सीएम के विभाग में व्यवस्था नजर नहीं आती
चिकित्सा शिक्षा विभाग के मंत्री खुद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत हैं, बावजूद इसके विभाग में व्यवस्था नजर नहीं आती जिसका नुकसान राज्य को भुगतना पड़ रहा है. उत्तराखंड के चिकित्सा शिक्षा विभाग की खराब व्यवस्था का खामियाजा राज्य को भुगतना पड़ रहा है. एमबीबीएस फीस विवाद में पूरे राज्य की किरकिरी कराने के बाद अब लापरवाही से एमबीबीएस की 100 सीटों का नुकसान हो गया है.
मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया यानि MCI ने अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज को मानकों को खरा नहीं पाया है, जिस वजह से इसे मेडिकल कॉलेज की मान्यता नहीं मिल पाई है.
दरअसल मेडिकल कॉलेज के पास अपनी बिल्डिंग तक नहीं है बाकी उपकरणों की बात तो बाद की है. हालांकि बिल्डिंग बन रही है पर कोई सूरत नज़र नहीं आती कि यह अगले कुछ समय में तैयार हो जाएगी. छह साल से बन रही कॉलेज ॉकी बिल्डिंग में अब तक 40% ही काम हो पाया है.
चिकित्सा शिक्षा निदेशक आशुतोष सयाना का कहना है कि कॉलेज यूपी राजकीय निर्माण निगम बना रहा है और इसका काम 2016 में पूरा हो जाना चाहिए था लेकिन अब तक नहीं हो पाया है. कॉलेज के निर्माण की शुरुआती लागत 327 करोड़ रुपये थी जो अब कई गुना हो गई है.
पहाड़ के युवाओं को मेडिकल की शिक्षा के लिए अल्मोड़ा में मेडिकल कॉलेज का निर्माण शुरू हुआ. युवाओं में काफी खुशी थी, लेकिन मेडिकल कॉलेज का निर्माण एक पहाड़ की तरह हो गया है. एक दशक बीतने को हैं अभी तक कॉलेज का निर्माण सिर्फ 40 फीसदी तक ही हुआ है. कांग्रेस इसके लिए भाजपा को दोषी मानती है. अल्मोड़ा में मेडिकल कॉलेज की घोषणा साल 2004 में हुई इसके बाद साल 2012 में मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य शुरू हो गया.
निर्माण कार्य शुरू होने के साथ साल 2017 में मेडिकल कॉलेज में कक्षाएं शुरू होने का लक्ष्य रखा था. एमसीआई ने भी साल 2018 तक कक्षाएं चलाने की स्वीकृति नहीं दी है. मेडिकल कॉलेज का निर्माण सिर्फ 40 फीसदी ही पूरा नहीं हो पाया है. समय पर काम पूरा न होने के कारण समय पर बजट नहीं मिलना था.
डबल इंजन की सरकार से लोगों को राज्य में काफी उम्मीद थी. भाजपा मेडिकल कॉलेज का निर्माण समय पर पूरा न होने के लिए कांग्रेस को ही दोषी मान रही हैं. पिछले कुछ सालों में कांग्रेस ने मेडिकल कॉलेज के लिए पैसा नहीं दिया.
राजनीति में चाहे कुछ भी हो मेडिकल कॉलेज के निर्माण को लेकर पहाड़ के युवाओं को डॉक्टर बनने का सपना आज भी अधूरा है. प्रदेश के छात्रों को राज्य की डबल इंजन सरकार से उम्मीद हैं कि मेडिकल कॉलेज का निर्माण समय पर हो ताकि साल 2019 में मेडिकल की कक्षाएं शुरू हो सके.