गुजरात की सी0एम0 कार्यवाही करने में चूक गयी, हालात खराब
गोरक्षा के नाम पर गुजरात में दलित युवकों की पिटाई का मुद्दा लगातार गरमाता जा रहा है.
गुंजरात की मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल को बिगडे हालात का अंदाजा लगाने में काफी देर हो गयी, अब जाकर चेती जब देश के बडे नेताओं के दौरे वहां तय हो गये, मुख्यमंत्री कल उना कस्बे का दौरा करेंगी और अत्याचार का शिकार हुए दलित युवकों से मुलाकात करेंगी. वे इन पीड़ितों के परिवारों से भी मुलाकात करेंगी. उनके साथ सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री रमनलाल वोरा और मुख्य सचिव जी आर अलोरिया भी होंगे.’’ एक कथित वीडियो के सामने आने के बाद इस घटना का खुलासा हुआ. वीडियो में कुछ लोग सार्वजनिक रूप से चार अधनंगे दलित युवकों की पिटाई करते दिख रहे थे. माना जा रहा है कि पिटाई करने वाले लोग ‘गोरक्षक’ थे. मुख्यमंत्री ने घटना की निंदा की और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. उन्होंने कहा, ‘‘यह वास्तव में एक घृणित कृत्य है और कोई समुदाय इसे बर्दाश्त नहीं कर सकता. स्थानीय पुलिस की भी गलती है क्योंकि उन्होंने तत्परता से कार्रवाई नहीं की. दोषियों को गिरफ्तार करने के अलावा हमने लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों को भी निलंबित कर दिया है. राज्य सरकार प्रत्येक पीड़ित को चार लाख रूपये का मुआवजा देगी.’’ ww.himalayauk.org (UK Leading Digital Newsportal)
गुजरात के गीर-सोमनाथ ज़िले में उना कस्बे में तथाकथित गौ सेवकों ने चार दलित युवकों की जमकर पिटाई की थी. ये युवक समढ़ियाला गांव से एक मरी हुई गाय का चमड़ा लेकर लौट रहे थे. उना बस स्टैंड के पास इन युवकों को गाड़ी से बांधा गया और फिर जमकर इनकी पिटाई की गई थी. पीटने वालों ने ख़ुद इनका वीडियो बनाया और इसे वायरल कर दिया था.गुजरात और देश के दूसरे हिस्से में दलित इस मुद्दे को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं तो आज इसे लेकर संसद में दंगल दिखा. राज्यसभा और लोकसभा में इस मुद्दे पर भारी हंगामा हुआ. भारी शोर शराबे के बीच गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि दलितों पर हमले से पीएम नरेंद्र मोदी दुखी हैं गुजरात के उना शहर में चार दलित युवकों को अर्द्धनग्न कर जिस स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) से बांधा गया है, दलित युवकों को शहर में अर्द्धनग्न कर घुमाया गया और लाठियों से मारा गया… बार-बार मारा गया… गांव में मारा गया… फिर शहर में लाकर मारा गया, ताकि शहर भी देखे। दलित युवकों की पीठ पर बरसती लाठियों की आवाज़ बता रही है कि वे तमाम सदियां और दस्तूर अभी ज़िन्दा हैं क्रूरता मौजूद है। लोकसभा में अनुसूचित जाति और जनजाति के 100 से भी अधिक सांसद हैं। इन सांसदों ने भी दलितों को अकेला छोड़ दिया है। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी कल गुजरात का दौरा करने वाले हैं और शुक्रवार को अरविंद केजरीवाल के जाने की खबरें है. पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने इस घटना को ‘दलितों के खिलाफ संगठित अपराध’ करार दिया है. कई दलित संगठनों ने गुजरात बंद का एलान किया. वहां वेरावल, राजकोट, सुरेंद्र नगर, गोंडल, अमरेली और जामनगर बुरी तरह प्रभावित हैं.
गुजरात के उना में दलित उत्पीड़न के मामले को लेकर संसद में हंगामा जारी है। इसी मसले पर केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि इस मामले में गुजरात सरकार ने तेजी से एक्शन लिया, इसके लिए उन्हें बधाई। गुजरात सरकार को बधाई देते हुए विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष का आरोप है कि इस सरकार में दलितों पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ रही हैं।
विपक्ष के हंगामे पर राजनाथ सिंह ने कहा, मैं पूरे दिन खड़ा रहूंगा और दो टूक शब्दों में अपनी बात रखूंगा। उन्होंने कहा कि 12 तारीख को विदेश दौरे से वापस आने के बाद पीएम मोदी ने उना की घटना को लेकर मुझसे बात की। वे घटना को लेकर दुखी थे, आहत थे। उन्होंने कार्रवाई के बारे में पूरी जानकारी भी ली।
घटना का ब्यौरा देते हुए उन्होंने कहा कि 11 जुलाई 2016 की यह घटना है। इस घटना के पीड़ित एक मृत गाय की चमड़ी निकाल रहे थे। आरोपी वहां आए और लोहे और डंडे से उन्हें पीटना शुरू कर दिया। उनके फोन भी ले लिए गए। इन सभी के खिलाफ 11 जुलाई को ही केस दर्ज कर लिया गया था।
पीड़ितों में से एक ने ही आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करवाया है। मामले की जांच डीएसपी कर रहे हैं। नौ अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। चार न्यायिक हिरासत में हैं। बाकी पुलिस हिरासत में है। कुल चार अधिकारियों एक पुलिस इंस्पेक्टर, दो एसआई और एक हेड कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया गया है। उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही भी की जा रही है।
अपराध की जांच सीआईडी क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है। स्पीडी ट्रायल के लिए स्पेशल कोर्ट बनाने के लिए हाईकोर्ट से संपर्क किया गया है। विशेष अभियोजक को राज्य सरकार नियुक्त कर रही है। जांच अधिकारी को चार महीनों में रिपोर्ट देनी है।
सभी को मुआवजा दिया गया है। सभी का इलाज का खर्चा राज्य सरकार वहन कर रही है। राज्य सरकार पूरे मामले को देख रही है। गुजरात सरकार अपने काम के लिए बधाई की पात्र है। उनकी प्रशंसा की जानी चाहिए।
राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि यह एक बहुत बड़ी सामाजिक बुराई है। सभी राजनीतिक दल के नेताओं को इस समस्या के समाधान के लिए एक जुट होकर काम करना होगा।
1999 तक दलितों पर अत्याचार की घटनाओं का जैसे ही राजनाथ ने जिक्र आरंभ किया। विपक्ष ने उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया। उन्होंने 2007 में 5000 से ज्यादा दलितों पर अत्याचार की घटनाएं घटीं। उन्होंने बताया कि कांग्रेस के कार्यकाल में दलितों पर काफी अत्याचार हुए।
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के बनने के बाद से दलितों की स्थिति में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि देश में पहली बार देश के गरीबों को, दलितों को देश की मुख्यधारा से जोड़ने का काम किया गया है।