देशभर में पार्टी कार्यालय के लिए जमीन की खरीदारी की ?
राहुल के तीखे तेवर- #बीजेपी ने पार्टी दफ्तर के लिए #स्तब्ध कर देने वाला सच सामने आया- सनसनी राहुल ने कहा- ”मैं कहता हूं हाउस में आइए फिर देखते हैं मोदीजी में कौनसा इमोशन दिखता है।
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#पीएम ने तंज कसते हुए कहा कि विरोध इसलिए नहीं कि तैयारी नहीं थी विरोध इसलिए क्योंकि उन्हें तैयारी का मौका नहीं मिला. प्रधानमंत्री मोदी ने आज संसद भवन परिसर में संविधान दिवस के अवसर पर एक किताब के विमोचन पर विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा, ‘विरोध इसलिए नहीं कि तैयारी नहीं थी विरोध इसलिए क्योंकि उन्हें तैयारी का मौका नहीं मिला’ नोटबंदी को लेकर संसद में आज भी जमकर हंगामा हुआ. विपक्ष पीएम मोदी के आज के बयान पर माफी मांगने की मांग पर अड़ गया है.
#वही देश की पार्टियों नेे कहा- स्तब्ध कर देने वाला सच सामने आया है- बीजेपी ने माना कि देश के सभी जिला मुख्यालय में पार्टी दफ्तर खोलने के लिए एक एकड़ जमीन खरीदने का फैसला लिया है,, इस फैसले के तहत बिहार के 25 जिले में बीजेपी ने पार्टी दफ्तर के लिए जमीन की खरीदारी की है जिसमें नोटबंदी के एक सप्ताह पहले भी खरादीरी हुई है और बाद में भी खरीदारी चल रही है,,,,,,,,,,
#अधिकांश खरीदारी अगस्त से सितम्बर के बीच हुई है हलाकि बीजेपी का कहना है कि हमने सारा पैंसा आरटीजीएस के माध्यम से किसान को दिया है,,,,,रिपोर्ट आते ही अब तक नरेंद्र मोदी सरकार के नोटबंदी का समर्थन कर रही जद(यू) ने ट्वीट करके कहा कि इस रिपोर्ट से साफ हो गया है कि नोटबंदी के बारे में बीजेपी नेताओं को पहले से पता था। वहीं राहुल गांधी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कहा गया, “नोटबंदी की पूरी तैयारी थी!”
आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करके कहा, “ये स्तब्ध कर देने वाला है। बीजेपी ने अपना पैसा ठिकाने लगा लिया। शर्मनाक।” आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष ने नोटबंदी को बड़ा घोटाला बताते हुए इसकी जांच की मांग की। आशुतोष ने ट्वीट किया, “ये बड़ा घोटाला है। इसकी जांच होनी चाहिए। अमित शाह की भूमिका की जांच होनी चाहिए। मोदी भी इसमें शामिल हैं।”
#500 रुपये के नए नोटों की प्रिंटिंग में कई गड़बड़ियां सामने आई हैं। इसकी वजह से आम लोगों को असली और नकली नोटों को पहचानने में मुश्किलें हो रही हैं। इन दोनों नोटों में कई छोटे-छोटे फर्क हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे न सिर्फ आम जन के दिमाग में उलझन पैदा होगी बल्कि जालसाजी को भी बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक ने इस बात को कबूल किया है कि जल्दबाजी में नोट छापने में 500 रुपये के कुछ करेंसी नोट में गड़बड़ी हुई हैं।
नोटबंदी से बेचैनी है। दिल्ली में जहां पुलिस ने ऐसे दो लोगों को दबोचा है जिसने दो बैंक मैनेजर्स से मिलकर साढ़े तीन करोड़ रुपये मूल्य के पुराने नोट बदलवा लिए और नई करंसी ले लिए। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। पूछताछ में उन दोनों शख्स ने बैंक मैनेजर से मिलीभगत की बात कबूल की है।
पुणे में भी पुलिस ने एक व्यापारी के पास से 1.12 करोड़ मूल्य के पुराने नोट बरामद किए हैं। यह व्यापारी कमीशन पर 500 और 1000 के पुराने नोट बदलने जा रहा था। पुणे के लश्कर थाने के मुताबिक भरत शाह नाम का व्यापारी एजेंट से 25 फीसदी के कमीशन पर बेनामी पैसों को बदलवाने की फिराक में था।
एक पुलिस इन्सपेक्टर ने बताया, “हमें सूचना मिली थी कि शाह एम जी रोड पर शुक्रवार की सुबह कुछ लोगों से मिलकर पुराने नोट को बदलवाने जा रहे हैं।” इसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए शाह को हिरासत में ले लिया और उनसे पूछताछ की। पुलिस अधिकारी ने बताया, “हमने शाह के पास से पुराने 500 रुपये के कुल 22,444 नोट और 1000 के 28 नोट बरामद किए जो बैन हो चुके हैं।” हालांकि, पुलिस अधिकारी ने बताया कि शाह ने उन नोटों को अपनी जमा पूंजी करार दिया है। जबकि पुलिस उसे बेनामी संपत्ति के तौर पर मानकर जांच कर रही है। हालांकि, पुलिस ने अभी तक कोई केस दर्ज नहीं किया है लेकिन आय कर विभाग के अधिकारियों को इसकी सूचना दे दी गई है। उधर, बिहार के गया जिले में चोरों ने एक बैंक से 21 लाख 30 हजार रुपये चुरा लिए। इनमें से 20 लाख रुपये पुराने नोट थे। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
# कांग्रेस उपाध्यनक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसद में आकर बहस करने की चुनौती दी है। राहुल ने पत्रकारों से कहा कि जैसे ही पीएम हाउस में आएंगे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। सब साफ हो जाएगा। हम भी बोलेंगे और वो भी बोंलेगे। उन्होंाने कहा, ”मैं कहता हूं हाउस में आइए फिर देखते हैं मोदीजी में कौनसा इमोशन दिखता है।” नोटबंदी को लेकर बहस की मांग कर रहे विपक्ष के हंगामे के बाद लोकसभा की कार्यवाही सोमवार तक टल जाने के बाद राहुल गांधी ने यह बयान दिया। गौरतलब है कि लोकसभा में विपक्ष बहस के बाद इस फैसले पर वोटिंग कराने की मांग कर रहा है। इसके चलते शीतकालीन सत्र में अभी तक कोई काम नहीं हो पाया है।
शुक्रवार (25 नवंबर) को विपक्ष जहां पीएम के संसद में आने की मांग करता रहा वहीं मोदी भटिंडा में रैली कर रहे थे। रैली के दौरान उन्हों ने कहा कि कालेधन और भ्रष्टाचार ने मध्यम वर्ग को लूटा है और गरीबों के हक को छीना है। उन्हें वह वापस दिलाना चाहता हूं। नोटबंदी पर पीएम मोदी ने कहा, ‘जब लोग इस समय मुश्किलों के दौर में जी रहे थे, ऐसे में भी वे मेरे साथ खड़े थे। उन लोगों का शुक्रिया अदा करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। कठिनाईयों का रास्ता भी है, उस रास्ते के लिए आपकी मदद चाहिए। आप के पास जो मोबाइल फोन है। वे सिर्फ फोन नहीं है। मोबाइल फोन को आप अपने बैंक बना सकता है। आप अपना बटुआ बना सकते हैं। रुपए को छुए बिना मोबाइल से व्यापार हो सकता है। डिजिटल कैश की ओर बढ़ना है। मोबाइल फोन में बैंकों के ऐप होते हैं। व्यापारियों को शिक्षित करें।’
इधर राज्य सभा में भी हंगामा जारी रहा। विपक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी से माफी मांगने को कहा। विपक्ष का कहना है कि मोदी ने अपने बयान से विपक्ष को भ्रष्टांचारी बताया है।
कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और जद(यू) समेत कई राजनीतिक दलों ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर नोटबंदी से ठीक पहले अपने पैसे को ठिकाने लगाने का आरोप लगाया है। इन दलों का आरोप है कि बीजेपी ने नोटबंदी से पहले बिहार समेत देश के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर जमीनें खरीदीं हैं। सबसे पहले ये खबर बिहार के स्थानीय न्यूज चैनल कशिश न्यूज ने चलाई जिसे बाद में कई मीडिया संस्थान ने प्रकाशति किया। चैनल ने जमीन खरीद के कथित दस्तावेज भी साझा किए है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नोटबंदी से ठीक पहले नवंबर के पहले हफ्ते तक बीजेपी ने बिहार एवं अन्य जगहों पर करोड़ों रुपये की जमीनें खरीदीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर को 500 और 1000 के नोटों को बंद करने की घोषणा की थी।
रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी अगस्त 2016 से ही देश के अलग अलग हिस्सों में जमीन खरीद रही थी। वेबसाइट ने बिहार से मिली जमीन खरीद के दस्तावेज के आधार पर आरोप लगाया है कि बीजेपी ने ये संपत्तियां अपने कार्यकर्ताओं के नाम पर खरीदी हैं। इनमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की ओर से पार्टी के सीनियर कार्यकर्ता और विधायकों को सिग्नेटरी बनाया गया है. वेबसाइट ने दावा किया है कि जमीन की खरीद-फरोख्त से जुड़े ये दस्तावेज बिहार सरकार की भूमि जानकारी संबंधी वेबसाइट पर भी उपलब्ध हैं।
न्यूज वेबसाइट कैच न्यूज से बातचीत में बिहार बीजेपी के नेताओं ने माना कि पार्टी ने बिहार के साथ ही देश भर में जमीनें खरीदी हैं। नेताओं का कहना था कि ये जमीनें पार्टी कार्यालय और पार्टी के तमाम दूसरे कामों के लिए ली गई हैं। नेताओं के अनुसार पार्टी ने बिहार के साथ और भी जगह जमीन खरीदी है। एक नेता ने कहा कि हम लोग तो सिर्फ सिग्नेटरी अथॉरिटी हैं, पैसा तो पार्टी की तरफ से आया था…सारी जमीन खरीदी है पार्टी कार्यालय के लिए और अन्य कामों के लिए। नवंबर के फर्स्ट वीक तक जमीन खरीदी है। यह पूछे जाने पर कि खरीदारी नगद हुई या चेक के जरिए? चौरसिया ने कहा, “पार्टी का काम एक नंबर से होता है। उसका तरीका अलग-अलग होता है. पर नगद लेनदेन नहीं हुआ होगा।” बीजेपी के एक अन्य नेता और सिग्नेटरी लाल बाबू प्रसाद ने बिहार के एक स्थानीय चैनल से बातचीत में स्वीकार किया है कि उन लोगों ने जमीनें नगद पैसे से खरीदी हैं, इसके लिए पार्टी कार्यकर्ताओं ने चंदा दिया है। रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी द्वारा खरीदी गई जमीनों की रकबा आधा एकड़ से 250 वर्गफीट के बीच है। इनकी कीमत 8 लाख से 1.16 करोड़ के बीच है। सबसे महंगी जमीन करीब 1100 रुपए प्रति वर्ग फीट की दर से खरीदी गई है। कुछ मामलों में भाजपा खुद ही खरीददार पार्टी है और पता 11 अशोक रोड दर्ज है।
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## नीतीश राज में बीजेपी के जमीन घोटाले को उजागर करने वाले बिहार के टीवी चैनल कशिश न्यूज ने आज (शुक्रवार को) एक नया खुलासा किया है। चैनल के मुताबिक एक ही प्लॉट को अलग-अलग कैटगरी में खरीदा गया। चैनल के मुताबिक जमीन के एक हिस्से को रेशिडेंसियल तो दूसरे को कॉमर्शियल रेट पर बेचा और खरीदा गया है। इससे बिहार के सरकारी खजाने को लाखों रुपये का चूना लगा है। हद तो तब हो गई जब एक ही प्लॉट को अलग-अलग लोगों द्वारा बेचा गया। यानी अगले हिस्से को अगर पति ने बेचा तो जमीन के पिछले हिस्से को पत्नी ने बेचा है। इस खेल से साफ जाहिर है कि जानबूझकर और सोच-समझकर ऐसा किया गया है ताकि निबंधन शुल्क कम से कम देना पड़े। चैनल ने यह भी दावा किया है कि राज्य के कई जिलों में बीजेपी ने इन जमीनों को नकद पैसा देकर नवंबर के पहले हफ्ते में खरीदी है।
चैनल ने जमीन खरीद के कथित दस्तावेज भी साझा किए हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नोटबंदी से ठीक पहले नवंबर के पहले हफ्ते तक बीजेपी ने बिहार एवं अन्य जगहों पर करोड़ों रुपये की जमीनें खरीदीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को 500 और 1000 के नोटों को बंद करने की घोषणा की थी।
मामला उजागर होने के बाद बीजेपी विरोधी दलों के निशाने पर आ गई है। जनता दल यूनाइटेड ने इसकी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग की है। कांग्रेस ने भी इस मुद्दे को उठाया। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस मुद्दे को उठाते हुए इसे कालाधन को ठिकाने लगाने वाली करतूत करार दिया है। रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी अगस्त 2016 से ही देश के अलग अलग हिस्सों में जमीन खरीद रही थी। वेबसाइट ने बिहार से मिली जमीन खरीद के दस्तावेज के आधार पर आरोप लगाया है कि बीजेपी ने ये संपत्तियां अपने कार्यकर्ताओं के नाम पर खरीदी हैं। इनमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की ओर से पार्टी के सीनियर कार्यकर्ता और विधायकों को सिग्नेटरी बनाया गया है। वेबसाइट ने दावा किया है कि जमीन की खरीद-फरोख्त से जुड़े ये दस्तावेज बिहार सरकार की भूमि जानकारी संबंधी वेबसाइट पर भी उपलब्ध हैं।