राज्य के 5 दुग्ध संघ, अब लाभ में चल रहे हैं; मुख्यमंत्री
आंगनवाड़ी में बच्चों व गर्भवती महिलाओं को टेट्रापैक दूध उपलब्ध कराने हेतु योजना #मुख्यमंत्री श्री रावत ने लो.नि.वि., पेयजल, सिंचाई, लघु सिंचाई, कृषि, विद्युत व पशुपालन में हुए नुकसान का आंकलन शीघ्र करने के आदेश ; www.himalayauk.org (Newsportal)
देहरादून 04 अगस्त, 2016 (सू.ब्यूरो)
आंगनवाड़ी में बच्चों व गर्भवती महिलाओं को टेट्रापैक दूध उपलब्ध कराने हेतु योजना तैयार की जाए। गंगा गाय महिला डेरी योजना व दूध में बोनस योजना का लाभ दूर दराज के पहाडी़े किसानों तक पहुँचाने हेतु इन योजनाओं का प्रचार प्रसार किया जाए। योजनाएं इस प्रकार बनायी जाएं कि पहाड़ का किसान भी लाभान्वित हो सके। इसके लिये मिनी डेरी कन्सेप्ट को अपनाया जाए, ताकि हमारे राज्य के ऐसे क्षेत्र भी इसमें शामिल हो सकें जहाँ दूध का उत्पादन कम हो रहा है। इसके साथ ही पशुओं हेतु चारे के उत्पादन पर भी ध्यान दिया जाए, ताकि चारे की कमी वाले क्षेत्र भी इसका लाभ उठा सकें।
गुरूवार को बीजापुर अतिथिगृह में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शुरू की गयी गंगा गाय महिला डेरी योजना व दूध में बोनस के सफल संचालन के कारण राज्य के 5 दुग्ध संघ, जो अब तक घाटे में चल रहे थे, अब लाभ में चल रहे हैं। इस स्तर को आगे भी बनाए रखने के लिये व और अधिक बढ़ाने हेतु प्रयास किये जाए।ं उन्होंने कहा कि राज्य में दुग्ध विकास हेतु दुग्ध उत्पादन व दुग्ध उत्पादक दोनों को बढ़ाए जाने की जरूरत है। इसके लिये समावेशी योजनाएं तैयार की जाएं। दुग्ध संघों को चारा उत्पादन से भी जोड़ा जा सकता है। यदि कोई चारा उत्पादन के लिये तैयार होता है तो सरकार जमीन लीज पर देने पर विचार कर सकती है। राज्य के दूर दराज के गाँवों में इन योजनाओं का लाभ पहुँचाने हेतु विशेष ध्यान दिया जाए, ताकि पलायन की समस्या का भी हल निकल सके।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु ड्राइंग मशीन व पनीर मेकिंग मशीन उपलब्ध करायी जाए। मिनी डेरी के कन्सेप्ट को भी बढ़ावा दिया जाए। 5 गायों वाले (3 गाय व 2 बछड़े) छोटे डेरी फार्मों हेतु योजना तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि इनसे उत्पादित दूध के टेट्रा पैक की पैकेजिंग हेतु योजना तैयार कर इसके लिये संयंत्र स्थापित किया जाएगा। इन संयंत्रों द्वारा तैयार उत्पादों को राज्य के आंगनवाड़ी केन्द्रों के बच्चों हेतु व गर्भवती महिलाओं को कुपोषण से बचाने हेतु दूध उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिये योजना तैयार की जाए।
बैठक में कैबिनेट मंत्री हरीश चन्द्र दुर्गापाल, मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, अपर मुख्य सचिव रणवीर सिंह, सचिव वित्त अमित नेगी, सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने लो.नि.वि., पेयजल, सिंचाई, लघु सिंचाई, कृषि, विद्युत व पशुपालन में हुए नुकसान का आंकलन शीघ्र करने के आदेश
देहरादून 04 अगस्त, 2016 (सू.ब्यूरो)
गुरूवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बीजापुर अतिथि गृह में राज्य में भारी वर्षा के कारण हुए नुकसान के आंकलन हेतु एस.डी.आर.एफ. द्वारा जारी किये गए दिशा निर्देशों के अनुसार नुकसान का आंकलन करने के सम्बन्ध में मुख्य सचिव सहित सभी विभागाध्यक्षों के साथ बैठक की। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री रावत ने निर्देश दिये कि एस.डी.आर.एफ द्वारा जारी किये गए दिशा निर्देशों के अनुसार नुकसान का आंकलन करके सोमवार तक रिपोर्ट दे दी जाए। उन्होंने मुख्य रूप से लो.नि.वि., पेयजल, सिंचाई, लघु सिंचाई, कृषि, विद्युत व पशुपालन में हुए नुकसान का आंकलन शीघ्र करने के आदेश दिये।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य में भारी वर्षा के कारण जो भी नुकसान हुआ है उसकी जानकारी को चित्रों (फोटो) के साथ संकलित किया जाए तो बेहतर है। इसके साथ ही इन नुकसानों की जानकारी को विवरणात्मक रूप से संकलित किया जाए। इसके साथ ही विभागों में भी इस नुकसान के आंकलन हेतु नोडल अधिकारी नामित करने के आदेश उन्होंने दिये। उन्होंने कहा कि इससे आंकड़े जल्दी व सही प्रकार से एकत्र करने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य सरकार भारी वर्षा से प्रभावित क्षेत्रों को नुकसान से उबारने हेतु दृढ़संकल्प है और लगातार कार्य कर रही है। इसके लिये बजट जारी कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि यह बजट कार्यात्मक साधनों तक शीघ्र से शीघ्र पहुंच जाए। जिन जिलों में अधिक नुकसान हुआ है, वहाँ आवश्यकतानुसार बजट दे दिया जाए। पर्यटन विभाग को निर्देशित करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे जो टेªकिंग रूट्स भारी वर्षा से प्रभावित हुए हैं उनको भी इसमें शामिल किया जाए। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सभी विभागाध्यक्षों को इसके आंकलन की रिपोर्ट जमा करने हेतु सोमवार तक का समय दिया है।
बैठक में मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, वित्त सचिव अमित नेगी सहित सभी विभागों के विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।