भूकंप के झटके हर जगह महसूस किये गये

भूकंप के बाद भय का माहौल # मौसम विभाग के मुताबिक भूकंप का केंद्र उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में जमीन से सात किलोमीटर नीचे था. #नैशनल मीडिया ने भूकंप का केंद्र रुद्रप्रयाग के पिपलकोटि तो अन्य ने भूकंप का केंद्र उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में बताया# दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में इस भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। उत्तराखंड, पंजाब, उत्तरप्रदेश में करीब 30 सेकंड तक तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए# इसका केंद्र उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में जमीन के 33 किमी अंदर बताया जा रहा है# www.himalayauk.org (Leading Digitl Newsportal) 
दिल्ली के अलावा उत्तराखंड और चंडीगढ़ में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. राष्ट्री य भूकंप ब्यूेरो के अनुसार भूकंप की तीव्रता 5.8 थी. भूकंप का केंद्र उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग के पिपलकोटि को बताया जा रहा है. भूकंप जमीन के 33 किलोमीटर नीचे आया था और 7-10 सेकेंड तक झटके महसूस किए गए. देहरादून और हरिद्वार में अपेक्षाकृत ज्या दा तेज झटके महसूस हुए. अमेरिकी जीयोलॉजिकल सर्वे के अनुसार भूकंप की तीव्रता 5.6 थी. 26 दिसम्बर को भी उत्तराखंड में 3.5 की तीव्रता से भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए थे. ये झटके राजधानी देहरादून और पड़ोसी जिले उत्तरकाशी में भी महसूस हुए थे. भारतीय मौसम विभाग ने कहा था कि इस भूकंप का मुख्य केंद्र 30.8 उत्तरी अक्षांश और 77.9 पूर्वी देशांतर में देहरादून के आसपास था. इसकी गहराई भूमि सतह से 10 किलोमीटर नीचे रही. ये हल्के झटके थे और इनसे जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ था.
भू-वैज्ञानिकों ने भूकंप के खतरे को देखते हुए देश के हिस्सों को सीस्मिक जोन में बांटा है। सबसे कम खतरा जोन 2 में है और सबसे ज्यादा जोन 5 में है। दिल्ली जोन 4 में है, यहां रिक्टर पैमाने पर 6 से ज्यादा तीव्रता वाला भूकंप भारी तबाही मचा सकता है। जोन 4 में मुंबई, दिल्ली जैसे शहर हैं। इनके अलावा जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, पश्चिमी गुजरात, उत्तर प्रदेश के पहाड़ी इलाके और बिहार-नेपाल सीमा के इलाके इसमें शामिल हैं। यहां भूकंप का खतरा लगातार बना रहता है। पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूम रही हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है।
– बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है। डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
दिल्ली एनसीआर और हिमाचल, हरियाणा, पंजाब और यूपी में भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूगर्भ विज्ञानी के मुताबिक, ‘अभी भूकंप के बाद के झटकों का खतरा है लेकिन इनकी तीव्रता कम होने की उम्मीद है।’ ये झटके रात 10:45 बजे महसूस किए गए। खबरों के मुताबिक उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में इसका केंद्र बताया जा रहा है। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.8 बताई जा रही है। 30 सेकेंड तक ये झटके महसूस किए गए। दिल्ली एनसीआर के अलावा हिमाचल प्रदेश, पंजाब, यूपी और हरियाणा में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता इतनी तेज थी कि लोग डरे-सहमे लोग घरों से बाहर भागे। ऊंची इमारतों में रहने वाले लोगों ने भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए हैं।
भूकंप का केंद्र जमीन के 10 किलोमीटर नीचे था। देहरादून की ओर भूकंप की तीव्रता ज्यादा रही है। बताया जा रहा है कि भूकंप के झटके काफी देर तक महसूस किए गए, देहरादून में झटकों के बाद लोग सड़कों पर निकल आए। देहरादून से मिली खबरों के मुताबिक लोग कुमाऊं, गढ़वाल की रेंज में झटके महसूस किए गए, पश्चिमी यूपी में भी झटके महसूस किए गए।
राजधानी बगोटा सहित मध्य कोलंबिया के कई बड़े शहरों में सोमवार (6 फरवरी) 5.7 तीव्रता का भूकंप आया। अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए भूकंप से तत्काल किसी के हताहत ना होने या किसी तरह का नुकसान ना होने के संकेत दिए। कोलंबियाई भूवैज्ञानिक सेवा ने बताया कि भूकंप सुबह आठ बजकर दो मिनट (स्थानीय समय) पर आया और उसका केंद्र देश के मध्य क्षेत्र हुइला के कोलंबिया शहर से दक्षिणपूर्व में पांच किलोमीटर की दूरी पर था।

70 लाख की आबादी वाले शहर बगोटा में स्कूल और कार्यालयों से लोगों को बाहर निकाला गया। कोलंबिया के तीसरे सबसे बड़े शहर कली सहित दूसरे शहरों के लोगों ने बताया कि भूकंप के बाद वहां भय का माहौल था। राष्ट्रपति जोस मैन्युल सांतोस ने ट्विटर पर लिखा, ‘कोलंबिया में भूकंप के बाद नुकसान की खबरें नहीं हैं। हम आगे खबरों पर ध्यान दे रहे हैं।’ अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने भूकंप की तीव्रता 5.6 बतायी और कहा कि भूकंप 37.3 किलोमीटर की गहराई पर आया।
तुर्की के उत्तरी एजियन तटीय क्षेत्र में सोमवार (6 फरवरी) को 5.3 तीव्रता के भूकंप के दो झटके महसूस किए जिससे कम से कम पांच गावों में दर्जनों मकान क्षतिग्रस्त हो गए और कम से कम पांच लोग घायल हो गए। इस्तांबुल आधारित कांडिल्ली आब्जर्वेटरी के भूकंप विज्ञान केन्द्र के अनुसार भूकंप का पहला झटका तुर्की के उत्तर पश्चिमी चनाक्काले प्रांत में सोमवार सुबह छह बजकर 51 मिनट पर आयवसिक अपतटीय क्षेत्र में आया। इसके बाद 4.9 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किये गये।

भूकंप का दूसरा झटका स्थानीय समयानुसार दिन में 1:58 बजे महसूस किया गया। सरकार संचालित अनादोलु एजेंसी ने बताया कि आयवसिक के पास तासगिल, टुज्ला, युकारी, चाम और गुल्पिनार गांवों में कुछ मकान क्षतिग्रस्त हो गये और कम से कम पांच लोग घायल हुये हैं। तुर्की भूकंप के लिहाज से संवेदनशील स्थान है जिसके चलते यहां आये दिन भूकंप आते रहते हैं।
तुर्की के उत्तरी एजियन तटीय क्षेत्र में सोमवार (6 फरवरी) को 5.3 तीव्रता के भूकंप के दो झटके महसूस किए जिससे कम से कम पांच गावों में दर्जनों मकान क्षतिग्रस्त हो गए और कम से कम पांच लोग घायल हो गए। इस्तांबुल आधारित कांडिल्ली आब्जर्वेटरी के भूकंप विज्ञान केन्द्र के अनुसार भूकंप का पहला झटका तुर्की के उत्तर पश्चिमी चनाक्काले प्रांत में सोमवार सुबह छह बजकर 51 मिनट पर आयवसिक अपतटीय क्षेत्र में आया। इसके बाद 4.9 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किये गये।
भूकंप का दूसरा झटका स्थानीय समयानुसार दिन में 1:58 बजे महसूस किया गया। सरकार संचालित अनादोलु एजेंसी ने बताया कि आयवसिक के पास तासगिल, टुज्ला, युकारी, चाम और गुल्पिनार गांवों में कुछ मकान क्षतिग्रस्त हो गये और कम से कम पांच लोग घायल हुये हैं। तुर्की भूकंप के लिहाज से संवेदनशील स्थान है जिसके चलते यहां आये दिन भूकंप आते रहते हैं।
इससे पहले कोलंबिया की राजधानी बगोटा सहित मध्य कोलंबिया के कई बड़े शहरों में सोमवार (6 फरवरी) 5.7 तीव्रता का भूकंप आया। अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए भूकंप से तत्काल किसी के हताहत ना होने या किसी तरह का नुकसान ना होने के संकेत दिए। कोलंबियाई भूवैज्ञानिक सेवा ने बताया कि भूकंप सुबह आठ बजकर दो मिनट (स्थानीय समय) पर आया और उसका केंद्र देश के मध्य क्षेत्र हुइला के कोलंबिया शहर से दक्षिणपूर्व में पांच किलोमीटर की दूरी पर था।

70 लाख की आबादी वाले शहर बगोटा में स्कूल और कार्यालयों से लोगों को बाहर निकाला गया। कोलंबिया के तीसरे सबसे बड़े शहर कली सहित दूसरे शहरों के लोगों ने बताया कि भूकंप के बाद वहां भय का माहौल था। राष्ट्रपति जोस मैन्युल सांतोस ने ट्विटर पर लिखा, ‘कोलंबिया में भूकंप के बाद नुकसान की खबरें नहीं हैं। हम आगे खबरों पर ध्यान दे रहे हैं।’ अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने भूकंप की तीव्रता 5.6 बतायी और कहा कि भूकंप 37.3 किलोमीटर की गहराई पर आया।

दिल्ली-एनसीआर में सोमवार रात 10.33 बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं. भूकंप के झटके तकरीबन 30 सेकेंड तक आते रहे. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन विभाग ने भूकंप से सतर्कता संबंधी कुछ जरूरी बातें बताई हैं, जिसका अनुसरण कर आप भुकंप के समय अपना बचाव कर सकते हैं:
1. अगर आप किसी इमारत के अंदर हैं तो फर्श पर बैठ जाएं और किसी मजबूत फर्नीचर के नीचे चले जाएं. यदि कोई मेज या ऐसा फर्नीचर न हो तो अपने चेहरे और सर को हाथों से ढंक लें और कमरे के किसी कोने में दुबककर बैठ जाएं.
2. अगर आप इमारत से बाहर हैं तो इमारत, पेड़, खंभे और तारों से दूर हट जाएं.
3. अगर आप किसी वाहन में सफर कर रहे हैं तो जितनी जल्दी हो सके वाहन रोक दें और वाहन के अंदर ही बैठे रहें.
4. अगर आप मलबे के ढेर में दब गए हैं तो माचिस कभी न जलाएं, न तो हिलें और न ही किसी चीज को धक्का दें.
5. मलबे में दबे होने की स्थिति में किसी पाइप या दीवार पर हल्के-हल्के थपथपाएं, जिससे कि बचावकर्मी आपकी स्थिति समझ सकें. अगर आपके पास कोई सीटी हो तो उसे बजाएं.
6. कोई चारा न होने की स्थिति में ही शोर मचाएं. शोर मचाने से आपकी सांसों में दमघोंटू धूल और गर्द जा सकती है.
7. अपने घर में हमेशा आपदा राहत किट तैयार रखें.

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