दूसरे दलों से आने वालों के लिए बीजेपी ने बंद किए दरवाजे
6 महीने तक नहीं मिलेगी एंट्री- TOP BRAKING; एक आम इंसान पार्टी की सदस्यता के लिए पार्टी के टोल-फ्री नंबर पर मिसकॉल दे सकता है मगर दूसरी पार्टी के पदाधिकारियों को बीजेपी में एंट्री नहीं दी जाएगी।
बंपर जीत के बाद दूसरी पार्टी के नेताओं के लिए बीजेपी ने बंद किए दरवाजे, 6 महीने तक नहीं मिलेगी एंट्री- कांग्रेस के कई कार्यकर्ता भ्रामक बयान दे रहे हैं कि वह भाजपा में शामिल हो गये हैं, तथा वह भाजपा नेताओं के फोटो भी सोशल मीडिया में डाल रहे थे- इसको देखते हुए भाजपा ने उच्च स्तर से यह फैसला लिया- अगर हम विपक्षी पार्टियों के नेताओं को एंट्री देंगे तो जनता में गलत संदेश जाएगा क्योंमकि उन्होंने उन (विपक्ष) के खिलाफ बीजेपी को ताकत देने के लिए वोट किया है। दूसरे, इससे बीजेपी कॉडर का वर्कर हतोत्साबहित हो जाएगा
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भारतीय जनता पार्टी की उत्त र प्रदेश इकाई में जगह बनाने की सोच रहे दूसरी पार्टी के नेताओं को कम से कम अगले छह महीनों तक एंट्री नहीं मिलेगी। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने राज्य इकाई को निर्देश दिए हैं कि वह अगले आदेश तक दूसरी पार्टी के नेताओं को पार्टी में शामिल होने से मना करे। राज्यत इकाई ने यह बात स्थानीय और जिला इकाइयों तक पहुंचा दी है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, दूसरे दलों के कई नेता भाजपा के राष्ट्री य पदाधिकारियों से लेकर राज्यय व जिला इकाई तक के लोगों से खुद को पार्टी में शामिल कराने की गुहार लगा रहे हैं, जिसके बाद बीजेपी ने यह फैसला किया। बीजेपी में शामिल होने की इच्छा रखने वाले ज्याेदातर नेताओं में जिला पंचायतों के प्रमुख, ब्लॉक प्रमुख, नगर पंचायतों के मुखिया और नगर पालिका परिषदों के अध्यक्ष हैं। इसके अलावा जो हालिया विधानसभा चुनाव हारे हैं, उन नेताओं ने भी बीजेपी का दरवाजा खटखटाना शुरू कर दिया है।
भाजपा के राज्य प्रवक्ता चंद्र मोहन ने कहा, ”पार्टी ने तय किया है कि दूसरे दलों के नेताओं को अगले आदेश तक बीजेपी में एंट्री नहीं दी जाएगी।” उन्होंने कहा कि एक आम इंसान पार्टी की सदस्यता के लिए पार्टी के टोल-फ्री नंबर पर मिसकॉल दे सकता है मगर दूसरी पार्टी के पदाधिकारियों को बीजेपी में एंट्री नहीं दी जाएगी। एक वरिष्ठा भाजपा नेता ने द इंडियन एक्सपप्रेस को बताया कि 11 मार्च को विधानसभा चुनावों में रिकॉर्ड जीत दर्ज करने के बाद, दूसरी पार्टियों के कई नेता भाजपा संगठन के पदाधिकारियों से सत्ताधारी पार्टी में शामिल होने की इच्छाा जता रहे हैं। उन्हों ने कहा, ”वे अवसरवादी नेता हैं जो सत्ताधारी पार्टी का लुत्फप उठाना चाहते हैं।”
पार्टी के एक अन्य नेता ने कहा कि ज्याादातर नेता वे हैं जो जून-जुलाई में होने वाले स्थाएनीय निकायों के चुनाव में खड़े होना चाहते हैं। भाजपा नेता ने कहा, ”भाजपा 2012 में ज्यादातर नगर निगमों में जीती थी, मगर जो लोग तब सपा, बसपा, कांग्रेस जैसी दूसरी पार्टियों के समर्थन से लड़े, वे अब अगला चुनाव भाजपा के समर्थन से लड़ना चाहते हैं, इसलिए पार्टी में शामिल होना चाह रहे हैं।”
उन्होंहने आगे कहा कि दूसरे दलों की भाजपा में एंट्री शहरी निकायों के चुनाव के बाद शुरू की जा सकती है। नेता ने कहा, ”अगर हम विपक्षी पार्टियों के नेताओं को एंट्री देंगे तो जनता में गलत संदेश जाएगा क्योंमकि उन्होंने उन (विपक्ष) के खिलाफ बीजेपी को ताकत देने के लिए वोट किया है। दूसरे, इससे बीजेपी कॉडर का वर्कर हतोत्साबहित हो जाएगा।”