मात्र एक रुपया लेकर 125 करोड़ लोगों का दिल जीत लिया

हिमालयायूके परिवार का वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे को सेल्‍यूट- पूरा देश आपको सेल्यूट कर रहा है
हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने गुरुवार को जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव की फांसी की सज़ा पर रोक लगा दी. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में अंतिम फैसला आने तक कुलभूषण जाधव को फांसी नहीं दी जाएगी. कोर्ट ने यह भी कहा कि जाधव मामले में सुनवाई करने का अधिकार अदालत के पास है और पाकिस्तान के दावों के विपरीत जाधव मामले में वियना संधि लागू होती है. इंटरनेशनल कोर्ट ने इस बात पर चिंता जतायी की पाकिस्तान की ओर कुलभूषण जाधव को फांसी ना दिए जाने को लेकर कोई प्रतिबद्धता नहीं दिखायी गयी. इंटरनेशनल कोर्ट ने माना कि कुलभूषण जाधव की जान को खतरा है, ऐसे में कोर्ट ने भारत की दलील को माना. इंटरनेशनल कोर्ट ने कहा- अभी ये तय नहीं है कि जाधव आतंकवादी थे या नहीं इसलिए उन्हें काउंसल एक्सेस दिया जाए.

भारत को खुफिया सूचना मिली थी कि पाकिस्‍तान, जाधव की फांसी की तैयारी कर रहा है. भारत ने बिना समय गंवाए हेग स्थित आईसीजे का रुख किया. इसके लिए भारत ने देश के बेहतरीन वकील हरीश साल्‍वे को अपना पक्ष रखने के लिए भेजा. पाकिस्‍तान भारत की इस आक्रामक रणनीति का मुकाबला ही नहीं कर सका. उसने अनुमान भी नहीं लगाया था कि भारत बेहद तेजी दिखाते हुए आईसीजे में पहुंच जाएगा. भारत ने केस फाइल करने के साथ ही तत्‍काल सुनवाई की मांग आईसीजे से की. छुट्टियों के बावजूद आईसीजे के रजिस्‍ट्रार ने तात्‍कालिकता और मामले की गंभीरता को समझते हुए मामले को सुनवाई के लिए रजिस्‍टर किया. बाद में भारत और पाकिस्‍तान को सुनवाई के लिए मौका दिया. भारत ने अंतरराष्‍ट्रीय वियना समझौते को आधार बनाते हुए कहा कि किसी भी देश को अपने नागरिक से मिलने से नहीं रोका जा सकता. आईसीजे ने भारत की इस दमदार दलील को स्‍वीकार किया और पाकिस्‍तान की आपत्तियों को दरकिनार कर दिया.

उससे पहले जब भारत ने आईसीजे में अपील की तो पाकिस्‍तान में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने सैन्‍य प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से मुलाकात की. लेकिन पाकिस्‍तान को लगता था कि उसका पक्ष मजबूत है. उसने भारत के हरीश साल्‍वे की टक्‍कर के वकील को भी नहीं उतारा. उसको लगता था कि जाधव के उस वीडियो को पेश करने से उसका पक्ष मजबूत हो जाएगा जिसमें जाधव को आरोपों को स्‍वीकार करते दिखाया गया था.

इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) का फैसला मामने के लिए पाकिस्तान बाध्य नहीं है. और अगर ऐसा होता है तो भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में अपील कर सकता है.संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मामला जाने के बाद सदस्य राष्ट्र पाकिस्तान को फैसला मानने के लिए बाध्य कर सकते हैं. भारत के मामले में चीन वीटो का इस्तेमाल कर अड़ंगा लगा सकती है.

इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने कहा कि अंतिम फैसले तक पाकिस्तान कुलभूषण जाधव को फांसी नहीं दे सकता है. कोर्ट ने कहा कि दोनों देशों ने विएना समझौते पर दस्तखत किए हैं. कोर्ट के फैसले के बाद पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त गौतम बंबावाले अब अपनी टीम के साथ कुलभूषण जाधव से मिल सकते हैं. कोर्ट ने पाकिस्तान की ओर से दी गयी सभी दलीलें खारिज कर दीं. पाकिस्तान ने सुनवाई के दौरान कहा था कि कुलभूषण जाधव के पास से पाकिस्तान का पासपोर्ट भी मिला था. कोर्ट ने पाकिस्तान की इस दलील का अपने फैसले में जिक्र तक नहीं किया. इसके साथ ही पाकिस्तान ने जो कैमरे पर जाधव के जो कथित कबूलनामे की बात कही थी, कोर्ट ने उसे भी नहीं माना. भारत के लिए अच्छी खबर, कुलभूषण जाधव पर पाक की आपत्ति को कोर्ट ने खारिज किया. कोर्ट ने कहा कि इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस को मामले की सुनवाई का अधिकार है.

आईसीजे ने साथ ही यह भी कहा कि जाधव से राजनयिक संपर्क की भारत की मांग जायज है. भारत की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कुलभूषण जाधव केस की पैरवी की. इसी के साथ अंतरराष्ट्रीय मंच पर यह भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत साबित हुई है.भारत मामले की सुनवाई तक फांसी पर रोक की मांग कर रहा था.

अंतर्राष्ट्रीय न्‍यायालय का फैसला आने के बाद ट्विटर पर लोगों ने भारत के वकील हरीश साल्‍वे की जमकर वाहवाही की. एक यूजर राजेश सिंह राजपूत ने लिखा, “धन्यवाद हरीश साल्वे जी आज आप हिन्दुस्तान के हीरो हो पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर हार का स्वाद चखाया, पूरा देश आपको सेल्यूट कर रहा है. “
आईसीजे में सुनवाई के दौरान पाकिस्तान को करारा तमाचा लगा जब इंटरनेशनल कोर्ट ने विएना संधि पर पाकिस्तान की आपत्ति को खारिज कर दिया. इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने कुलभूषण जाधव के मामले में भारत की सभी अपीलों को स्वीकार किया. इतना ही नहीं कोर्ट ने सुनवाई में कहा कि जब तक आईसीजे न कहे पाकिस्तान कुलभूषण जाधव के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करे. आईसीजे में सुनवाई के दौरान 11 जजों की पीठ से सर्वसम्मति से फ़ैसला सुनाया. आईसीजे ने पाकिस्तान को आदेश देते हुए कहा कि जाधव को हर तरह की राजनयिक मदद मुहैया कराई जाए.

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आईसीजे के फैसले को कुलभूषण जाधव के परिवार और भारतीय को लिए राहत की ख़बर बताई. इसके साथ ही उन्होंने हरीश साल्वे का भी शुक्रिया अदा किया, जिन्होंने आईसीजे में भारत की ओर से पक्ष रखा था. आईसीजे के फैसले पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा, ‘आईसीजे का फ़ैसला कुलभूषण जाधव के परिवार और भारतीय को लिए बड़ी राहत. भारत का पक्ष मजबूती से रखने के लिए हरीश साल्वे की आभारी हूं.’

टरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) ने कुलभूषण जाधव केस पर आज अपना फैसला सुना दिया है. आईसीजे ने पाकिस्तान की ओर से दी गई सभी दलीलों को खारिज करते हुए पाक को आदेश दिया है कि अंतिम फैसले तक वह कुलभूषण जाधव को फांसी नहीं दे सकता है. भारत के अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने इसे भारत की बड़ी जीत करार देते हुए कहा कि इस केस में भारत हर हद तक जाएगा. इंटरनेशनल कोर्ट के फैसले पर अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि कुलभूषण जाधव केस पर ये बहुत अहम फैसला है. इस फैसले ने के जरिए पूरी दुनिया और दुनियाभर के न्यायाधीशों ने ये दिखा दिया कि पाकिस्तान की तरफ से जो भी दलीलें रखी गईं, वो गलत थी. आपको बता दें कि इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में 15 देशों के जजों की बेंच होती है.

अटॉर्नी जनरल ने कहा कि इस केस में दोनों देशों ने अपनी दलीलें रखीं. पाकिस्तान को ओर से दलीलें रखीं गई थी कि इस केस में प्रॉपर ट्रायल हुआ था, मिलिट्री ट्रायल हुआ था, वो सब बोगस पाया गया. इसलिए कोर्ट ने ऑर्डर किया कि कुलभूषण जाधव को अंतिम फैसले तक फांसी नहीं दी जाएगी और मामला की पूरी तरह से सुनवाई की जाएगी. मुकुल रोहतगी ने बताया कि कुलभूषण जाधव केस में अब पूरा मु्द्दा देखा जाएगा, जोकि अगस्त के अंत तक होगा. उन्होंने कहा कि इसलिए पूरा भारत और जाधव की परिवार वाले निश्चिंत हो जाएं कि जाधव सुरक्षित है और जब तक सुनवाई पूरी नहीं हो जाएगी उन्हें सजा नहीं दी जाएगी. उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल कोर्ट के आदेश के बाद दोनों देशों के बीच एक बाइंडिंग है. अगर भविष्य में पाकिस्तान कहे कि कोई बाइंडिंग नहीं है तो कुलभूषण जाधव केस में भारत को जिस हद तक जाना पड़ेगा, भारत जाएगा. रोहतगी ने कहा कि आईसीजे के आदेश के बाद कुलभूषण जाधव केस में पाकिस्तान को ना केवल काउंसलर ऐक्सेस देना चाहिए बल्कि कुलभूषण के परिवार वालों को उससे मिलने देना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि इस केस में फाइनल फैसले की तरफ भारत का ये बड़ा कदम है.

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