अदालत में जज लकड़ी का हथौड़ा क्यों इस्तेमाल करते हैं?
आपने हिंदी बॉलीवुड फिल्मों में यह ज़रूर देखा होगा कि कोर्ट रूम में लोग बातेंं करने लगते हैंं और जजसाहब एक लकड़ी के हथौड़े को पीटते हुए ऑर्डर ऑर्डर चिल्लाते है। तकनीकी भाषा मे इसे गैवेल (gavel) कहा जाता है। गैवेल का उपयोग भारत मे ब्रिटिशकालके होता था पर अब शायद ही कोई कोर्ट इसका इस्तेमाल करती है।
गैवेल की उत्पत्ति मध्यकालीन इंग्लैंड में हुई थी। तब जब वहाँ हमेशा अदालतों में मकानमालिकों और किरायेदारों के बीच विवाद होता था पूरा कोर्ट रूम मछली बाजार में बदल जाता था।
कोर्ट रूम को शांत और व्यवस्थित करने के लिए जज लकड़ी की मेज को पीटते थे। धीरे-धीरे इसका स्थान एक लकड़ी की हथौड़ी ने ले लिया।
गैवेल का अभी भारतीय अदालतों में तो न के बराबर उपयोग है पर विदेश की अदालतों में गैवेल का उपयोग होता हैं। गैवेल अदालत में न्यायिक शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है।
आपने नीलामी घरों में भी देखा होगा नीलामी की आख़िरी बोली पर हथौड़े से बोली को अंतिम करार दिया जाता है। यहाँ भी हथौड़ा शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है।
रोजमर्रा के जीवन मे भी हथौड़ा चीज़ों को व्यवस्थित करने के काम आता है। गलत का विनाश करता है और सही का निर्माण।
अब आप बताइए कि मार्वल सिनेमेटिक यूनिवर्स का थोर क्यों एक हथौड़ा इस्तेमाल करता है?