सभी समुदाय नाराज़ हैं तो फिर जीत कहाँ से मिल रही हैं- पूछा सवाल

भाजपा को ख़ुश रखने के लिए दिखावा है ओपिनियन पोल  #भाजपा सरकार में हड़कंप मचा हुआ है। जीएसटी में बदलाव इसकी ताज़ा मिसाल 

बीजेपी पर दबाव से जीएसटी18 फीसदी में ला दिए; राहुल गांधी

गुजरात विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य में तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने जीएसटी को लेकर कल की गई सरकार की घोषणाओं की तारीफ की. उन्होंने अपने दौरे की शुरुआत अक्षरधाम मंदिर में जाकर की जहां वह सीधे एयरपोर्ट से पहुंचे थे. इसके बाद उन्होंने गांधीनगर के ही  चिलोबा में लोगों से रुबरु होते हुए कहा, अच्छी बात है, कांग्रेस पार्टी और हिन्दुस्तान की जनता ने बीजेपी पर दबाव डाला और 20 फीसदी से काफी आइटम उन्होंने 18 फीसदी में ला दिए. उन्होंने कहा, मगर हम खुश नहीं हैं, अभी हम रुकेंगे नहीं. हिन्दुस्तान को 5 अलग अलग टैक्स नहीं चाहिए. एक टैक्स चाहिए. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ढांचागत बदलाव चाहिए.  तीन दिवसीय सड़क यात्रा के दौरान राहुल गांधी उत्तर गुजरात के छह जिलों का दौरा करेंगे. दौरे में वह महिलाओं, ग्रामीणों और विभिन्न समुदाय के लोगों के साथ मुलाकात करेंगे. बनासकांठा जिले में अम्बाजी मंदिर जाना भी उनके शेड्यूल में बताया जा रहा है. हाल के दिनों में राहुल ने सौराष्ट्र, मध्य गुजरात और दक्षिण गुजरात में ऐसी प्रचार यात्राएं की हैं.

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गुजरात में अगले महीने की 9 और 14 तारीख को चुनाव होने हैं, हार्दिक पटेल नाम के आंदोलनकारी युवा ने गुजरात में बीजेपी की नाक में दम कर दिया है। हार्दिक इन दिनों गुजरात के अलग-अलग इलाकों का दौरा कर रहे हैं और लोगों को एक धर्मनिरपेक्ष, लोगों के हितों का ध्यान रखने वाली, युवाओं को रोजगार देने वाली और किसानों-मजदूरों-कामगारों का ध्यान रखने वाली सरकार को सत्ता में लाने के लिए उत्साहित कर रहे हैं। हार्दिक जहां भी जाते हैं, उनका फूल-मालाओं और फूलों की वर्षा से स्वागत हो रहा है। वह अपनी तमाम सभाओं में लोगों को उनके अच्छे भले के बारे में बता रहे हैं। लेकिन साथ ही वे ट्विटर पर भी काफी सक्रिय हैं। एक के बाद एक ट्वीट कर वह न सिर्फ अपनी बात रखते हैं, बल्कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार, गुजरात की विजय रूपाणी सरकार और बीजेरी की कारगुजारियों पर भी टिप्पण कर रहे हैं।

हार्दिक पटेल ने गुरुवार को एक न्यूज़ चैनल पर प्रसारित ओपीनियन पोल के बारे में ट्वीट करते हुए लिखा कि, “ओपिनियन पोल में भाजपा को सौराष्ट्र और उत्तर गुजरात में नुक़सान हो रहा हैं। किसान,युवा और सभी समुदाय नाराज़ हैं। तो फिर जीत कहाँ से मिल रही हैं। अच्छा समझ आ गया भाजपा को ख़ुश रखने के लिए दिखावा हो रहा हैं। इससे कुछ ही देर पहले उन्होंने एक ट्वीट में लिखा कि, “आज मुझे काफ़ी दुःख हैं।क्योंकि मेरे प्रदेश के मुख्यमंत्री भ्रष्टाचारी हैं।हाँ सही कह रहा हुँ गुजरात के मुख्यमंत्री !!” हार्दिक ने अपने जनसंपर्क अभियान का वीडियो ट्वीट करते हुए बीजेपी के भ्रष्टाचार पर हमला करते हुए लिखा, “2014 से पहले भ्रष्टाचारी जेल में जाते थे लेकिन 2014 के बाद भ्रष्टाचारी भाजपा में जाते हैं। सच में देश नहीं देश के नेता बदल गए!!”

एक और ट्वीट में हार्दिक लिखते हैं कि, “मोदी जी कहते थे की हम एक भी भ्रष्टाचारी को नहीं छोड़ेंगे,सही तो कहा था !! एक एक कर सभी को भाजपा में शामिल कर लिया !!मुकुल रोय भाजपा के गणमान्य नेता बन गए !!” उन्होंने बीजेपी शासन में सांप्रदायिक सौहार्द्र को पहुंचे नुकसान की बात भी लिखी है। उन्होंने लिखा है कि, “जब में छोटा था तब पाठशाला में हिंदू,मुस्लिम,शिख,ईसाई भाई भाई समझाया जाता था,लेकिन जब बड़ा हो गया तो तू हिंदू,वो मुस्लिम यह समझाया जाता हैं।” हार्दिक ने गुजरात में बीजेपी की तानाशाही का हवाला देते हुए लिखा है कि किस तरह मीडिया की आवाज को दबाया जा रहा है ताकि बीजेपी के खिलाफ जारी माहौल का किसी को पता न चले।

उन्होंने लिखा है कि, “गुजरात में अमित शाह के ख़िलाफ़ एक भी नेगेटिव न्यूज़ नहीं दिखाने का आदेश दिया गया हैं।आज भी अमित शाह का उनकी विधानसभा क्षेत्र में विरोध हुवा।” हार्दिक पटेल ने गुजरात के चुनावी माहौल की तस्वीर पेश करते हुए संकेत दिया है कि गुजरात में कांग्रेस को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह है और बीजेपी को जनसभा करने के भी लाले पड़े हुए हैं। उन्होंने लिखा है कि, “एक ज़माना था भाजपा सभा करती थी और कोंग्रेस प्रेस (कांफ्रेंस) करती थी,जनता की ताक़त देखो अब कोंग्रेस सभा करती है और भाजपा प्रेस(कांफ्रेंस) पर आ गई हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा है। एक ट्वीट में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से गुजरात की निराशा का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा कि, “नरेन्द्र मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी को वोट देने का हमारा प्रयोग पूरी तरह असफल और विनाशकारी साबित हुआ !!” इस दौरान बीजेपी की तरफ से यह प्रचारित किया जा रहा था कि हार्दिक पटेल को पूरे पाटीदार समुदाय का समर्थन नहीं है। लेकिन गुजरात के वरिष्ठ पत्रकार जनक दवे ने कुछ तस्वीरों के साथ जो खबर ट्वीट की है उसके मुताबिक हार्दिक पटेल को पूरे पाटीदार समुदाय का समर्थन हासिल है। गौरतलब है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष भी लगातार गुजरात का दौरा कर रहे हैं और हर तबके से मिलकर उनकी न सिर्फ समस्याएं सुन रहे हैं बल्कि उनका समाधान कैसे हो सकता है, यह भी लोगों को बता रहे हैं। साभार नवजीवन

वही दूसरी अोर एक अन्‍य आलेख के अनुसार- 

राहुल, जीएसटी और सरकार

-फ़िरदौस ख़ान

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के गुजरात दौरे से केंद्र की भाजपा सरकार में हड़कंप मचा हुआ है। जीएसटी में बदलाव इसकी ताज़ा मिसाल है। पिछले दिनों राहुल गांधी ने गुजरात में जीएसटी के मौजूदा स्वरूप में बदलाव करने का वादा किया था। उन्होंने कहा था कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के सत्ता में आने पर भाजपा सरकार द्वारा लागू किए गए जीएसटी में बड़े बदलाव किए जाएंगे। उन्होंने कहा था कि सत्ता में आने पर हम ऐसा जीएसटी लेकर आएंगे, जिससे आपको फ़ायदा होगा। आप के मुताबिक़ हम काम करेंगे। हम आपकी बात को सुनेंगे। राहुल गांधी के इस बयान के बाद केंद्र की भाजपा सरकार में खलबली मच गई और सरकार को जीएसटी में बदलाव करना पड़ा। गुवाहाटी में शुक्रवार को संपन्न जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने टैक्स में राहत देने का ऐलान किया। इसके तहत रोज़मर्रा की 178 वस्तुओं को 28 फ़ीसद से हटाकर 18 फ़ीसद की स्लैब में लाया गया है। कुल 200 वस्तुओं पर टैक्स कम किया गया है। अब सिर्फ़ 50 लग्ज़री चीज़ें ऐसी बची हैं, जिन पर अधिकतम 28 फ़ीसद कर लगेगा। ग़ौरतलब है कि पिछली 1 जुलाई से देश में लागू नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली (जीएसटी) में कर की पांच स्लैब-0, 5, 12, 18 व 28 फ़ीसद हैं। जीएसटी में बदलाव पर पूर्व वित्त मंत्री व कांग्रेस नेता पी। चिदंबरम ने कहा है कि गुवाहाटी बैठक में ’राहतों की बारिश’ होनी ही थी, क्योंकि ’ख़ौफ़ज़दा मोदी सरकार’ के पास इसके सिवा कोई और चारा नहीं था। सरकार अगले माह होने वाले गुजरात चुनाव की वजह से टैक्स घटाने को मजबूर हुई है। जीएसटी में संशोधन के फ़ौरन बाद राहुल गांधी ने फिर से भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने जीएसटी को ‘गब्बर सिंह टैक्स’ बताते हुए कहा कि हम इसे किसी भी सूरत में देश पर थोपने नहीं देंगे। इतना ही नहीं, उन्होंने भाजपा सरकार को कई नसीहतें दीं। उन्होंने जीएसटी को और आसान बनाने के लिए सरकार को तीन मश्विरे भी दिए। पहला, जीएसटी ढांचे के बुनियादी ख़ामी को दूर करते हुए भारत को ‘जेन्यूइन सिंपल टैक्स’ दें। दूसरा, सिर्फ़ लच्छेदार बातों से देश का वक़्त बर्बाद न करें। और तीसरे मश्विरे में राहुल गांधी ने मोदी का नाम लिए बिना कहा कि आप अपनी अक्षमता स्वीकार करें। अहंकार ख़त्म कर देश के लोगों की बात सुनें। जीएसटी पर राहुल गांधी का कहना है कि जीएसटी में एक रेट और इसे सिम्पल टैक्स बनाया जाए। देश को पांच तरह का नहीं, बल्कि एक टैक्स चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले नोटबंदी और फिर जीएसटी ने लोगों के काम-धंधे बर्बाद कर दिए, गुजरात ही नहीं, पूरे देश का यही हाल है। राहुल गांधी इन दिनों गुजरात के दौरे पर हैं। उनका यह दौरा नवसर्जन गुजरात यात्रा के तहत हो रहा है, जो 13 नवंबर को महेसाणा के विसनगर में ख़त्म होगा। क़ाबिले-ग़ौर है कि यह वही जगह है, जहां जुलाई 2015 में पाटीदार आरक्षण आंदोलन की शुरुआत हुई थी, जिसने केंद्र की भाजपा सरकार को हिलाकर रख दिया था। इससे पहले राहुल गांधी 25 से 27 सितंबर तक सौराष्ट्र के पांच ज़िलों की यात्रा कर चुके हैं। उनकी यात्रा द्वारका के मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद 25 सितंबर को शुरू हुई थी। फिर 9 से 11 अक्टूबर तक मध्य गुजरात के छह ज़िलों में उन्होंने जनसंपर्क किया। 23 अक्टूबर को वे अहमदाबाद में रहे। उसके बाद उन्होंने 1 से 3 नवंबर तक दक्षिण गुजरात के छह ज़िलों का दौरा कर अवाम की समस्याएं सुनीं और कारोबारियों से मुलाक़ात की। गुरुवार को उन्होंने सूरत में टेक्टटाइल, डाई और ज़री का करने वाली महिलाओं से मुलाक़ात की और उनके काम, उनकी समस्याओं के बारे में बात की।

सनद रहे कि गुजरात की 182 विधानसभा सीटों के लिए इस बार दो चरणों में चुनाव होगा। राज्य में 9 और14 दिसंबर को मतदान होगा, जबकि चुनाव नतीजे 18 दिसंबर को आएंगे। यहां अहम मुक़ाबला कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में है, जो 19 साल से लगातार सत्ता पर क़ाबिज़ है। बहरहाल, गुजरात में राहुल गांधी को ख़ासा जन समर्थन मिल रहा है। उनकी सभाओं में लोगों का हुजूम जुटा रहता है। राहुल गांधी अपनी सुरक्षा की परवाह किए बिना लोगों से मिल रहे हैं, उनके बीच जा रहे हैं। उनके सुख-दुख बांट रहे हैं। उनकी मेहनत कितना रंग लाती है, ये तो चुनाव के बाद पता चलेगा, लेकिन इतना ज़रूर है कि केंद्र की भाजपा सरकार राहुल गांधी से ख़ौफ़ज़दा नज़र आ रही है और उसके मंत्री राहुल गांधी के सवालों के जवाब तलाशने में दिन-रात जुटे हुए हैं।

(लेखिका स्टार न्यूज़ एजेंसी में संपादक हैं)

 

 

 

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