संकट काल में शासक की कुशलता जांची – 3 राज्य सरकारो की पुख्ता रणनीति की सराहना & 14 के बाद लेेेकडाउन पर केन्द्र सरकार का बयान
6 April 20# High Light #Himalayauk Bureau# संक्रमितों लोगों की संख्या 4 हजार 67 # केंद्र पर्यावरण मंत्रालय ने सभी राज्यों को चिट्ठी लिख जानवारों की सुरक्षा में जरूरी दिशा निर्देशों का पालन करने के निर्देश दिए # सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आदेश दिया है कि देशभर की अदालतों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की मदद से सुनवाई की जाएगी # भारत सरकार ने राजस्थान सरकार के भीलवाड़ा मॉडल को काफी सराहा # ऐसा लगा कि जैसे भीलवाड़ा भारत का दूसरा इटली बनने जा रहा है. # इरफान पठान और युसुफ पठान ने किये गरीब लोगों की मदद के लिए 10 हजार किलो चावल दान # देश में पिछले चौबीस घंटे में कोरोना वायरस के 693 नए मामले # #कोरोना-भीलवाड़ा भारत का दूसरा इटली बनने जा रहा था, और कैसे रोक दिया भीलवाड़ा मॉडल ने- केन्द्र ने की सराहना# राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने कोरोना वायरस के कारण बड़ा फैसला # भारत को 2.9 मिलियन डॉलर की मदद देगा अमेरिका #हल्दीराम भुजियावाला के मालिक की जन्मदिन से एक दिन पहले ही मौत #
गूगल ने अपने सर्च इंजन में रखा वरियता क्रम में- BY: www.himalayauk.org (Uttrakhand Leading Newsportal & Daily Newspaper) Publish at Dehradun & Hariwar Mail us; himalayauk@gmail.com Mob. 9412932030## Special Report
14 के बाद भी क्या लॉकडाउन (lockdown) जारी रहेगा. इसे लेकर अब सरकार की तरफ से रिएक्शन आया #उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने यह साफ कर दिया है कि जरूरी नहीं है कि 14 अप्रैल को लॉकडाउन खत्म हो जाए. लो
किसी शासक की कुशलता का पता तब चलता है जब उसका सामना किसी बड़े संकट से हो और वो उससे निपटने के लिये पुख्ता रणनीति बनाये.– कोरोना कहर- महाराष्ट्र में ठाकरे सरकार और उत्तर प्रदेश में योगी सरकार और राजस्थान में गहलौत सरकार ने सफलतापूर्वक ढंग से इस महामारी का मुकाबला कर रही है. जिससे कोरोना वायरस की महामारी के दौरान इन सरकारो की एक अलग ही तस्वीर सामने आ रही है.;हिमालयायूके न्यूज पोर्टल के लिए चन्द्रशेखर जोशी सम्पादक की रिपोर्ट-
भारत में भी कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. संक्रमितों लोगों की संख्या 4 हजार 67 पहुंच गई है. 24 घंटे में कोरोना के 472 नए केस सामने आए है. अब तक 292 लोग ठीक हो चुके हैं जबकि 109 कोरोना पीड़ितों की मौत हो गई है. हवा से कोरोना संक्रमण के कोई सबूत नहीं. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने सहा से संक्रमण की बात को गलत बताया.
केंद्र पर्यावरण मंत्रालय ने सभी राज्यों को चिट्ठी लिख जानवारों की सुरक्षा में जरूरी दिशा निर्देशों का पालन करने के निर्देश दिए :
केंद्र सरकार ने नेशनल पार्क और जानवरों की सुरक्षा के लिए गाइडलाइन जारी करते हुए तुरंत राज्य सरकारों को इस का पालन करने के निर्देश दिए हैं. केंद्र पर्यावरण मंत्रालय ने सभी राज्यों को चिट्ठी लिख जानवारों की सुरक्षा में जरूरी दिशा निर्देशों का पालन करने के निर्देश दिए है. मंत्रालय ने नेशनल पार्क (National Park), सेंचुरी (Centuary) और टाइगर रिजर्व (Tiger Reserve) को लेकर एक सोमवार को एक नए सिरे से एडवाइजरी जारी की है. जिसके तहत सभी राज्यों को फौरी तोर पर वाइल्ड एनिमल्स के लिए तुरंत कुछ स्टेप्स उठाने को कहा गया है. अमेरिका में नेशनल पार्क में एक शेर को कोरोना वायरस की खबर आई है मंत्रालय ने अपने आदेश में सभी नेशनल पार्क, सेंचुरी और टाइगर रिजर्व्स में लोगों के आवाजाही पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. इसके अलावा जानवरों के डॉक्टर, फील्ड मेनेजर या फ्रंट लाइन स्टाफ और एक टास्क फोर्स का गठन करने के लिए दिशा निर्देश जारी किया है. मंत्रायल ने इसकी 24 घंटे निगरानी के साथ-साथ एक रिपोर्टिंग क्रियाविधि तैयार की गई है जिसके तहत राज्यों को इसकी सूचना मंत्रायल को देनी होगी. वहीं केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने वाइल्ड लाइफ एनिमल के इमरजेंसी ट्रीटमेंट के लिए जरूरी सुविधाओं की व्यवस्था करने का भी निर्देश पारित किया है. सरकार ने बताया कि कोरोना वायरस का संक्रमण जानवरों में ना फैले, इसलिए एहतियात के तौर पर ये कदम उठाए गए हैं.
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आदेश दिया है कि देशभर की अदालतों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की मदद से सुनवाई की जाएगी
नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रकोप को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आदेश दिया है कि देशभर की अदालतों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की मदद से सुनवाई की जाएगी. SC ने अपने आदेश में कहा- निचली अदालतों में कैसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए काम-काज की प्रक्रिया चलेगी, इसके लिए हाई कोर्ट (HC) नियम बनाए. निचली अदालतें उसके मुताबिक काम करेंगी.
इसके अलावा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के वक्त अगर कनेक्शन में दिक्कत से किसी पक्ष को कोई समस्या हुई हो तो वो तभी या सुनवाई के तुरंत बाद हेल्पलाइन नंबर पर सूचना दे सकते हैं. बाद में कही बात अमान्य होगी. SC ने अपने आदेश में आगे कहा कि नेशनल इन्फार्मेटिक्स सेंटर (NIC) पूरे देश की अदालतों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की सुविधा सुनिश्चित करे.
NIC स्थाई ब्रॉडबैंड कनेक्शन, अच्छे माइक, स्पीकर और समय पर बंद हो जाने वाले माइक की व्यवस्था करेगा. इसके लिए NIC विस्तृत रूप से SOP तैयार करके नोडल ऑफिसर और संबंधित कोर्ट में भेजेगा. हालांकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सबूत और गवाहों के बयान रिकॉर्ड नहीं होंगे. सबूत और गवाही रिकॉर्ड करने के लिए कोर्ट में बुलाया जाएगा. मुकदमे से जुड़े जिन लोगों को स्वास्थ्य की समस्या नहीं है, उन्हें कोर्ट में आने दिया जाएगा. अगर जज को लगा कि ज्यादा लोग आ गए हैं तो सुनवाई टाल दी जाएगी. गौरतलब है कि SC ने अपने आदेश में ये भी कहा है कि लॉकडाउन (Lockdown) खत्म होने के बाद भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की व्यवस्था खत्म नहीं होगी. इसे और बेहतर बनाने पर काम किया जाएगा. SC ने अगले 4 हफ्ते के लिए सुनवाई टाल दी. 4 सप्ताह के बाद सुप्रीम कोर्ट में इसी मुद्दे पर फिर से सुनवाई होगी.
भारत सरकार ने राजस्थान सरकार के भीलवाड़ा मॉडल को काफी सराहा ; ऐसा लगा कि जैसे भीलवाड़ा भारत का दूसरा इटली बनने जा रहा है.
भारत सरकार ने राजस्थान सरकार के भीलवाड़ा मॉडल को काफी सराहा है और यह ब्योरा मांगा है कि किस तरह से भीलवाड़ा शहर में कोरोना पॉजिटिव लोगों का इलाज किया गया और कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोका गया. मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने रविवार को सीएम अशोक गहलोत की समीक्षा बैठक में इसकी जानकारी दी. केंद्रीय कैबिनेट सचिव ने मुख्य सचिव के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की थी. इसमें कैबिनेट सचिव गौबा ने कोरोना से बचाव के लिए भीलवाड़ा में किए गए उपायों की तारीफ करते हुए इस मॉडल को देशभर में लागू करने के संकेत दिए.
राजस्थान का भीलवाड़ा मॉडल कोरोना वायरस से निपटने के लिए देश के सामने एक नजीर साबित हो सकता है. भीलवाड़ा में जब पहली बार कोरोना के पॉजिटिव केस सामने आए तो ऐसा लगा कि जैसे भीलवाड़ा भारत का दूसरा इटली बनने जा रहा है. हालांकि, गहलोत सरकार ने तुरंत एक्शन लिया और पूरे शहर में कर्फ्यू लगाकर बॉर्डर सील कर दिया, जिसके बाद डॉक्टरों की मदद से भीलवाड़ा में कोरोना के आंकड़ों को 27 पर ही रोक दिया गया. कोरोना से लड़ने के लिए भीलवाड़ा मॉडल को देश में लागू किया जा सकता है.
भीलवाड़ा के एक निजी अस्पताल में डॉक्टर के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद उस अस्पताल के कई स्वास्थ्यकर्मी भी पॉजिटिव हो गए थे. यह सोचकर ही लोगों में हड़कंप मच गया था कि ना जाने बांगड़ अस्पताल में डॉक्टरों ने कितने लोगों को देखा होगा, जिनसे ना जाने कितने लोग कोरोना संक्रमित हुए होंगे. इस केस के सामने आते ही राजस्थान का स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन हरकत में आया और देश में सबसे पहले भीलवाड़ा शहर में कर्फ्यू लागू किया गया.
डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ ने अपना मनोबल ऊंचा रखा. राजस्थान के 16 हजार स्वास्थ्य कर्मियों की टीम भीलवाड़ा शहर में भेज दी गई जहां पर कर्फ्यू के दौरान घर-घर जाकर स्क्रीनिंग का काम शुरू किया गया. इस तरह का काम देश में पहली बार भीलवाड़ा शहर में शुरू किया गया. इसके पीछे डर इस बात का था कि पता नहीं कितने लोगों के संपर्क में कौन-कौन आया है और कोरनाना वायरस का कहर इस तरह से शहर पर फूट पड़े. भीलवाड़ा में एक-एक कर लोग कोरोना पॉजिटिव निकलते जा रहे थे, जिससे सरकार और जनता में हड़कंप मचा जा रहा था. लॉकडाउन का सख्ती से पालन और घर-घर स्क्रीनिंग की गई. लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने पर जोर दिया गया. भीलवाड़ा में करीब 18 लाख लोगों की स्क्रीनिंग का काम 10 दिनों के अंदर किया गया .इसके अलावा जितने भी लोग सर्दी जुकाम के मरीज थे सभी को घरों से निकालकर क्वारनटीन किया गया. भीलवाड़ा के सभी फाइव स्टार और थ्री स्टार होटल, रिजॉर्ट और प्राइवेट अस्पतालों का सरकार ने अधिग्रहण किया और यहां पर कोरोना के लक्षण पाए गए लोगों को क्वारनटीन किया.
भीलवाड़ा में प्रशासनिक, पुलिस और मेडिकल के थ्री टियर प्रयास के साथ साथ वहां की जनता ने भी सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा. इन सब कदमों के चलते भीलवाड़ा में कोरोना के मामले आगे नहीं बढ़े और इस पर काफी हद तक नियंत्रण कर लिया गया है. भीलवाड़ा में 27 लोगों में से अब सिर्फ 7 लोग कोरोना पॉजिटिव बचे हैं बाकी 20 लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं. बचे हुए 7 लोग भी जल्द स्वस्थ हो जाएंगे.
इरफान पठान और युसुफ पठान ने किये गरीब लोगों की मदद के लिए 10 हजार किलो चावल दान
Coronavirus: हर गुजरते दिन के साथ भारत में कोरोना वायरस का कहर बढ़ता जा रहा है. देश के लिए इस मुश्किल घड़ी में खिलाड़ी आगे आकर मदद की पहल कर रहे हैं. मदद करने वालों में टीम इंडिया के लिए खेल चुके पठान बंधु काफी आगे हैं. टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ियों ने भूखे लोगों को खाना खिलाने के लिए 10 हजार किलो चावल दान किए हैं. इरफान पठान और युसुफ पठान ने खुद गरीब लोगों की मदद के लिए 10 हजार किलो चावल दान करने की जानकारी दी है. इसके साथ ही दोनों भाईयों ने 700 किलो आलू भी दान किए हैं. इतना ही नहीं पठान बंधुओं ने सबसे पहले कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में चार हजार मास्क भी दान किए थे.
पठान भाईओं ने कहा, ”हम सरकार की हर संभंव तरीके से मदद करने के लिए तैयार हैं. यह काफी मुश्किल वक्त है और हम सब भारतीयों से घर में ही रहने की अपील करते हैं. घर के अंदर रहकर ही अपना और अपनों की हेल्थ का ख़याल रखा जा सकता है.”
सौरव गांगुली ने भी बांट रहे हैं चावल
बीसीसीआई अध्यक्ष और टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने भी 50 लाख रुपये के चावल बांटने का एलान किया था. सौरव गांगुली एक संस्था की मदद से उन लोगों को खाना खिलाने का प्रबंध कर रहे हैं जिन्हें लॉकडाउन की वजह से अपने काम छोड़कर राज्य में वापस लौटना पड़ा है. इसके अलावा टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में तीन करोड़ रुपये दान दिए हैं. रोहित शर्मा 80 लाख रुपये और सचिन तेंदुलकर 50 लाख रुपये मदद के तौर पर दान दे चुके हैं.
देश में पिछले चौबीस घंटे में कोरोना वायरस के 693 नए मामले
देश में पिछले चौबीस घंटे में कोरोना वायरस के 693 नए मामले सामने आए हैं. वहीं कोरोना वायरस की वजह से अब तक 109 लोगों की जान जा चुकी है. रविवार को तीस लोगों की मौत हुई. इसमें 63 फीसदी वे लोग हैं जिनकी उम्र साठ साल से ऊपर है. 30 फीसदी वे लोग हैं जिनकी उम्र चालीस से साठ साल के बीच है और सात फीसदी ऐसे लोग है जिनकी उम्र चालीस साल के कम है.
शाम चार बजे के करीब आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने इस बात की जानकारी दी. इसमें बताया गया कि अब तक भारत में कोविड-19 के कुल 4067 मामले सामने आ चुके हैं. इसमें से 1445 केस तब्लीगी जमात से जुड़े हैं. इसके अलावा गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि हमने 25000 से ज्यादा तब्लीगी जमात और उनके संपर्कों को क्वॉरंटीन किया है. हरियाणा के पांच गांवों में जहां वो गए थे, उसे सील कर दिया गया है.
लव अग्रवाल ने कहा कि 76 फीसदी केस पुरुषों और 24 फीसदी केस महिलाओं के हैं. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान पिछले 13 दिनों में भारतीय रेलवे ने 1340 वैगन के जरिए चीनी, 958 वैगन के जरिए नमक, 316 वैगन या टैंक के जरिए तेल को देश के अलग-अलग हिस्सों में भेजा है. लॉकडाउन के दौरान अब तक पूरे भारत में 16.94 लाख मीट्रिक टन अनाज पहुंचाया गया है. 13 राज्यों में 1.3 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 8 राज्यों में, 1.32 लाख मीट्रिक टन चावल आवंटित किया गया है.
इसके साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि नेशनल हेल्थ मिशन फंड से 1100 करोड़ रुपये पहले ही जारी कर दिए गए हैं. आज अतिरिक्त 3000 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है. लव अग्रवाल ने कहा कि हमने कोविड-19 के मरीजों या मरीजों के हाई रिस्क वाले कॉन्टैक्ट से निपटने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के उपयोग की अनुमति दी है, हालांकि इसके प्रभाव के सीमित प्रमाण हैं. कम्युनिटी लेवल पर इसके इस्तेमाल के पर्याप्त सबूत नहीं हैं. वहीं आईसीएमआर के अध्यक्ष आर गंगाखेडकर ने कहा कि पांच लाख कोविड-19 टेस्टिंग किट के ऑर्डर दिए गए हैं. 8-9 अप्रैल के बीच ढाई लाख टेस्टिंग किट उपलब्ध हो जाएंगे.
किसी शासक की कुशलता का पता तब चलता है जब उसका सामना किसी बड़े संकट से हो और वो उससे निपटने के लिये पुख्ता रणनीति बनाये.– कोरोना कहर- महाराष्ट्र में ठाकरे सरकार और उत्तर प्रदेश में योगी सरकार और राजस्थान में गहलौत सरकार ने सफलतापूर्वक ढंग से इस महामारी का मुकाबला कर रही है. जिससे कोरोना वायरस की महामारी के दौरान इन सरकारो की एक अलग ही तस्वीर सामने आ रही है.;हिमालयायूके न्यूज पोर्टल के लिए चन्द्रशेखर जोशी सम्पादक की रिपोर्ट-
कल हमने योगी सरकार के कार्यो पर आलेख प्रकाशित किया था- आज राजस्थान, महाराष्ट सरकारो की पुख्ता रणनीति पर पढिये-
देशभर में कोरोना का कहर जारी है. रोजाना बड़ी तादाद में नये मामले सामने आ रहे हैं. महाराष्ट्र कोरोना प्रभावित राज्यों में सबसे आगे है. सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में है. ऐसे में सबकी नजर टिकी है ठाकरे सरकार पर कि वो किस तरह से इस महामारी का मुकाबला कर रही है.
उद्धव ठाकरे सरकार ने काफी पहले ही इस महामारी की गंभीरता पहचान ली थी. यही वजह थी कि जब 22 मार्च को पीएम मोदी ने जनता कर्फ्यू की अपील की और उसके बाद जब पूरे देश में लॉकडाऊन का ऐलान किया तो उसके पहले ही ठाकरे सरकार ने कड़े फैसले लेने शुरू कर दिये थे. ठाकरे सरकार ने पहले ही राज्य के कई इलाकों में कर्फ्यू का ऐलान कर दिया था. स्कूल, कॉलेज, सिनेमाघर बंद कर दिये गये थे, लोकल ट्रेनों और बसों की संख्या सीमित कर दी थी. दुकानों और दफ्तरों को बंद कराने का ऐलान कर दिया था.
इस दौरान उद्धव ठाकरे मीडिया के मार्फत लगातार मीडिया को भी संबोधित कर रहे हैं. उनके हाव भाव और शब्दों के चयन से वे आश्वस्त करते नजर आते हैं कि सरकार कोरोना के खिलाफ जंग में अपनी पूरी ताकत झोंके हुए है. वे लगातार बदल रही स्थिति की जानकारी देते हैं और कडे फैसलों को लेकर लोगों से सहयोग की अपील करते हैं. उनके संबोधन में ऐसा नहीं लगता कि वे लोगों को डरा रहे हैं बल्कि ये संकेत मिलता है कि वे लोगों को जागरूक करने की कोशिश कर रहे हैं.
हाल ही में जब निजामुद्दीन के तब्लीगी मरकज में शामिल लोगों से कोरोना वायरस फैलने की खबर आई तो एक समुदाय विशेष का निशाना बनाते हुए सोशल मीडिया पर कई लोग नफरतभरी पोस्ट करने लगे. उद्धव ठाकरे ने चेतावनी देते हुए कहा कि जो लोग ऐसा कर रहे हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. उद्धव का ये बयान उनकी पार्टी की कट्टर हिंदुत्ववादी छवि के बिल्कुल विपरीत है. उनके इस खुलेपन का स्वागत करते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अबदुल्ला ने ट्वीट किया – `Uddhav Thackeray has been a revealation’ यानी कि उद्धव ठाकरे का ये चेहरा एक आश्चर्य है.
उद्धव ठाकरे के सियासी प्रतिद्वंदवी राज ठाकरे ने भी उनकी तारीफ की. बीजेपी के कुछ नेताओं और आम आदमी पार्टी के नेता भी कोरोना से जंग के दौरान ठाकरे के व्यवहार की तारीफ कर रहे हैं.
कुछ लोग ये आशंका जता रहे थे कि चूंकि उद्धव ठाकरे को कभी कोई प्रशासकीय अनुभव नहीं रहा है इसलिये वे इस त्रासदी से निपटने में नाकाम होंगे, लेकिन उन्होने ऐसे आलोचकों को झुठलाया है. स्वास्थ्य विभाग, गृह विभाग और केंद्र सरकार के साथ तालमेंल ऱखते हुए वे कोरोना के खिलाफ जंग को आगे बढ़ाते नजर आ रहे हैं.
ये आशंका भी जताई जा रही थी कि क्योंकि महाराष्ट्र सरकार तीन विपरीत विचारधाराओं वाली पार्टियों को मिलाकर बनी है इसलिये तीनों पार्टियों के मंत्रियों के बीच सामंजस्य बनाने में दिक्क्त आयेगी. वैसा होता नजर नहीं आ रहा. एनसीपी के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे और गृहमंत्री अनिल देशमुख के साथ लगातार संपर्क में रहकर वे रणनीति बना रहे हैं.
पिछले साल नवंबर में जब उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी तब ये आशंका जताई जा रही थी कि तीन पार्टियों की सरकार आपसी झगड़ों के कारण ज्यादा दिन नहीं चल पायेगी, लेकिन कोरोना वायरस की महामारी के दौरान सरकार की एक अलग ही तस्वीर सामने आ रही है.
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशभर में 14 अप्रैल तक 21 दिनों का लॉकडाउन जारी है. ऐसे समय में स्वयंसेवी संस्था रॉबिन हुड आर्मी (RHA) लोगों की मदद के लिए आगे आई है. RHA ने हाल ही में ‘सीनियर पैट्रोल’ के नाम नई पहल की है. इसके तहत रॉबिन हुड आर्मी के स्वयंसेवी लॉकडाउन में फंसे वरिष्ठ नागरिकों तक मदद पहुंचाते हैं. जिसमें खाना, दवा और अन्य जरूरी सामान शामिल हैं. आप भी अगर वृद्ध हैं और मुश्किल में फंसे हैं तो आरएचए से मदद ले सकते हैं. वेबसाइट www.robinhoodarmy.com पर जाकर रिक्वेस्ट भेज सकते हैं. आपके रिक्वेस्ट भेजने के बाद आरएचए के द्वारा आप तक जल्द ही मदद पहुंचा दी जाएगी. रिक्वेस्ट भेजने के लिए यहां- https://robinhoodarmy.com/seniorpatrol/ क्लिक करें.
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने कोरोना वायरस के कारण बड़ा फैसला
Coronavirus : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने कोरोना वायरस के कारण बड़ा फैसला लिया है। देशभर में हर साल आयोजित होने वाले संघ शिक्षा वर्ग निरस्त कर दिए गए हैं। आरएसएस अप्रैल से जून के बीच होने वाले सभी संघ शिक्षा वर्ग और सार्वजनिक कार्यक्रम रद्द किए गए हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने के लिए हर साल गर्मियों में प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष और तृतीय वर्ष का आयोजन करता है। संघ शिक्षा वर्ग 20 से 30 दिन तक चलते हैं। इनमें से प्रथम वर्ष और द्वितीय वर्ष प्रत्येक राज्य में होते हैं। जबकि तृतीय वर्ष का आयोजन सामान्यत: नागपुर में होता है। आरएसएस ने अप्रैल से जून के बीच होने वाले 90 संघ शिक्षा वर्ग निरस्त करने का फैसला लिया है। ताकि स्वयं सेवकों को इस बीमारी से दूर रखा जा सके। 95 साल में पहली बार हुए निरस्त राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की स्थापना 1925 में की गई थी। उसके बाद से लेकर अब तक आरएसएस की तरफ से पहली बार सभी कार्यक्रम रद्द किए गए हैं। इससे पहले आरएसएस की तरफ से कभी संघ शिक्षा वर्ग निरस्त नहीं किए गए। आरएसएस पदाधिकारी डॉ. मनमोहन वैद्य ने कहा कि वर्तमान परिस्थिति को ध्यान में रखकर संघ ने अप्रैल से जून तक होने वाले लगभग 90 से अधिक संघ शिक्षा वर्ग एवं अन्य सभी सार्वजनिक व सामूहिक कार्यक्रम निरस्त कर दिये हैं।
भारत को 2.9 मिलियन डॉलर की मदद देगा अमेरिका
भारत में कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ने के लिए अमेरिका साथ देने के लिए सामने आ गया है। भारत में अमेरिकी दूतावास ने कहा कि अमेरिकी सरकार ने कोरोना से लड़ने के लिए भारत को 2.9 मिलियन डॉलर की मदद देगा। यह मदद अमेरिकी एजेंसी USAID के जरिए मदद दी जाएगी। भारत में अमेरिकी दूतावास ने कहा कि यह नए फंड दो संगठनों का समर्थन करेंगे। जिसमें USAID के स्वास्थ्य सुधरता परियोजना के लिए 2.4 मिलियन डॉलर दिए जाएंगे। जोहोपिन्ह के द्वारा लागू किया जाएगा। जिसका संबंध जॉन्स हापकिंस विश्वविद्यालय से संबंधित होगा।वहीं दूसरी तरफ एक अंतरराष्ट्रीय गैर एनजीओ स्वास्थ्य संगठन और विश्व स्वास्थ्य संगठन के लिए 5,00,000 डॉलर की मदद की जाएगी। अमेरिकी दूतावास ने बताया कि भारत को कोरोनावायरस जैसी महामारी से लड़ने के लिए अमेरिका $29 लाख डॉलर की सहायता करेगा। भारत में अमेरिकी राजदूत कैनेथ जस्टर ने कहा कि यह सहायता कोरोना जैसी महामारी को रोकने के लिए भारत के प्रयासों को और भी ज्यादा मजबूत करेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिकी सरकार अपनी एजेंसी एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट और सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन तथा अन्य संबंधित एजेंसियों के माध्यम से करेगा। भारत में अमेरिका कोरोना वायरस से लड़ने के लिए उसकी मदद पूरी तरह से करेगा। जानकारी के लिए बता दें कि अमेरिका में बीते 24 घंटे के दौरान 1 हजार लोगों की मौत हो गई है। अमेरिका में अब तक 3 लाख से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। यह अब तक की सबसे बड़ी महामारी है।
हल्दीराम भुजियावाला के मालिक की जन्मदिन से एक दिन पहले ही मौत
हल्दीराम की भुजिया की बात करते ही हर किसी के मुंह में उसका टेस्ट आ जाता है। इसी टेस्ट को बनाने वाले (Haldiram Bhujiyawala Owner) हल्दीराम भुजियावाला के मालिक की जन्मदिन से एक दिन पहले ही मौत हो गई। उनका देश से बाहर (Singapore Lockdown) सिंगापुर में लिवर संबंधी बीमारी का इलाज चल रहा था। पिछले तीन माह वह सिंगापुर में ही थे। महेश अग्रवाल की मौत के बाद उनका परिवार लॉकडाउन के बीच फंस गया है और देश में वापस आने के प्रयास में जुटा है। दरअसल, हल्दीराम भुजियावाला के मालिक 57 वर्षीय महेश अग्रवाल पिछले काफी समय से लिवर संबंधी बीमारी से जुझ रहे थे। वह इस बीमारी का इलाज कराने सिंगापुर गये थे। जहां बीते दिन उनका जन्म दिन से एक दिन पहले ही निधन हो गया। यहां उनके साथ उनकी पत्नी मीना और बेटी अवनी मौजूद है। महेश अग्रवाल का निधन शुक्रवार को ही हो गया था। जिसके बाद सिंगापुर में ही उनका अंतिम संस्कार किया गया। अब वह अपने देश को लौटना चाहते है, लेकिन कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते हुए लॉकडाउन के बीच परिवार अपने देश में भी वापसी नहीं कर पा रहा है। इधर महेश अग्रवाल के परिवार के सदस्य भारत में भी मौजूद है। जो मिलकर उनकी आत्मा की शांति के लिए पूजा पाठ कराना चाहते हैं। इसके लिए वह लगातार भारतीय दूतावास में सिंगारपुर से महेश की पत्नी और बेटी की देश वापसी के लिए आवेदन कर रहे हैं। बता दें कि इस समय पूरी दुनिया कोरोना वायरस से प्रभावित है और संक्रमण से बचने के लिए ज्यादातर देशों ने अपनी अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय उड़ानें रद्द कर दी हैं। भारत सहित लगभग सभी देशों में इस समय लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है। भारत में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन की घोषणा की जा चुकी है। जो 14 अप्रैल को खत्म होनी तय है।
14 के बाद भी क्या लॉकडाउन (lockdown) जारी रहेगा. इसे लेकर अब सरकार की तरफ से रिएक्शन आया
कोरोना संकट (Coronavirus) को देखते हुए देश में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन लगाया गया है. यह आगामी 14 अप्रैल तक जारी रहेगा. ऐसे में इस तरह से सवाल उठ रहे हैं कि 14 के बाद भी क्या लॉकडाउन (lockdown) जारी रहेगा. इसे लेकर अब सरकार की तरफ से रिएक्शन आया है. कैबिनेट बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javedkar) से इस बाबत सवाल पूछ गए तो उन्होंने इसका जवाब दिया. प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि हम हर मिनट दुनिया की स्थिति की निगरानी कर रहे हैं. राष्ट्रहित में निर्णय लिया जाएगा. सही समय आने पर इस बारे में फैसला लिया जाएगा और आपलोगों को जानकारी दे दी जाएगी. उन्होंने बताया कि अधिकारियों के कई समूह स्थिति का आंकलन कर रहे हैं. बता दें कि कैबिनेट बैठक में कई फैसले लिए गए जिसकी जानकारी प्रकाश जावड़ेकर ने दी.
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने यह साफ कर दिया है कि जरूरी नहीं है कि 14 अप्रैल को लॉकडाउन खत्म हो जाए. लोगों को इसके लिए लंबा इंतजार भी करना पड़ सकता है. यूपी के मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने यह जानकारी दी है. बता दें कि उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस से अब तक 227 लोग संक्रमित हो चुके हैं साथ ही दो लोगों की इससे जान भी जा चुकी है.
अवनीश अवस्थी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है खासकर तबलीगी जमात से संबंधित. उन्होंने कहा कि मैं केवल यह कह सकता हूं कि हम शुरुआती स्टेज में हैं और यह कहना असंभव है कि लॉकडाउन 14 अप्रैल के बाद खुलेगा या नहीं. हम रोज मॉनिटरिंग कर रहे हैं. कुछ जिलों में 100 प्रतिशत लॉकडाउन किए गए हैं. उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में लोगों का समर्थन बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि, ‘हम यह सुनिश्चित करने के बाद ही लॉकडाउन खोलेंगे कि राज्य कोरोना मुक्त है. अगर एक भी व्यक्ति संक्रमित है तो यह बहुत मुश्किल होगा और इसलिए लॉकडाउन के खत्म होने की संभावना कम है.’
बता दें कि एक दिन पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर घोषित किया गया लॉकडाउन 15 अप्रैल को खुलेगा. मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी सांसदों और मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान कहा, “15 अप्रैल से बंद समाप्त होगा तो दो काम करने होंगे. जब 15 अप्रैल को हम बंद खोलेंगे तो जमावड़ा ना होने पाए, इसमें आपकी सहभागिता और सहयोग चाहिए होगा.” उन्होंने कहा “क्योंकि 15 अप्रैल को हम जैसे ही बंद खोलेंगे और एकाएक भीड़ जुट जाएगी तो सारी मेहनत पर पानी फिर जाएगा. मैं चाहूंगा कि इसके लिए हम लोग एक व्यवस्था बनाएं. मैं इसके लिए आप लोगों से सुझाव भी चाहूंगा. आप अपना सुझाव लिखकर भेजें कि क्या होना चाहिए.”
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दिल्ली में कोरोनावायरस (Coronavirus) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इस बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने बीजेपी (BJP) सांसद गौतम गंभीर की पेशकश का स्वागत करते हुए पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (PPE) दिलाने का अनुरोध किया है. केजरीवाल ने कहा कि पैसा उनकी सरकार के लिए समस्या नहीं है. दिल्ली में Covid-19 संक्रमितों की संख्या बढ़कर 503 हो गई है. इस वायरस से मरने वालों की संख्या 7 है. वही, 18 लोग इस बीमारी से अब तक ठीक हुए हैं. इससे पहले, गौतम गंभीर ने अपने ट्वीट में कहा, “सीएम अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था कि फंड की जरूरत है. मैंने पहले अपनी सांसद निधि से 50 लाख रुपये दिए थे, लेकिन इसे अभी तक स्वीकार नहीं किया गया. मासूम लोगों को दिक्कत न हो इसलिए 50 लाख रुपये और दे रहा हूं. कम से कम एक करोड़ रुपये से मास्क और पीपीई किट की जरूरतें पूरी होंगी.”
गंभीर के इस ट्वीट पर अब मुख्यमंत्री केजरीवाल ने जवाब दिया है. उन्होंने लिखा- “गौतम जी, आपके प्रस्ताव के लिए धन्यवाद. समस्या पैसों की नहीं, बल्कि पीपीई किट की उपलब्धता की है. अगर आप हमें तुरंत कहीं से पीपीई किट दिलाने में हमारी मदद करते हैं तो हम आभारी होंगे. दिल्ली सरकार उन्हें खरीद लेगी. धन्यवाद.”
भारत में कोरोनावायरस का कहर रुक नहीं रहा है. मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सोमवार सुबह जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक मरीजों की संख्या ने चार हजार का आंकड़ा पार कर लिया है. भारत में कोरोनावायरस से अबतक 109 लोगों की मौत हो चुकी है और 4067 इसके संक्रमण के शिकार हुए हैं. वहीं ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 232 है. पिछले 24 घंटे की बात करें तो इस दौरान 32 लोगों की मौत हुई है और 693 नए मामले सामने आए हैं.
प्रिया दत्त (Priya Dutt) ने ट्वीट कर लिखा: “इस अभूतपूर्व समय के दौरान और कोरोनोवायरस (Coronavirus) से लड़ने के लिए अपनी जान की बाजी लगाने वालों के समर्थन में नरगिस दत्त फाउंडेशन ने महाराष्ट्र के सीएम राहत कोश में 25 लाख रुपये का दान दिया है. हम मिलकर इसे दूर करेंगे. चलो जितना हो सके हम इसमें योगदान करें.” प्रिया दत्त ने इस तरह यह जानकारी दी है कि उनका फाउंडेशन कोरोनावायरस से जंग के लिए सामने आया.
भारत में कोरोनावायरस (Coronavirus) का कहर रूक नहीं रहा है. मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सोमवार सुबह जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक मरीजों की संख्या ने चार हजार का आंकड़ा पार कर लिया है. भारत में कोरोनावायरस से अबतक 109 लोगों की मौत हो चुकी है और 4067 इसके संक्रमण के शिकार हुए हैं. वहीं ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 232 है. पिछले 24 घंटे की बात करें तो इस दौरान 32 लोगों की मौत हुई है और 693 नए मामले सामने आए हैं. कोरोनावायरस के बढ़ते मामले को देखते हुए देश में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन जारी है जो 14 अप्रैल तक चलेगा.