उत्तराखण्ड मेें फिल्म शूटिंग शुल्क माफ ; मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड & Top UK News 19 Dec 19

देहरादून 19 दिसम्बर, 2019(सू.ब्यूरो/ Himalayauk Bureau) # उत्तराखण्ड भ्रमण पर आएगा फिल्मकारों का दल #राज्य के विभिन्न स्थानों पर फिल्म शूटिंग की सम्भावनाएं तलाशी जाएंगी। #   मुम्बई में फिल्म जगत की नामचीन हस्तियों ने मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मुलाकात की। #मुख्यमंत्री ने फिल्मकारों का कण्डाली की जैकेट भेंट की।# अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सरकारी विभागों में रिक्त पदों पर सीधी भर्ती की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश &बांग्लादेश के प्रधानमंत्री कार्यालय, बांग्लादेश योजना आयोग व यूएनडीपी बांग्लादेश के वरिष्ठ सदस्यों का एक प्रतिनिधिमण्डलदेहरादून पहुंचा& देहरादून जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कैम्प कार्यालय में पशुपालन विभाग की समीक्षा बैठक & चमोली जिलाधिकारी ने वित्त्तीय एवं भौतिक प्रगति समीक्षा की & टीएचडीसी डिस्पेंसरी में अपने सीएसआर कार्यक्रम के तहत रक्तदान शिविर का आयोजन

बुधवार देर सांय मुम्बई में जाने माने फिल्मकारों ने उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मुलाकात की। इस अवसर पर उत्तराखण्ड में फिल्म शूटिंग को बढ़ावा देने और राज्य की फिल्म नीति पर विस्तार से चर्चा की गई। जल्द ही फिल्मकारों का एक दल उत्तराखण्ड आएगा और विभिन्न स्थानों का भ्रमण कर वहां फिल्म शूटिंग की सम्भावनाओं का जायजा लेगा।

मुख्यमंत्री ने मिलने आए फिल्मकारों को उत्तराखण्ड में कण्डाली (बिच्छु घास) से बनी जैकेट भेंट की। सभी ने जैकेट की तारीफ की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में प्राकृतिक रूप से उपलब्ध कण्डाली से जैकेट सहित बहुत सी वस्तुएं बनाई जा सकती हैं। यह राज्य के युवाओं के लिए रोजगार का बड़ा अवसर उपलब्ध करा सकती है। राज्य सरकार इसे लगातार प्रोत्साहित कर रही है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड में फिल्म इंडस्ट्रीज का आकर्षण भी काफी बढ़ा है। गत वर्ष राज्य में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट में देशविदेश के फिल्म निर्माताओं द्वारा जो सुझाव दिये गये थे, उन्हें शामिल करते हुए फिल्म नीति 2019 लागू की गई। इसके साथ ही फिल्म जगत की बङी हस्तियों से संवाद कर उन्हें उत्तराखंड में फिल्म शूटिंग के लिए आमंत्रित किया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा 66 वें राष्ट्रीय फिल्म फेयर अवार्ड्स में उत्तराखण्ड का चयन मोस्ट फिल्म फेंडली स्टेट के लिए किया गया है। राज्य सरकार की फिल्म नीति के कारण ही पिछले वर्ष 180 से अधिक फिल्मों की शूटिंग राज्य में की गईं, जो एक समर्पित क्षेत्र नीति का ही परिणाम है। बड़ी संख्या मे दक्षिण भारत व अन्य क्षेत्रों के फिल्मकार भी राज्य के प्रति आकर्षित हुए हैं। उत्तराखण्ड का प्राकृतिक सौन्दर्य फिल्मों के अनुकूल है। यहां का शांत माहौल, अपनत्व व भाई चारा फिल्म निर्माताओं को पसन्द आया है। उत्तराखण्ड को ओपन फिल्म स्टूडियो कहा जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड मेें फिल्म उद्योग को बढावा देने के लिए फिल्म शूटिंग शुल्क माफ कर दिया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा फिल्मो की शूटिंग से संबंधित सभी औपचारिकताएं सिंगल विण्डो सिस्टम केे माध्यम से एक सप्ताह के भीतर पूरी की जा रही है। हमारा प्रयास है कि हम पर्यटन, फिल्म व्यवसाय व फिल्म उद्योग का समन्वय कर प्रदेश को विकास की नई दिशा की ओर लेकर चलें। देहरादून स्थित जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट का विस्तार किया जा रहा है। देहरादून देश के प्रमुख शहरों से हवाई सेवा से जुड़ चुका है। प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों को भी वायु मार्ग से जोडने का प्रयास किया जा रहा है।
बैठक में उपस्थित फिल्मकारों ने उत्तराखण्ड सरकार द्वारा फिल्म शूटिंग को प्रोत्साहित करने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इन प्रयासो की गम्भीरता का इसी बात से पता चलता है कि स्वयं मुख्यमंत्री तीन बार मुम्बई आकर फिल्मकारों से मिल चुके हैं।

अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सरकारी विभागों में रिक्त पदों पर सीधी भर्ती की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश

अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सरकारी विभागों में रिक्त पदों पर सीधी भर्ती की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि नियमावलियों के संबंध में किसी प्रकार की समस्या हो तो विभागीय अधिकारी कार्मिक विभाग में व्यक्तिगत रूप से आकर दिशा-निर्देश प्राप्त करें। अपर मुख्य सचिव,  गुरूवार को सचिवालय में आयोजित बैठक में सीधी भर्ती प्रक्रिया की समीक्षा कर रही थीं। विगत नवम्बर माह में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रत्येक माह की 9, 19 व 29 तारीख को भर्ती प्रक्रिया की समीक्षा करने के निर्देश दिए थे। उसी क्रम में यह बैठक आयोजित की गई। इसमें उत्तराखण्ड राज्य लोक सेवा आयोग, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग व तमाम विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि जिन विभागों में एकीकरण की प्रक्रिया की जानी है, वहां इसे जल्द से जल्द करते हुए रिक्त पदों पर भर्ती के लिए अध्याचन राज्य लोक सेवा आयोग व अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को प्रेषित करें।

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि अध्याचन की प्रक्रिया में पहले से तेजी आई है, परंतु इसमें और शीघ्रता की आवश्यकता है। जिन विभागों को नियमावली संबंधी कारणों से अध्याचन भेजने में कठिनाई हो रही हो, वे शासन में कार्मिक विभाग में व्यक्तिगत रूप से मिलकर परामर्श प्राप्त कर लें। इसमें औपचारिक पत्राचार में समय नष्ट न करें। सभी विभागीय अधिकारी रिक्त पदों के अध्याचन भेजने को सर्वोच्च प्राथमिकता पर लें।
बताया गया कि उत्तराखण्ड राज्य लोक सेवा आयोग व अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा अध्याचन की प्रक्रिया को 30 दिसम्बर तक आनलाईन कर दिया जाएगा। बैठक में इसका प्रस्तुतिकरण भी दिया गया। सोमवार से संबंधित अधिकारियों को प्रशिक्षण देना प्रारम्भ किया जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के निर्देशों पर भर्ती प्रक्रिया की लगातार समीक्षा की जा रही है। इससे पूर्व 3 व 13 दिसम्बर को अपर सचिव कार्मिक के स्तर पर समीक्षा की जा चुकी है। 3 दिसम्बर को पीसीएस की भर्ती व 13 दिसम्बर को यांत्रिक सेवा में भर्ती के संबंध में समीक्षा की गई थी।  

बांग्लादेश के प्रधानमंत्री कार्यालय, बांग्लादेश योजना आयोग व यूएनडीपी बांग्लादेश के वरिष्ठ सदस्यों का एक प्रतिनिधिमण्डलदेहरादून पहुंचा

देहरादून 19 दिसम्बर, 2019(सू.ब्यूरो)  बांग्लादेश के प्रधानमंत्री कार्यालय, बांग्लादेश योजना आयोग व यूएनडीपी बांग्लादेश के वरिष्ठ सदस्यों का एक प्रतिनिधिमण्डल, उत्तराखण्ड राज्य की नियोजन प्रक्रिया व क्रियान्विति में सतत विकास लक्ष्यों (एस.डी.जी.) के समेकन का अध्ययन करने एक दिन के दौरे पर बुधवार को देहरादून पहुंचा। दल के सदस्यों में मुख्य रूप से जनरल इकोनोमिक डिवीजन, बांग्लादेश प्लानिंग कमीशन  के प्रमुख श्री मोहम्मद मफीदुल इस्लाम, सदस्य श्री शमसुल आलम व प्रधानमंत्री कार्यालय में सतत विकास लक्ष्य मामलों के अपर सचिव श्री मोहम्मद मुकाम्मल हुसैन शामिल थे। बांग्लादेश का यह हाईपावर प्रतिनिधिमण्डल, एस.डी.जी. के राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर कार्यान्वयन का अध्ययन करने के लिए पांच दिन के भारत भ्रमण पर आया है। इसी के तहत दल ने उत्तराखण्ड का भी भ्रमण किया।

यूएनडीपी की उत्तराखण्ड राज्य प्रमुख सुश्री रश्मी बजाज ने प्रतिनिधिमण्डल का स्वागत किया। प्रतिनिधिमण्डल की अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी और सचिव वित्त व नियोजन श्री अमित नेगी की उपस्थिति में उत्तराखण्ड के अधिकारियों के साथ बैठक में  विस्तार से विचार विमर्श हुआ। सेंटर फार पब्लिक पाॅलिसी एंड गुड गर्वनेंस (सीपीपीजीजी) के एसीईओ श्री मनोज पंत ने उत्तराखण्ड सरकार द्वारा सतत विकास लक्ष्यों के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। प्रतिनिधिमण्डल ने सीपीपीजीजी के बारे में जिज्ञासा जाहिर की और इसके बारे में अनेक प्रश्न पूछे। सीपीपीजीजी की स्थापना, विभिन्न अकादमिक संस्थाओं व विशेषज्ञों के सहयोग से प्रभावी नीति निर्माण द्वारा राज्य में सतत विकास को गति प्रदान करने के उद्देश्य से की गई है। यह सेंटर वर्तमान में उत्तराखण्ड सरकार के विभिन्न विभागों को नीति निर्माण में सहयोग प्रदान कर रहा है।

बांग्लादेशी प्रतिनिधिमण्डल के प्रमुख श्री इस्लाम ने उत्तराखण्ड व बांग्लादेश की समान समस्याओं विशेषतौर पर जलवायु परिवर्तन पर बल दिया। उन्होंने उत्तराखण्ड के साथ ज्ञान व अनुभव को साझा करने और समान प्रकृति की समस्याओं के निदान के लिए पारस्परिक सहयोग की बात कही।    

प्रतिनिधिमण्डल ने देहरादून के रायपुर ब्लाॅक में पाववाला सोडा गांव का भ्रमण कर ग्राम पंचायत विकास नियोजन प्रक्रिया में सतत विकास लक्ष्यों के समेकन की जानकारी ली। उन्होंने ग्राम प्रधान व ग्राम सभा के अन्य सदस्यों से बातचीत की। इस अवसर पर रायपुर ब्लाॅक प्रमुख सुश्री दिव्या भारती, जिला पंचायत सदस्य श्री अश्विनी बहुगुणा,  जिला पंचायत राज अधिकारी, देहरादून श्री जफर खान, खण्ड विकास अधिकारी श्री धीरज रावत सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

देहरादून जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कैम्प कार्यालय में पशुपालन विभाग की समीक्षा बैठक

देहरादून दिनांक 19 दिसंबर 2019, जिलाधिकारी सी रविशंकर की अध्यक्षता में कैम्प कार्यालय में पशुपालन विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गयी।

बैठक में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी एस.बी पाण्डेय ने पशुपालन विभाग द्वारा पशुधन सुधार में किये गये कार्यों और जनपद में पशुधन को बढावा देने के लिए चलाये जा रहे कार्यक्रमों-योजनाओं की प्रगति के बारे में जिलाधिकारी को अवगत कराया। उन्होंने अवगत कराया कि कृत्रिम गर्भाधान योजना के तहत् सम्बन्धित पोर्टल पर कुछ अवशेष आंकड़े अपलोड किये जा रहे हैं, जिससे प्रगति में थोड़ी बढोतरी दर्ज होगी। बैठक जिलाधिकारी को अवगत कराया कि जनपद में वर्ष 2012 की पशुधन गणना के अनुसार साढे 4 लाख पशु और 4 लाख चिड़िया वर्ग(मुर्गी-बत्तख इत्यादि) सहित कुल साढे आठ लाख पशुधन हैं। कहा कि जनपद में अब तक पशुधन टीकाकरण में 52,120 बकरी में पीपीआर टीके, 2 लाख 88 हजार एफएमडी टीके तथा अन्य टीके सहित कुल 4 लाख 75 से उपर पशुधन का टीकाकरण किया गया है। उन्होंने अवगत कराया कि ‘सैक्स शर्टेड सीमन’ तकनीक से पशुओं का निःशुल्क कृत्रिम गर्भाधान किया जा रहा है और इस तकनीक से लगभग 90 प्रतिशत् बछिया ही पैदा होती है और उन्नत नस्ल के पशु पैदा होने से दुग्ध उत्पादन में बहुत वृद्धि होती है, जो 2022 तक किसान की आय दुगुना करने में भी मददगार होगा। उन्होंने सभी किसानों और पशुपालकों से पशुपालन विभाग के सहयोग से इसी तकनीक से गर्भाधान करवाने की अपील की।

जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को कृत्रिम गर्भाधान योजना के तहत् पशुओं का कलस्टर आधारित गर्भाधान करवाने, साथ ही प्रोडक्टिव पशुधन की मात्रा बढाने के निर्देश दिये।  उन्होंने गौशाला निर्माण बकरीपालन इत्यादि योजनाओं को मनरेगा इत्यादि के माध्यम से लिंक करने और सही लाभार्थी को पशुपालन की विभिन्न योजनाओं की एकीकृत तरीके से लाभ प्रदान करते हुए उसकी आजीविका में सुधार लाने के निर्देश दिये।

जिलाधिकारी ने 20 सूत्री कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए ‘अण्डा और दुग्ध’ उत्पादन पर विशेष फोकस करते हुए इन दोनों के उत्पादन को 10 प्रतिशत् बढाने का लक्ष्य दिया। उन्होंने कहा कि इन दोनों मद में वर्तमान समय में बहुत अधिक डिमाण्ड हैं विभिन्न होस्टल्स इत्यादि में अण्डो की बहुत डिमाण्ड रहती है, जिनसे टाइअप करते हुए इसको और बढाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अपने सभी प्रकार के संसाधनों का एक बार अवलोकन कर लें यदि पशुओं को कैरी करने हेतु वाहन-एम्बुलेंस, डायनौस्टिक लैब इत्यादि की जरूरत हो तो उसका प्रस्ताव बना कर दें, लेकिन हर ब्लाक में मिनिमम पशु सहायक उपकरण जरूर होने चाहिए।
चकराता पशु चिकित्साधिकारी ने चकराता में उपकरण और मानवीय संसाधन की कमी होने की बात रखी जिस पर जिलाधिकारी ने इस सम्बन्ध में प्रस्ताव देने तथा मैदानी क्षेत्रों में पूर्व में निर्वाचन कार्य में तैनात कार्मिकों को चकराता में तैनात करने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने सभी प्रकार के पशुधन, इम्यूनाइजेशन, संसाधन इत्यादि का सही डाटा तैयार करते हुए पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिये कि विस्तृत होमवर्क करते हुए एक्शन प्लान तैयार करें तथा फिल्ड के कार्मिंक को लक्ष्य देकर उसकी लगातार माॅनिटिरिंग करते हुए प्रगति बढायें। उन्होंने पहाड़ी क्षेत्रों में वहां की जलवायु के अनुकुल पशुधन सुधार की तकनीक का उपयोग करने और मानक के अनुसार प्रत्येक पशु का टीकाकरण करने और लोगों को पशुधन बिमा करवाने के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिये। इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी  ने पशुपालन विभाग की विभिन्न योजनाओं का लोगों को सीधा लाभ दिलवाने के लिए ब्लाक स्तर से लेकर न्याय पंचायत व ग्राम पंचायत स्तर तक साइन बोर्ड, ब्रोशर्स, बुकलेट तथा जागरूकता शिविर इत्यादि के माध्यम से व्यापाक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर बैठक में मुख्य विकास अधिकारी जी.एस रावत, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डाॅ एस बी जोशी सहित पशुपालन विभाग के क्षेत्रीय पशु चिकित्साधिकारी व कार्मिक उपस्थित थे।

चमोली जिलाधिकारी ने वित्त्तीय एवं भौतिक प्रगति समीक्षा की

चमोली 19 दिसंबर,2019(सू0वि0)  जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने गुरूवार को क्लेक्ट्रेट सभागार में जिला योजना, राज्य सैक्टर, केन्द्र पोषित, वाह्य सहायतित एवं बीससूत्री योजनाओं के अन्तर्गत प्रस्तावित कार्यो की वित्त्तीय एवं भौतिक प्रगति समीक्षा की। उन्होंने सभी विभागों को प्रस्तावित कार्यो को गुणवत्ता के साथ समय से पूरा करने तथा निर्माण योजनाओं की पूरी जानकारी साइट पर बोर्ड के माध्यम से प्रदर्शित करने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने सभी निर्माणदायी विभागों को संचालित कार्यो में तेजी लाने तथा जिला योजना के तहत संचालित निर्माण कार्यो को 10 जनवरी तक हर हाल में पूरा कर निमार्ण कार्यो की फोटो, एमबी उपलब्ध कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा किसी भी विभाग की कोई भी योजना जो भूमि विवाद या किसी  अन्य अपरिहार्य कारणों से इस वित्तीय वर्ष में पूरी नही हो सकती है, तो उस योजना के बदले समय रहते दूसरी योजना प्रस्तावित करना सुनिश्चित करें। कृषि, उद्यान, पशुपालन, मत्स्य, रेशम आदि रेखीय विभागों को जिला योजना के तहत लाभान्वित किए गए काश्तकारों का ब्यौरा उपलब्ध कराने को कहा। उन्होंने जंगली जानवरों से फसलों की सुरक्षा हेतु चैनलिंक फैन्सिंग का कार्य भी शीघ्र पूरा कराने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि जिन विभागों की परिसंपत्तियों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है वे तत्काल हैडओवर की कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। 

जिला योजना के तहत लोनिवि ने अभी तक सबसे कम 24 प्रतिशत व्यय करने पर कडी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए जिलाधिकारी सख्त हिदायत दी की जनवरी तक जितने भी निर्माण कार्य पूरे हो चुके है उनका भुगतान करना सुनिश्चित करें। इसके अलावा वन, पेयजल निगम, उरेडा, लघु सिंचाई, कृषि आदि विभागों को जिला योजना के तहत 60 प्रतिशत से कम व्यय करने पर भी नाराजगी व्यक्त करते हुए कार्यो में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने चेतावनी दी कि प्रस्तावित कार्यो में किसी प्रकार की शिथिलता पाए जाने पर संबधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही भी अमल में लाई जाएगी। बीससूत्री के तहत संचालित कार्यो की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने सभी विभागों को समय से लक्ष्य पूरा करने तथा हर हाल में जिले को ‘ए‘ श्रेणी में लाने को कहा। बैठक में कृषि, उद्यान, मत्स्य, डेयरी, उरेडा, विद्युत, सहकारिता, सेवायोजन, सूचना आदि विभागों सहित विधायक एवं सांसद निधि के तहत प्रस्तावित कार्यो की भी योजनावार वित्तीय एवं भौतिक प्रगति की विस्तार से समीक्षा की गई। 

बैठक में बताया गया कि जिला योजना के अन्तर्गत अनुमोदित 4494.00 परिव्यय के सापेक्ष 4482.94 लाख धनराशि विभागों को अवमुक्त की गई है, जिसमें से अभी तक विभागों ने 64.82 प्रतिशत व्यय कर लिया गया है। जिला योजना के अन्तर्गत लोनिवि ने अवमुक्त धनराशि 749.47 लाख के सापेक्ष 183.19 लाख, पेयजल निगम ने 384.09 के सापेक्ष 227.72 लाख, वन विभाग ने 53.00 के सापेक्ष 32.14 लाख, राजकीय सिंचाई ने 322.20 के सापेक्ष 118.42 लाख, लघु सिंचाई 107.00 लाख के सापेक्ष 54.71 लाख, कृषि 95 लाख के सापेक्ष 45.60 लाख, उद्यान 76 लाख के सापेक्ष 51.25 लाख, पशुपालन 90 लाख के सापेक्ष 57.87 लाख धनराशि अभी तक व्यय की गई है। 

इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे, अपर जिलाधिकारी एमएस बर्निया, सीएमओ डा0 केके सिंह, पीडी प्रकाश रावत, डीडीओ एसके राॅय, अर्थ एवं सख्याधिकारी आन्नद सिंह जंगपांगी, कोषाधिकारी दीपक चन्द्र भट्ट सहित लोनिवि, पीएमजीएसवाई, पेयजल, कृषि, उद्यान, उद्योग, पशुपालन, डेयरी, मत्स्य, रेशम, खेल, पर्यटन आदि विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। 

टीएचडीसी डिस्पेंसरी में अपने सीएसआर कार्यक्रम के तहत रक्तदान शिविर का आयोजन

ऋषिकेश, 19 दिसम्बर, 2019 – टीएचडीसीआईएल की सीएसआर गतिविधियों के तहत सामाजिक और पर्यावरण विभाग और सेवा-टीएचडीसी द्वारा दिनांक 18.12.2019 को टीएचडीसी डिस्पेंसरी में अपने सीएसआर कार्यक्रम के तहत एक रक्तदान शिविर का आयोजन ‘‘चैखम्बा’’ संस्था के माध्यम से व इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए), देहरादून के सहयोग से किया गया।

रक्तदान रक्तदान कार्यक्रम का उद्घाटन टीएचडीसी लेडिज वैलफेयर एसोशिएशन की मुख्य संरक्षिका श्रीमती सुनीता सिंह के कर-कमलों द्वारा किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि श्रीमती सुनीता सिंह, टीएचडीसीआईएल के अधिशासी निदेशक श्री एच एल भारज, सामाजिक एवं पर्यावरण विभाग के महाप्रबन्धक श्री शैलेन्द्र सिंह, आईएमए के निदेशक श्री संजय उप्रेती, टीएचडीसी लेडिज वैलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्षा श्रीमती रेणू जैन, श्रीमती भारज एवं डॉ. विभा चैधरी द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।

आईएमए के निदेशक डॉ. संजय उप्रेती द्वारा मुख्य अतिथि एवं उपस्थित जनसमुदाय को आईएमए की गतिविधियों से अवगत करवाया गया व स्मृति चिह्न देकर श्रीमती सिंह का सम्मान किया गया। मुख्य अतिथि श्रीमती सिंह एवं अधिशासी निदेशक, श्री एच एल भारज द्वारा रक्तदाताओं से व्यक्तिगत स्तर पर मुलाकात कर उनकी हौसला अफजायी भी की व उन्हें स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

रक्तदान शिविर में अलग-अलग जिलों से आये व्यक्तियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। जिसमें  मुख्य कृषि अधिकारी टिहरी गढ़वाल डा. जे.पी. तिवारी के आह्वाहन पर टिहरी जिले के 09 ब्लाॅकों के लोगों ने प्रतिभाग किया। इसके अतिरिक्त हरिद्वार एवं देहरादून जिले, टीएचडीसी के अधिकारियों/कर्मचारियों, पीजी काॅलेज ऋषिकेश एवं टीएचडीसीआईएल में अप्रैन्टिस कर रहे युवाओं का विशेष योगदान रहा। रक्तदान को लेकर युवा वर्ग में विशेष उत्साह देखा गया।

इस अवसर पर 72 यूनिट रक्तदान किया गया। शिविर में आईएमए की ओर से  डॉ. कमल साहू व ‘‘चैखम्बा’’ संस्था की ओर से श्री आलोक डंगवाल अपनी तकनीकी टीम के साथ उपस्थित रहे। इस मौके पर टीएचडीसी लेडीज वैलफेयर एसोसिएशन की सदस्यायें भी काफी संख्या में उपस्थित थी। इस दौरान टीएचडीसीआईएल के उपमहाप्रबंधक श्री राजेश्वर गिरी एवं श्री सुनील शाह, वरिष्ठ प्रबंधक श्री अनिल भट्ट एवं श्री विपिन थपलियाल सहित सेवा-टीएचडीसी के विभिन्न अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में टीएचडीसी के महाप्रबन्धक श्री शैलेन्द्र सिंह द्वारा समस्त रक्तदाताओं एवं शिविर के सफल संचालन में योगदान हेतु विभिन्न संस्थाओं एवं व्यक्तियों का आभार व्यक्त किया गया। 

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