने का ऐलान नहीं किया है।’ बग्गा के इस ट्वीट पर एक यूजर ने इशारों-इशारों में कह दिया कि बीजेपी के नेता दंगा करवाना चाहते हैं। यूजर ने ट्वीट किया, ‘भाई तू कुछ भी कर ले दंगे नहीं होंगे अब।’ इसके बाद बीजेपी प्रवक्ता ने ट्वीट किया, ‘सही कह रहे हो भाईजान। अभी-अभी योगी जी ने 1000 दंगाइयों को ठोका है, किसी के बाप की हिम्मत नहीं है इसके बाद दंगा कर दे।’ दरअसल, केजरीवाल की ओर से अभी तक अंकित के परिवार के लिए किसी भी तरह के मुआवजे का ऐलान अभी तक नहीं किया गया है। जबकि उन्होंने ट्वीट कर इस मामले की कड़ी निंदा की थी और बताया था कि उन्होंने अंकित के पिताजी से बात भी बात की है। केजरीवाल ने ट्वीट किया था, ‘अंकित के पिताजी से बात की। जो हुआ उसकी जितनी निंदा करें उतनी कम है। अंकित को न्याय दिलाने के लिए दिल्ली सरकार बड़े से बड़ा वकील खड़ा करेगी। हम हर सम्भव कोशिश करेंगे कि दोषियों को सख्त से सख्त सज़ा हो। भगवान अंकित के परिवार को शक्ति दे। इस संघर्ष में हम उनके साथ हैं।’ वहीं दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने भी इस मामले पर केजरीवाल सरकार पर उंगली उठाई थी और अंकित के परिवार को सुरक्षा देने की मांग की थी। इसके अलावा तिवारी ने अंकित के परिवार के लिए एक करोड़ के मुआवजे की भी मांग की थी।
PHOTO; Only Symble;
देशभर में साल 2016 के मुकाबले 2017 में सांप्रदायिक घटनाओं की संख्या में वृद्धि हुई है, जबकि इसके पहले इसमें गिरावट दर्ज की गई थी। 2017 में सांप्रदायिक घटनाओं में 111 लोग मारे गए और 2,384 घायल हुए। वहीं, 2016 में 86 लोगों की मौत हुई थी जबकि घायलों की संख्या 2,321 रही थी। लोकसभा में एक सवाल के जवाब में गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने कहा कि 2017 में सांप्रदायिक हिंसा की सर्वाधिक 195 घटनाएं उत्तर प्रदेश में हुईं, जहां 44 लोग मारे गए और 542 घायल हुए। उन्होंने सदन में बताया कि कर्नाटक में बीते साल 100 सांप्रदायिक घटनाएं हुईं, जिनमें नौ लोग मारे गए और 229 घायल हो गए। राजस्थान में ऐसी 91 घटनाएं हुईं जिनमें 12 लोग मारे गए और 175 घायल हो गए। मंत्री ने कहा कि 2017 में बिहार में 85 सांप्रदायिक घटनाएं हुईं जिनमें तीन लोगों की मौत हो गई और 321 घायल हो गए। मध्य प्रदेश में 60 घटनाएं हुईं और इनमें नौ लोग मारे गए एवं 191 घायल हो गए। उन्होंने कहा कि पिछले साल पश्चिम बंगाल में सांप्रदायिक हिंसा की 58 घटनाएं हुईं, जिनमें नौ लोग मारे गए और 230 घायल हो गए। गुजरात में 50 घटनाएं हुईं और आठ लोग मारे गए तथा 125 घायल हो गए।
बीजेपी नेता विनय कटियार ने बुधवार को AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर कहा कि मुस्लिमों ने धर्म के नाम पर देश को तोड़ा है, इसलिए उन्हें यहां से चले जाना चाहिए। कटियार ने कहा, “सरकार को एक ऐसा कानून बनाना चाहिए, जिससे वंदे मातरम्, तिरंगे की बेइज्जती करने वालों और पाकिस्तानी झंडे लहराने वालों को सजा दी जा सके।” कटियार और ओवैसी की जुबानी जंग में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी भी कूद पड़े। उन्होंने कहा, ”अगर मुसलमान देश के नागरिक हैं तो उन्हें ये स्वीकार करना चाहिए कि उनके पूर्वज हिंदू थे। उनके DNA के मुताबिक ये सच है।” न्यूज एजेंसी के मुताबिक, कटियार ने कहा- “मुसलमान इस देश में रहने ही नहीं चाहिए, उन्होंने जनसंख्या के आधार पर देश का बंटवारा कर दिया तो यहां रहने की क्या जरूरत है? उनको भी अलग भू-भाग दे दिया गया, बांग्लादेश या पाकिस्तान चले जाएं यहां उनका क्या काम है?”
अहंकार से भरी हुई ऐसी सरकार है जिसमें सहिष्णुता और सहनशीलता बिल्कुल नहीं- अहमद पटेल
वही दूसरी ओर राज्यसभा में आज विपक्ष ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि यह अहंकार से भरी हुई ऐसी सरकार है जिसमें सहिष्णुता और सहनशीलता बिल्कुल नहीं है। कांग्रेस के अहमद पटेल ने आरोप लगाया कि यह अहंकार से भरी हुई ऐसी सरकार है जिसमें सहिष्णुता और सहनशीलता बिल्कुल नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसके खिलाफ बोलने वाले लोगों को ईडी, आयकर, सीबीआई आदि से डराया जा रहा है। लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश करते समय भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने स्थिति का गुलाबी चित्रण किया लेकिन वास्तविक स्थिति ऐसी नहीं है। लोगों में असुरक्षा की भावना, राष्ट्रीय सुरक्षा से लेकर संवैधानिक संस्थाओं की स्थिति ठीक नहीं है। पटेल ने शिवसेना, तेदेपा और शिरोमणि अकाली दल का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा के सहयोगी ही अविश्वास व्यक्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा का आरोप है कि संप्रग सरकार गड्ढे छोड़कर गयी है और वह उसे भरने में लगी है। उन्होंने कहा कि वास्तविकता इससे उलट है और भाजपा की सरकार खाई बनाती है तथा कांग्रेस उसे भरती है। पटेल ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष ने अपने भाषण में विभिन्न चुनावों में अपनी जीत का जिक्र किया। लेकिन गोवा और मणिपुर के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। लेकिन यह सब जानते हैं कि वहां किस प्रकार और किसके सहारे सरकार बनायी गयी। उन्होंने कहा कि केंद्र की इस सरकार के सत्ता में आने के बाद जितने भी उपचुनाव हुए हैं, उनमें एक ही बार भाजपा को जीत मिली, अन्य सीटों पर कांग्रेस या उसके सहयोगी दलों को जीत मिली। उन्होंने कहा कि सरकार लोकसभा एवं विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने की बात तो करती है लेकिन एक बार में हिमाचल प्रदेश और गुजरात दो राज्यों में एक साथ विधानसभा का चुनाव भी नहीं करा पायी।
गुजरात के विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए पटेल ने कहा कि भाजपा 150 सीटों पर जीत का दावा कर रही थी लेकिन उनकी सीटें घटकर 99 रह गयीं। ग्रामीण क्षेत्रों में तो भाजपा की करारी हार हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के पास सिर्फ एक ही मंत्र है, वह है ‘‘कांग्रेस तथा गांधी परिवार को गाली देना।’’ पटेल ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार भ्रष्टाचार के मामले में अपने को पाक-साफ बनाती है लेकिन आरटीआई को कमजोर कर रही है। आयोग में बड़ी संख्या में रिक्तियां हैं। उन्होंने सवाल किया कि सरकार लोकपाल क्यों नहीं ला रही है। उज्ज्वला योजना के बारे में पटेल ने कहा कि इसके तहत सिर्फ कनेक्शन दिए गए। इस योजना को नाकाम करार देते हुए उन्होंने कहा कि यह बताना चाहिए कि कितने सिलेंडर दिए गए और कितने कनेक्शन चालू हैं। केंद्र सरकार ने 21 दिसंबर, 2017 को सदन में जो आंकड़े रखे थे, उनमें भाजपा शासित राज्यों की स्थिति ज्यादा खराब थी। सांप्रदायिक घटनाओं के रिकॉर्ड में लगातार तीसरी बार उत्तर प्रदेश और कर्नाटक राज्य सबसे ऊपर हैं। 2016 में यूपी में 162 और कर्नाटक में 101 मामले सांप्रदायिक घटनाओं के तहत दर्ज हुए थे। 2015 में सांप्रदायिक घटनाओं का आंकड़ा उत्तर प्रदेश में 155, जबकि कर्नाटक में 105 था।
इसके अलावा उत्तर प्रदेश में यूपी पुलिस लगातार ही एनकाउंटर को अंजाम दे रही है। यूपी पुलिस न केवल अपराधियों का एनकाउंटर कर रही है बल्कि उसने मानवाधिकार संगठन ऐमनेस्टी इंडिया का भी ‘एनकाउंटर’ कर दिया है। दरअसल, एमनेस्टी इंडिया ने मंगलवार को कुछ आंकड़े पेश करते हुए ट्वीट कर यूपी पुलिस पर पावर का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था, जिसका पुलिस ने ऐसा जवाब दिया कि एमनेस्टी इंडिया को अपना पहला ट्वीट डिलीट करना पड़ गया और साथी ही आंकड़ों में सुधार करते हुए दूसरा ट्वीट भी करना पड़ गया।
एमनेस्टी ने ट्वीट किया था, ‘उत्तर प्रदेश में मार्च 2017 से जनवरी 2018 के बीच पुलिस ने जितने भी एनकाउंटर किए हैं, उनमें 900 लोगों की मौत हुई। राष्ट्रीय मानवाधिकार कमीशन का कहना है कि यूपी पुलिस ‘अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल कर रही है।’ इसके बाद यूपी पुलिस ने एमनेस्टी को घेरते हुए ट्वीट किया, ‘आपके आंकड़ों में काफी बड़ी मानवीय गलती है। आपने घायलों और मारे गए लोगों को एक जैसा ही समझ लिया। हम आपको बताना चाहते हैं कि एनकाउंटर में 37 लोगों की ही मौत हुई है, आपसे विनती है कि जिंदा लोगों का सम्मान करें और उन्हें मृत घोषित ना किया जाए। हम कानूनी नोटिस पूरी रिसर्च के बाद भेजेंगे।’ पुलिस द्वारा यह जवाब मिलने के बाद एमनेस्टी ने ट्वीट डिलीट करते हुए दूसरा ट्वीट किया, ‘सुधार: पुराने ट्वीट में कहा गया था कि मार्च 2017 से जनवरी 2018 के बीच 900 लोगों को एनकाउंटर में मारा गया है, लेकिन हम इसमें सुधार करते हुए बताना चाहते हैं कि इन आंकड़ों में मृत और घायल दोनों लोग शामिल हैं।’ अगला ट्वीट करते हुए एमनेस्टी की ओर से कहा गया, ‘मार्च 2017 से जनवरी 2018 के बीच उत्तर प्रदेश में पुलिस द्वारा किए गए एनकाउंटर में करीब 900 लोग मारे गए हैं या घायल हो गए हैं।’ आपको बता दें कि यूपी में मार्च 2017 और जनवरी 2018 के बीच यूपी पुलिस ने 1142 एनकाउंटर किए थे, जिनमें 37 लोग मारे गए थे।
www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal & Print Media)
Available in FB, Twitter, Whatsup & All Social Media.
Mail; himalayauk@gmail.com Mob. 9412932030