ममता का अहम फैसला ;पत्रकार कोविड वॉरियर्स घोषित & घर में रखा ऑक्सीजन सिलेंडर तो सावधान & Top News 3 May 21

3 MAY 2021: Himalayauk Bureau # High LIGHT # ममता बनर्जी ने एक अहम फैसला लेते हुए राज्य के सभी पत्रकारों को कोविड वॉरियर्स घोषित किया है। # : यह पहली बार है, जब किसी प्रधानमंत्री ने फोन नहीं किया – ममता बनर्जी # मोदी ने ट्वीट कर ममता बनर्जी को बधाई दी थी. फोन नहीं किया # ममता बनर्जी ने दावा किया, ”नंदीग्राम के निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि रिकाउंटिंग का आदेश उनके जीवन को खतरे में डाल सकता है. चार घंटे तक चुनाव आयोग का सर्वर डाउन था. राज्यपाल ने मुझे बधाई भी दी. अचानक सबकुछ बदल गया.” # Corona Vaccination : स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- कोरोना वैक्सीन के नए ऑर्डर ना देने की खबर गलत # अदालत ने केंद्र सरकार से कहा कि वह 3 मई तक ऑक्सीजन की कमी हर हाल में दूर करे # प्रधानमंत्री आवास का काम दिसंबर 2022 तक पूरा — सरकार इमारतों के कायाकल्प प्रोजेक्ट पर पानी की तरह पैसे बहा रही है.# अमेरिकी अरबपति कारोबारी विनोद खोसला भारत में अस्पतालों को चिकित्सकीय ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए एक करोड़ डॉलर की राशि दान करेंगे.

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यह पहली बार है, जब किसी प्रधानमंत्री ने फोन नहीं किया – ममता बनर्जी

कोलकाता: टीएमसी की प्रचंड जीत के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज शाम सात बजे राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगी. इस बीच आज सीएम ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी से बधाई संदेश मिलने पर कहा कि यह पहली बार है, जब किसी प्रधानमंत्री ने फोन नहीं किया है.

5 मई को शपथ लेंगी ममता बनर्जी,

कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर ममता बनर्जी को बधाई दी थी. पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा था, ‘‘पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की जीत के लिए ममता दीदी को बधाई. कोविड-19 के खिलाफ विजय हासिल करने और लोगों की आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए पश्चिम बंगाल सरकार को केंद्र की ओर से हरसंभव सहयोग जारी रहेगा.’’ पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान टीएमसी और बीजेपी के नेताओं ने एक दूसरे पर तल्ख टिप्पणी की थी. पीएम मोदी के निशाने पर ममता बनर्जी थीं तो वहीं ममता बनर्जी के निशाने पर प्रधानमंत्री मोदी.

ममता बनर्जी ने एक अहम फैसला लेते हुए राज्य के सभी पत्रकारों को कोविड वॉरियर्स घोषित किया है। यानी अब सभी उम्र के पत्रकार प्राथमिकता के आधार पर कोरोना की वैक्सीन ले सकेंगे। हाल में कोरोना से कई पत्रकारों की मौत के बाद देश की कई राज्य सरकारों ने पत्रकारों को कोविड वारियर्स का दर्जा देने का ऐलान किया है।

टीएमसी ने बड़ी जीत हासिल की है. कुल 292 सीटों पर हुए चुनाव में टीएमसी 213 सीट जीतने में कामयाब रही. वहीं 200 प्लस का टारगेट लेकर चल रही बीजेपी 77 सीटों पर सिमट गई. दो सीटें अन्य के खाते में गई.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज पार्टी मुख्यालय में अपने दल के वरिष्ठ नेताओं और विधायकों के साथ बैठक की। पार्टी ने सर्वससम्मति से उन्हें विधायक दल का नेता चुना। पार्टी के नेता और मंत्री पार्था चटर्जी के मुताबिक ममता बनर्जी 5 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी। आपको बता दें कि बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी ने लगातार तीसरी बार जीत दर्ज कर हैट्रिक लगाई है। पिछले महीने हुए विधानसभा चुनावों में तृणमूल कांग्रेस ने 213 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि बीजेपी को 77 सीटें हासिल हुई। वामदलों को एक भी सीट नहीं मिली जबकि कांग्रेस और अन्य को एक-एक सीट ही मिल पाई। स्पष्ट बहुत हासिल कर चुकी बीच ममता बनर्जी आज शाम राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात करेंगी और सरकार के गठन का दावा पेश करेंगी। आपको बता दें कि ममता बनर्जी और उनकी पार्टी ने लगातार दूसरी बार राज्य विधानसभा में दो तिहाई बहुमत हासिल किया है।

राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने गंभीरता से लेते हुए राज्य के डीजीपी को समन किया

वही दूसरी ओर पश्चिम बंगाल में 2 मई को हुबली के आरामबाग के पास स्थित बीजेपी ऑफिस को सोमवार की शाम आग के हवाले कर दिया गया. इन घटनाओं को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने गंभीरता से लेते हुए राज्य के डीजीपी को समन किया है.

जगदीप धनखड़ ने ट्वीट करते हुए कहा- “राज्य के विभिन्न हिस्सों से हिंसा, आगजनी और हत्याओं की कई रिपोर्टों से परेशान और चिंतित हूं. पार्टी कार्यालयों, घरों और दुकानों पर हमला किया जा रहा है. स्थिति चिंताजनक. बंगाल के गृह मंत्रालय, बंगाल पुलिस और ममता बनर्जी से शीघ्र कार्रवाई के लिए कहा है.” उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा- राज्य में कानून व्यवस्था के बिगड़ते हालात को लेकर डीजीपी को समन किया है.

 राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को राज्य के लोगों से शांति की अपील करते हुए किसी तरह की हिंसा ना करने को कहा है. उन्होंने कहा- हम जानते हैं कि बीजेपी और केन्द्रीय बलों ने हमें काफी परेशान किया है लेकिन हमें शांति बनाए रखनी होगी. वर्तमान में हमें कोविड-19 क खिलाफ लड़ना है.

”औपचारिक घोषणा के बाद निर्वाचन आयोग ने नंदीग्राम के नतीजों को कैसे पलटा?

टीएमसी नंदीग्राम में धांधली का आरोप लगा रही है. इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वो रिकाउंटिंग (दोबारा मतों की गिनती) के लिए कोर्ट जाएंगी. उन्होंने कहा, ”औपचारिक घोषणा के बाद निर्वाचन आयोग ने नंदीग्राम के नतीजों को कैसे पलटा? हमलोग अदालत जायेंगे.” ममता बनर्जी ने दावा किया, ”नंदीग्राम के निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि रिकाउंटिंग का आदेश उनके जीवन को खतरे में डाल सकता है. चार घंटे तक चुनाव आयोग का सर्वर डाउन था. राज्यपाल ने मुझे बधाई भी दी. अचानक सबकुछ बदल गया.”

Corona Vaccination : स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- कोरोना वैक्सीन के नए ऑर्डर ना देने की खबर गलत

देश में कोरोना की दूसरी बेहद खतरनाक लहर के बाद रोजाना नए मरीजों की संख्या साढे तीन लाख से ज्यादा आ रही है जबकि तीन हजार से ज्यादा लोग हर रोज अपनी जान गंवा रहे हैं.  कोरोना के इस कहर के बीच एक मई से कई राज्यों में वैक्सीनेशन के तीसरे चरण की शुरुआत कर दी गई है. इस चरण में 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है. 

वही दूसरी ओर सीरम इंस्टीच्यूट के प्रमुख अदार पूनावाला ने साफ कह दिया है कि जुलाई तक भारत में कोरोना टीके की किल्लत बनी रहेगी क्योंकि उन्हें पहले से यह अनुमान नहीं था कि इतनी बड़ी तादाद में कोरोना टीकों की यकायक ज़रूरत होगी। 

ब्रिटेन के अख़बार ‘फ़ाइनेंशियल टाइम्स’ से बातचीत में पूनावाला ने कहा कि सीरम इंस्टीच्यूट में जुलाई महीने में कोरोना टीके का उत्पादन 6-7 करोड़ प्रति महीने से बढ़ा कर 10 करोड़ टीके प्रति महीने कर दिया जाएगा। 

इस अख़बार के अनुसार, पूनावाला ने कहा कि लोगों को यह लगने लगा था कि भारत में कोरोना संकट ख़त्म हो गया क्योंकि जनवरी में कोरोना के मामले कम होने लगे थे, किसी को यह अनुमान नहीं था कि यह लौटेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि किसी ने उनकी कंपनी को कोरोना टीके अधिक संख्या में बनाने का ऑर्डर नहीं दिया और यह अनुमान नहीं था कि साल में एक अरब से ज़्यादा कोरोना टीका खुराकें बनानी होंगी।

दूसरी ओर सीरम इंस्टीच्यूट ब्रिटेन में कोरोना टीका का संयंत्र लगाने जा रहा है। पूनावाला ने ‘फ़ाइनेंशियल टाइम्स’ से इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि साझीदारों और दूसरे लोगों से इस मुद्दे पर बात हुई जो काफी अच्छी रही है।

उन्होंने यह भी कहा कि वह जल्द ही भारत लौट जाएंगे और पुणे में कोरोना टीके का उत्पादन बढ़ाने पर ज़ोर देंगे।

बता दें कि एस्ट्राज़ेनेका और ऑक्सफर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित कोरोना टीका कोवीशील्ड भारत में सीरम इंस्टीच्यूट बनाता है। भारत में अब तक तक जितने लोगों को कोरोना टीकी गया है, उसका लगभग 90 प्रतिशत यही टीका है। 

लंदन से प्रकाशित होने वाले मशहूर व प्रतिष्ठित अख़बार ‘द टाइम्स’ से बातचीत में पूनावाला ने कहा कि उन्हें ताक़तवर लोगों से कोरोना टीके के लिए लगातार धमकियाँ मिल रही थीं, इनमें मुख्यमंत्री, व्यापारी व दूसरे लोग थे, जो कोवीशील्ड की तुरन्त आपूर्ति चाहते थे। 

कोरोना टीका कोवीशील्ड बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीच्यूट के प्रमुख ने उन्हें मिल रही धमकियों के बारे में कहा था, ‘वे कह रहे हैं कि यदि आपने टीका नहीं दिया तो अच्छा नहीं होगा। उनके कहने का मतलब यह है कि यदि मैंने उनकी बात नहीं मानी तो वे ऐसा कुछ कर देंगे। मेरे चारों ओर ऐसी स्थिति बन गई कि जब तक मैं उन्हें टीका न दे दूँ, मैं कुछ नहीं कर सकता।’ 

अदालत ने केंद्र सरकार से कहा कि वह 3 मई तक ऑक्सीजन की कमी हर हाल में दूर करे,

अदालत ने केंद्र सरकार से कहा कि वह 3 मई तक ऑक्सीजन की कमी हर हाल में दूर करे, उसका बफर स्टॉक तैयार करे ताकि भविष्य में किसी को ऑक्सीजन की किल्लत न हो। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोरोना संकट अभूतपूर्व और असाधारण है, ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह इसकी ऐसी कीमत तय करे कि समाज के वंचित लोगों को भी यह मिल सके। 

ऐसे समय जब 18 की उम्र से ऊपर के सभी लोगों के टीकाकरण के कार्यक्रम में अड़चनें आ रही हैं और केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि वे खुले बाज़ार से ख़ुद टीके खरीदें, सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फ़ैसले में केंद्र सरकार से कहा है कि वह अपनी कोरोना टीका खरीद नीति पर फिर से विचार करे।

अदालत ने कहा कि संवधान के अनुच्छेद 21 में निहित स्वास्थ्य के अधिकार का यह उल्लंघन है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से कहा कि वे लॉकडाउन लागू करने पर विचार करें। 

जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस एल. नागेश्वर राव और जस्टिस एस. रवींद्र भट के खंडपीठ ने रविवार को यह टिप्पणी की है। केंद्र सरकार ने इसके पहले 20 अप्रैल को अपनी नई टीका खरीद नीति का एलान करते हुए कहा कि वह वैक्सीन उत्पादक कंपनियों से उनके उत्पादन का आधार टीका खरीदे, आधा टीका कंपनियाँ राज्य सरकारों और निजी क्षेत्र को बेचे।

बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य सरकारों से कहा कि वे 18 साल की उम्र के सभी लोगों को कोरोना टीका दें और इसके लिए उत्पादक कंपनियों से खुद टीके खरीदें। इस तरह केंद्र ने टीका खरीदने की ज़िम्मेदारी राज्यों पर डाल दी। लेकिन प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने यह भी एलान किया कि केंद्र जो टीके राज्यों को देगा, वह मुफ़्त होगा। 

राज्य सरकारों को कोटा तय कर उन्हें कोरोना वैक्सीन दे दिया जाए और राज्य उसके बाद तय करे कि वह कैसे सबका टीकाकरण करते हैं।  अदालत ने यह भी कहा कि कोरोना की कीमत तय करने का काम राज्यों पर डालने से प्रतिस्पर्द्धा बढ़ेगी और टीका बनाने वाली कंपनियों के लिए यह आकर्षक ज़रूर होगा, लेकिन 18 से 44 साल की उम्र के लोगों को टीका देने के कार्यक्रम पर इससे बुरा असर पड़ेगा। बेंच ने कहा कि इस उम्र वर्ग में ग़रीब व हाशिए पर खड़े वे बहुजन भी शामिल हैं जो टीके की कीमत अदा नहीं कर सकते। 

प्रधानमंत्री आवास का काम दिसंबर 2022 तक पूरा — सरकार इमारतों के कायाकल्प प्रोजेक्ट पर पानी की तरह पैसे बहा रही है.

नई दिल्ली:  सेंट्र्ल विस्टा प्रोजेक्ट के हिस्से के तौर पर चिन्हित प्रधानमंत्री आवास का काम दिसंबर 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा. महामारी के बीच इस प्रोजेक्ट को पर्यावरण संबंधी सारी मंजूरी दे दी गई हैं, जबकि अन्य तमाम तरह की गतिविधियों पर अंकुश लगा हुआ है. केंद्र ने सेंट्र्ल विस्टाप्रोजेक्ट (Central Vista Project) को आवश्यक सेवाओं के तहत रखा है, ताकि लॉकडाउन जैसी पाबंदियों के दौरान भी इसका काम न रुके. केंद्र सरकार की हरी झंडी के बाद प्रोजेक्ट का काम नई रफ्तार पकड़ रहा है.

विपक्षी दलों, अधिकार कार्यकर्ताओं के कड़े ऐतराज के बावजूद सरकार एक निश्चित समयसीमा के भीतर संसद भवन और अन्य इमारतों के कायाकल्प को लेकर प्रतिबद्ध दिखाई पड़ रही है. प्रधानमंत्री ने 10 दिसंबर को नए संसद भवन का भूमि पूजन किया था

प्रोजेक्ट के तहत जिन इमारतों का निर्माणकार्य अगले साल दिसंबर तक पूरा होना है, उनमें प्रधानमंत्री आवास (Prime Minister’s residence) भी शामिल है. इसी समयसीमा के भीतर प्रधानमंत्री की सुरक्षा में तैनात रहने वाली एसपीजी का मुख्यालय और नौकरशाहों के लिए विशेष गलियारा भी इसी दिसंबर 2022 की समयसीमा में पूरा हो जाएगा.  प्रधानमंत्री का मौजूदा आधिकारिक आवास का पता 7, लोक कल्याण मार्ग है, जो पहले रेस कोर्स रोड था.

उप राष्ट्रपति का भवन अगले साल मई तक पूरा हो जाएगा. प्रोजेक्ट की लागत करीब 13, 450 करोड़ रुपये रखी गई है और इस योजना में करीब 46 हजार लोगों को लगाया गया है. विपक्षी दल लंबे समय से दिल्ली की ऐतिहासिक इमारतों में शामिल संसद भवन की जगह नए संसद भवन के निर्माण के औचित्य पर सवाल उठाते रहे हैं.

कोविड इमरजेंसी के बीच सोशल मीडिया पर भी लोग इसको लेकर हो रहे खर्च पर सवाल उठा रहे हैं. उनका कहना है कि जब अस्पतालों, ऑक्सीजन और दवाओं को लेकर सरकार संकट झेल रही हैं, तो उस वक्त ऑक्सीजन, बेड (oxygen, vaccines, medicines and beds) और अन्य जरूरी संसाधन जुटाने की बजाय सरकार प्रोजेक्ट पर पानी की तरह पैसे बहा रही है. राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक 4 किलोमीटर में फैले सरकारी भवनों और इमारतों के पुनर्निर्माण और पुनरोद्धार का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट 2024 के आम चुनाव के पहले पूरा किया जाना है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पिछले हफ्ते ट्वीट कर कहा था कि सेंट्रल विस्टा जरूरी नहीं है, बल्कि महत्वपूर्ण दृष्टिकोण (सेंट्रल विजन) वाली सेंट्रल गवर्नमेंट की जरूरत है.

अमेरिकी अरबपति कारोबारी विनोद खोसला भारत में अस्पतालों को चिकित्सकीय ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए एक करोड़ डॉलर की राशि दान करेंगे.

नई दिल्ली: भारतीय मूल के अमेरिकी अरबपति कारोबारी विनोद खोसला भारत में अस्पतालों को चिकित्सकीय ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए एक करोड़ डॉलर की राशि दान करेंगे. भारत में कोविड-19 के मामलों में लगातार वृद्धि के मद्देनजर सन माइक्रोसिस्टम्स के सह-संस्थापक खोसला भारतीय अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए लगातार मदद कर रहे हैं.

उन्होंने रविवार को ट्वीट किया कि लोगों के जीवन को बचाने की आवश्यकता है क्योंकि और देरी करने से अब और लोगों की मौत होगी. खोसला ने कहा, ‘‘भारत को देने के लिए यह पर्याप्त नहीं है. उन्हें हर दिन भारत भर के गैर लाभकारी एवं अस्पतालों से 20,000 ऑक्सीजन सांद्रक, 15,000 सिलेंडर, 500 आईसीयू बिस्तर, 100 वेंटिलेटर, 10,000 बिस्तर के कोविड सेंटर के लिए अनुरोध मिल रहा है। हमें तत्काल बहुत कुछ करने की जरूरत है.” उन्होंने बताया कि खोसला परिवार ‘गिव इंडिया’ पहल के तहत एक करोड़ डॉलर की राशि देगा और वह अन्य लोगों से भी तत्काल मदद करने की आशा करता है. भारत अभी कोरोना वायरस वैश्विक महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है और रोजाना तीन लाख से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं तथा कई अस्पतालों में ऑक्सीजन एवं बिस्तरों की कमी है.

घर में रखा ऑक्सीजन सिलेंडर ;; वाल्व टूटा तो ये किसी मारक मिसाइल से भी ज्यादा खतरनाक बम

HIMALAYA GAURAV UTTRAKHAND देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के बीच ऑक्सीजन की कमी नई परेशानी लेकर आई है। ऑक्सीजन की किल्लत के चलते कई मरीजों की मौत हो चुकी है। इसके बाद लोगों ने ऑक्सीजन सिलेंडर की जमाखोरी शुरू कर दी है। कई लोग घर पर ही ऑक्सीजन लगाकर मरीजों का इलाज करवा रहे हैं। हालांकि, घर में ऑक्सीजन का सिलेंडर रखना बहुत खतरनाक हो सकता है। ऑक्सीजन का सिलेंडर LPG वाले लाल सिलेंडर से बिलकुल भिन्न है। इसको लुढ़काया या पटका नहीं जा सकता। अगर इसके ऊपर लगा वाल्व टूटा तो ये किसी मारक मिसाइल से भी ज्यादा खतरनाक बम बन जाता है। जो लोग अपने घरों में ऑक्सीजन के सिलेंडर रखे बैठे हैं वे विशेष ध्यान रखें। जरा सी भी लापरवाही बहुत भारी पड़ सकती है।

ऑक्सीजन सिलेंडर में ह्यूमेडिफायर होता है। इसमें दो चाबियां होती हैं। एक चाबी से ऑक्सीजन सिलेंडर का मेन टैंक खुलता है और दूसरी चाबी से ऑक्सीजन सप्लाई का प्रेसर कंट्रोल होता है। नाक में नेजल कैनुला लगाकर या फिर ऑक्सीजन मास्क लगाकर ऑक्सीजन दी जा सकती है। इस दौरान ऑक्सीजन सैचुरेशन 96 से 98 के बीच रहता है तो सब कुछ सामान्य है। अगर ऑक्सीजन सैचुरेशन इससे अलग है तो डॉक्टर से संपर्क करें।

पेट के नीचे तकिया लगाकर पेट के बल सोएं। इस पोजीशन में फेफड़ा ज्यादा फैलता है। इससे ऑक्सीजन सैचुरेशन 5 से 7 प्वाइंट तुरंत बढ़ जाती है। जिस कमरे में कोरोना के मरीज हैं उस कमरे का पूरी तरह खुला रखें। ताकि, मरीज के खांसने या छिंकने से जो वायरस निकल रहे हैं वह बाहर जाकर नष्ट हो जाए। पीने के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें। भोजन सादा और ताजा होना चाहिए। अगर बहुत अधिक खांसी नहीं है तो थोड़ी-बहुत एक्सरसाइज करें। अनुलोम-विलोम, कपालभाति और डीप ब्रीदिंग जैसे योग करें। अगर कुछ पीने का मन करे तो गर्म सूप पियें।

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