क्या सरकार के 20 लाख करोड़ के पैकेज से अर्थव्यवस्था पटरी पर आयेगी- बडा सवाल
15 May 20# High Light # Himalayauk Newsportal Bureau # वित्त मंत्री का ऐलान- गंगा के किनारे हर्बल प्रोडक्ट्स के लिए बनेगा कॉरिडोर # देश में जारी कोरोना संकट के बीच मुश्किल में आई अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए भारत सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया है. # वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज इस पैकेज की तीसरी किस्त की जानकारी दी. # निर्मला सीतारमण ने कृषि के बुनियादी ढांचे के लिए एक लाख करोड़ का ऐलान किया # इससे पहले शुरुआती दो किस्त में MSME सेक्टर और प्रवासी मजदूरों के लिए ऐलान किए जा चुके हैं.
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High Light #किसानों के लिए एक और ऐलान # 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को मुफ्त अनाज दिया जाएगा # कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए एक लाख करोड़ MFEs के लिए 10,000 करोड़ रुपये की योजना लेकर आई #मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ रुपये की सहायता # हर्बल पौधों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 4,000 करोड़ रुपये # कैटल फीड प्रोडक्शन में निर्यात के लिए 15,000 करोड़ रुपये # अब सभी पशुओं का 100 फीसदी टीकाकरण होगा # मछुआरों को नई नौकाएं दी जाएंगी # फूड एंटरप्राइजेज माइक्रो साइज के लिए 10 हजार करोड़ # कृषि के बुनियादी ढांचे के लिए एक लाख करोड़ देगी सरकार#
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने लगातार तीसरे दिन शुक्रवार को भी कई योजनाओं की जानकारी दी. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कृषि से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए एक लाख करोड़ रुपये के प्रावधान की घोषणा की. इसके अलावा उन्होंने किसानों, मछुआरों से लेकर कृषि क्षेत्र से जुड़े तमाम लोगों के लिए राहतों का ऐलान किया. वित्त मंत्री ने कहा कि ऐसा केंद्रीय कानून बनाया जाएगा, जिसकी मदद से किसानों के लिए बैरियर-मुक्त अंतर-राज्यीय व्यापार संभव होगा. उन्होंने कहा कि कृषि विपणन क्षेत्र में सुधार से किसानों को विपणन का विकल्प मिलेगा.
निर्मला सीतारमण ने कृषि क्षेत्र के लिए किए 11 बड़े एलान
वित्त मंत्री ने कहा कि किसान को बुवाई से पहले ही हर सीजन से पहले एक एश्योर्ड प्राइस रिटर्न की सुविधा मिले. फूड प्रोसेसर्स, एग्रीगेटर्स आदि से इसके लिए एक एश्योरेंस व्यवस्था का कानूनी ढांचा लाया जाएगा.
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकारी और प्रशासनिक सुधार 1 आवश्यक जिंस एक्ट 1955 में लागू हुआ था, अब देश में प्रचुर उत्पादन होता है हम निर्यात करते हैं. इसलिए इसमें बदलाव जरूरी है. अब अनाज, तिलहन, प्याज, आलू आदि को इससे मुक्त किया जाएगा. एक केंद्रीय कानून आएगा जिससे किसान अपने उत्पाद को आकर्षक मूल्य पर दूसरे राज्यों में भी बेच सकें. अभी अंतर—राज्य व्यापार पर रोक है. अभी वह सिर्फ लाइसेंसी को ही बेच सकता है. अगर वह किसी को भी बेच सके तो उसे मनचाही कीमत मिलेगी. हम उसे ऐसी सुविधा देंगे. वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण की प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि आज के ऐलान किसानों से जुड़े होंगे. 8 ऐलान कृषि सेक्टर से जुड़े बुनियादी ढांचे पर होंगे.वित्त मंत्री ने कहा कि आज कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों के लिए हम घोषणाएं करेंगें. लॉकडाउन के दौरान भी किसान काम करते रहे, छोटे और मंझोले किसानों के पास 85 फीसदी खेती है.वित्त मंत्री ने कहा कि दाल उत्पादन में हम दुनिया में तीसरे नंबर और गन्ना उत्पादन में हम दूसरे नंबर पर हैं.वित्त मंत्री ने बताया कि 560 लाख लीटर दूध लॉकडाउन के दौरान डेयरी कोआॅपरेटिव सोसाइटीज के द्वारा खरीदा गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि सप्लाई चेन किसानों की बाधित हो गई है. फल, सब्जियों को खेतों से बाजार तक लाने के लिए, खराब होने से बचाने के लिए 500 करोड़ रुपये की अगले 6 महीने तक इस पायलट प्रोजेक्ट को बढ़ा दिया गया है.
आत्म-निर्भर भारत का मतलब यह नहीं कि हम दुनिया से अपने आप को काट लेंगे
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्म-निर्भर भारत के आह्वान का मतलब यह कतई नहीं है कि हम दुनिया से अपने आप को काट लेंगे. उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता के अभियान का यह अर्थ नहीं है कि भारत अपनी ‘ अर्थव्यवस्था को पृथक रखने वाला देश’ बन जाएगा. वित्तमंत्री ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री के इस आह्वान का मतलब एक भरोसे वाले भारत से है जो अपनी ताकत पर निर्भर रह सकता है और साथ ही वैश्विक स्तर पर भी अपना योगदान दे सकता है. वित्त मंत्री ने कहा कि देश के पास क्षमता और उद्यमिता है, जिससे वह बेहतर क्षमता का निर्माण कर सकता है और दुनिया की मदद कर सकता है. उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित रूप से जब प्रधानमंत्री ‘आत्मनिर्भर’ भारत की बात कर रहे हैं तो उसका मतलब सिर्फ देश के अंदर ही सिमट कर रहना नहीं है और न ही खुद को दुनिया से काटना है.’’
8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को मुफ्त अनाज
दिया जाएगा
उन्होंने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को मुफ्त अनाज दिया जाएगा. अनाज बांटने पर केंद्र 3500 करोड़ रुपये खर्च करेगा. अगले 3 महीने में एक देश-एक राशन कार्ड की सुविधा होगी. रेहड़ी पटरी वालों को 10 हजार तक लोन दिया जाएगा. 50 लाख स्ट्रीट वेंडर को 5 हजार करोड़ की मदद दी जाएगी.
आवश्यक सामान की कोई स्टॉक लिमिट नहीं होगी #आवश्यक सामन से जुड़े कानून में बदलाव किया गया है. दो लाख सूक्ष्म खाद्य इकाइयों को मदद # केंद्रीय कानून बनाया जाएगा, जिसकी मदद से किसानों के लिए बैरियर-मुक्त अंतर-राज्यीय व्यापार संभव होगा# कृषि क्षेत्र में प्रतिस्पर्द्धा व निवेश बढ़ाने के लिए वर्ष 1955 से मौजूद एसेंशियल कमॉडिटीज़ एक्ट में बदलाव लाया जा रहा है# सब्जी उत्पादकों को भंडारण के लिए 50 फीसदी सब्सिडी# 70 लाख टन मछली उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य # टमाटर, प्याज़, आलू के लिए बनाया गया ऑपरेशन ग्रीन्स अब सभी फल-सब्ज़ियों पर लागू होगा. इसे ‘टॉप टु टोटल’ योजना कहा जाएगा, जिसके लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है# मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान # पशुओं के वैक्सीन के लिए 13 हजार 343 करोड़ रुपये, 15 हजार करोड़ पशुपालन इंफ्रा के लिए # हर्बल कल्टीवेशन के लिए 4,000 करोड़ रुपये, 10 लाख हेक्टेयर (25 लाख एकड़) में हर्बल खेती होगी, किसानों को 5,000 करोड़ रुपये की आय होगी # आम, केसर, मखाना, हल्दी के लिए क्लस्टर, 53 लाख मवेशियों का बीमा होगा. यूपी के आम की इंटरनेशन ब्रांडिंग # पशुपालन बुनियादी ढांचा विकास फंड के लिए 15,000 करोड़ रुपये का प्रावधान # राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के लिए 13,343 करोड़ रुपये आवंटित करने का निर्णय किया गया है : वित्तमंत्री # पशुपालन बुनियादी ढांचा विकास फंड के लिए 15,000 करोड़ रुपये का प्रावधान # मछली उत्पादन में 55 लाख रोज़गार पैदा होंगे. एक लाख करोड़ रुपये का मछली निर्यात होगा. मछुआरों और नाविकों का बीमा होगा # सारे मवेशियों का टीकाकरण किया जाएगा # स्थानीय उत्पादों को दुनिया भर में पहुंचाएंगे # हमने प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के माध्यम से मछुआरों के लिए 20,000 करोड़ रुपये आवंटित करने का फैसला किया है# यह मत्स्य मूल्य श्रृंखला में महत्वपूर्ण अंतराल भरने में मदद करेगा. यह समुद्री और अंतर्देशीय मत्स्य क्षेत्र के विकास में मदद करेगा # किसान क्रेडिट कार्ड के लिए दो लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया # कृषि भंडारण में मदद के लिए सहकारी समितियों, समूहों को फंडिंग दी जाएगी # कृषि उद्यम की ब्रांडिंग के लिए 10,000 करोड़ का प्रावधान# हमने माइक्रो फूड एंटरप्राइजेज के औपचारिककरण के लिए 10,000 करोड़ रुपये की योजना शुरू करने का फैसला किया है. यह पीएम मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ के दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है# कृष से जुड़े उद्यमों के लिए 10000 करोड़ रुपये का प्रावधान # किसानों की आय बढ़ाने की कोशिश में जुटी है सरकार # कृषि आधारभूत ढांचे के लिए 1,00,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया# 74,300 करोड़ की MSP का भुगतान किया गया, 6,400 करोड़ का फसल बीमा भुगतान किया गया # लॉकडाउन के दौरान दूध की मांग 20 से 25 फीसदी घटी है… कोऑपरेटिव से रोज़ाना 560 लाख लिटर दूध खरीदा गया, जबकि रोज़ाना बिक्री सिर्फ 360 लाख लिटर की हुई # पीएम फसल बीमा योजना के तहत 6400 करोड़ रुपये के क्लेम की पेमेंट की गई # पीएम किसान फंड के तहत 18700 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए # दो करोड़ किसानों को पांच हजार करोड़ का लाभ दिया गया # दो करोड़ किसानों को ब्याज में सबसिडी # एमएसपी के लिए 17300 करोड़, फसल बीमा के लिए 6400 करोड़ रुपये # कोरोनावायरस संकट के दौरान पिछले दो महीने में 74300 करोड़ रुपये से ज्यादा के अनाज की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत की गई है # – किसानों के खातों में दो माह में 18 हजार 700 करोड़ डाले, दो माह में किसानों की मदद के लिए कई कदम उठाए. 74 हजार 300 करोड़ रुपये की फसल खरीद हुए # किसान क्रेडिट कार्ड के लिए दो लाख करोड़ रुपये # वित्त मंत्री ने कहा, ‘कृषि क्षेत्र के लिए आज 11 कदमों की घोषणा की जाएंगी, जिनमें से आठ कदम बुनियादी ढांचे को मज़बूत बनाने के लिए होंगे, शेष तीन प्रशासनिक कदम होंगे # वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, कृषि किसान केंद्रित नहीं होगी तो बात अधूरी रह जाती है # भारत की आबादी का ज्यादातर हिस्सा कृषि पर निर्भर है. भारतीय किसानों को इस बात का श्रेय दिया जा सकता है कि इन्होंने तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भारत को खाद्यान्न क्षेत्र में संपन्न बनाया.