DEHRADUN (UK) TOP NEWS 25 JAN. 2017
मतदाता निर्भीकता से अपने मताधिकार का प्रयोग करके लोकतंत्र को मजबूत करें -राज्यपाल
राजभवन देहरादून 25 जनवरी, 2017
उत्तराखण्ड के राज्यपाल डाॅ0 कृष्ण कंात पाल ने आज राजभवन में 7वें ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए कहा कि देश की तरक्की के लिए लोकतंत्र का मजबूत होना आवश्यक है और लोकतंत्र की मजबूती का आधार मतदाता है। मतदाता अपने विवेक के आधार पर निर्भीकता से अपने मताधिकार का प्रयोग कर लोकतंत्र की मजबूती में अपना अमूल्य सक्रिय योगदान दें।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का यह पर्व संविधान द्वारा प्रदत्त लोकतांत्रिक व्यवस्था के प्रति जनविश्वास का प्रतीक है जो प्रत्येक मतदाता को एक निष्पक्ष व प्रगतिशील सरकार के चयन का अधिकार देता है। मतदाताओं का भी दायित्व है कि वे लोकतंत्र की गरिमा व मर्यादाओं की रक्षा के लिए जाति, धर्म, भाषा, समुदाय अथवा अन्य किसी प्रलोभन से प्रभावित हुए बिना निर्भयता से अपने मताधिकार का प्रयोग करें।
राज्यपाल ने 1950 में गठित भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 1952 में कराये गए प्रथम चुनाव में चुनौतियों से भरी यात्रा के प्रारम्भ से लेकर आज तक की ऐतिहासिक सफल यात्रा के दौरान हुए उल्लेखनीय सुधारों की ज्ञानवर्धक जानकारी देते हुए कहा कि इन उल्लेखनीय सुधारों से निर्वाचन आयोग के प्रति जनविश्वास बढ़ा है। चुनौतियों के बावजूद हमारी निर्वाचन प्रणाली निरन्तर परिपक्व हो रही है। जितनी निष्पक्षता से हमारे देश में चुनाव होते हैं उतनी निष्पक्षता से किसी भी अन्य प्रगतिशील देश में नहीं होते। अपनी आधुनिकता व सरल व्यवस्थाओं की विशेषता के आर पर ही भारत निर्वाचन आयोग आज पूरे विश्व के लिए आदर्श बन चुका है।
राज्यपाल ने उत्तराखण्ड में शान्तिपूर्ण, स्वतंत्र व निष्पक्ष तरीके से अब तक के हुए सभी निर्वाचनों के सम्पादन तथा निरन्तर बढ़ते मतदान प्रतिशत का श्रेय यहाँ के जागरूक नागरिकों को देते हुए सभी मतदाताओं से अपील की कि आगामी 15 फरवरी को होने जा रहे राज्य के चैथे विधानसभा चुनाव को भी शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न कराने और अपने मताधिकार का प्रयोग शत्-प्रतिशत करने का संकल्प लें। राज्यपाल ने राज्य में महिला मतदाताओं के निरन्तर बढ़ रहे मतदान प्रतिशत को लोकतंत्र की सुदृढ़ता के लिए अच्छा संकेत बताया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने राष्ट्रीय मतदाता दिवस हेतु निर्वाचन आयोग द्वारा नियत प्रतिज्ञा पढ़ी जिसे कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने दोहराया। राज्यपाल द्वारा राज्य में प्रथम बार पंजीकृत 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके 10 युवा मतदाताओं को मतदाता पहचान पत्र देकर उन्हें मतदाता के अधिकार और दायित्वों से अवगत कराने के साथ ही निर्वाचन कलेण्डर का भी लोकार्पण किया गया।
राज्य में अब तक हुए निर्वाचनों तथा इस वर्ष विधानसभा निर्वाचन हेतु राज्य निर्वाचन विभाग की व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए राज्यपाल ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्रीमती राधा रतूडी की भूमिका को विशेष रूप से सराहा।
कार्यक्रम में मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्रीमती राधा रतूड़ी ने मतदाता दिवस के आयोजन पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए उत्तराखण्ड राज्य के संदर्भ में बताया कि राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद निर्वाचन विभाग उत्तराखण्ड द्वारा शत्-प्रतिशत् मतदाताओं को फोटो पहचान पत्र वितरित किए जा चुके हैं और 01 जनवरी, 2017 की अर्हता तिथि के आधार पर 10 जनवरी, 2017 को अन्तिम प्रकाशित निर्वाचक नामावली के अनुसार उत्तराखण्ड में मतदाताओं की कुल संख्याः 7495688 (चैहत्तर लाख पिचानब्बे हजार छःसौ अठास्सी) है जिसमें पुरूषों की संख्या 3923492 तथा महिलाओं की संख्या 3572045 है जबकि थर्ड जैण्डर 151 हैं इनमें 18 वर्ष पूर्ण कर चुके 54000 ऐसे युवा मतदाता हैं जो पहली बार पंजीकृत हुए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 2012 के विधानसभा चुनाव में हुए 67.22 प्रतिशत मतदान हुआ था जिसेे इस वर्ष के विधानसभा चुनाव में बढ़ाकर 80 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य रखा गया है और मतदाताओं को मतदान हेतु प्रोत्साहित करने के लिए भी कई नए प्रयास किए जा रहे हैं।
कार्यक्रम में राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुबर्द्धन तथा मुख्य सचिव श्री एस.रामास्वामी ने भारत में निरन्तर सशक्त हो रही निर्वाचन प्रणाली पर बोलते हुए मतदाताओं को भी उनके कर्तव्यों की याद दिलाई।
कार्यक्रम में सचिव राज्यपाल, निर्वाचन से जुडे अनेक वरिष्ठ अधिकारी स्थानीय प्रशासन तथा विभिन्न स्कूलों के 170 से अधिक युवा विद्यार्थी भी मौजूद थे।
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राज्यपाल, गणतंत्र दिवस पर राजभवन में प्रातः 8.30 बजे करेंगे ध्वजारोहण
26 जनवरी, 2017 को 68वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर राज्यपाल द्वारा राजभवन में प्रातः 8.30 बजे ध्वजारोहण किया जायेगा।
10.30 बजे परेड ग्राउण्ड में ध्वजारोहण करने के साथ ही वहाँ आयोजित परेड मार्च पाॅस्ट की सलामी लेने के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रमों का अवलोकन करेंगे।
देहरादून। उत्तराखंड के प्रथम राज्यपाल सुरजीत सिंह बरनाला के दिवंगत होने पर उनकी तेरवीं( भोग) रस्म के अवसर पर अंतिम अरदास कार्यक्रम में उत्तराखंड सरकार की ओर से प्रथम मुख्यमंत्री स्व० नित्यानन्द स्वामी के नाती विनायक शर्मा ने स्व० बरनाला के पंजाब स्थित पैतृक गांव बरनाला में उनके आवास पर जाकर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
इस अवसर पर श्री विनायक शर्मा ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा दिया शोक संदेश भी स्व० बरनाला की पत्नी श्रीमती सुरजीत कौर को दिया। स्व० बरनाला को भेजे शोक संदेश में मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि उत्तराखंड राज्य का गठन के प्श्चात बरनाला जी द्वारा प्रदेश नींव के रूप में लिये गए निर्णय हमेशा याद किये जाते रहेंगे ऐसे महापुरूष के आकस्मिक निधन से समाज व देश को जो क्षति हुई है। वह अपूर्ण है। स्व० बरनाला को मुख्यमंत्री स्व० नित्यानन्द स्वामी की पुत्री ज्योत्सना शर्मा ने भी शोक श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि श्री बरनाला व उनके पिता श्री स्वामी ने विपरीत परिस्थितियों में आपसी तालमेल से अनुकूल मौहाल बनाकर विकास के लिए जो कार्य किये वह हमेशा याद रखे जायेंगे। स्व० बरनाला को अंतिम अरदास देने वालों में पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाशसिंह बादल समेत तमाम राजनीतिज्ञ हस्तियां मौजूद थी।
फोटो परिचयः-राज्यपाल स्व० बरनाला की पत्नी सुरजीत कौर को शोक संदेश देते हुए मुख्यमंत्री स्व० स्वामी के नाती विनायक शर्मा व दिवंगत बरनाला के परिजन।
गणतंत्र दिवस पर किशोर को सराहनीय सेवाओं के लिए पुलिस पदक
केन्द्रीय रिर्जव पुलिस बल में कमांडेंट देहरादून निवासी किशोर प्रसाद को सराहनीय सेवाओं के लिए गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति द्वारा पुलिस मेडल से सम्मानित किया जाएगा। किशोर वर्तमान में जम्मू कश्मीर के बारामुला जिले में तैनात हैं। मूल रूप से कंडारस्यूं पटटी टिहरी जिले के निवासी किशोर प्रसाद का परिवार वर्तमान में देहरादून के जोगीवाला में रहता है।गुरू रामराय पीजी कॉलेज देहरादून से एमएससी भौतिकी से करने वाले किशोर ने वर्ष 1993 में सीआरपीएफ में सहायक कमांडेंट के पद पर नियुक्ति पाई। वे लम्बे समय से उग्रवाद प्रभावित मणिपुर, जम्मू कश्मीर समेत अन्य राज्य में तैनात रहे। किशोर प्रसाद ने देश के नक्सल प्रभावित राज्यों में भी अपनी सेवाएं दीं। अब तक की सराहनीय सेवाओं के लिए उन्हें इस साल गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रपति द्वारा पुलिस मेडल से सम्मानित किया जा रहा है। इसके साथ ही पुलिस मेडल प्राप्त करने वाले किशोर प्रसाद आपदा प्रबन्धन क्षेत्र में प्रशिक्षण देते हैं। इसके लिए उन्होंने अमेरिका समेत कई अन्य देशों से खुद प्रशिक्षण प्राप्त किया है। पुलिस पदक से सम्मानित होने पर देहरादून में निवास कर रही उनकी पत्नी श्रीमती उषा, पुत्र शशांक व शेखर ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि 23 सालों की सराहनीय सेवा के बाद उन्हें विपरीत परिस्थितियों में बेहतर तरीके से काम करने के लिए यह अवार्ड मिला है।
Kishor Prasad commandant 151 battalion CRPF decorated with police medal for meritorious service.
चमोली 25 जनवरी 2017 (सू.वि.)
विधानसभा सामान्य निर्वाचन 2017 में चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की नामांकन प्रक्रिया के तहत आज 25 जनवरी को 04 प्रत्याशियों ने नामांकन प्रपत्र रिर्टनिंग आॅफिसर कार्यालय में जमा किये है। वही 02 अन्य प्रत्याशियों ने नामांकन हेतु आवेदन पत्र भी लिये।
विधानसभा क्षेत्र बद्रीनाथ से आज दोपहर 1ः50 बजे निर्दलीय प्रत्याशी विनोद फोनिया तथा यूकेडी प्रत्याशी देवेन्द्र सिंह नेगी ने एक एक सैट में अपना नामांकन पत्र आरओ कार्यालय में जमा कराया है। वही निर्दलीय प्रत्याशी अरूणा डडवासी द्वारा कल जमा कराये गये नामांकन पत्र में चैकलिस्ट के अनुसार कुछ कमियां पायी गयी थी। उन्होंने फिर से आज अपना संशोधित नामांकन पत्र आरओ कार्यालय जमा कराया है।
विधानसभा क्षेत्र थराली से निर्दलीय प्रत्याशी गुड्डू राम ने एक सैट में अपना नामांकन पत्र आरओ कार्यालय में जमा कराया है। विधानसभा क्षेत्र कर्णप्रयाग से यूकेडी प्रत्याशी बलबंत सिंह नेगी ने एक सैट में अपना नामांकन पत्र आरओ कार्यालय में जमा कराया है। जिले में आज तक 12 प्रत्याशियों द्वारा अपना नामांकन प्रपत्र आरओ कार्यालय में जमा कराये है। नामांकन पत्र जमा करने वाले सभी प्रत्याशियों को निर्वाचन आयोग के प्रावधानों के अनुसार रिर्टनिंग आॅफिसर के माध्यम से व्यय लेखा रजिस्ट्रर, आयोग के महत्वपूर्ण अनुदेशों की सूची तथा प्रत्याशी हैंडबुक भी उपलब्ध करायी गयी। वही नामांकन के लिए विधानसभा क्षेत्र थराली से समाजवादी पार्टी के वीरेन्द्र लाल टम्टा तथा विधानसभा क्षेत्र बद्रीनाथ से समाजवादी पार्टी के कीरत सिंह भण्डारी ने नामांकन प्रपत्र लिये।
चमोली 25 जनवरी 2017 (सू.वि.)
राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर जिला प्रशासन की ओर से गापेश्वर मुख्य बाजार होते हुए गोपीनाथ मंदिर तथा मंदिर मार्ग से जीआईसी गोपेश्वर तक भव्य जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी विनोद कुमार सुमन ने जिला अस्पताल गेट से हरी झण्डी दिखाकर रैली का शुभांरभ किया। जीआईसी गोपेश्वर में नुक्कड नाटक के माध्यम मतदान के बारे में जागरूक करते हुए चयनित युवा मतदाताओं को जिलाधिकारी के माध्यम से वोटर कार्ड वितरित किये गये। वही क्लैक्ट्रेट परिसर में जिलाधिकारी ने लोकतांत्रिक मतदान सहभागिता के प्रोत्साहनार्थ समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को शपथ दिलायी।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर जीआईसी गोपेश्वर में आयोजित कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि मजबूत लोकतंत्र के लिए सभी नागरिकों की मतदान में भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मतदान में हिस्सा ना लेने से न केवल गलत प्रत्याशी का चयन होता है, बल्कि पूरे समाज को उसका खामियाजा भुगतना पडता है साथ ही अनेक विकास कार्य वाधित होते है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बच्चों से अपने अभिभावकों को मतदान के प्रति जागरूक करने को कहा। उन्होंने बताया कि वोट डालना अधिकार ही नही बल्कि हर नागरिक का फर्ज भी है। कहा कि जिले का हर नागरिक 15 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव में बिना किसी प्रलोभन के निर्भीक होकर अपने मताधिकार का प्रयोग करें। उन्होंने छात्रों को फेसबुक, वाटसेप, मोबाईल तथा टीवी से दूर रहते हुए दृढ संकल्प होकर अपनी पढाई पूरी करने के लिए भी प्रेरित किया।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने पहली वार अपने मताधिकार का प्रयोग करने वाले चयनित युवा मतदाताओं को वोटर कार्ड भी वितरित किये। वोटर कार्ड प्राप्त करने वाले युवा मतदाताओं में अनिल सिंह रावत, प्रमोद रावत, मंजीत सिंह, चन्दन सिंह, अशीष नेगी आदि शामिल थे। कार्यक्रम के दौरान जिला निर्वाचन अधिकारी ने सामाजिक कार्यकर्ता व बुर्जुग मतदाता सुरेन्द्र सिंह लिंगवाल तथा मतदान केन्द्रों पर जागरूकता कार्यक्रम चलाने के लिए बूथ लेवल एजेंन्टों को भी सम्मानित किया। इस अवसर पर स्वीप कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एमएस सजवाण तथा सहायक नोडल अधिकारी योगेश धसमाना ने भी बच्चों को मतदान के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी विनोद गिरि गोस्वामी, अपर जिलाधिकारी जगदीशलाल, मुख्य कोषाधिकारी वीरेन्द्र कुमार, एनसीसी अधिकारी कैप्टेन केएस रावत, एनसीसी अधिकारी विजय पंत, प्रधानाचार्य डीएस कन्डेरी, एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी महेन्द्र हिदवाल, जीजीआईसी से डा सुमन ध्यानी सहित अन्य अधिकारी एवं स्कूली छात्र-छात्राऐं मौजूद थी।
68वें गणतंत्र दिवस(26 जनवरी, 2017) के अवसर पर उत्तराखण्ड के राज्यपाल डाॅ0 कृष्ण कांत पाल का प्रदेश की जनता के नाम संदेश
राजभवन देहरादून 25जनवरी, 2017
उत्तराखण्ड के राज्यपाल डाॅ0 कृष्ण कांत पाल ने प्रदेश के सभी नागरिकों को 68वें गणतंत्र दिवस की बधाई दी और प्रदेश में खुशहाली की कामना की है।
प्रदेश की जनता के नाम अपने संदेश में उन्होंने स्वाधीनता संग्राम के महान पुरोधाओं, भारतीय संविधान के निर्माताओं तथा मातृभूमि के रक्षा के लिए समर्पित वीर जवानों के प्रति गहरा सम्मान व्यक्त किया है।
देश के 27वें राज्य के रूप में गठित उत्तराखण्ड की कई क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति पर खुशी व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने कहा कि राज्यगठन के उद्देश्यों की पूर्ति तथा जनभावनाओं के अनुरूप राज्य के विकास के मार्ग में अभी भी कई चुनौतियां खड़ी हैं। राज्य के पर्वतीय, दूर-दराज व पिछड़े इलाकों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क-पेयजल व संचार जैसी सभी बुनियादी सुविधाओं के अभाव को दूर करके पलायन पर नियंत्रण के लिए रोजगार व स्वरोजगार के संसाधनों/अवसरों की उपलब्धता नितान्त आवश्यक है।
राज्य में शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक सुधार पर विशेष बल देते हुए उन्होंने कहा कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए प्राथमिक स्तर पर शैक्षिक पाठ्यक्रमों में कला-संस्कृति, खेल-कूद के साथ योग को भी शामिल किया जाना होगा। सभी स्तर के शिक्षण संस्थानों में ज्ञान-विज्ञान और समृद्ध परम्पराओं के बीच संतुलन द्वारा युवाओं में रचनात्मक व भावात्मक शक्तियों के विकास का वातावरण सृजित होना आवश्यक है ताकि नई पीढ़ी भारतीय संस्कारों और मूल्यों से पोषित होकर एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को समझ सके।
राज्यपाल ने युवा ऊर्जा को राष्ट्रनिर्माण की दिशा में ले जाने के लिए उनके कौशल विकास पर विशेष बल देते हुए कहा कि कौशल विकास से सशक्त युवा ही भविष्य की चुनौतियों के लिए हिम्मत व आत्मविश्वास जुटा सकता है।
पहाड़ों के दूर-दराज के पिछड़े इलाकों तक स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी से चिन्तित राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य शिक्षा से सम्बन्धित कई संस्थानों व विश्वविद्यालयों के खुलने से भविष्य में मेडिकल व पैरामेडिकल स्टाॅफ की कमी दूर होने की उम्मीद है किन्तु डाॅक्टरों का पहाड़ पर जाने से कतराना चिन्ता का विषय है।
उन्होंने प्राकृतिक आपदाओं व ग्लोबल वार्मिंग के दुष्प्रभावों से बचने के लिए राज्य में उपलब्ध प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों के संतुलित दोहन का आह्वाहन करते हुए दैवीय आपदाओं से बचाव के लिए जनजागरूकता को जरूरी बताया।
राज्यपाल ने जनसामान्य की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए जैविक कृषि, बागवानी, जड़ी-बूटी, सगन्ध पौधों की खेती तथा पशुपालन को प्रोत्साहित करने तथा स्थानीय रूप से उपलब्ध कच्चे माल के मूल्यसंवर्धन के लिए पर्वतीय क्षेत्रों में पर्यावरण के अनुकूल लघु उद्योगों की स्थापना व फ्रूड प्रोसेसिंग यूनिट्स खोलने के अनुकूल परिणामों की आशा व्यक्त की है।
उन्होंने शिक्षा को रोजगारपरक बनाने तथा कौशल विकास प्रशिक्षण को पलायन रोकने में सर्वाधिक कारगर व्यवस्था बताते हुए कहा कि इसके लिए शिक्षण संस्थाओं और औद्यौगिक ईकाईयों के बीच आवश्यक समन्वयन हेतु उनके प्रयास जारी हैं। सीमान्त क्षेत्रों से पलायन पर चिन्ता व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने कहा कि इन क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था व रोजगार की विशिष्ट नीतियों को धरातल पर लाना प्रत्येक दृष्टि से आवश्यक है।
राज्यपाल ने महिलाओं को यहाँ के सामाजिक व आर्थिक ताने-बाने की धुरी बताते हुए कहा कि विश्व प्रसिद्ध चिपको आन्दोलन, राज्यगठन तथा शराबबन्दी के प्रयासों में उनकी सकारात्मक सक्रियता को कभी नजरअन्दाज नहीं किया जा सकता। पर्वतीय क्षेत्र की महिलाओं के दैनिक जीवन के कष्टों को समझते हुए राज्यपाल ने शिक्षा और आर्थिक उन्नति की सभी योजनाओं में उनकी सहभागिता और अधिकारिता को नितान्त आवश्यक बताते हुए कहा कि स्त्रियों को सशक्त किये बिना कोई समाज प्रगति नहीं कर सकता।
संविधान द्वारा प्रत्येक नागरिक को प्रदत्त सुरक्षा व गरिमा की गारंटी का उल्लेख करते हुए राज्यपाल ने कहा अधिकारों की मांग से पहले हमें अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करना होगा। उन्होंने आम आदमी के स्वस्थ, सुरक्षित व सुविधाजनक भविष्य के लिए संचालित सभी शासकीय कार्यक्रमों की सफलता हेतु सबकी सकारात्मक सहभागिता को राष्ट्रनिर्माण के लिए आवश्यक बताया।
उन्होंने युवाओं का आह्वाहन करते हुए कहा कि सकारात्मक बदलाव की शक्ति बनकर समाज में मौजूद विभिन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी ईमानदारी और दृढ़ता से आगे बढ़ें। अपना भविष्य सुनिश्चित कर देश और प्रदेश को ऊँचाइयों तक ले जाने का संकल्प लें।
राज्यपाल ने सभी मतदाताओं से अपील की है कि 15 फरवरी को होने जा रहे चैथे विधानसभा चुनाव में जाति, धर्म, धन-बल अथवा अन्य किसी दबाव में आये बिना निर्भीकता से मतदान करके लोकतंत्र को मजबूत करंे। उन्होंने सभी राजनैतिक दलों के उम्मीदवारों, कार्यकर्ताओं तथा प्रशासन से निष्पक्ष व शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित कराकर लोकतंत्र के महान पर्व का सम्मान करने की अपेक्षा की है।
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68वें गणतंत्र दिवस (26 जनवरी, 2017) के अवसर पर उत्तराखण्ड के राज्यपाल डाॅ0 कृष्ण कांत पाल का प्रदेश की जनता के नाम संदेश/अभिभाषण
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मेरे प्यारे प्रदेशवासियों!
देश के अड़सठवें गणतंत्र दिवस के अवसर पर आप सबको मेरा अभिनन्दन और बधाई।
देवभूमि की खुशहाली की कामना के साथ मैं सर्वप्रथम स्वाधीनता संग्राम के उन सभी महान पुरोधाओं को नमन करता हूँ जिनके कठिन संघर्ष, बलिदान, नैतिक सिद्धान्तों व दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर हम आजाद हुए और आज विश्व के सबसे सशक्त लोकतांत्रिक देश के नागरिक होने पर गौरवान्वित हैं।
मैं इस अहम मौके पर वीरभूमि उत्तराखण्ड के उन सभी परिवारों के प्रति भी हृदय से सम्मान प्रकट करता हूँ जिनके शौर्यवान, वीरसपूतों ने भारतीय रक्षा सेवाओं व अर्ध सैन्य बलों में शामिल होकर मातृभूमि की सेवा का महान संकल्प लिया है।
साथियो!
देश के 27वें राज्य के रूप में गठित उत्तराखण्ड ने 16 वर्षों में कई क्षेत्रों में अन्य राज्यों की तुलना में बहुत तेजी से प्रगति की है। लेकिन हमें इतने पर संतुष्ट होकर नहीं बैठना है। अलग राज्यगठन के उद्देश्यों तथा जनभावनाओं के अनुरूप विकास की ऊँचाइयों तक पहुँचने के लिए अभी बहुत कुछ करना बाकी है। सामने खड़ी तरह-तरह की चुनौतियों का सामना करने के लिए स्वयं को मजबूत करना है।
सबसे बड़ी चुनौती है पर्वतीय क्षेत्रों के दूर-दराज के पिछड़े इलाकों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पेयजल व संचार जैसी सभी बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता और पलायन पर नियंत्रण। विकास का असली मकसद तभी पूरा होगा जब समाज के सबसे कमजोर व्यक्ति तक विकास का लाभ पहुँचे और उसके जीवन की कठिनाईयाँ कम हों। विकास में सबकी समान अधिकारिता तय करके ही गणतंत्र की मूल भावना को साकार किया जा सकता है।
विकास की बाधाओं को दूर करने का सबसे कारगर जरिया है शिक्षा। प्रदेश के दूर-दराज और सीमान्त क्षेत्रों की कमजोर शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए स्कूलों में योग्य शिक्षकों की तैनाती, साफ-सुथरे स्कूल भवन तथा पठन-पाठन के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने होंगे। बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए शैक्षिक पाठ्यक्रम में कला, संस्कृति, खेल-कूद के साथ योग को भी शामिल किया जाना जरूरी है।
राज्य गठन के बाद प्रदेश में अनेक नये विश्वविद्यालय और तकनीकी शिक्षण संस्थान अस्तित्व में आ चुके हैं किन्तु यह गंभीर चिन्ता का विषय है कि हमारे उच्च शिक्षा का स्तर, युवाओं के भविष्य को सही दिशा देने तथा उनकी योग्यता के अनुरूप उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में मददगार नहीं बन सका।
राज्य में सभी स्तर के शिक्षण संस्थानों में ऐसा वातावरण सृजित करने की सख्त जरूरत है जहाँ ज्ञान-विज्ञान और परम्पराओं के बीच संतुलन द्वारा युवा पीढ़ी में रचनात्मक व भावात्मक शक्तियाँ विकसित हो सकें। हमारी नई पीढ़ी भारतीय संस्कारों और मूल्यों से पोषित होकर एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में अपने कर्तव्यों को समझ सके। इसके साथ ही उनकी रूचि, क्षमता तथा
समय की मांग के अनुरूप कौशल विकास द्वारा जीविका के पर्याप्त अवसर भी
उन्हें उपलब्ध कराने होंगे। इसके लिए वर्तमान शिक्षा प्रणाली की खामियों को चिन्हित कर उन्हें दूर करना भी जरूरी है।
मेरा सतत् प्रयास है कि औद्यौगिक संस्थानों से समन्वय स्थापित करके सूबे के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में स्थानीय जरूरतों और उद्योगों की मांग के अनुरूप रोजगारपरक पाठ्यक्रम चलाये जायें। कौशल विकास से सशक्त युवा भविष्य की चुनौतियों के लिए हिम्मत तथा आत्मविश्वास जुटा सकेंगे।
उच्च शिक्षण संस्थानों में ऐसे शोध व अनुसंधान कार्यों को भी प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है जो यहाँ के प्राकृतिक संसाधनों से छेड़-छाड़ किए बिना उन्हें आमदनी का अच्छा जरिया बनाने तथा प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से बचाने में मददगार हों, इससे विश्वविद्यालयों के स्तर पर भी सकारात्मक प्रभाव पडे़गा।
हमें प्रत्येक वर्ष आने वाले भूकंप व भू-स्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं से उत्पन्न खतरों की चुनौतियों का सामना करने के लिए भवन, सड़क, पुल तथा जल-विद्युत परियोजनाओं के निर्माण में वर्तमान में प्रयोग हो रही तकनीक में निरन्तर सुधार करने होंगे। योजनायें बनाते समय हिमालय के तलहटी क्षेत्र की संवेदनशीलता को भी हमेशा ध्यान में रखना होगा। आपदा से सम्भावित जन-धन हानि को कम से कम करने, आपदा पीड़ितों को राहत व उनके पुनर्वास जैसे महत्वपूर्ण कार्यों के प्रति भी लोगों का जागरूक होना जरूरी है।
राज्य के दूर-दराज और पहाड़ी इलाकों के लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुँच आज भी बहुत बड़ी चुनौती है। राज्य में नए मेडिकल विश्वविद्यालय, कई मेडिकल काॅलेजों तथा नर्सिंग काॅलेजों की स्थापना से आने वाले समय में मेडिकल,
पैरामेडिकल स्टाॅफ की कमी दूर होने की उम्मीद जगी है किन्तु डाॅक्टरों का पहाड़ पर जाने से कतराना चिन्ता का विषय है।
साथियों!
सौभाग्य से हमारे पास अनमोल वन संपदा और अनोखी लोक संस्कृति की विरासत है, जिसकी हिफाजत हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। दैवीय आपदाओं और बदलते पर्यावरण के बुरे प्रभावों से बचने के लिए हमें आजीविका में मददगार इन प्राकृतिक संसाधनों के संतुलित उपयोग की आदत डालनी होगी।
पर्यटन विस्तार की दृष्टि से उत्तराखण्ड को देश की राजधानी के निकट होने का और अधिक लाभ मिल सकता है। धार्मिक, साहसिक और प्राकृतिक पर्यटन सहित विश्व के ‘श्रेष्ठ योग साधना स्थल’ के रूप मंे राज्य को विकसित करने के लिए बेहतरीन माहौल हमें विरासत में मिला है। ऋषि-मुनियों की योग-साधना की जन्मस्थली देवभूमि उत्तराखण्ड के प्राचीन वैभव को पुनः वापस लाने के लिए हमें भरपूर प्रयास करने हैं। इसके बहुत अच्छे परिणाम होंगे।
जैविक कृषि, बागवानी, फलोत्पादन, जड़ी-बूटी व सगन्ध पौधों की खेती को लाभदायक बनाने के लिए जरूरी है कि पर्वतीय क्षेत्रों में पर्यावरण के अनुकूल लघु उद्योगों की स्थापना हो तथा फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स खोले जायें। स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कच्चे माल के मूल्य संवर्धन के लिए विशेष नीति बनाना भी आवश्यक है।
राज्य के सभी विश्वविद्यालयों तथा इंडस्ट्रियल यूनिट्स के बीच प्रभावी तालमेल का प्रयास जारी है ताकि सूबे के पहाड़ी इलाकों में जैविक खेती, पशुपालन व अन्य कुटीर उद्योगों को लाभकारी बनाकर काश्तकारों विशेषतः युवाओं को इस ओर आकर्षित किया जा सके। पलायन रोकने के लिए यह व्यवस्था अवश्य ही कारगर साबित होगी।
सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हमारे राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए सबसे जरूरी है बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था और रोजगार-स्वरोजगार की योजनाओं को धरातल पर लाना। इससे सीमा पर घुसपैठ और उपद्रव जैसी घटनाओं की आशंका नहंी रहेगी।
उत्तराखण्ड के सामाजिक व आर्थिक ताने-बाने की धुरी यहाँ की महिलायें हैं। विश्व प्रसिद्ध चिपको आन्दोलन, राज्य गठन आन्दोलन तथा शराबबन्दी के प्रयास में उनकी सकारात्मक भूमिका को कभी नजर अन्दाज नहीं किया जा सकता। मैं जानता हूँ कि पर्वतीय क्षेत्र की महिलाओं का दैनिक जीवन कठिनाईयों से भरा है। उनकी तकलीफों को कम करने के लिए शिक्षा तथा आर्थिक उन्नति की विभिन्न गतिविधियों द्वारा उन्हें सशक्त करना होगा। यह निहायत जरूरी है कि उनके कल्याण की योजनाओं में उनकी सहभागिता और विकास के लाभ में उनकी अधिकारिता सुनिश्चित हो। महिलाओं को सशक्त किए बिना कोई देश या समाज प्रगति नहीं कर सकता।
प्रिय नागरिकों!
हमारा संविधान प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा और गरिमा की गारंटी देता है। हमारा भी कर्तव्य है कि भ्रष्टाचार, हिंसा तथा भूमिगत आंदोलनों को नियंत्रित करने में मदद करके राज्य और देश के सतत् विकास व सामाजिक एकता के लिए अनुकूल
वातावरण बनायें। केवल अधिकारों की बात न करके पूरी ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का भी पालन करें।
गंाधी जी ने कहा था, ‘‘ ऐसे लोग कभी भी तरक्की नहीं कर पाए, जिन्होंने केवल अपने अधिकारों के बारे में सोचा है। केवल उन्होंने ही तरक्की की है, जिन्होंने अपने कर्तव्यों के बारे में सोचा है।’’
भाईयों-बहनों!
आपको मालूम है कि देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत और पारदर्शी बनाकर आम आदमी की सुविधा व सुरक्षित भविष्य के लिए कई योजनायें चलाई जा रही हैं। लोकतांत्रिक देश के जागरूक नागरिक के रूप में अपनी सक्रिय सहभागिता से उनकी सफलता सुनिश्चित करें।
प्रदेश के ऊर्जावान युवा साथियो!
देश व प्रदेश का विकास आपकी रचनात्मक सोच व असाधारण ऊर्जा पर केन्द्रित है। हमारे समाज में मौजूद तरह-तरह की चुनौतियों का सामना करने के लिए आपको सकारात्मक बदलाव की शक्ति बनकर आगे आना होगा। ईमानदारी, निर्भीकता और दृढ़ता से जिम्मेदारियों को उठाकर अपना भविष्य सुनिश्चित करते हुए प्रदेश को एक आदर्श राज्य बनाने का संकल्प लें।
मेरे प्यारे राज्य वासियों!
राज्य में चैथे विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। आपको आगामी 05 वर्षों के लिए एक बार फिर अपनी सरकार चुनने का सुनहरा अवसर मिल रहा है। मेरी अपील है कि जाति, धर्म, धन, बल अथवा अन्य किसी दबाव में आये बिना, राज्य हित में निजी स्वार्थ से ऊपर उठकर, निर्भीक होकर, संविधान से प्राप्त अपने मताधिकार का प्रयोग करें और लोकतंत्र को मजबूत बनायें।
मैं विभिन्न राजनैतिक दलों के सभी उम्मीदवारों, कार्यकर्ताओं तथा प्रशासन से भी अपील करता हूँ कि वे निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित कराकर लोकतंत्र के इस महापर्व का सम्मान करें।
एक बार पुनः आपको इस महान राष्ट्रीय पर्व की शुभकामनाएं।
जय हिंद!