गोरखपुर के इस अस्पताल में अगस्त माह में 290 बच्चों की मौत
गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत का सिलसिला थमता नज़र नहीं आ रहा है. इस मेडिकल कॉलेज में बीते 48 घंटों में 42 बच्चों की मौत हो चुकी है. हालांकि मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ पीके सिंह के मुताबिक इस मौसम में यहां हर साल ऐसे ही हालात रहते हैं. पिछले 72 घंटों में बीआरडी में भर्ती बच्चों में से 61 की मृत्यु हो चुकी है. 27 अगस्त को 17 और 28 अगस्त को 25 बच्चों की मौत हुई थी. देर रात 6 और बच्चों की मौत हो गई, जिसमें इंसेफेलाइटिस से 7, एनआईसीयू में 10 और अन्य बीमारियों से ग्रस्त 8 बच्चे थे. मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक पिछले 72 घंटों में 61 बच्चों की मौत हो चुकी है। अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि इस अस्पताल में हर साल इतनी ही मौतें होती हैं। बीते तीन दिनों में अस्पताल में 61 बच्चों की मौत हो चुकी हैं। रिपोट्र्स के मुताबिक इंसेफलाइटिस वार्ड में 11, नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष (एनआईसीयू) में 25 और शिशु चिकित्सा वार्ड में 25 बच्चों की मौत हुई है। लोगों का कहना है कि योगी ने बच्चों की मौत पर सफाई देते हुए ऐसा कहा है। गोरखपुर के बीआरडी हॉस्पिटल में अगस्त के महीने में अबतक 290 बच्चों की मौत हो चुकी है। जिसमें से 36 की मौत कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुई थी।
योगी के बयान का वीडियो आने के बाद उनकी सोशल मीडिया पर काफी खिंचाई हो रही है। लोग इसको योगी आदित्यनाथ का शर्मनाक बयान बता रहे हैं। .हिमालयायूके newsportal
गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में पिछले 72 घंटों में 46 मौतों की सूचना पर कॉलेज प्रशासन से लेकर प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया. बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल पीके सिंह ने बताया कि पिछले 72 घंंटे में 46 की मौत हुई है. इनमें से 11 बच्चों की मौत इन्सेफेलाइटिस की वजह से है जबकि अन्य की मौत अलग-अलग कारणों से हुई.
योगी आदित्यसनाथ ने कहा कि लोग चाहते हैं उनके बच्चों को सरकार पाले। मुझे लगता है कि कही ऐसा न हो कि लोग बच्चेन के दो साल का होते ही सरकार के भरोसे छोड़ दें कि अब सरकार ही उनका पालन पोषण करे। योगी ने ये बातें लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही। योगी आदित्यनाथ ने मीडिया को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि हर बात के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराना ठीक नहीं है। मीडिया कहती है कि फलानी जगह कूड़ा पड़ा हुआ है। हम लोगों ने अपनी जिम्मेदारी भी सरकार पर कर दी है। लगता है कि हम सारी जिम्मेदारियों से मुक्त हो गए हैं।
ऐसे में 27 अगस्त को 17, 28 अगस्त को 25 और 29 अगस्त को 19 बच्चों की मौत हुई है. इस तरह 72 घंटों में मरने वाले बच्चों का आंकड़ा 61 तक जा पहुंचा है. इसमें इंसेफ्लाइटिस, नियोनेटल और अन्य बीमारियों से मरने वाले बच्चों की संख्या शामिल है.
27 और 28 अगस्त के दौरान 48 घंटे में 42 बच्चों की मौत
गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में इलाज़ के लिए आने वाले बच्चों की मौत के आंकड़े चौंकाने वाले हैं. कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ पीके सिंह खुद बताते हैं, ‘’बीआरडी अस्पताल में 27 और 28 अगस्त के दौरान 48 घंटे में 42 बच्चों की मौत हो चुकी है. इनमें सात बच्चों की मौत इंसेफेलाइटिस यानी दिमागी बुखार से हुई है.’’
अस्पताल में बड़ी संख्या में बीमार बच्चे आ रहे हैं
डॉ पीके सिंह के मुताबिक, इन दिनों अस्पताल में बड़ी संख्या में बीमार बच्चे आ रहे हैं. उनका कहना है कि अस्पताल में इस वक्त ऑक्सीजन और दवाओं की कोई कमी नहीं है. लेकिन कई बच्चों की सेहत अस्पताल आने तक इतनी बिगड़ चुकी होती है कि डॉक्टर पूरी कोशिश के बावजूद उन्हें बचा नहीं पा रहे. डॉक्टर पीके सिंह के मुताबिक, गोरखपुर में जुलाई, अगस्त और सितंबर के महीनों में हर साल हालात इतने ही खराब होते हैं.
देश के लिए चिंता की बात
48 घंटे में 42 बच्चों की मौत अगर किसी अस्पताल के लिए एक सामान्य आंकड़ा बन जाए और वो भी साल-दर साल, तो ये न सिर्फ उस अस्पताल और यूपी सरकार के लिए बल्कि पूरे देश के लिए चिंता की बड़ी वजह होनी चाहिए.
पूर्व प्रिंसिपल और उनकी पत्नी को हिरासत में
बीआरडी कॉलेज गोरखपुर के पूर्व प्रिंसिपल और उनकी पत्नी को बच्चों की मौत के मामले में मंगलवार को यूपी स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने पूछताछ के लिए कानपुर से हिरासत में लिया. इस महीने की शुरूआत में मेडिकल कालेज में 48 घंटे में 60 बच्चों की मौत के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेठी गठित की थी, जिसकी रिपोर्ट के बाद इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी और इन दोनों का नाम इसमें था.
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