चिंताजनक- इंग्लैंड ने भारत को एक झटका दिया
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज दुनिया भर के देशों के साथ रिश्ते मजबूत करने के लिए दौरे कर रहे हैं. इन सबके बीच इंग्लैंड ने भारत को एक झटका दिया है. इंग्लैंड ने उदार वीजा नीति की नई लिस्ट जारी की है, जिसमें दुनिया के 25 देशों के नाम शामिल हैं. भारत के लिहाज से यह लिस्ट चिंताजनक है. दरअसल, इस लिस्ट से भारत का नाम हटा दिया गया है, जबकि चीन इसमें शामिल है. विदेश मामलों के जानकार इस मुद्दे पर भारत के मुकाबले चीन की रणनीतिक जीत मान रहे हैं. ब्रिटेन के अंतरराष्ट्रीय कारोबार मंत्री लिआम फॉक्स ने कहा कि भारत को उन देशों की नई सूची से बाहर कर दिया गया है, जिनके छात्र ब्रिटिश यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए वीजा आवेदन प्रक्रिया में राहत पा सकते हैं. इस सूची से भारत को बाहर किए जाने की वजह अवैध भारतीय प्रवासियों का अनसुलझा मामला है.
केंद्र में बीजेपी की सरकार बनने के बाद कई नई देशों के साथ भारत ने उदार वीजा नीति को अपनाया है. आमतौर पर उदार वीजा नीति मित्र राष्ट्र के साथ ही होती है. साल 2015 में भारत ने कनाडा सहित कुछ और यूरोपीय देशों के साथ उदार वीजा नीति लागू किया था. इसके अलावा भारत फिल्मों की शूटिंग करने और ईलाज कराने के नाम पर आसानी से वीजा जारी करता है.
इस साल मध्य अप्रैल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन यात्र से पहले भारतीय कैबिनेट ने ब्रिटेन से अवैध प्रवासियों की स्वदेश वापसी को लेकर समझौते पर मुहर लगा दी थी. इस दौरे पर करीब 25 समझौते होने थे. भारत ने हालांकि अंतिम समय में इस समझौते पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया था. विदेश मंत्रालय ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई थी कि भारतीय एजेंसियों को बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों के सत्यापन के लिए महज 15 दिन का समय दिया गया है. ब्रिटेन ने नई सूची में चीन, मालदीव, मेक्सिको और बहरीन समेत 25 देशों को शामिल किया है.
ब्रिटेन के इस फैसले से भारतीय छात्रों को सबसे ज्यादा नुकसान होगा. हर साल सैंकड़ो भारतीय छात्र पढ़ाई करने के लिए ब्रिेटेन जाते हैं. ब्रिटेन-भारत वीक से अलग फॉक्स ने कहा, ‘हमें भारत के साथ निरंतर बातचीत करने की जरूरत है. हमेशा से आसान नियमों की मांग होती रही है, लेकिन हम इन मसलों के हल के बिना इन पर गौर नहीं कर सकते.’
इस फैसले का भारत-ब्रिटेन के संबंधों पर पड़ने वाले असर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘हमारा संबंध दीर्घकालीन है और यह सिर्फ कारोबार तक सीमित नहीं है.’ इंग्लैंड का पक्ष रखते हुए यहां के अंतरराष्ट्रीय कारोबार मंत्री लिआम फॉक्स ने कहा, ‘भारत ने अवैध प्रवासियों पर नहीं किया.’