हेमकुंड साहिब ;विशालकाय झील में हाथी पर्वत और सप्त ऋषि पर्वत श्रृंखलाओं से पानी आता है
19 MAY 2022; Himalayauk Leading Newsportal & Print Media# Top High Light#
हिन्दू पंचांग के अनुसार मई 22, 2022, रविवार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष सप्तमी तिथि है | ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष सप्तमी, राक्षस संवत्सर विक्रम संवत 2079, शक संवत 1944 (शुभकृत् संवत्सर), बैशाख | सप्तमी तिथि 01:00 PM तक उपरांत अष्टमी | नक्षत्र धनिष्ठा 10:47 PM तक उपरांत शतभिषा | इन्द्र योग 02:59 AM तक, उसके बाद वैधृति योग | करण बव 01:00 PM तक, बाद बालव 12:13 AM तक, बाद कौलव |
मई 22 रविवार को राहु 05:21 PM से 07:00 PM तक है | 11:12 AM तक चन्द्रमा मकर उपरांत कुंभ राशि पर संचार करेगा |
नक्षत्र
- धनिष्ठा – May 21 11:46 PM – May 22 10:47 PM
- शतभिषा – May 22 10:47 PM – May 23 10:22 PM
Hemkund Sahib Yatra 2022 Information: 22 मई से सिखों के पवित्र धर्मस्थल हेमकुंड साहिब के कपाट खुल रहे हैं. हेमकुंड साहिब के लिए पहला जत्था 19 मई को रवाना हो गया. सरकार और गुरुद्वारा श्री हेमकुन्ट साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट ने इस पवित्र धाम आने वाले यात्रियों की संख्या को सीमित किया है. यह फैसला केदारनाथ धाम पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए लिया है.
यहाँ पहले एक मंदिर था जिसका निर्माण भगवान राम के अनुज लक्ष्मण ने करवाया था। सिखों के दसवें गुरु गोबिन्द सिंह ने यहाँ पूजा अर्चना की थी। बाद में इसे गुरूद्वारा घोषित कर दिया गया। इस दर्शनीय तीर्थ में चारों ओर से बर्फ़ की ऊँची चोटियों का प्रतिबिम्ब विशालकाय झील में अत्यन्त मनोरम एवं रोमांच से परिपूर्ण लगता है। इसी झील में हाथी पर्वत और सप्त ऋषि पर्वत श्रृंखलाओं से पानी आता है। एक छोटी जलधारा इस झील से निकलती है जिसे हिमगंगा कहते हैं। झील के किनारे स्थित लक्ष्मण मंदिर भी अत्यन्त दर्शनीय है। अत्याधिक ऊँचाई पर होने के कारण वर्ष में लगभग ७ महीने यहाँ झील बर्फ में जम जाती है। फूलों की घाटी यहाँ का निकटतम पर्यटन स्थल है।
हेमकुंट साहिब चमोली जिला, उत्तराखंड, भारत में स्थित सिखों का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। यह हिमालय में 4632 मीटर (15,192.96 फुट) की ऊँचाई पर एक बर्फ़ीली झील के किनारे सात पहाड़ों के बीच स्थित है। इन सात पहाड़ों पर निशान साहिब झूलते हैं। इस तक ऋषिकेश-बद्रीनाथ साँस-रास्ता पर पड़ते गोविंदघाट से केवल पैदल चढ़ाई के द्वारा ही पहुँचा जा सकता है।
यहाँ गुरुद्वारा श्री हेमकुंट साहिब सुशोभित है। इस स्थान का उल्लेख गुरु गोबिंद सिंह द्वारा रचित दसम ग्रंथ में आता है। इस कारण यह उन लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है जो दसम ग्रंथ में विश्वास रखते हैं।