बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता बीमार
बीजेपी नेताओं के लिए स्वास्थ्य के लिहाज से बीते कुछ दिन बुरे चल रहे हैं. बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता बीमार हैं. #बीजेपी के कद्दावर नेताओं के बीमार होने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा. 2016 में सुषमा स्वराज की किडनी फेल होने से जो सिलसिला शुरू हुआ वह अभी भी जारी है. सुषमा स्वराज, मनोहर पर्रिकर, अरुण जेटली तो लंबे समय से बीमारी झेल ही रहे थे, नितिन गडकरी, रविशंकर प्रसाद, अमित शाह भी बीमार हो गए. अब बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव रामलाल भी बुधवार रात से अस्पताल में भर्ती हैं. लोकजन शक्ति पार्टी के नेता तथा केन्द्रीय मंत्री श्री रामविलास पासवान भी बायपास सर्जरी के बाद बहुत ज्यादा भागदोड वाली स्थिति में नही रह गये है- हिमालयायूके एक्सक्लूसिव
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव रामलाल को नोएडा के कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उन्हें बुखार और खांसी की शिकायत के बाद बुधवार रात अस्पताल लाया गया. डॉक्टरों का कहना है कि उनकी हालत अभी स्थिर है.
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को स्वाइन फ्लू हुआ है. बुधवार देर रात मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद उन्हें आनन-फानन में एम्स में भर्ती किया गया. एम्स में दाखिल होने से पहले उनके इलाज के लिए वरिष्ठ डॉक्टरों की टीम तैनात हो गई. डॉक्टरों का कहना है कि पिछले 2 दिन से अमित शाह को बदन दर्द, छाती में दर्द और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत हो रही थी. कहा जा रहा है कि उन्हें एक-दो दिन में अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी.
इन नेताओं में गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर, केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, रविशंकर प्रसाद और नितिन गडकरी शामिल हैं. मनोहर पर्रिकर कैंसर से जूझ रहे हैं तो जेटली और सुषमा स्वराज का कि़डनी ट्रांसप्लांट हुआ था. बीते दिनों नितिन गडकरी शुगर लो होने के कारण बेहोश हो गए थे. बीते मंगलवार को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को सीने में दर्द के कारण एम्स में ही एडमिट कराया गया था. इसके अलावा बीमारी के कारण पिछले साल केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार का निधन हो गया था. केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को सांस लेने वाली नली में दिक्कत के बाद बीते सोमवार को एम्स में भर्ती कराया गया था. बुधवार को प्रसाद को एम्स के आईसीयू से प्राइवेट वार्ड स्थानांतरित किया गया है. उनकी हालत स्थिर है.
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को गुरुवार को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है. प्रसाद को श्वास नली में दिक्कत के बाद सोमवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्हें सीने में दर्द की भी शिकायत थी. वे एम्स के पल्मोनरी विभाग के आईसीयू में ही भर्ती रहे थे. अस्पताल से बाहर आने के बाद उन्होंने सभी का शुक्रिया अदा किया.
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली का स्वास्थ्य भी ठीक नहीं है. जेटली के स्वास्थ्य और स्वास्थ्य संबंधी परेशानी के बारे में कोई आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहना चाहता. वह अपना इलाज कराने के लिए रविवार से अमेरिका में हैं. अगले सप्ताह तक वे अपनी जांच कराकर लौट सकते हैं.
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर 11 महीनों से बीमार चल रहे हैं. वह अग्नाश्य की बीमारी से पीड़ित हैं. साल 2018 के शुरुआती 3 महीने अमेरिका में इलाज कराने के बाद उनका इलाज एम्स में चला. उन्हें 16 दिसंबर को एम्स से छुट्टी मिली. इसके करीब 2 माह बाद वे सार्वजनिक तौर पर लोगों के सामने आए थे.
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी इस वक्त पूर्ण रूप से ठीक नहीं हैं. इसी के चलते उन्होंने 2019 में लोकसभा चुनाव न लड़ने का फैसला लिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वह 2016 में कह चुकी हैं कि उनकी किडनी फेल हो गई है और वो डायलसिस पर हैं. इसके बाद सुषमा स्वराज की किडनी का ऑपरेशन हुआ था
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी कुछ समय से बीमार चल रहे हैं. कुछ समय पहले 7 दिसंबर को वे एक कार्यक्रम में पहुंचे थे, जहां उनका शुगर लेवल लो हो गया और वे बेहोश हो गए थे. उसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
वही दूसरी ओर डोभाल के पुत्र के बारे में बडा खुलासा होनेे से बीजेेेेपी में सन्नाटा छा गया है,
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल की कंपनी को लेकर एक अंग्रेजी मैगजीन के खुलासे पर सियासी हलचल मच गई है. कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने आशंका जाहिर करते हुए कहा कि नोटबंदी और टैक्स हेवन के जरिए भारत में पैसा आने के बीच जरूर कोई संबंध है, जिसकी जांच होनी चाहिए और अजीत डोभाल को इस मामले में स्पष्टीकरण देना चाहिए. जयराम रमेश ने कहा कि काले धन पर रिपोर्ट लिखने वाले आजीत डोभाल के बेटे ही इस जाल में फंसे हैं और इस पूरे मामले को कांग्रेस नेता ने ‘डी-कंपनी’ की संज्ञा दे दी.
दरअसल एक अंग्रेजी मैगजीन ने खुलासा किया था कि 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी की घोषणा के 13 दिन बाद यानी 21 नवंबर 2016 को NSA अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल ने टैक्स हेवन केमैन आईलैंड में जीएनवाई एशिया फंड नाम की हेज फंड (निवेश निधि) कंपनी का पंजीकरण कराया. केमैन आईलैंड टैक्स हेवन के रूप में जाना जाता है. मैगजीन के मुताबिक विवेक डोभाल का यह व्यवसाय उनके भाई और शौर्य डोभाल के व्यवसाय से जुड़ा है. बता दें कि शौर्य डोभाल मोदी सरकार के करीब माने जाने वाले थिंक टैंक इंडिया फाउंडेशन के प्रमुख हैं. खुलासे के मुताबिक कंपनी के पंजीकरण के बाद केमैन आईलैंड से भारत में विदेशी निवेश के तौर पर सबसे अधिक पैसा आया. अप्रैल 2017 से मार्च 2018 के बीच मात्र एक साल में 8300 करोड़ रुपया भारत आया जो पहले की तुलना में 2,226 फीसदी ज्यादा था.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोदी सरकार के शासन की त्रिमूर्ति हैं. 2011 भारतीय जनता पार्टी ने काले धन, गुप्त बैंकों और टैक्स हैवन पर एक समिति का गठन किया था. जिसमें अजीत डोभाल ने एक रिपोर्ट लिखी थी कि टैक्स चोरी के अड्डों पर कार्रवाई होनी चाहिए. जीएनवाई एशिया के 2 निदेशक हैं एक तो विवेक डोभाल और दूसरा डॉन डब्लू ईबैंक्स. ईबैंक्स का नाम पैराडाइज पेपर्स में सामने आ चुका है. अजीत डोभाल के दोनों बेटे जीएनवाई एशिया के जाल में फंसे हुए हैं और यह बिल्कुल डी-कंपनी की तरह है. उन्होंने अजीत डोभाल को संबोधित करते हुए कहा कि जो मांग उन्होंने 8 साल पहले की थी उसे पूरा करें.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि साल 2000 से 2017 तक 17 सालों में केमैन आईलैंड से 8300 करोड़ का एफडीआई आता है. लेकिन अप्रैल 2017 से मार्च 2018 में मात्र एक साल में केमैन आईलैंड से 8300 करोड़ रुपया आया. यानी जो एफडीआई केमैन आईलैंड से 17 साल में आता है, करीब उतना पैसा एक साल में केमैन आईलैंड से आया. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने भारतीय रिजर्व बैंक से मांग की है कि आरबीआई इस बात का विवरण प्रकाशित करे कि एक साल में केमैन आईलैंड से जो पैसा आया वो कौन लेकर आया.
जयराम रमेश ने कहा कि जो पैसा 17 साल में आया उतना 12 महीने में आया और वो भी नोटबंदी और जीएनवाई एशिया फंड की स्थापना के बाद. उन्होंने कहा कि नोटबंदी और टैक्स हेवन से पैसा आना, दोनों के बीच कुछ न कुछ ताल्लुकात है, इसकी जांच होनी चाहिए और अजीत डोभाल को इस मामले में स्पष्टीकरण देना चाहिए. रमेश ने कहा कि हम मांग करते हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार आत्मचिंतन करें और अपनी ही रिपोर्ट को निकालें और उसे लागू करें.