‘बहुत बड़ी भूल’ किसको याद आई ?
इस बार बीजेपी नहीं..के संदेश से डरी भाजपा # भाजपा को ‘बहुत बड़ी भूल’ याद आई #मुसलमानों को टिकट न दिए जाने को ‘बहुत बड़ी भूल’ माना #मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में अंतिम दौर में मतदान होना है और यहां भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अंदरूनी कलह से जूझ रही है# पश्चिमी उत्तर प्रदेश में वर्ष 2014 में जाटों ने अजित सिंह व उनकी पार्टी राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के प्रति अपनी परंपरागत वफादारी को छोड़कर नरेंद्र मोदी को वोट दिया था, जो उस समय प्रधानमंत्री पद की दौड़ में थे… अब जाटो ने कहा कि अब वह प्रयोग खत्म हो चुका है… वही आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसव मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के प्रभावशाली विज्ञापन का काम करता है..वही दलित भी यह संदेश दे देते हैं कि वे अब तक ‘हाथी’ से दूर नहीं हुए हैं… वही गांमवासी यह भी तर्क दे रहे है कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी जीते या नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो बने ही रहेगे, उनकी छवि पर दूर दूर तक कोई भी दाग नही है- इसका भी एक संदेश निहित है
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यूपी में पांच चरणों का मतदान हो चुका है और अंतिम दो चरणों के लिए प्रचार जोरों पर है. प्रचार में यूपी में बिजली नहीं रहती के आरोपों से शुरू हुआ यह खेल अब हिन्दू-मुस्लिम बिजली में बंट चुका है. प्रधानमंत्री ने अपनी एक रैली के दौरान इशारों में बिजली के बंटवारे पर यूपी में धार्मिक आधार पर भेदभाव का आरोप लगाया. आलोचना हुई तो कहा गया कि प्रधानमंत्री ने किसी एक धर्म की बात नहीं कही.
वही उमा भारती ने यूपी चुनाव में मुसलमानों को टिकट न दिए जाने को ‘बहुत बड़ी भूल’ कहा है. इससे पहले राजनाथ सिंह ने भी कहा था कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मुसलमानों को बीजेपी का टिकट दिया जाना चाहिए था.
मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी से मुसलमानों को टिकट देना चाहिए था. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में किसी मुस्लिम उम्मीदवार को नहीं उतारे जाने पर नरेंद्र मोदी सरकार के दो मंत्रियों ने अपनी ही पार्टी के फैसले पर एक तरह से सवाल खड़े किए हैं.
उमा भारती ने कहा, ‘मुझे सच में इस बात का दु:ख है कि हम किसी मुस्लिम प्रत्याशी को चुनाव मैदान में नहीं उतार सके. मैंने इस बारे में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और उत्तर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य से बात की थी कि किस प्रकार एक मुसलमान को विधानसभा में लाया जाए.’
उन्होंने कहा, ‘केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह जी ने सही कहा था, हमें मुसलमानों को टिकट देना चाहिए था.’
अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, ‘जहां तक टिकट की बात है, तो मुसलमानों को टिकट दिया जाता, तो बेहतर होता.’
नकवी ने बिना विस्तृत विवरण दिए कहा, ‘राज्य में जब हम सरकार बनाएंगे, तो इसकी क्षतिपूर्ति कर हम उनकी चिंताओं का समाधान करेंगे.’
राजनाथ सिंह ने पिछले सप्ताह टाइम्स नाऊ को दिए एक साक्षात्कार में कहा था, ‘हमने कई राज्यों में अल्पसंख्यकों को टिकट दिए हैं. यहां (उत्तर प्रदेश) भी इस पर बातचीत हुई ही होगी. मैं वहां नहीं था, मुझे जो बताया गया है, उसके आधार पर कह रहा हूं. हो सकता है, उन्हें (बीजेपी संसदीय समिति) को कोई (जीतने योग्य मुस्लिम प्रत्याशी) मिला ही नहीं हो. लेकिन, मेरा मानना है कि इसके बावजूद उन्हें (मुसलमानों को) टिकट देना चाहिए था.’
उमा भारती की टिप्पणी पर हालांकि उनकी ही पार्टी के विनय कटियार ने सवाल उठाए हैं. राज्यसभा सांसद कटियार ने सवालिया लहजे में कहा, ‘जब मुसलमान हमारे लिए वोट ही नहीं करते तो हम उन्हें टिकट क्यों दें?’
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